क्या बीज वाला केला होता है? - kya beej vaala kela hota hai?

केला एक ओर जहाँ खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है वहीं इसके पौधों और पत्तों का भी पूजा पाठ में उपयोग किया जाता है।

लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि केले के पौधे लगाये कैसे जाते हैं?

क्या बीज वाला केला होता है? - kya beej vaala kela hota hai?
Banana Seed

जबकि न तो इसके फल में कोई बीज होता है और न ही इसे इसके डंठल या पत्तों से लगाया जाता है?

दोस्तों आपने आज तक जितने भी फल खाये होंगे सभी में आपको उनके बीज भी देखने को मिले होंगे फिर चाहे वह आम और लीची के बड़े बीज हों या फिर अमरूद और पपीते जैसे फलों के छोटे-छोटे ढेर सारे बीज।

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यही बीज मिट्टी में मिलकर फिर से नये पौधे बन जाते हैं।

बिल्कुल यही प्रक्रिया केले के साथ भी होती है लेकिन इसके बीज हमें दिखाई नहीं देते क्योंकि वे इसके फल में नहीं होते हैं दरअसल केले के बीज केले के पौधे के नीचे होते हैं और हर पौधे में इन बीजों की संख्या लगभग 3 से 5 तक होती है।

मूसा जाति के घासदार पौधे और उनके द्वारा उत्पादित फल को आम तौर पर केला कहा जाता है। मूल रूप से ये दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णदेशीय क्षेत्र के हैं और संभवतः पपुआ न्यू गिनी में इन्हें सबसे पहले उपजाया गया था। आज, उनकी खेती सम्पूर्ण उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है।केले का सर्वप्रथम प्रमाण 4000 साल पहले मलेशिया में मिला थl केला खाने के संदर्भ में युगांडा पहले स्थान पर है जहां प्रति व्यक्ति 1 साल में लगभग 225 खेले खा जाता है[1]

केले के पौधे मुसा के परिवार के हैं। मुख्य रूप से फल के लिए इसकी खेती की जाती है और कुछ हद तक रेशों के उत्पादन और सजावटी पौधे के रूप में भी इसकी खेती की जाती है। चूंकि केले के पौधे काफी लंबे और सामान्य रूप से काफी मजबूत होते हैं और अक्सर गलती से वृक्ष समझ लिए जाते हैं, पर उनका मुख्य या सीधा तना वास्तव में एक छद्मतना होता है। कुछ प्रजातियों में इस छद्मतने की ऊंचाई 2-8 मीटर तक और उसकी पत्तियाँ 3.5 मीटर तक लम्बी हो सकती हैं। प्रत्येक छद्मतना हरे केलों के एक गुच्छे को उत्पन्न कर सकता है, जो अक्सर पकने के बाद पीले या कभी-कभी लाल रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। फल लगने के बाद, छद्मतना मर जाता है और इसकी जगह दूसरा छद्मतना ले लेता है।

केले के फल लटकते गुच्छों में ही बड़े होते है, जिनमें 20 फलों तक की एक पंक्ति होती है (जिसे हाथ भी कहा जाता है) और एक गुच्छे में 3-20 केलों की पंक्ति होती है। केलों के लटकते हुए सम्पूर्ण समूह को गुच्छा कहा जाता है, या व्यावसायिक रूप से इसे "बनाना स्टेम" कहा जाता है और इसका वजन 30-50 किलो होता है। एक फल औसतन 125 ग्राम का होता है, जिसमें लगभग 75% पानी और 25% सूखी सामग्री होती है। प्रत्येक फल (केला या 'उंगली' के रूप में ज्ञात) में एक सुरक्षात्मक बाहरी परत होती है (छिलका या त्वचा) जिसके भीतर एक मांसल खाद्य भाग होता है।

क्षेत्रफल व उत्‍पन्‍न की दृष्‍टि से आम के बाद केले का क्रमांक आता है। केले के उत्‍पादन को देखे तो भारत का दूसरा क्रमांक है। भारत में अंदाजे दोन लाख बीस हजार हेक्‍टर क्षेत्रफल पर केले लगाए जाते हैं। केले का उत्‍पादन करनेवाले प्रांतो में क्षेत्रफल की दृष्‍टी से महाराष्‍ट्र का तिसरा क्रमांक है फिर भी व्‍यापारी दृष्‍टी से या परप्रांत में बिक्रीकी दृष्‍टी से होनेवाले उत्‍पादन में महाराष्‍ट्र पहिला है। उत्‍पादन के लगभग ५० प्रतिशत उत्‍पादन महाराष्‍ट्र में होता है। फिलहाल महाराष्‍ट्र में कुल चवालिस हजार हेक्‍टर क्षेत्र केले की फसल के लिए है उसमें से आधेसे अधिक क्षेत्र जलगांव जिले में है इसलिए जलगांव जिले को केलेका भंडार कहते है।मुख्‍यतः उत्‍तर भारत में जलगाव भाग के बसराई केले भेजे जाते हैं। इसी प्रकार सौदी अरेबिया इराण, कुवेत, दुबई, जपान और युरोप में बाजारपेठ में केले की निर्यात की जाती है। उससे बड़े पैमाने पर विदेशी चलन प्राप्‍त होता है। केले के ८६ प्रतिशत से अधिक उपयोग खाने के लिए होता है। पके केले उत्‍तम पौष्टिक खाद्य होकर केले के फूल, कच्‍चे फल व तने का भीतरी भाग सब्जी के लिए उपयोग में लाया जाता है।फल से पावडर, मुराब्‍बा, टॉफी, जेली आदि पदार्थ बनाते हैं। सूखे पत्तों का उपयोग आच्‍छन के लिए करते हैं। केले के तने और कंद के टुकडे करके वह जानवरो के लिए चारा के रुप में उपयोग में लाते है। केले के झाड का धार्मिक कार्य में मंगलचिन्‍ह के रुप में उपयोग में लाए जाते हैं।

केले को लगाने का मोसम जलवायु के अनुसार बदलता रहता है कारण जलवायु का परिणाम केले के बढ़ने पर, फल लगने पर और तैयार होने के लिए लगने वाली कालावधी पर निर्भर करता है। जलगाँव जिले में केले लगाने का मौसम बारिश के शुरू में होता है। इस समय इस भाग का मौसम गरम रहता है।

सन् 2017 में विश्व में केले का कुल उत्पादन १५.३ करोड़ टन हुआ जिसमें भारत और चीन की हिस्सेदारी सर्वाधिक थी और दोनों की हिस्सेदारी मिलाकर कुल २७ प्रतिशत थी। [2][3] अन्य प्रमुख उत्पादक देश हैं- फिलीपीन्स, कोलम्बिया, इंडोनेशिया, एक्वाडोर, और ब्राजील।

2017 में उत्पादन (x १० लाख टन में)केलेकदलीकुल India30.530.5 China11.211.2 Philippines6.13.19.2 Colombia3.83.67.4 Indonesia7.27.2 Ecuador6.30.87.1 Brazil6.76.7 Cameroon1.34.55.8 Democratic Republic of the Congo0.34.85.1 Angola4.34.3 Guatemala3.90.44.3 Ghana0.14.14.2 Tanzania3.50.64.1 Uganda0.63.33.9 Nigeria3.23.2 Costa Rica2.60.12.7 Peru0.32.02.3 Mexico2.22.2 Dominican Republic1.21.02.2 Vietnam2.12.1World113.939.2153.1Source: FAOSTAT of the United Nations[4][5] Note: Some countries distinguish between bananas and plantains, but four of the top six producers do not, thus necessitating comparisons using the total for bananas and plantains combined.

सन २०१३ की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में केले का कुल निर्यात २ करोड़ टन तथा कदली (plantains) का कुल निर्यात ८.५९ लाख टन था। [6] एक्वाडोर और फिलीपीन्स केले के प्रमुख निर्यातक देश हैं। [6]

क्या केले के फल में बीज होता है?

केले का बीज कहां पाया जाता है दरअसल केले का बीज उसके पल में नहीं बल्कि जड़ में होता है। हर केले के पेड़ की जड़ में कम से कम चार या पांच स्वस्थ बड़े बीज होते हैं। यानी हर पौधा जब पेड़ बनता है तो अपने साथ कम से कम 5 नई पेड़ों के लिए बीज तैयार करके जाता है। इसके अलावा तीन या चार छोटे बीज भी होते हैं।

केले में कौन सा बीज होता है?

केले में कंद होता है. बीज नही.

केले के बीज क्या काम आते हैं?

केले के बीजों में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैंकेले के इन दुर्लभ बीजों से कई तरह की दवाएं बनती हैं। इस बारे में NCRCB नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर बनाना ने कहा है कि केले के बीज किस बीमारी में लाभदायक हैं, इसकी वैज्ञानिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है।

केला बीज कैसे उगाएं?

उपजाऊ होनी चाहिए मिट्टी इसके लिए काली मिट्टी, ऑर्गैनिक खाद, और कोको पीट मिक्स कर तैयार करें और फिर पौधा लगाएं। ध्यान रखें कि अगर मिट्टी में रेत या फिर ईंट-पत्थर आदि मिक्स हैं, तो केले के पौधे को ग्रो होने में मुश्किलें आ सकती हैं। अगर यह उग भी जाता है तो हेल्दी नहीं रहेगा, इसलिए मिट्टी का सही होना बहुत जरूरी है।