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वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है? वस्तु-विनिमय में वस्तु के बदले वस्तु का क्रय विक्रय होता है| क्रय-विक्रय की इस प्रक्रिया में मुद्रा का उपयोग नहीं होता है| पहले के समय में जब पैसे नहीं हुआ करते थे, तब लोग वस्तुओं से ही लेन देन किया करते
थे। यानी एक सामान के बदले लोग दूसरा सामान लेकर हिसाब कर लिया करते थे। आज के दौर में ऐसा होना आसान नहीं है। इस वजह से अब हर चीज रुपये और पैसों के बदले खरीदी और बेची जाती हैं। Home वस्तु विनिमयक्याहै?विनिमयकीप्रचलितपद्धतिक्याहै? Question वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?Open in App Solution वस्तु विनिमय से तात्पर्य लेन-देन के लिए रूपए-पैसों के स्थान पर एक वस्तु का दूसरी वस्तु से क्रय-विक्रय करना है। जिस तरह से बदलू लाख की चूड़ियों के स्थान पर अनाज व कपड़े लिया करता था। वस्तु विनिमय की पद्धति गाँवों में प्रचलित है। यहाँ लोग अन्न के बदले अन्य किसी भी (खाने-पीने व कपड़े) वस्तु से आदान-प्रदान कर लेते हैं। इस समय इस पद्धति का स्थान रूपए-पैसों ने ले लिया है।Suggest Corrections 14 Same exercise questions Q. कहानी में मोटे-मोटे किस काम के हैं? किन के बारे में और क्यों कहा गया? Q. 'कामचोर' कहानी क्या संदेश देती है ? Q. गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें। Q. बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी। Q. टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक−एक कार्य को लिखें। View More वस्तु विनिमय क्या है इसकी प्रचलित पद्धति क्या है?वस्तु विनिमय से तात्पर्य लेन-देन के लिए रूपए-पैसों के स्थान पर एक वस्तु का दूसरी वस्तु से क्रय-विक्रय करना है। जिस तरह से बदलू लाख की चूड़ियों के स्थान पर अनाज व कपड़े लिया करता था। वस्तु विनिमय की पद्धति गाँवों में प्रचलित है। यहाँ लोग अन्न के बदले अन्य किसी भी (खाने-पीने व कपड़े) वस्तु से आदान-प्रदान कर लेते हैं।
वस्तु विनिमय प्रणाली कब प्रचलित थी?भारत को अपना केंद्रीय बैंक सन् 1935 में मिला। इसका नाम 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' है। केंद्रीय बैंक के अनेक महत्वपूर्ण कार्य हैं। यह देश की मुद्रा का निर्गमन करता है।
वस्तु विनिमय से आप क्या समझते हैं इसकी प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए?जिसमें वस्तुओं का उत्पादन व विक्रय तथा सेवाओं को प्रदान करना सम्मिलित है। उपरोक्त क्रियाओं का मुख्य उद्देश्य समाज में मनुष्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति करके धन कमाना है।
वस्तु विनिमय प्रदीप क्या है?वी.सी. डी.
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