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आज हम बात करेंगे, विशेषण के कितने भेद होते है? और विशेषण के कितने प्रकार होते है? साथ में उदहारण सहित विशेषण के प्रकार की सारी जानकारी देंगे। तो अंत तक ज़रूर पढ़े। विशेषण किसे कहते हैं?विशेषण किसे कहते हैं, किसी भी संख्या या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे हरा करेला तो इसमें विशेषण है, हरा, और कोई सुंदर लड़की है, तो इसमें सुंदर हमारा विशेषण हैं। विश्लेषण कितने प्रकार के होते हैं?तो चलिए आज हम सीखेंगे विशेषण के कितने भेद
होते है? 1. गुणवाचक विशेषण, आज हम इन चारों विशेषण को हम अच्छे से एक एक करके समझेंगे। विशेषण के कितने भेद हैं उदाहरण सहित लिखिए?तो देखें सबसे पहले हम गुणवाचक विशेषण को देखते हैं कि गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? 1. गुणवाचक विशेषण :गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? जो विशेषण संघीय सर्वनाम के गुण, दोष, दशा, भाव, रंग, आकार, समय, स्थान आदि की विशेषता का बोध कराए, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जब हमें किसी संख्या या सर्वनाम के बारे में पता चलता है कि उसके। उसकी विशेषता के बारे में पता चलता है जैसे उसके रंग के आकार के गुण के उसके इन सबके बारे उनकी विशेषता के बारे में पता चलता है तो ये गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। उदाहरण 1: अब ये वाक्य देखिए, यह घोड़ा कमजोर है। अब यहाँ कमजोर क्या है इस घोड़े शब्द की विशेषता बताई जा रही है कि यह कमजोर है तो कमजोर हमारा गुणवाचक विशेषण कहलायेगा। उदाहरण 2: यह आम मीठा है। अब आम की क्या विशेषता बताई जा रही है कि आम कैसा है? आम मीठा है तो यहाँ मीठा जो है, ये हमारा गुणवाचक विशेषण हुआ। उदाहरण 3: यह आदमी लंबा है। अब इस आदमी की क्या विशेषता बताई जा रही है कि वो लंबा है। तो इसी तरीके से इन तीनों शब्दों में कमजोर, मीठा, लंबा, यह हमारे गुणवाचक विशेषण है। और इसी तरीके से हमारे रंग, आकार, इनके आधार पर भी हम गुणवाचक विशेषण को बोल सकते है। जैसे गोरा, काला, छोटा, मोटा, जैसे हम किसी गुण और सुंदर, बदसूरत, खूबसूरत इस तरीके के जो हमारे शब्द होते हैं, यह सारे गुणवाचक विशेषण के अंतर्गत आते हैं। 2. परिमाणवाचक विशेषण :तो परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं। तो आइए देखते हैं, परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? जो विशेषण शब्द, संख्या या सरनाम की मात्रा, नापतोल आदि का बोध कराते हैं, उसे परिमाणवाचक विशेष कहते है। नापतोल जिन व शब्दों से हमें यह पता चलता है कि वो वह चीज़ कितनी है, उसकी नापतोल उसकी मात्रा का पता चलता है, तो उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। उदाहरण 1: जैसे सीता चार मीटर कपड़ा लाई। अब कपड़ा कितना लेकर आई तो चार मीटर, तो यहाँ पर चार मीटर जो है वो विशेषण है, और कपड़ा हमारा विशेषण हुआ। तो परिमाणवाचक विशेषण हुआ, चार मीटर। क्योंकि उसकी मात्रा पता चल रही है, कि वो कितना कपड़ा लेकर आई है। उदाहरण 2: माँ ने दो दर्जन केले खरीदे। अब यहाँ पर दो दर्जन यह परिमाणवाचक है। केलो को नापतोल किया गया, जिनको हम नाप सकते हैं। जैसे कितना है? नाप में हमे पता चला की दो दर्जन है, हमें इस वाकये से उनकी मात्रा पता चल रही है, तो इसलिए दो दर्जन यहाँ पर परिमाणवाचक विशेषण कहलाएगा। उदाहरण 3: राम ने 2 लीटर दो दूध लिया है। अब दूध कितना लिया दो लीटर, यहाँ पर दूध की मात्रा हमें पता चल रही है। कितना दूध है, तो दो लीटर। तो इसीलिए यहाँ पर दो लीटर परिमाणवाचक विशेषण है। परिमाणवाचक के कितने प्रकार होते हैं? तो अब परिमाणवाचक विशेषण के कितने भेद होते हैं, परिमाणवाचक विशेषण के 2 प्रकार होते हैं। परिमाणवाचक विशेषण के कौन कौन से दो प्रकार हैं? 1. निश्चित परिमाण वाचक 2. अनिश्चित परिणाम वाचक 1. निश्चित परिमाण वाचक: निश्चित जैसे नाम से ही आपको पता चल रहा है कि इसमें मात्रा जितनी भी होती हैं, नापतोल जितना भी होता है, वो उसका पता रहता है। वो कितना है, उसकी मात्रा हमें पता रहती है, पर अनिश्चित में हमें पता नहीं होता है की मैं मात्रा कितनी है। उदाहरण 1: तो जैसे की तीन लीटर दूध यह हमें पता है, कि दूध कितना है, तीन लीटर, हमें उसकी मात्रा पता है। उदहारण 2: यहाँ देखिए एक किलो चीनी यानि चीनी एक किलो है। हमें उसकी मात्रा पता है, कि चीनी कितनी है। इसलिए यह निश्चित परिमाण वाचक कहलाता है। 2. अनिश्चित परिणाम वाचक: उदाहरण 1: अब अनिश्चित परिणाम वाचक में दूध कितना है? तो दूध कितना है? हमें उसकी मात्रा नहीं पता, की दूध कितना है। बस हमें इतना पता है कि थोड़ा है तो इसीलिए यह अनिश्चित परिणाम वाचक कहलाता है। उदाहरण 2: अब आगे देखिए कुछ फल, यानि फल तो है, पर कितने है? उसकी मात्रा हमें नहीं पता, उसका नापतोल नहीं पता, मात्रा नहीं पता कि कितनी है। तो इसलिए यहाँ पर यह अनिश्चित परिणाम वाचक है। अब तो आपको समझ आ गया होगा कि परिमाणवाचक विशेषण क्या क्या होते हैं, परिणाम वाचक में मात्रा नाप तोल पता चलता है, उसकी मात्रा के बारे में पता चलता है, और इसके 2 प्रकार होते है। निश्चित परिमाणवाचक और दूसरा अनिश्चित परिणाम वाचक। 3. संख्यावाचक विशेषण:तो चलिए अब जानते है की संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं? जो विशेषण शब्द किसी संख्या या सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें संख्यावाचक विशेष है। अब संख्या का बोध कराते मतलब नंबर ताकि नंबर में हमें वो चीज़ पता चलती है कि वह कितनी है, तो ये संख्यावाचक विशेषण कहलाते है। उदाहरण 1: अब जैसे राधा पांचवीं मंजिल पर रहती है। अब यह नंबर से हमें पता चल रहा है। तो यह पांचवीं जो है वो संख्यावाचक विश्लेषण कहलाएगा। कौनसी मंजिल पर रहती है वो पांचवीं मंजिल पर, क्योंकि हमें नंबर से संख्या बता रहा है। उदाहरण 2: अब आगे देखिए कक्षा में 40 छात्र हैं। 40 जो है हमे संख्या बता रहा है, कि कितने बच्चे है, तो इसीलिए यहाँ पर 40 शब्द जो है, ये संख्यावाचक विशेषण कहलाएगा। उदाहरण 3: मेरे पास तीन कलम है, कितनी कलम है तीन? तीन जो है, ये संख्यावाचक विशेषण है। क्योंकि यहाँ पे हमें नंबर से पता चलता है, तो वे शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते है। अब यहाँ 5वी, 40, 3 नंबर में है, संख्या में हैं, इसलिए इसको संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विश्लेषण के कौन कौन से प्रकार होते हैं। 1. निश्चित संख्यावाचक 2. अनिश्चित संख्यावाचक 1. निश्चित संख्यावाचक: जैसे की आपको निश्चित शब्द से ही पता चल रहा है यहाँ पे संख्या हमारी फिक्स होती है। हमें पता चलता है, उसकी कितनी संख्या है। उदाहरण 1: जैसे ”तीन पुस्तकें” हैं, तो हमें पुस्तक बारे में पता है, कि वो कितनी है, तीन है, निश्चित है कि वो तीन ही है। 2. अनिश्चित संख्यावाचक: अनिश्चित संख्यावाचक में देखिए ”बहुत लोग” अब यहाँ पर हमे पता नहीं है कि कितने लोग है, तो इसीलिए यहाँ पर बहुत आ गया। मतलब अनिश्चित है। वैसे ही संख्या निश्चित नहीं है तो इसे अनिश्चित संख्यावाचक कहलायेगा। 4. सार्वनामिक विशेषण:तो चलिए अब जानते है की सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं, जो सर्वनाम शब्द किसी संज्ञा के पहले जुड़कर उसकी ओर संकेत करते हैं, सार्वनामिक विशेषण कहते हैं, अब इसमें क्या बताया गया है, की जो सर्वनाम शब्द होते हैं, जो कि संज्ञा से पहले जुड़ते हैं और उसकी तरफ संकेत करते हैं। इससे पहले जुड़ते संज्ञा से पहले सर्वनाम आता है और वो उसकी ओर संकेत करते हैं। इसीलिए इनको सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। इसको संकेतवाचक विशेषण भी कहा जाता है। उदाहरण 1: यह तोता बोलरहा है, अब यहाँ पर तोता जो है, हमारे संज्ञा शब्द है और ”यह” जो है हमारा सार्वनामिक विशेषण है। क्योंकि ”यह” जो है, संज्ञा शब्द से पहले आया है। तो इसलिए ”यह” सार्वनामिक विशेषण कहलाएगा। उदाहरण 2: इस पुस्तक को अवश्य पढ़ो। यहाँ पुस्तक जो है हमारा संज्ञा शब्द है और उससे पहले जो सर्वनाम आया है, वह है ”इस” सर्वनाम। तो इस तरह ये ”इस” शब्द हमारा सार्वनामिक विशेषण कहलाएगा। उदाहरण 3: मेरी पेंसिल कहा है? अब यहाँ पर पेंसिल शब्द जो है, ये हमारा संज्ञा है, और इस संज्ञा शब्द से पहले ”मेरी” सर्वनाम शब्द आया है। तो इसलिए इसको ”मेरी” हमारा सार्वनामिक विशेषण कहलाएगा। इसकी विशेषता बताई जा रही है, कि मेरी है वो पेंसिल। तो इसलिए यह सार्वनामिक विशेषण कहलाएगा। अब तो आपको सार्वनामिक विशेषण अच्छे से समझ आ गया होगा। जो सर्वनाम शब्द किसी संज्ञा से पहले जुड़कर उसकी और संकेत करते है उन्हें हम सार्वनामिक विशेषण कहेंगे। Faq क्रिया के कितने भेद होते हैं? क्रिया के भेद कर्म के आधार पर और रचना के आधार पर अलग-अलग होते हैं। क्रिया को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है। कर्म के आधार पर क्रिया दो प्रकार की होती है: क्रियाविशेषण के कितने भेद होते हैं? * क्रिया विशेषण को तीन आधार पर विभाजित किया गया हैं. यह निम्न-अनुसार हैं: तो इस तरह आपने जाना की विशेषण के कितने भेद होते है? विशेषण कितने प्रकार के होते है? विशेषण के कितने प्रकार होते है? आशा करते हैं के विशेषण के प्रकार विशेषण के कितने भेद होते हैं Class 7, विशेषण के कितने भेद होते हैं Class 8 आपको समज आये होंगे। अंत तक बने रहने आपका धन्यवाद। यह भी पढ़े: Bestie meaning in hindi | जाने बेस्टी का मतलब क्या होता है? आसान भाषा में समझे What about u meaning in hindi Goldfish ka Scientific Naam Kya hai? जानें गोल्ड फिश का साइंटिफिक नाम क्या है? Top 51 Psychological Facts in Hindi | रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य Secularism Meaning in Hindi | सेकुलरिज्म को हिंदी में क्या बोलते हैं? विशेषण के कितने भेद होते है?विशेषण के चार प्रकार होते हैं।
उनके नाम हैं गुणवाचक विशेषण, परिणामवाचक, संख्यावाचक विशेषण, और संकेतवाचक विशेषण। यह अलग अलग वाक्यों भाव स्पष्ट करने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं।
विशेषण के कौन कौन भेद है?विशेषण के कितने भेद होते है?. गुणवाचक विशेषण :. परिमाणवाचक विशेषण :. संख्यावाचक विशेषण:. सार्वनामिक विशेषण:. विशेषण के 5 प्रकार कौन से हैं?विशेषण कितने प्रकार के होते हैं / परिभाषा और उदाहरण. 1.1 1 – गुणवाचक विशेषण. 1.2 2- संख्यावाचक विशेषण. 1.3 3- परिणामवाचक विशेषण. 1.4 4- व्यक्तिवाचक विशेषण. 1.5 5- सबन्धवाचक विशेषण. 1.6 6- तुलनाबोधक विशेषण. 1.7 7- प्रश्नवाचक विशेषण. 1.8 8- सार्वनामिक विशेषण. विशेषण कितने प्रकार के होते हैं Class 10?विशेष्य – विशेषण शब्द (पद) जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है उसे 'विशेष्य' कहते हैं, जैसे-उपर्युक्त शब्द-आकाश, लड़की, आदमी, पुस्तकें आदि 'विशेष्य' कहलाएँगे।. विशेषण के भेद – विशेषण के चार भेद हैं. गुणवाचक विशेषण – ... . प्रविशेषण. उद्देश्य-विशेषण तथा विधेय-विशेषण. |