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देश के सबसे नए राज्य तेलंगाना को बने आज 8 साल पूरे हो गए हैं. 02 जून 2014 को तेलंगाना का आंध्र प्रदेश से विभाजन हुआ था. और इन 8 सालों में तेलंगाना ने एक नया मुकाम हासिल किया है. बात राज्य के विकास की हो या नागरिकों के हितों की, तेलंगाना ने हर क्षेत्र में अपनी एक पहचान बनाई है. तेलंगाना की आठवीं सालगिरह पर हमारे साथ जानिए इस राज्य के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी और साथ ही, एक नजर डालते हैं उस इतिहास पर जिसके कारण यह राज्य बना. क्यों पड़ा नाम 'तेलंगाना' अब तेलंगाना का अर्थ है- तेलुगु भाषियों की भूमि पहले आंध्रा में हुआ था विलय साल 1800 में ब्रिटिश सरकार ने रायलसीमा और तटीय आंध्रा को हैदराबाद के निजाम से लेकर मद्रास राज्य में मिला दिया था. लेकिन आजादी के बाद, साल 1947 में मद्रास राज्य में भाषा के आधार पर अलग राज्य के लिए आंदोलन होने लगा. जिसका नेतृत्व पोट्टि श्रीरामुलु ने किया और 59 दिनतक अनशन करते हुए वह इस दुनिया से चले गए. जिसके बाद बढ़ती हिंसा को रोकने को लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने भाषा के आधार पर आंध्र प्रदेश का गठन किया. इसके बाद, साल 1956 में पहली बार भाषाओं के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हुआ. हैदराबाद रियासत को मराठी भाषी हिस्से, मराठवाड़ा को महाराष्ट्र में मिलाया गया. कन्नड़ भाषी क्षेत्र को कन्नड़ा में मिलाया गया. इसके बाद बचे तेलंगाना हिस्से का विलय आंध्र प्रदेश में कर दिया गया. और हैदराबाद इस नए राज्य की राजधानी हो गई. 2014 में अलग हुए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हैदराबाद राजधानी थी और इसलिए सिर्फ इसी शहर का विकास हुआ. इसके अलावा तेलंगाना प्रांत के किसी अन्य शहर का कोई खास विकास नहीं हुआ. साल 1962 से ही तेलंगाना के लोगों ने अलग राज्य की मांग शुरू कर दी. हालांकि, उनके इस संघर्ष को साल 2014 में जाकर मंजिल मिली. और आंध्र प्रदेश के विरोध के बावजूद 2 जून 2014 को तेलंगाना देश का 29वां राज्य बन गया. इस नए राज्य की कमान तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी के चंद्रशेखर राव ने संभाली. जिन्हें केसीआर के नाम से जाना जाता है. दक्षिण का उत्तर और उत्तर का दक्षिण है
तेलंगाना इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह क्षेत्र समग्र रूप से गंगा-जमुना तहज़ीब के लिए जाना जाता है. तेलंगाना अपनी सीमाएं 5 राज्यों के साथ शेयर करता है- उत्तर पूर्व में छत्तीसगढ़ और ओडिशा, दक्षिण में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में कर्नाटक और उत्तर में महाराष्ट्र. तेलंगाना में गोदावरी और कृष्णा, दो नदियां बहती हैं. गोदावरी नदी को दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है. तेलंगाना की संस्कृति मुगलों और हैदराबाद के निजामों की परंपराओं का मिश्रण है. इसके अलावा, इस राज्य में कई टुरिस्ट आकर्षण हैं जो इसकी हजारों सालों पुरानी संस्कृति को दर्शाते हैं. चार मीनार का निर्माण कुली कुतुब शाह ने वर्ष 1591 में किया था. ऐसा माना जाता है कि इसे शहर से प्लेग के उन्मूलन के बाद मेमोरियल के रूप में बनाया गया था. वहीं 1000 (हजार) स्तंभ मंदिर जो वारंगल जिले के हनमकोंडा में स्थित है, एक प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल है. इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में काकतीय वंश के राजा रुद्र देव ने करवाया था. इसके अलावा, गोलकंडा किला, कुटुम्ब शाही मकबरे, फलकनुमा महल, वारंगल किला, बिरला मंदिर, आदिलाबाद का गंगा सरस्वती मंदिर, खम्मम का भद्राचलम मंदिर आदि भी इस राज्य की भव्य विरासत का प्रतीक हैं. ये भी पढ़ें:
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तेलंगाना राज्य कब बनातेलंगाना राज्य आंध्र प्रदेश से अलग होकर 2 जून 2014 को अस्तित्व में आया था। भारत के 29 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आए तेलंगाना को के. चन्द्रशेखर राव के रूप में अपना पहला मुख्यमंत्री मिला। के. चन्द्रशेखर राव ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने तेलंगाना राज्य बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाली पार्टी टी.आर.एस. (तेलंगाना राष्ट्रीय समिति) का गठन किया था। यह पार्टी 27 अप्रैल 2001 में गठित हुई तथा 13 वर्षों के संघर्ष के पश्चात तेलंगाना के लिए लड़ रही टी.आर.एस. को 2014 में सफलता मिली। तेलंगाना की मांग का इतिहास आज़ादी के समय से शुरू होता है जब हैदराबाद स्टेट (जो आज तेलंगाना के हिस्से में है) तथा आंध्र स्टेट को मिलाकर आंध्र प्रदेश नामक राज्य का गठन किया गया। 1 नवंबर 1956 को बने आंध्र प्रदेश राज्य में शुरू से ही अलग तेलंगाना बनाने की मांग उठती रही है तथा 1969 में यह मांग अपने चरम पर थी। 1969 में जब तेलंगाना का मसला राजनीति पर प्रभाव डालने लगा था उस समय जय तेलंगाना आंदोलन का जन्म हुआ फलस्वरूप एम.चन्ना रेड्डी ने "तेलंगाना प्रजा राज्य" के नाम से पार्टी बनाई लेकिन राजनीतिक उथल पुथल के चलते इसका कांग्रेस में विलय हो गया तथा भाषा के आधार पर बने आंध्र प्रदेश राज्य को ज्यों का त्यों रहने दिया गया। परन्तु इस नए राज्य को बनाने की मांग के चलते 2001 में टी.आर.एस पार्टी अस्तित्व में आई तथा तेलंगाना बनाने में अपने अहम योगदान के बलबूते सफल भी रही। तेलंगाना को अलग राज्य
बनाने की मांग को लेकर किस विश्वविद्यालय के छात्रों ने संघर्ष किया जिस कारण 365 छात्रों को अपनी जान गवानी पड़ी? Sponsored Links 29 राज्य तेलंगाना का गठन कब हुआ?इतिहास तेलंगाना को एक अलग राज्य बनाने की बहुत सालों की कोशिशों और आंदोलन के बाद २ जून २०१४ को नया राज्य् स्थापित हुआ है। आज जिस तेलंगाना का नाम लिया जाता है वह कभी हैदराबाद और मराठवाडा का हिस्सा था, जिसका 17 सितंबर 1948 को भारत संघ में विलय हो गया।
तेलंगाना राज्य की स्थापना कब हुई थी?2 जून 2014तेलंगाणा / स्थापना की तारीखnull
तेलंगाना कितने राज्य से घिरा हुआ है?Detailed Solution. सही उत्तर विकल्प 2 अर्थात 4 राज्य है। तेलंगाना राज्य को आधिकारिक तौर पर 2 जून 2014 को भारत के 29वें राज्य के रूप में बनाया गया था (अब भारत में केवल 28 राज्य हैं)। तेलंगाना चार अन्य भारतीय राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के साथ अपनी सीमा साझा करता है।
तेलंगाना राज्य के संस्थापक कौन थे?Detailed Solution. सही उत्तर मुहम्मद कुली कुतुब शाह है।
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