जैव विविधता से तात्पर्य विस्तृत रूप से उन विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु और वनस्पति से है जो संसार में या किसी विशेष क्षेत्र में एक साथ रहते है। एक जैव विविधता वाला हॉटस्पॉट ऐसा जैविक भौगोलिक क्षेत्र है जिसे मनुष्यों से खतरा रहता है। इस लेख में हमने विश्व में जैव विविधता की परिभाषा, मानदंड तथा विश्व में जैव विविधता के हॉटस्पॉट के नाम दिए हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है। Show
Biodiversity Hotspots of the World HN जैविक विविधता पद का सर्वप्रथम प्रयोग वन्यजीवन वैज्ञानिक और संरक्षणवादी रेमंड एफ. डैसमैन द्वारा 1967 में ए डिफरेंट काइंड ऑफ कंट्री पुस्तक में किया गया था। जैव विविधता से तात्पर्य विस्तृत रूप से उन विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु और वनस्पति से है जो संसार में या किसी विशेष क्षेत्र में एक साथ रहते है। इसकी की समरसता को बनाये रखने के लिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है की हम अपनी धरती की पर्यावरण संबंधित स्थिति के तालमेल को बनाये रखे। जैव विविधता का संबंध, जिसे हम जैविक विविधता भी कह सकते है, मुख्य रूप से अलग अलग तरह के पेड़ पौधों और पशु पक्षियों का धरती पर एक साथ अपने अस्तित्व को बनाये रखने से है। जैव विविधता हॉटस्पॉट (आकर्षण के केन्द्र) को निर्धारित करने के मानदंडजैव विविधता हॉटस्पॉट (आकर्षण के केन्द्र) की अवधारणा 1988 में नॉर्मन मायर्स द्वारा विकसित की गई थी जब वे उष्णकटिबंधीय जंगल पर शोध करते हुए ये पाया की पौधों की प्रजातियों के साथ-साथ उनके आवास भी विलुप्ति की ओर जा रहे हैं। हॉटस्पॉट (आकर्षण के केन्द्र) को निर्धारित करने के मानदंड निम्नलिखित हैं: 1. इसमें कम से कम 1,500 संवहनी पौधे होना चाहिए जो उस क्षेत्र के इलावा कही नहीं पाए जाते हो। दूसरे शब्दों में, हॉटस्पॉट (आकर्षण के केन्द्र) अपरिवर्तनीय है। 2. ऐसा क्षेत्र जिनका 70% से अधिक मूल पर्यावास नष्ट हो चुका हो और 30% मूल प्राकृतिक वनस्पति विलुप्ति के कगार पर हो। विश्व में जैव विविधता के हॉटस्पॉट (आकर्षण के केन्द्र)जैवविविधता न केवल पृथ्वी के भौगोलिक क्षेत्रों में समान रूप से वितरित नहीं है बल्कि विश्व के कुछ क्षेत्र भी जैवविविधिता के मामले में अत्यधिक समृद्ध हैं। ऐसे क्षेत्रों को हम ‘‘मेगा डाइवर्सिटी क्षेत्र’’ (Mega diversity region) या ‘‘हाटस्पॉट (Hot spot)’’ कहते हैं। विश्व में जैव विविधता के हॉटस्पॉट या आकर्षण के केन्द्रो के नाम नीचे दिए गए हैं: अफ्रीका1. पूर्वी अफ्रीका-मोंटेन 2. पश्चिमी अफ्रीका के गिनीयन जंगलों 3. अफ्रीका का हॉर्न 4. मेडागास्कर और हिंद महासागर द्वीप समूह 5. मैपूटोलैंड, पॉडोलैंड, अल्बानी हॉटस्पॉट 6. सिक्युलेंट करौ 7. पूर्वी मालनेशियन द्वीप 8. दक्षिण अफ्रीका के केप फूलवादी हॉटस्पॉट 9. पूर्वी अफ्रीका के तटीय जंगलों कार्बन पदचिह्न और कार्बन ऑफसेटिंग क्या हैं? एशिया और ऑस्ट्रेलिया1. हिमालयी हॉटस्पॉट 2. पूर्वी हिमालय 3. जापान जैव विविधता हॉटस्पॉट 4. दक्षिण-पश्चिम चीन के पर्वत 5. न्यू कैलेडोनिया 6. न्यूज़ीलैंड जैव विविधता हॉटस्पॉट 7. फिलीपीन जैव विविधता हॉटस्पॉट 8. पश्चिमी सुंद (इंडोनेशिया, माला और ब्रुनेई) 9. वालेस (पूर्वी इंडोनेशिया) 10. भारत के पश्चिमी घाट और श्रीलंका के द्वीप समूह 11. हवाई सहित पॉलिनेशिया और माइक्रोनेशियन द्वीप परिसर 12. दक्षिण-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया उत्तरी और मध्य अमेरिका1. कैलिफोर्निया फूलवादी प्रांत 2. कैरीबियाई द्वीप हॉटस्पॉट 3. संयुक्त राज्य अमेरिका और मेक्सिको सीमा के मॉडरियन पाइन-ओक लकड़ी की भूमि 4. मेसोअमेरिकन जंगल कार्बन चक्र और वैश्विक कार्बन बजट क्या हैं? दक्षिण अमेरिका1. ब्राजील के सेराडो 2. चिली सर्दी वर्षा (वाल्डिवियन) वन 3. टुम्बस-चोको-मगदालेना 4. उष्णकटिबंधीय एंडीज 5. अटलांटिक जंगल यूरोप और मध्य एशिया1. काकेशस क्षेत्र 2. ईरान-अनातोलिया क्षेत्र 3. भूमध्य बेसिन और इसके पूर्वी तटीय क्षेत्र 4. मध्य एशिया के पर्वत विश्व भर में ऐसे 34 आकर्षण के केन्द्र हैं इन केन्द्रों में विश्व के 60 प्रतिशत पौधों, पक्षियों, स्तनपाई प्राणियों, सरीसृपों और उभयचर प्रजातियों का संरक्षण किया जाता है। प्रत्येक आकर्षण का केन्द्र आज खतरे के दौर से गुजर रहा है और अपने 70 प्रतिशत मूल प्राकृतिक वनस्पति को खो चुका है। इसलिए, स्थानिक प्रजातियों और उनके आवास की रक्षा और संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। विश्व में सर्वाधिक जैव विविधता वाले देश भारत है क्योंकि भारत के पास कुल भूमि का 2 पॉइंट 4 पर्सेंट होते हुए भी वह 7:00 से 8:00 पर्सेंट देवी तर्क था कि भारतीय पास कुल देवता की विश्व की कुल जरूरत है उसका साथ साथ पसंद है और उसके पास क्षेत्रफल है सिर्फ दो बटे चार पर्सेंट है दुनिया का vishwa mein sarvadhik jaiv vividhata waale desh bharat hai kyonki bharat ke paas kul bhoomi ka 2 point 4 percent hote hue bhi vaah 7 00 se 8 00 percent devi tark tha ki bharatiya paas kul devta ki vishwa ki kul zarurat hai uska saath saath pasand hai aur uske paas kshetrafal hai sirf do bate char percent hai duniya ka Submitted by Hindi on Wed, 09/21/2011 - 08:59 Author सुकन्या दत्ता Source विज्ञान प्रसार वैश्विक जैव विविधता पूरी पृथ्वी की सम्पूर्ण जैव विविधता है और इसकी सटीक रूप से गणना करना लगभग असंभव है। हम इतना जरूर जानते हैं कि अधिकांश प्रजातियों का समय समाप्त होता जा रहा है। वर्णित प्रजातियों में से लगभग:• 7,50,000 कीट हैं। • 41,000 कशेरुकी जीव हैं। • 2,50,000 वनस्पतियां हैं। शेष बची हुई प्रजातियों में अकशेरुकी, फफूंदी, शैवाल एवं अन्य सूक्ष्मजीव सम्मिलित हैं। वास्तव में हम अभी तक पृथ्वी पर समस्त संभावित पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक आवास भी नहीं खोज पाए हैं। इस प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्रों में महासागरों की गहराइयां, पेड़ों की चोटियां और उष्णकटिबंधीय वनों की मिट्टी सम्मिलित हैं। समय हमारे लिए भी बहुत तेजी से भाग रहा है। बहुत सी प्रजातियां खतरनाक ढंग से विलुप्तता के कगार पर हैं और शायद जब तक विज्ञान के ज्ञान का प्रकाश उन तक पहुंचे, उनमें से कई गुमनामी की गर्त में खो चुके होंगी। जैव विविधता का विस्तार पूरे विश्व में एक समान नहीं है। दुनिया की कुल भूमि क्षेत्र के लगभग सात प्रतिशत हिस्से में दुनिया भर की आधी प्रजातियां निवास करती हैं जिसमें से उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में ही एक बहुत बड़ा हिस्सा बसता है। हालांकि इस विषय पर एक राय कायम नहीं है कि पृथ्वी के किस हिस्से में सर्वाधिक जैव विविधता है, परन्तु अमेजन वर्षावनों को इस शीर्ष पद पर काबिज करने के लिए सर्वाधिक स्वीकार्यता प्राप्त है। वृहद जैव विविधता वाले देशकुछ राष्ट्रों में अन्य देशों की तुलना में अत्यधिक प्रजातीय प्रचुरता एवं देशी या स्थानिक प्रजातियों की अधिक संख्या पाई जाती है। ऐसे देश वृहद जैव विविधता वाले देश कहलाते हैं। दुनिया भर में वृहद जैव विविधता12 ऐसे देशों को वृहद जैव विविधता वाले देशों का दर्जा मिला हुआ है। ये हैं: भारत, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, कोलम्बिया, इक्वाडोर, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया, मैक्सिको, पेरू एवं जैरे। यदि इन देशों की जैव विविधता को संयुक्त रूप से देखा जाए तो ये विश्व भर की ज्ञात जैव विविधता का 60-70 प्रतिशत हिस्सा होगा। भारत की समृद्ध जैव विविधताभारत विश्व के 12 वृहद जैव विविधता वाले देशों में से एक है। विश्व भर के भूमि क्षेत्रफल के 2.4 प्रतिशत हिस्से के साथ भारत ज्ञात प्रजातियों के 7-8 प्रतिशत हिस्से का आश्रयदाता है। अभी तक वनस्पतियों की 46,000 से अधिक एवं प्राणियों की 81,000 से अधिक प्रजातियां भारत में खोजी जा चुकी हैं। यह खोज क्रमशः बॉटेनिकल सर्वे आफ इंडिया एवं जेलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तत्वावधान में की गई हैं। भारत को फसलों की विविधता का केन्द्र माना जाता है। यह खेती की गई वनस्पतियों की उत्पत्ति के 12 केन्द्रों में से एक है। भारत को चावल, अरहर, आम, हल्दी, अदरक, गन्ना, गूज़बेरी आदि की 30,000-50,000 किस्मों की खोज का केन्द्र माना जाता है और दुनिया में कृषि को सहयोग प्रदान करने में भारत का सातवां स्थान है। भारत बहुत से जंगली एवं पालतू पशुओं का आवास है। दुनिया के ‘जैव विविधता हॉटस्पॉट’, ऐसे क्षेत्र हैं जहां स्थानित प्रजातियों की भरमार हो। ऐसे दो क्षेत्र भारत में हैं। जैविक हॉटस्पॉटजैव विविधता विशेषज्ञ डॉ. नॉर्मन मायर्स ने सबसे पहले इन जैव विविधता हॉटस्पॉट को पहचाना और 1988 और 1990 में प्रकाशित अपने दो लेखों में इन्हें प्रस्तुत किया। अधिकांश हॉटस्पॉट उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों और जंगली इलाकों में मौजूद हैं। 1988 में किए गए अध्ययन में पहचाने गए 18 हॉटस्पॉट में से दो भारत में खोजे गए। ये दो क्षेत्र पश्चिमी घाट और पूर्वी हिमालय थे। हाल ही में संशोधित 25 हॉटस्पॉट की सूची में चुने गए दो क्षेत्र पश्चिमी घाट/श्रीलंका और भारत-बर्मा क्षेत्र को शामिल किया गया है। ये दोनों ही विश्व के आठ शीर्ष सर्वाधिक महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सम्मिलित हैं। इसके साथ ही भारत में ऐसे 26 मान्यता प्राप्त स्थानिक केन्द्र हैं जहां आज तक पहचाने गए और वर्णित पुष्पीय पौधों में से लगभग एक तिहाई पौधे पाए जाते हैं। पश्चिमी घाट/श्रीलंका हॉटस्पॉटपश्चिमी घाटों को सहयाद्री पहाडि़यां भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में लगभग 1,60,000 वर्ग कि.मी. का क्षेत्रफल आता है और यह क्षेत्र देश के दक्षिणी छोर से गुजरात तक 1600 कि.मी. तक फैला हुआ है। पश्चिमी घाट दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं को रोकते हैं इसलिए इन पहाडि़यों की पश्चिमी ढलानों पर हर साल भारी बारिश होती है। इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि यहां पाई जाने वाली वानस्पतिक विविधताएं गणना से लगभग परे हैं। झाड़ीदार जंगल, पतझड़ी एवं उष्णकटिबंधी वर्षावन, पर्वतीय जंगल और ढलानदार घास के मैदान, यहां सभी कुछ पाया जाता है। इस प्रकार के विविध प्राकृतिक वास स्थल अविश्वसनीय प्रजातियों को संजोए होते हैं। भारत-बर्मा हॉटस्पॉटभारतीय जैव विविधता के दो हॉटस्पॉटयह हॉटस्पॉट उष्णकटिबंधीय एशिया के गंगा-ब्रह्मपुत्र निम्नभूमि का 23,73,000 वर्ग कि.मी. क्षेत्र घेरता है। इस हॉटस्पॉट में पारिस्थितिकी तंत्रों की आश्चर्यजनक विविधताएं देखने को मिलती हैं। इनमें मिश्रित आर्द्र सदाबहार, शुष्क सदाबहार, पतझड़ी एवं पर्वतीय वन सम्मिलित हैं। झाड़ीदार वन, काष्ठवन और बिखरे हुए बंजर वन भी कहीं-कहीं पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में निम्नभूमि बाढ़ से तैयार दलदल, कच्छ वनस्पतियां (मैंग्रोव) और मौसमी घास के मैदान भी पाए जाते हैं। प्राकृतिक वासों की विविधता के सहयोग से प्राप्त जीवन के प्रकार वास्तव में बेहतरीन विविधता का उदाहरण हैं। पर अब सवाल यह उठता है कि इस विस्तृत प्राणि एवं वनस्पति जीवन की प्लैनेट अर्थ यानी पृथ्वी ग्रह में क्या भूमिका है? 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विश्व में सर्वाधिक जैव विविधता वाला क्षेत्र कौन सा है?Solution : ब्राजील में।
सबसे ज्यादा जैव विविधता वाला राज्य कौन सा है?सर्वाधिक जैव विविधता वाला क्षेत्र शांत घाटी केरल में स्थित है। यह केरल के पलक्कड़ जिले के अंतर्गत आता है।
पृथ्वी पर सर्वाधिक जैव विविधता कहाँ पाई जाती है?उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में अधिकतम जैव विविधता पाई जाती है क्योंकि वे कम मौसमी होते हैं अर्थात वे न तो बहुत गर्म होते हैं और न ही बहुत ठंडे होते हैं और अधिक अनुमानित होते हैं।
जैव विविधता में विश्व में भारत का कौन सा स्थान है?Solution : जैवविविधता की दृष्टि से भारत विश्व के 17 वृहद जैवविविधता वाले देशों में है।
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