विषयसूची विश्व शांति के लिए कौन कौन सी चुनौतियां है?इसे सुनेंरोकेंAnswer: विश्व शांति हासिल की जा सकती है, जब संसाधनों को लेकर संघर्ष नहीं हो। उदाहरण के लिए, तेल एक ऐसा ही संसाधन है और तेल की आपूर्ति को लेकर संघर्ष जाना पहचाना है। इसलिए, पुन: प्रयोज्य ईंधन स्रोत का उपयोग करने वाली प्रौद्योगिकी विकसित करना विश्व शांति हासिल करने का एक तरीका हो सकता है। विश्व शांति की स्थापना कैसे होगी?इसे सुनेंरोकेंविश्व में शांति तभी बनेगी जब संसाधनों को लेकर संघर्ष नहीं होंगे। विश्व शांति के लिए सभी देशों को दूसरे देशों की सीमाओं का सम्मान करना होगा। भारत को संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्य का दर्जा देकर तथा वीटो पावर का सही इस्तेमाल करके विश्व शांति कायम की जा सकती है। विश्व शांति के लिए कौन कौन सी चीज होती है लिखिए? एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना। विश्व शांति में महत्वपूर्ण योगदान किसका है? इसे सुनेंरोकेंनिर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने गुरुवार को कहा कि लोकतांत्रिक देश भारत विश्व शांति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। दलाई लामा ने कहा कि क्रोध एवं करुणा सब भावना का हिस्सा हैं जिन्हें प्राचीन भारतीय ज्ञान से नियंत्रित किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में शांति स्थापना का साधन कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार विश्व के सभी भागों के लिए अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के उचित स्तर को सुनिश्चित करने 104 Page 5 के लिए 26 जून 1945 संयुक्त राष्ट्र चार्टर को यथार्थ में स्वीकार किए जाने के साथ ही एक जीवनक्षम अंतर्राष्ट्रीय संगठन की स्थापना हुई । शांति को बढ़ावा देने वाला कौन सा तत्व है?इसे सुनेंरोकेंअभिसरण के उत्प्रेरण के लिए प्रमुख तकनीक विचारों का प्रयोग है, जिसे बैककास्टिंग कहते है और इससे कोई भागीदारी में सक्षम हो सकता है, भले ही वह किसी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, धार्मिक सिद्धान्त, राजनीतिक संबद्धता या जनसांख्यिकीय उम्र का हो। विश्व शांति का क्या कारण है? इसे सुनेंरोकेंउत्तर⇒ विश्व में शांति का आधार एकमात्र परोपकार है। परोपकार की भावना मानवीय गुण है । संकटकाल में सहयोग की भावना रखना ही लक्ष्य हो तभी हम निर्वेर, सहिष्णुता और परोपकार से शांति स्थापित कर सकते हैं। यह पृष्ठ इन भाषाओं में उपलब्ध है: English मराठी अधिकतर मानव संघर्ष द्विपक्षीय होते हैं। चाहे कोई भी आक्रमण की पहल करे, अंततः दोनों पक्ष ही आहत होते हैं। मतभेद की शुरुआत ही तब होती है, जब दोनों दल अपने अपने मत पर अड़े होते हैं; झगड़े को सुलझाने के लिए, दोनों को ही ऊपर उठकर व्यापक रुप से उसको देखने की आवश्यकता है। आपसी वार्ता में अंतराल व बातचीत का टूट जाना मतभेद बढ़ जाने का बड़ा कारण है, परस्पर वार्ता मतभेदों को दूर करने का महत्वपूर्ण साधन है। इस वर्ष जून में मैं जब लैटिन अमेरिका की यात्रा पर गया, तब हमने कोलंबिया के विद्रोही संगठन फार्क (कोलंबिया की क्रांतिकारी सशस्त्र सेना) के नेताओं को मिलने के लिए संदेश भेजा। उन्होंने सकारात्मक उत्तर दिया और क्यूबा में हमारी परिणामदायक मुलाकात हुई। पिछले ५ दशकों से कोलंबिया सरकार और फार्क संगठन के मध्य चल रहे सशस्त्र संघर्ष में, लगभग २,२०,००० जीवन गए और करीब ७ करोड़ लोग बेघर हो गए। यद्यपि बाह्य रूप से वे हिंसात्मक कार्यवाही में लिप्त हैं, तथापि हर अपराधी के भीतर एक पीड़ित छिपा है, जो मदद के लिए पुकार रहा होता है। जब पीड़ित का घाव भर जाता है, तो उनमें अपराधी तत्व मिट जाता है। मैंने उनको बताया कि मैं उनकी दुर्दशा को समझ रहा हूं, परंतु केवल अहिंसा ही इसका एकमात्र उपाय है। उन्होंने फौरन ही गांधीवादी नीति का अनुसरण करते हुए एकतरफ़ा संघर्ष विराम की घोषणा कर दी। सरकार ने भी कुछ दिनों बाद संघर्ष विराम का समर्थन करते हुए युद्ध विराम कर दिया। अन्याय के विरोध में जो लोग हिंसात्मक रवैया अपना लेते हैं, यदि उनके साथ सही रूप से संपर्क किया जाए तो वह बातचीत के लिए तैयार हो जाते हैं। उनके परिपेक्ष्य से देखा जाए तो उनकी लड़ाई न्यायपरायणता के लिए होती है। इसके लिए उनके अंदर एक जुनून, प्रतिबद्धता और बलिदान की भावना होती है जो कि प्रशंसनीय है। यदि उनके अंदर भरपूर मात्रा में विद्यमान बाहरी गतिशीलता आंतरिक शांति से मिल जाती है, तो ऐसे लोग समाज के लिए वरदान सिद्ध होते हैं। हमारे बहुत से आदिवासी विद्यालय पूर्व चरमपंथियों द्वारा चलाये जा रहे हैं। हालांकि आरंभ में वह हमारे स्वयंसेवकों को धमकी देते थे कि इन शिक्षा संस्थाओं को बंद करो। परंतु जब उन्होंने देखा कि यह प्रयास उनके समाज के हित के लिए ही हैं, तो उन्होंने इस में योगदान देना आरंभ कर दिया और स्वयं भी स्वयंसेवक बन गए। जबकि धर्मान्धता से निकला आतंकवाद बिलकुल अलग है। उनकी आँखों पर पट्टी बंधी रहती है और वे किसी भी प्रकार की बातचीत के लिए तैयार नहीं होते। उनके अनुसार जो लोग उनके सिद्धांतों को नहीं मानते या जो लोग उनसे अलग सोचते हैं, उनको जीने का कोई हक नहीं है। नवंबर २०१४ में मेरी ईराक यात्रा के दौरान मैंने इस्लामिक स्टेट ग्रुप को बातचीत के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने प्रत्युत्तर में मुझे मौत की धमकी भेजी। यदि दुनिया में एक छोटा सा भाग भी इस तरह के अंधेरे में जी रहा है तो, उनके कारण पूरी दुनिया सुरक्षित नहीं रह गई। अब तक यह खतरनाक अत्याचार केवल एक सीमित स्थान पर हो रहे थे जो कि उनके प्रभाव क्षेत्र में थे, परंतु जो बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन हुआ, हजारों शरणार्थियों ने दुनिया के अलग-अलग कोनों में शरण लेनी शुरू कर दी, उस से पूरी दुनिया पर इन अत्याचारों का असर फैल गया। यदि आपके पड़ोस के घर में आग लग जाती है तो वह आग आपके घर तक भी पहुंचने में समय नहीं लगाती। इस धर्मान्धता के उन्माद को रोकने के लिये, धार्मिक नेताओं का बड़ा योगदान हो सकता है। वह सब को सर्व धर्म सम्मान की शिक्षा तथा शांति की सीख दे सकते हैं। “जन्नत को अपनी जागीर” समझने वाले सिद्धांत से हटकर “एक लक्ष्य को प्राप्त करने के अनेक मार्ग” के सिद्धांत को स्वीकारना होगा। इस ग्रह पर रहने के लिए विविधता का सम्मान करना एक आवश्यकता है। इससे हम मतभेदों व दूसरों को झेलने की स्थिति से निकलकर विविधता को उत्सव की तरह मनाना सीख जाएंगे। फार्क नेता इवान मार्केज़ ने क्यूबा में श्री श्री के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत को अपनाने के घोषणा की। अशांति दुनिया काही एक अंग है, पर इस उथल पुथल में शांत रहना हमारी आत्मा का स्वभाव है । यदि हमारे भीतर मजबूत शक्ति व कौशल है, तो हम शांति में केंद्रित रहेंगे। यह अनुभव न केवल हमारे भीतर ही सीमित रहेगा, बल्कि आसपास फैले हुए तूफान को थामने में भी सहायक सिद्ध होगा। इस अंतरराष्ट्रीय शांतिदिवस पर हम भीतर से शांत हो कर अपने कार्यों में प्रभावशाली होकर बाहरी दुनिया पर भी इसका असर डालने का प्रयास कर सकते हैं। [यह लेख हफ्फिंगटन पोस्ट में १८ सितंबर २०१५ को प्रकाशित हुआ था। : http://huff.to/1KoxGMm] शांति के लिए कौन कौन सी चुनौतियां हैं?Answer: विश्व शांति हासिल की जा सकती है, जब संसाधनों को लेकर संघर्ष नहीं हो। उदाहरण के लिए, तेल एक ऐसा ही संसाधन है और तेल की आपूर्ति को लेकर संघर्ष जाना पहचाना है। इसलिए, पुन: प्रयोज्य ईंधन स्रोत का उपयोग करने वाली प्रौद्योगिकी विकसित करना विश्व शांति हासिल करने का एक तरीका हो सकता है।
विश्व में शांति स्थापित करने के लिए कौन कौन से तरीके हैं?............... एक दूसरे का रखें ध्यान सभी देश आपस में जुड़े हुए हैं। ... . संभव है विश्व शांति पंचशील सिद्धांत विश्व शांति कायम करने का एक प्रमुख उपाय हो सकता है। ... . शक्तिशाली देश प्रयास करें ... . सीमा विवाद समाप्त हो ... . मानव कल्याण पर ध्यान दें ... . बंधुत्व की भावना का विकास करें ... . भारत को मिले स्थायी सदस्यता. विश्व शांति के लिए हम क्या करना चाहिए?विश्व में शांति की सार्थकता को सिद्ध कीजिए, एवं इसके महत्त्व को स्पष्ट कीजिए |. एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता एवं प्रभुसत्ता का सम्मान करना ।. एक दूसरे के विरुद्ध आक्रामक कार्यवाही न करना।. एक दूसरे के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप न करना।. समानता एवं परस्पर लाभ की नीति का पालन करना ।. विश्व शांति में महत्वपूर्ण योगदान क्या है?भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य राष्ट्रों के बीच शांति की स्थापना पर विशेष रूप से जोर देने वाला राष्ट्र है । इसने समस्त विश्व में गुटनिरपेक्षता की नीति के अंतर्गत शांति की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । भारत की विदेश नीति का यह एक आधारभूत सिद्धांत विश्व शान्ति को बनाए रखना है।
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