विद्युत द्विध्रुव क्या होता है द्विध्रुव के कारण किसी भी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए? - vidyut dvidhruv kya hota hai dvidhruv ke kaaran kisee bhee bindu par vidyut kshetr ke lie vyanjak gyaat keejie?

      • Electric dipole in Hindi :-
    • विद्युत द्विध्रुव –
    • विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :-
      • 1- विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अक्षीय या अक्ष स्थिति :-
      • 2- विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की निरक्षीय या निरक्ष स्थिति :-
    • एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म के आघूर्ण :-
  • अन्य महत्वपूर्ण नोट्स
      • विद्युत आवेश तथा क्षेत्र नोट्स
      • विद्युत धारा नोट्स

Electric dipole in Hindi :-

इस पोस्ट में विद्युत द्विध्रुव से संबंधित सभी जानकारी एकत्रित किया गया है। जैसे- विद्युत द्विध्रुव किसे कहते हैं।, विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक, किसी विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता, अक्षीय स्थिति में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक, निरक्षीय स्थिति में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक।

विद्युत द्विध्रुव –

विद्युत द्विध्रुव एक ऐसा समायोजन है। जिसमें दो बराबर व विपरीत प्रकृति के आवेश एक दूसरे से अल्प दूरी पर होते हैं।

विद्युत द्विध्रुव क्या होता है द्विध्रुव के कारण किसी भी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए? - vidyut dvidhruv kya hota hai dvidhruv ke kaaran kisee bhee bindu par vidyut kshetr ke lie vyanjak gyaat keejie?
विद्युत द्विध्रुव

किसी एक (+q या -q) आवेश तथा दोनों आवेशों के बीच की दूरी (2l) के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। इसे p से प्रदर्शित करते हैं।

विद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण p = आवेश × बीच की दूरी
p = q×2l

p = 2ql

विद्युत द्विध्रुव का मात्रक कूलाम-मीटर होता है। तथा विमीय सूत्र [LTA] होता है। यह एक सदिश राशि है। जिसकी दिशा ऋणात्मक आवेश (-q) से धनात्मक आवेश(+q) की ओर होती है।
उदाहरण – अनेक अणु जैसे HCl, H2O, HBr, NH3 तथा CH4 वैद्युत द्विध्रुव के उदाहरण हैं।

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विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :-

वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने की दो स्थितियां हैं।
(1) अक्षीय स्थिति      (2) निरक्षीय स्थिति

1- विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अक्षीय या अक्ष स्थिति :-

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Q.1– वैद्युत द्विध्रुव के कारण अक्षीय स्थिति या अक्ष स्थिति मैं किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजन ज्ञात कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव की अक्ष पर स्थित किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सूत्र स्थापित कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{2p}{r^3} सूत्र का निगमन करो।

अक्षीय स्थिति :- माना एक वैद्युत द्विध्रुव AB ऐसे माध्यम के स्थित है। जिसका परावैघुतांक k है। अक्षीय स्थिति में इसके मध्य बिंदु O से r दूरी पर एक बिंदु P है। जिस पर विद्युत क्षेत्र के तीव्रता ज्ञात करनी है।

विद्युत द्विध्रुव क्या होता है द्विध्रुव के कारण किसी भी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए? - vidyut dvidhruv kya hota hai dvidhruv ke kaaran kisee bhee bindu par vidyut kshetr ke lie vyanjak gyaat keejie?
वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अक्षीय स्थिति

( Note – ये जो ऊपर article में परिभाषा लिखी गई है। ये कोई अपने मन से नहीं लिखी गई है। बल्कि यह चित्र से बनाई गई है। आप भी इसे रटे नहीं बल्कि चित्र को समझें, और बार-बार लिखने का अभ्यास करें। )

द्विध्रुव के आवेश +q के कारण बिंदु P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता

E1 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r-l)^2}           (A→ P दिशा में)

इसी प्रकार द्विध्रुव के आवेश -q के कारण बिंदु p पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता

E2 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r+l)^2}           (P→ B दिशा में)

(चूंकि तीव्रता एक सदिश राशि है। इसलिए ही -q आवेश भी +q हो जाता है)

E1 व E2 विपरीत दिशाओं मैं होने के कारण बिंदु O पर परिणामी तीव्रता

E = E1 – E2

E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r-l)^2} \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r+l)^2}

E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{1}{(r-l)^2} - \frac{1}{(r+l)^2}]

E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{(r+l)^2 - (r-l)^2}{(r-l)^2 (r+l)^2}]

E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{r^2 + l^2 + 2rl - r^2 - l^2 + 2rl}{(r^2 - l^2)^2}]

E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{4rl}{(r^2 - l^2)^2}]

∵ l < r        ∴ l2<<r2     अतः l2 को छोड़ने पर

E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{4l}{r^3}]

E = \large \frac{2 × 2ql}{4πԐ_0kr^3}           ( ∵ p = 2ql)

E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2p}{r^3}

वायु अथवा निर्वात के लिए k=1

E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{2p}{r^3}

इस प्रकार अक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E की दिशा ऋण आवेश से धन आवेश की ओर होती है।

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2- विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की निरक्षीय या निरक्ष स्थिति :-

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Q.1 वैद्युत द्विध्रुव के कारण निरक्षीय स्थिति या अनुप्रस्थ स्थिति मैं किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजन ज्ञात कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव की निरक्ष पर स्थित किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सूत्र स्थापित कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{p}{r^3} सूत्र का निगमन करो।

निरक्षीय या निरक्ष स्थिति :- माना एक वैद्युत द्विध्रुव AB ऐसे माध्यम के स्थित है। जिसका परावैघुतांक k है। निरक्षीय स्थिति में इसके मध्य बिंदु O से r दूरी पर एक बिंदु P है। जिस पर विद्युत क्षेत्र के तीव्रता ज्ञात करनी है।

विद्युत द्विध्रुव क्या होता है द्विध्रुव के कारण किसी भी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए? - vidyut dvidhruv kya hota hai dvidhruv ke kaaran kisee bhee bindu par vidyut kshetr ke lie vyanjak gyaat keejie?
वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की निरक्षीय या निरक्ष स्थिति

द्विध्रुव के आवेश +q के कारण बिंदु P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता

E1 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2}           (A→ P दिशा में)

इसी प्रकार द्विध्रुव के आवेश -q के कारण बिंदु p पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता

E2 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2}           (P→ B दिशा में)

E1 व E2 को क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर घटकों में नियोजित करने पर ऊर्ध्वाधर घटक E1sinθ तथा E2sinθ बराबर व विपरीत होने पर निरस्त (खत्म) हो जाते हैं। जबकि क्षैतिज घटक E1cosθ तथा E2cosθ एक ही दिशा में होने के कारण जुड़ जाएंगे।
अतः बिंदु P पर परिणामी तीव्रता

E = E1cosθ + E2cosθ

E = \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2} cosθ + \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2} cosθ

E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2q cosθ}{r^2 + l^2}

E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2q}{r^2 + l^2} (\frac{l}{\sqrt{r^2 + l^2}} )           (∵ cos =\large \frac{आधार}{कर्ण} \Rightarrow \frac{l}{\sqrt{r^2 + l^2}} )

E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2ql}{(r^2 + l^2)^3/2}

∵ l < r             ∴ l2 << r2      अतः l2 को छोड़ने पर

E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{p}{r^3}

वायु अथवा निर्वात के लिए k=1

E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{p}{r^3}

इस प्रकार निरक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E की दिशा धन आवेश से ऋण आवेश की ओर होती है।

Note – 12th Board Exam में इन दो स्थितियों में से कोई एक स्थिति आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इसलिए आप इन्हें अच्छे से समझे और लिखकर अभ्यास करें।

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एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म के आघूर्ण :-

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Q. एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म के आघूर्ण के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
अथवा एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म के आघूर्ण सूत्र τ = pEsinθ का निगमन करो।
Ans माना एक वैद्युत द्विध्रुव AB एक समान वैद्युत क्षेत्र E में क्षेत्र से कोण बनाते हुए रखा गया है। इस स्थिति में इसके +q आवेश पर एक बल F (=qE) क्षेत्र की दिशा में तथा -q आवेश पर उतना ही बल F (=qE) क्षेत्र की विपरीत दिशा में लगता है। अतः यह बल एक युग्म बनाते हैं।

विद्युत द्विध्रुव क्या होता है द्विध्रुव के कारण किसी भी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए? - vidyut dvidhruv kya hota hai dvidhruv ke kaaran kisee bhee bindu par vidyut kshetr ke lie vyanjak gyaat keejie?
बल युग्म का आघूर्ण

जो द्विध्रुव को वैद्युत क्षेत्र (E) के समांतर लाने का प्रयत्न करते हैं। अतः इसे प्रत्यानयन बल कहते हैं। इस प्रत्यानयन बल युग्म का आघूर्ण

τ = बल × लंबवत दूरी

τ = F × 2lsinθ

τ = qE × 2lsinθ          (∵ E = \large \frac{F}{q} )

τ = 2ql × sinθ          (∵ p = 2ql )

τ = pE sinθ

यदि θ= 0°           तब τ = pE sin0° ⇒ τ = pE × 0 ⇒

τ = 0

यदि θ= 90°           तब τ = pE sin90° ⇒ τmax = pE × 1 ⇒

τmax = pE

विद्युत द्विध्रुव से आप क्या समझते हैं विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी?

वैद्युत द्विध्रुव (इलेक्ट्रिक डाइपोल) वह निकाय (सिस्टम) है जिसमे दो बराबर परन्तु विपरीत प्रकार के बिन्दु आवेश एक-दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैंकिसी एक आवेश तथा दोनो आवेशों के बीच की दूरी के गुणनफल को वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण (electric dipole moment) p कहते हैं

विद्युत द्विध्रुव क्या है विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत विभव का व्यंजक प्राप्त करें?

`4xx10^(-9) Cm ` द्विध्रुव आघूर्ण का कोई विद्युत द्विध्रुव `5xx10^(4) NC^(-1)` परिमाण के किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र की दिशा से `30^(@)` पर संरेखित है। द्विध्रुव पर कार्यरत बल आघूर्ण का परिमाण परिकलित कीजिये। प्रक्कथन : `""_(7)N` का आयनन विभव ""_(8)O" और "_(6)O` के आयनन विभव से अधिक होता है।

विद्युत द्विध्रुव के कारण उसके निरक्ष पर विद्युत विभव का मान क्या होगा?

अर्थात निरक्ष पर द्विध्रुव के कारण विभव का मान शून्य होता है।

विद्युत द्विध्रुव के कारण उसकी अक्षीय स्थिति में विद्युत विभव क्या होता है?

Solution : वैद्युत द्विध्रुव की अक्ष पर स्थित किसी बिन्दु पर वैद्युत विभव (अक्षीय अथवा अनुदैर्ध्य स्थिति)-माना AB वैद्युत द्विध्रुव K परावैद्युतांक के माध्यम में स्थित है, जिसके A सिरे पर + q आवेश तथा B सिरे पर -q आवेश एक-दूसरे से 2l दूरी पर स्थित है (चित्र)।