वायरल बुखार में कौन सी दवा देनी चाहिए? - vaayaral bukhaar mein kaun see dava denee chaahie?

Home Remedies For Viral Fever: मानव शरीर का तापमान सामान्यत: 98.6 फारेनहाइट होता है, लेकिन इससे ज्यादा तापमान होना बुखार में की श्रेणी में आता है। वायरल बुखार एयरबोर्न वायरल इंफेक्शन के कारण होता है, जो हवा में फैलता है। इसमें शरीर का तापमान एकाएक बढ़ जाता है और कमजोरी महसूस होती है। कुछ सावधानियों, सामान्य दवाइयों और घरेलू नुस्खे अपनाकर बुखार (Viral Fever) को मात दी जा सकती है।

अनदेखी पड़ सकती है भारी 

बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण वायरल फीवर उन्हें तेजी से प्रभावित करता है। जब शरीर का तापमान 102 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो जाता है और कुछ घंटों तक बुखार कम नहीं होता तो अनदेखी भारी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। शरीर में चकत्ते होना, सिरदर्द होना और बदन दर्द बना रहना भी वायरल बुखार के लक्षण हैं।

वायरल बुखार के लक्षण

शरीर गर्म होना, कमजोरी महसूस होना और ठंड लगना वायरल बुखार के प्रमुख लक्षणों में है, लेकिन वायरल बुखार आने पर कई लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे-

  • आंखें लाल होना और जलन होना
  • कम या तेज बुखार होना
  • नाक बहना 
  • खांसी होना
  • ज्वाइंट और मसल्स में दर्द होना
  • थकान और कमजोरी होना
  • चक्कर आना
  • छाती में जकड़न होना
  • घबराहट होना
  • टॉन्सिल्स में दर्द होना
  • स्किन रैशेज या चकत्ते होना
  • डायरिया होना

बुखार की सबसे अच्छी दवा

बुखार ठीक अलग-अलग पैथी में कई दवाईयां हैं, लेकिन पेरासिटामोल, आइबूप्रोफेन, वाल्टरेन सबसे ज्यादा प्रचलित दवाइयां हैं। अधिकतर डॉक्टरों द्वारा बुखार की सबसे अच्छी दवा के रूप में इन्हीं का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इनके अलावा एसिटानिमोफेन, एडविल भी इस्तेमाल की जाती है।

बार-बार बुखार आने के कारण और उपाय

वायरल फीवर में बार-बार बुखार आता-जाता है, जिसे आवर्ती बुखार भी कहते हैं। ठंड लगना, त्वचा का गर्म होना, थकान होना, चिड़चिड़ापन होना आदि इसके लक्षण हैं। वायरस अथवा वायरल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, लापरवाही बरतना, वैक्सीनेशन, ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर रिसेप्टर एसोसिएटेड पीरियोडिक सिंड्रोम, नियोनेटल ऑनसेट मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी डिजीज, मकल वेल्स सिंड्रोम और फैमिलियल कोल्ड ऑटो इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम, एफ्थस स्टोमाटाइटिस, एडिनाइटिस आदि भी इसके कारण हो सकते हैं। 

बार-बार बुखार आने से बचाव कैसे करें

  • खाने से पहले एवं शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ साफ करें, इसके लिए
  • गर्म पानी का उपयोग करें
  • हैंड सैनिटाइजर, एंटीबैक्टीरियल वाइप्स का उपयोग करते रहें
  • नाक, मुंह, आंखों को छूने से बचें
  • खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह ढक लें

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बुखार उतारने के घरेलू उपाय

  1. बुखार होने पर पर्याप्त आराम करें। क्योंकि शरीर बुखार से लड़ रहा होता है।
  2. सिर, पैर के तलवों, बगल और गर्दन पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें। यह बेहद पुराना नुस्खा है और तेजी से बुखार उतारता है।
  3. खूब पानी पिएं। इससे यूरिन के जरिए टॉक्सिन्स और इंफेक्शन निकलते हैं। पानी की कमी नहीं होती।
  4. हल्के कपड़े पहनें। कमरे का तापमान न ज्यादा गर्म न ठंडा रखें, ताकि शरीर को ठंडक मिले।
  5. नारियल पानी का सेवन करें क्योंकि इसमें मिनरल्स और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं।
  6. आयुर्वेद की मान्यता के मुताबिक चंदन ठंडा होता है इसलिए बुखार में चंदन लगाने की सलाह दी जाती है।
  7. अनार के जूस में थोड़ा सा बादाम का तेल मिलाकर पीना फायदेमंद माना जाता है।
  8. तुलसी के पत्तों के साथ 3-4 काली मिर्च, एक चम्मच कटा अदरक उबालकर ठंडा कर घूंट-घूंट कर पीना बुखार में फायदेमंद होता है।
  9. मूलेठी, तुलसी के पत्ते, शकर अथवा शहद मिलाकर उबालने और थोड़ा-थोड़ा बच्चों को पिलाने से फायदा होता है।
  10. अजवाइन को पानी में डालकर उबालें, फिर छानकर इसे चाय की तरह गुनगुना करके पीने पर भी बुखार में राहत मिलती है। 

Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें

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इन मोसम में वायरल फीवर का डर ज्यादा रहता है। हम आपको बता रहे हैं इससे बचाव के 5 रामबाण घरेलू नुस्‍खे, लेकिन उससे पहले जानते हैं वायरल फीवर के लक्षण -

वायरल फीवर होने पर गले में दर्द, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों का लाल होना, माथे का बहुत तेज गर्म होना, खांसी, थकान, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। वायरल फीवर के नाम से ही समझा जा सकता है कि ये एक व्यक्ति से दूसरे को भी हो सकता है। जानिए इससे बचाव के घरेलू नुस्‍खे -

1 हल्दी और सौंठ का पाउडर -

सौंठ यानी कि अदरक का पाउडर और अदरक में होते है फीवर को ठीक करने वाले गुण। इसलिए एक चम्मच काली मिर्च के चूर्ण में एक छोटी चम्मच हल्दी, एक चम्मच सौंठ का चूर्ण और थोड़ी सी चीनी मिलाएं। अब इसे एक कप पानी में डालकर गर्म करें, फिर ठंडा करके पिएं। इससे वायरल फीवर खत्म होने में मदद मिलेगी।

2 तुलसी का इस्तेमाल करें -

तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं। इसलिए एक चम्मच लौंग के चूर्ण में 10-15 तुलसी के ताजे पत्तों को मिलाएं। अब इसे 1 लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न हो जाए। अब इसे छानें और ठंडा करके हर 1 घंटे में पिएं। ऐसा करने से वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा।

धनिये में कई औषधीय गुण होते हैं। इसकी चाय बनाकर पीने से भी वायरल में जल्द आराम मिलता है।

एक कप मेथी के दानों को रातभर भिगों लें और सुबह इसे छानकर हर एक घंटे में पिएं।

नींबू का रस और शहद भी वायरल फीवर के असर को कम करते हैं। आप शहद और नींबू का रस का सेवन भी कर सकते हैं।

वायरल बुखार में कौन सा एंटीबायोटिक दिया जाता है?

सोनिया रावत कहती हैं कि अगर अचानक बुखार आ जाए तो ऐसी कंडीशन में पैरासिटामोल टेबलेट ले सकते हैं. कई लोग इसके लिए ब्रूफेन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उससे किडनी पर काफी असर पड़ता है. इसलिए ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

वायरल बुखार में कौन सी दवा खानी चाहिए?

तुलसी तुलसी की पत्तियों में एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है। ... .
अदरक अदरक सर्दी-जुकाम को दूर करने में सहायक होता है। ... .
दालचीनी इसे खाने से गले के दर्द, खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। ... .
गिलोय ये वायरल फीवर में होने वाले दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। ... .
अजवाइन अजवाइन से बुखार में राहत मिलती है। ... .
अनार ... .
नारियल पानी.

वायरल बुखार कैसे उतरे?

मूलेठी, तुलसी के पत्ते, शकर अथवा शहद मिलाकर उबालने और थोड़ा-थोड़ा बच्चों को पिलाने से फायदा होता है। अजवाइन को पानी में डालकर उबालें, फिर छानकर इसे चाय की तरह गुनगुना करके पीने पर भी बुखार में राहत मिलती है।