डेंग्यू कैसे होता है? डेंग्यू मच्छर वर्षा ऋतु के दौरान बहुतायत से पाये जाते हैं। यह मच्छर प्रायः घरों स्कूलों और अन्य भवनों में तथा इनके आस-पास एकत्रित खुले एवं साफ पानी में अण्डे देते हैं। इनके शरीर पर सफेद और काली पट्टी होती है इसलिए इनको टाइग्र (चीता मच्छर) भी कहते हैं। यह मच्छर निडर होता है और ज्यादातर दिन के समय ही काटता है। डेंग्यू एक विषाणुसे होने वाली बीमारी है जो एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फेलती है। डेंग्यू एक तरह का वायरल बुखार है। डेंग्यू बुखार का रोगी तीन प्रकार की अवस्थाओं से ग्रसित हो सकता है। 1. साधारण डेंग्यू- इसके मरीज का 2 से 7 दिवस तक तेज बुखार चढता है एवं इसके साथ निम्न में से दो या अधिक लक्षण भी साथ में होते हैं।
बच्चों में डेंग्यू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्के होते हैं। 2. रक्त स्त्राव वाला डेंग्यू (डेंग्यू हमरेजिक बुखार) (DHS) खून बहने वाले डेंग्यू बुखार के लक्षण और आघात रक्त स्त्राव वाला डेंग्यू में पाये जाने वाले लक्षणों के अतिरिक्त निम्न लक्षण पाये जाते हैं।
3. डेंग्यू शॉक सिन्ड्रोम (DSS) ऊपर दिये गये लक्षणों के अलावा अगर मरीज में परिसंचारी खराबी (Circulatory failure) के लक्षण जैसेः-
ऊपर की तीन स्थितियों के अनुसार मरीज का यथोचित उपचार प्रारम्भ करें। मरीज के खून की सीरोलोजिकल एवं वायलोजिकल परीक्षण केवल रोग को सुनिश्चित करती है तथा इनका होना या ना होना मरीज के उपचार में कोई प्रभाव नहीं डालता क्योंकि डेंग्यू एक तरह का वायरल बुखार है, इसके लिये कोई खास दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। उपचारः- प्रारम्भिक बुखार की स्थिति मेः-
साधारणतया डेंग्यू बुखार के मरीज को ठीक होने के 2 दिवस उपरान्त तक जटिलताऐं देखी गई है प्रप्येक डेंग्यू बुखार के रोगी के बुखार ठीक होने के दो दिन के बाद तक निगरानी रखी जावें डेंग्यू बुखार से ठीक होने पर मरीज एवं उसके परिजनों का निम्न लक्षणों के उभरने पर विशेष ध्यान देने हेतु सलाह दी जावेः-
ऐसी स्थिति में मरीज को तुरन्त अस्पताल में भर्ती होने की राय दी जाये। (डेंग्यू हेमरेजिक बुखार) (DHS) डेंग्यू शॉक सिन्ड्रोम (DSS) के मरीजों को उपचार हेतु हिदायतेः-
अगर(Hematocrit) में गिरावअ आती है (>20%) तो ताजा खून दिया जाना चाहिए शॉक में आक्सीजन दी जावें ऐसिडोसिस में सोडा बाईकार्ब दिया जावे। कृपया ये ना करें:-
मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने के मापदण्ड:-
डेंग्यू बुखार से बचाव के उपाय:-
डेंग्यू बुखार की रोकथाम हेतु निम्न कार्यवाही करें:- रोगी की रोकथाम हेतु सर्वे, जांच, उपचार तथा रोकथाम की कार्यवाही रोगियों के निवास के 5 किमी के दायरे में करवाएं। क्षेत्र से सम्बन्धित नगर निगम/ नगरपालिका के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर रोग की रोकथाम हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम के कर्मचारियों का संयुक्त दल बनाकर एन्टी लार्वा कार्यवाही करा सुनिश्चित करें। जिले में पानी एकत्रित होने वाले सभी स्थानों (जहां पर मच्छर प्रजनन की सम्भावना है) पर एन्टी लार्वा की कार्यवाही की जावें। प्रचार-प्रसार द्वारा आम लोगो को रोग से बचाव तथा मच्छरों के प्रजनन स्थानों पर एन्टी लार्वा कार्यवाही के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की जावें। डेंग्यू/डी0एच0एफ0/डी0एस0एस0 बुखार के रोगियो की दैनिक सूचना प्रा0 स्वा0 केन्द्र स्तर से जिला मुख्यालय तथा जिला मुख्यालय से साप्ताहिक रूप से निदेशालय भिजवाया जाना सुनिश्चित करें। |