11 मार्च 2022 को क्या है? - 11 maarch 2022 ko kya hai?

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इसके निम्नलिखित नियम हैं जैसे कि दैनिक पंचांग की बेहतर समझ के लिए इससे अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए। यह विभिन्न ज्योतिषीय घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है और किसी भी तरह से आपको कुछ भी नया शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय खोजने में मदद करता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त - हिंदू कैलेंडर में सूर्योदय से अगले सूर्यादय तक की अवधि को एक दिन माना जाता है। अतः, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है। सभी प्रमुख निर्णय सूर्य और चंद्रमा की स्थिति पर विचार करने के बाद ही लिए जाते हैं।

चंद्रोदय और चन्द्रास्त - अनुकूल समय का निर्धारण करने के लिए चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शक संवत - शक संवत भारतीय आधिकारिक नागरिक कैलेंडर है, जिसे 78 ईस्वी में स्थापित किया गया था।

अमांत माह - हिंदू कैलेंडर, में जो चंद्र महीना अमावस्या के दिन समाप्त होता है, उसे अमांत माह के रूप में जाना जाता है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा कुछ ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।

पूर्णिमांत माह - हिंदू कैलेंडर में चंद्र महीना पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है उसे पूर्णिमांत माह के रूप में जाना जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।

सूर्य राशि और चंद्र राशि - सूर्य चिह्न, राशि के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है और यह उसके जन्म के समय एक मूल राशि के राशि चक्र में सूर्य की स्थिति से निर्धारित होता है। चंद्र चिन्ह से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के भावनात्मक पहलू का पता चलता है, और यह उसके जन्म के समय मूल राशि के चार्ट में राशि चक्र की स्थिति से निर्धारित होता है।

पक्ष - तिथि को दो हिस्सों में बांटा गया है। प्रत्येक ‘आधे’ भाग को एक पक्ष के रूप में जाना जाता है। इसके दो पक्ष हैं, जैसेः शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

शुभ समय / अच्छा समय

अभिजीत नक्षत्र - जब भगवान ब्रह्मा मकर राशि में स्थित होते हैं, तो इसे अभिजीत नक्षत्र के रूप में जाना जाता है। नए कार्यों को करने और नई खरीदारी करने के लिए यह सबसे शुभ अवधियों में से एक माना जाता है।

अमृत ​​कालम् - यह अन्नप्राशन संस्कार और अन्य हिंदू अनुष्ठानों को करने का समय है। यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है।

गुलिकई कालम् - गुलिका मंडा के बेटे उर्फ ​​शनि थे। इस समय को गुलिकई कालम् के नाम से जाना जाता है। इस अवधि के दौरान किसी भी कार्य की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है अतः इससे बचना चाहिए।

यमगंडा - यह एक अशुभ अवधि है, और किसी भी सफल और समृद्ध उद्यम के कार्य के लिए यह समयावधि वर्जित है।

दुर मुहूर्तम - यह दिन में एक बार सूर्यास्त से पहले एक बार आता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले इस समय से बचना चाहिए

व्रज्याम कालम् - व्रज्याम या विशघटिका वह समय है जो वर्तमान दिन से शुरू होता है और आने वाले दिन से पहले समाप्त होता है। इसे सौम्य काल नहीं माना जाता है।

राहु कालम् - राहु की अवधि किसी भी कार्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। किसी भी नई पहल के लिए राहु के प्रभाव से पूरी तरह बचा जाना चाहिए।

इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय 11 मार्च 2022 का पंचांग बता रहे हैं. पंचांग के अनुसार आज 11 मार्च 2022, शुक्रवार के दिन फाल्गुन शुक्ल नवमी तिथि है. दोपहर 02.36 तक मृगशिरा नक्षत्र है. मिथुन राशि में चन्द्रमा है. प्रातः 10.30 से 12.00 तक राहुकाल है. आज के दिन पश्चिम दिशा जाना दिशाशूल है.

In this video Astrologer Shailendra Pandey tells Panchang of March 11, 2022, Friday. Watch this full video to know Rahu Kaal and Disha Shool.

कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं जैसे सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग। जब किसी कार्य को करना हो और मुहूर्त उस समय नहीं हो तो इन विशेष योग या महूर्त में शुभ कार्य किया जाता है।

राष्ट्रीय मिति फाल्गुन 20, शक संवत् 1943, फाल्गुन शुक्ल, नवमी, शुक्रवार, विक्रम संवत् 2078। सौर फाल्गुन मास प्रविष्टे 28, शब्बान 07, हिजरी 1443 (मुस्लिम), तदनुसार अंग्रेजी तारीख 11 मार्च सन् 2022 ई०। सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, बसंत ऋतु।

राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। नवमी तिथि प्रातः सूर्योदय से लेकर अगले दिन प्रातः 08 बजकर 08 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ, मृगशिरा नक्षत्र अपराह्न 02 बजकर 35 मिनट तक उपरांत आर्द्रा नक्षत्र का आरंभ।

आयुष्मान योग अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 10 मिनट तक उपरांत सौभाग्य योग का आरंभ, बालव करण सायं 06 बजकर 52 मिनट तक उपरांत कौलव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात मिथुन राशि पर संचार करेगा।

Panchang 11 March 2022 Friday: 11 मार्च 2022, दिन- शुक्रवार, फाल्गुन मास, शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि, मृगशिरा नक्षत्र 14.36 बजे तक फिर आर्द्रा नक्षत्र की शुरुआत होगी. चंद्रमा मिथुन राश‍ि में और भगवान सूर्य कुंभ राशि में व‍िराजमान हैं. अभिजित मुहूर्त का समय होगा 14.30 से 15.17 बजे तक. इस दौरान आप कोई भी महत्वपूर्ण या कोई शुभ काम करना चाहें तो कर सकते हैं. राहुकाल का समय होगा 11.02 से 12.31 बजे तक. राहुकाल में माना जाता है क‍ि महत्वपूर्ण या शुभ काम करने से बचना चाह‍िए. द‍िशा शूल रहेगा पश्चिम. इसल‍िए पश्चिम द‍िशा की यात्रा करने से बचें.

11 मार्च 2022 को कौन सा त्यौहार है?

11 मार्च (शुक्रवार) : फाल्गुन शुक्ल नवमी अहोरात्र ( दिन-रात)। श्री दुर्गाष्टमी व्रत का पारण। 12 मार्च (शनिवार) : फाल्गुन शुक्ल नवमी प्रात: 8.08 बजे तक तदनंतर दशमी। नवमी तिथि की वृद्धि।

11 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा?

Panchang 11 May 2022 Wednesday: 11 मई 2022, दिन बुधवार , वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि 19.31 बजे तक फिर एकादशी तिथि, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र 19.28 तक फिर उत्ररा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा. चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा और भगवान सूर्य मेष राश‍ि में विराजमान हैं. विजय मुहूर्त 14.33 से 15.27 बजे तक रहेगा.

11 जून 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा?

Panchang 11 June 2022 Saturday: 11 जून 2022, दिन शनिवार, ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, एकादशी तिथि 05.45 बजे तक फिर द्वादशी तिथि, स्वाती नक्षत्र तिथि लग जाएगी.

10 मार्च 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा?

Panchang 10 March 2022 Thursday: 10 मार्च 2022, दिन- बृहस्पतिवार, फाल्गुन मास, शुक्ल पक्ष, अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र 11.30 बजे तक फिर मृगशिरा नक्षत्र की शुरुआत होगी. चंद्रमा वृष राश‍ि में और भगवान सूर्य कुंभ राशि में व‍िराजमान हैं.