एकादशी एक दिन के रूप में माना जाता है हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन हिन्दू महीने में होने वाले दो चन्द्र चरणों के ग्यारहवां दिन को कहा जाता है। चन्द्र चरणो दो होते है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। यह दिन हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार एक वर्ष में 24 बार आता है। कभी-कभी, दो अतिरिक्त एकादशी होती हैं जो एक लीप वर्ष में होती हैं। प्रत्येक एकादशी के दिन विशिष्ट लाभों और आशीर्वादों को प्राप्त किया जाता है जो विशिष्ट गतिविधियों के प्रदर्शन से प्राप्त होते हैं। भागवत् पुराण में भी एकादशी के बारे में बताया गया है। Show हिन्दू धर्म और जैन धर्म में एकादशी को आध्यात्मिक दिन माना जाता है। इस दिन महिलायें और पुरुष एकादशी का उपवास करते है। निर्जला एकादशी के दिन ना ही कुछ खाया जाता है और ना ही पानी पीया जाता है। इस दिन ज्यादातर चावल नहीं खाया जाता है। इस दिन सब्जी और दूध उत्पाद का ही सेवन किया जाता है। 12 May 2022 Ka Panchang: आज वैशाख माह शुक्ल पक्ष की एकादशी 06:51 PM तक उसके बाद द्वादशी तिथि है। इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की महत्व है। साथ ही लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। आइए जानते हैं पूजा का शुभ महूर्त और राहुकाल… आज 12 मई का पंचांग: हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत- 1944 शुभकृत् लोकप्रिय खबरें PAK vs ENG: देश का हर शख्स पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को 1-1 चिट्ठी लिखे, इंग्लैंड के 500 रन बनने पर बोले शोएब अख्तर NDTV Takeover: गौतम अडानी का होने के बाद इन तीन लोगों के हाथ में होगी एनडीटीवी की कमान Gujarat Election: गुजरात के लोगों ने आज बहुत बड़ा कमाल कर दिया – अरविंद केजरीवाल ने किया यह ट्वीट, यूजर्स ने किए ऐसे कमेंट्स PAK vs ENG: टेस्ट मैच में पहले दिन 500 रन बनाने वाली पहली टीम बनी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया का 112 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा विक्रम सम्वत- 2079 आज की तिथि तिथि- एकादशी 06:51 PM तक उसके बाद द्वादशी आज का नक्षत्र- उत्तराफाल्गुनी 07:30 PM तक उसके बाद हस्त आज का करण- विष्टि और बव आज का पक्ष- शुक्ल पक्ष आज का योग- हर्षण आज का वार- गुरुवार व्रत- मोहिनी एकादशी</p> आज का शुभ मुहूर्त (Today Auspicious Time): अभिजीत मुहूर्त- 11:57 AM से 12:49 PM अमृत काल– 12:17 PM से 01:53 PM ब्रह्म मुहूर्त- 04:14 AM से 05:02 AM विजय मुहूर्त- 02:08 PM से 03:01 PM राहु काल- 02:01 PM से 03:39 PM तक भद्रा- 07:17 AM से 06:51 PM ऐसे बन रहा ग्रहों का शुभ संयोग: वैदिक पंचांग के अनुसार 12 मई को चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेगा, शनि कुंभ राशि में और बृहस्पति मीन राशि में रहेंगे। साथ ही दो और ग्रह अपनी स्वराशि में रहेंगे. जिसके कारण यह एक उत्तम संयोग बन रहा है। यह संयोग राजयोग के समान फल प्रदान करेंगे। 12 मई को गुरुवार होने के कारण विष्णु भगवान का प्रिय दिन भी है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त: Also Read Chandra Grahan 2022: साल के पहले चंद्र ग्रहण पर बन रहे दो विशेष योग, इन 3 राशि वालों को धनलाभ के प्रबल योग आइए जानते हैं इस तिथि का महत्व: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जगत के कल्याण हेतु वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था। कहा जाता है कि अपनी इसी रूप के जरिये प्रभु ने राक्षसों को मोहपाश में बांध दिया था। जानकार मानते हैं कि इस रूप से मोहित होकर दानवों ने अमृत का कलश विष्णु रूपी सुंदर नारी को सौंप दिया। फिर भगवान ने सारा अमृत पान देवताओं को करा दिया था। इसके निम्नलिखित नियम हैं जैसे कि दैनिक पंचांग की बेहतर समझ के लिए इससे अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए। यह विभिन्न ज्योतिषीय घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है और किसी भी तरह से आपको कुछ भी नया शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय खोजने में मदद करता है। सूर्योदय और सूर्यास्त - हिंदू कैलेंडर में सूर्योदय से अगले सूर्यादय तक की अवधि को एक दिन माना जाता है। अतः, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है। सभी प्रमुख निर्णय सूर्य और चंद्रमा की स्थिति पर विचार करने के बाद ही लिए जाते हैं। चंद्रोदय और चन्द्रास्त - अनुकूल समय का निर्धारण करने के लिए चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शक संवत - शक संवत भारतीय आधिकारिक नागरिक कैलेंडर है, जिसे 78 ईस्वी में स्थापित किया गया था। अमांत माह - हिंदू कैलेंडर, में जो चंद्र महीना अमावस्या के दिन समाप्त होता है, उसे अमांत माह के रूप में जाना जाता है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा कुछ ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं। पूर्णिमांत माह - हिंदू कैलेंडर में चंद्र महीना पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है उसे पूर्णिमांत माह के रूप में जाना जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं। सूर्य राशि और चंद्र राशि - सूर्य चिह्न, राशि के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है और यह उसके जन्म के समय एक मूल राशि के राशि चक्र में सूर्य की स्थिति से निर्धारित होता है। चंद्र चिन्ह से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के भावनात्मक पहलू का पता चलता है, और यह उसके जन्म के समय मूल राशि के चार्ट में राशि चक्र की स्थिति से निर्धारित होता है। पक्ष - तिथि को दो हिस्सों में बांटा गया है। प्रत्येक ‘आधे’ भाग को एक पक्ष के रूप में जाना जाता है। इसके दो पक्ष हैं, जैसेः शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुभ समय / अच्छा समयअभिजीत नक्षत्र - जब भगवान ब्रह्मा मकर राशि में स्थित होते हैं, तो इसे अभिजीत नक्षत्र के रूप में जाना जाता है। नए कार्यों को करने और नई खरीदारी करने के लिए यह सबसे शुभ अवधियों में से एक माना जाता है। अमृत कालम् - यह अन्नप्राशन संस्कार और अन्य हिंदू अनुष्ठानों को करने का समय है। यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है। गुलिकई कालम् - गुलिका मंडा के बेटे उर्फ शनि थे। इस समय को गुलिकई कालम् के नाम से जाना जाता है। इस अवधि के दौरान किसी भी कार्य की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है अतः इससे बचना चाहिए। यमगंडा - यह एक अशुभ अवधि है, और किसी भी सफल और समृद्ध उद्यम के कार्य के लिए यह समयावधि वर्जित है। दुर मुहूर्तम - यह दिन में एक बार सूर्यास्त से पहले एक बार आता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले इस समय से बचना चाहिए व्रज्याम कालम् - व्रज्याम या विशघटिका वह समय है जो वर्तमान दिन से शुरू होता है और आने वाले दिन से पहले समाप्त होता है। इसे सौम्य काल नहीं माना जाता है। राहु कालम् - राहु की अवधि किसी भी कार्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। किसी भी नई पहल के लिए राहु के प्रभाव से पूरी तरह बचा जाना चाहिए। 12 मई 2022 को कौन सी तिथि पड़ेगी?Panchang 12 May 2022 Thursday: 12 मई 2022, दिन गुरुवार, वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, एकादशी तिथि 18.51 बजे तक फिर द्वादशी तिथि लग जाएगी. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र 19.30 तक फिर हस्त नक्षत्र की शुरुआत होगी. चंद्रमा कन्या राशि में और भगवान सूर्य मेष राशि में विराजमान हैं.
12 मई को कौन सा त्यौहार है?मोहिनी एकादशी (गुरुवार, 12 मई) : वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। मोहिनी एकादशी व्रत रखने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। इस व्रत को करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।
13 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा?Panchang 13 May 2022 Friday: 13 मई 2022, दिन शुक्रवार , वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, द्वादशी तिथि 17.27 बजे तक फिर त्रयोदशी तिथि लग जाएगी.
11 मई 2022 को कौन सा दिन पड़ेगा?11 मई 2022 को बुधवार है. बुधवार के दिन पर बुध ग्रह और भगवान विष्णु का अमल होता है.
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