13 मई 1998 को कुल कितने परमाणु परीक्षण किये गए थे? - 13 maee 1998 ko kul kitane paramaanu pareekshan kiye gae the?

13 मई 1998 को कुल कितने परमाणु परीक्षण किये गए थे? - 13 maee 1998 ko kul kitane paramaanu pareekshan kiye gae the?

भारतीय परमाणु आयोग ने पोखरण में अपना पहला भूमिगत परिक्षण स्माइलिंग बुद्धा (पोखरण-१) १८ मई १९७४ को किया था।[1] हलांकि उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया है। बाद में ११ और १३ मई १९९८ को पाँच और भूमिगत परमाणु परीक्षण किये और भारत ने स्वयं को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया।[2]

भारत में परमाणु परीक्षण[संपादित करें]

भारत में ११ व १३ मई ९८ को बुद्ध-स्थल पर राजस्थान के पोखरण में दो तीन परमाणु विस्फोट होने से सारे विश्व में तहलका मच गया था। अब भारत भी परमाणु शक्तियों में संपन्न है। परीक्शण के इन धमाको से सारा संसार चकीत रह गया। परीक्शण स्थल के आस-पास के मकानो में भी दरारें पड गई। किंतू राश्ट्र के इस महान उपलब्धि के सामने लोगों को अपने घरो के टुटने से इतनी चिंता नहीं हुई जितनी प्रसन्नता इस महान सफलता से हुई। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी २० मई को बुद्ध-स्थल पहुंचे। वही प्रधानमंत्री ने देश को एक नया नारा दिया'जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान'। सभी देशवासी प्रधान मंत्री के साथ-साथ गर्व से भर उठे। इन परीक्शणों का असर परमानू संपन्न देशों पर बहूत अधिक हूआ। अमरीका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन आदि देशों ने भारत को आर्थिक सहायता न देने की धमकी भी दी। किन्तू भारत इन धमकियों के सामने नहीं झुका।

13 मई 1998 को कुल कितने परमाणु परीक्षण किये गए थे? - 13 maee 1998 ko kul kitane paramaanu pareekshan kiye gae the?

परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य[संपादित करें]

इन परीक्शणों को करने का मुख्य उद्देश्य विश्व को यह बता देना था कि पड़ोसी देशों की सामरिक योग्यता का वे मुँह तोड उत्तर देने में समर्थ थे। अपनी सुरक्षा ओर बचाव करने के लीए वे आत्मनिर्भर थे। भारत में इन परीक्षणों का विरोध करने वाले विकसित देश यह भुल गये थे कि भारत में १९७४ में एक और १९९८ में पाँच परमाणु परीक्षण हूए थे। जब कि इसके पहले पूरे विश्व में २०५२ परमाणु परीक्षण किये जा चुके थे। इन में से अमरीका ने सबसे अधिक ऍसे परीक्षण १९४५ से अब तक १०३२ किये हैं। इस के अतिरिक्त सोवियत संघ ने ७१५, फ्रांस ने २१०, ब्रिटेन ने ४५७ ऑर चीन ने ४४ परमाणु परीक्षण किये हैं। पाकिस्तान ओर इजराइल के बारे में प्रायः कहा जाता है कि वे भी परमाणु परीक्षण की क्षमता रखते है और कभी भी उनकी ओर से परमाणु परीक्षण का समाचार मिल सकता है।

भारत के पांच परमाणु परीक्षण[संपादित करें]

भारत के कुल पांच मुख्य परमाणु परीक्षण है। उन को मुख्य रूप से चार श्रेणियों में बाँटा जा सकता है। ये चार तरह के परमाणु परीक्षण किये हैं - (१) विखण्डनीय बम या फिशन डिवाइस बम: यह परमानु बम बनाये जाने के लिए किया गया सामान्य परीक्षण था जिसकी क्षमता सन १९७४ में किये गये परीक्षण के समान अर्थात् १५ किलो टन थी।

(२) कम क्षमता वाला विस्फोट या लो यील्ट डिवाइस: इसकी क्षमता १० किलो टन से नीचे अर्थात् इकाई किलो टन क्षमता तक ही सीमित मानते है। इस परीक्षण का एक उद्देश्य ऍसे आंकडे प्राप्त करना था जिस से आगे जाकर प्रयोगशाला में कम्प्यूटर आधारित परीक्षण किये जा सकें।

(३) हाइड्रोजन बम परीक्षा या थर्मो न्यूकिलयर डिवाइस: इसे आज सुपर बम भी कहा जाता है। इसकी विनाशक क्षमता सामान्य परमाणु बम की तुकना में सॉ से हजार गुणा तका अधिक है। परमाणु बम की विस्फोटक क्षमता को किलो टन में मापते है जबकि हाइड्रोजन बम की क्षमता को मेगावाट में नापते है।

(४) सब किलो टन परिक्षण भारत में १३ मई को पुनः दो परिक्षण किये गये। ये परिक्षण सब किलोटन या एक किलोटन से कम क्षमता वाले थे। इस परिक्षण के बाद यह दावा किया गया है कि इन से भारत में कम्प्यूटर आनुकरण एव प्रयोगशालाओं में किये जाने वाले अपक्रान्तिक परिक्षण की क्षमता प्राप्त करलीच् है।

परमाणु हथियारों का विनाश असम्भव[संपादित करें]

आज विश्व में लगभग ६० हजार परमाणु हथियार हैं जिन को नष्ट करने में कम से कम २० से २५ वर्ष लगेंगे। निरस्त्रीकरण के फल्स्वरुप केवल १० हजार परमाणु हथियार ही नष्ट हो सके। इस से स्प्ष्ट है कि परमाणु हथियारों का खतरा तो बना ही रहेगा। इसलिए भारत ने अपनी आत्मरक्षा के लिए यह प्रयास किया है।

भारत में परमाणु बम का परीक्षण जब चीन और अमेरिका के जैसे देशों के पास हाइड्रोजन बम हो गए तो इन्होने एक संगठन बनाकर दुनिया पर दादागिरी दिखानी शुरू कर दी और दूसरे देशों द्वारा शुरू किये गए परमाणु कार्यक्रमों का विरोध शुरू कर दिया। चीन ने भारत पर दादागिरी दिखानी शुरू कर दी जिससे भारत को भी हाइड्रोजन बम बनाने का दबाव पड़ा। इसके बाद भारत ने सीक्रेट मिशन के तहत परमाणु बम बनाना शुरू किया और 11 मई 1998 में अटल विहारी वाजपयी की सरकार में हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया। भारत सरकार ने किसी भी देश को इस परीक्षण की खबर तक नहीं लगने दी और जैसे ही परीक्षण किया गया, पूरी दुनिया में कोहराम मच गया।

उस समय भारत की भी इसी तरह से आलोचना हो रही थी जिस तरह से आज उत्तर कोरिया की हो रही है। यूनाइटेड नेशन ने भारत पर सभी तरह के आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिए जिसका खामियाजा अटल बिहारी वाजपेयी को भुगतना पड़ा और भारत के आर्थिक विकास को काफी नुकसान हुआ लेकिन उसका फायदा यह हुआ कि चीन ने हम पर दादागिरी दिखानी बंद कर दी। आज भारत चीन से भी तेज गति से विकास कर रहा है।

भारत के अलावा पाकिस्तान और इजराइल भी हाइड्रोजन बम रखने का दावा करते हैं लेकिन इजराइल ने आज तक किसी भी परमाणु बम का परीक्षण नहीं किया है और पाकिस्तान के परीक्षण में वो धार नहीं थी जो एक हाइड्रोजन बम में होनी चाहिए।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • स्माइलिंग बुद्धा (या, पोखरण-१)
  • पोखरण-2
  • परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण
  • भारत में सामूहिक विनाश के हथियार

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "इतिहास के पन्नों से..." मूल से 22 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2018.
  2. "Narasimha Rao, not Vajpayee, was the PM who set India on a nuclear explosion path". मूल से 30 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 मई 2018.

1998 में भारत ने कितने परमाणु परीक्षण किए?

11 से 13 मई 1998 को राजस्थान को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया. 11 मई को तीन विस्फोट और 13 मई को दो और धमाके. टेस्ट का नाम ऑपरेशन शक्ति (Operation Shakti) था. इसमें जो ऊर्जा पैदा हुई थी वो 45 किलोटन टीएनटी थी.

परमाणु परीक्षण कितनी बार हुआ?

परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य भारत में इन परीक्षणों का विरोध करने वाले विकसित देश यह भुल गये थे कि भारत में १९७४ में एक और १९९८ में पाँच परमाणु परीक्षण हूए थे। जब कि इसके पहले पूरे विश्व में २०५२ परमाणु परीक्षण किये जा चुके थे। इन में से अमरीका ने सबसे अधिक ऍसे परीक्षण १९४५ से अब तक १०३२ किये हैं।

1998 में भारत ने कौन सा परमाणु परीक्षण किया?

Detailed Solution. पोखरन-II मई 1998 में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में भारत द्वारा आयोजित पांच परमाणु बम परीक्षण विस्फोटों की श्रृंखला थी। यह दूसरा भारतीय परमाणु परीक्षण था; “स्माइलिंग बुद्ध” नामक पहला परीक्षण मई 1974 में आयोजित किया गया था।

भारत द्वारा किए गए कुल परमाणु परीक्षण कितने हैं?

भारत ने छह परमाणु परीक्षण किए हैं। Q. 4 भारत में पहला परमाणु परीक्षण कब किया गया था? स्माइलिंग बुद्धा (पोखरण- I) 18 मई 1974 को भारत का पहला सफल परमाणु बम परीक्षण था।