शेर से आप क्या समझते हैं? - sher se aap kya samajhate hain?

                
                                                                                 
                            

दुनिया में रह कर ही, दुनिया के साथ हमें दुनिया को समझना होता है और जज़्बातों से भरे शायर इस दुनिया को कैेसे देखते और समझते हैं, यह इन शायरी से समझते हैं।


आज भी बुरी क्या है कल भी ये बुरी क्या थी
इस का नाम दुनिया है ये बदलती रहती है
- एजाज़ सिद्दीक़ी

बदल रहे हैं ज़माने के रंग क्या क्या देख
नज़र उठा कि ये दुनिया है देखने के लिए
- आफ़ताब हुसैन

बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना
तेरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है
- असरार-उल-हक़ मजाज़

बेहतर तो है यही कि न दुनिया से दिल लगे
पर क्या करें जो काम न बे-दिल-लगी चले
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
- बशीर बद्र

चले तो पाँव के नीचे कुचल गई कोई शय
नशे की झोंक में देखा नहीं कि दुनिया है
- शहाब जाफ़री

दिल कभी ख़्वाब के पीछे कभी दुनिया की तरफ़
एक ने अज्र दिया एक ने उजरत नहीं दी
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

दुनिया बदल रही है ज़माने के साथ साथ
अब रोज़ रोज़ देखने वाला कहाँ से लाएँ
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

दुनिया बहुत ख़राब है जा-ए-गुज़र नहीं
बिस्तर उठाओ रहने के क़ाबिल ये घर नहीं
- लाला माधव राम जौहर

दुनिया बस इस से और ज़ियादा नहीं है कुछ
कुछ रोज़ हैं गुज़ारने और कुछ गुज़र गए
- हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा

दुनिया है सँभल के दिल लगाना
यहां लोग अजब अजब मिलेंगे
- मीर हसन

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है
- निदा फ़ाज़ली

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
- अल्लामा इक़बाल

दुनिया में हम रहे तो कई दिन पर इस तरह
दुश्मन के घर में जैसे कोई मेहमाँ रहे
- क़ाएम चाँदपुरी

दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ
- अकबर इलाहाबादी

दुनिया ने किस का राह-ए-फ़ना में दिया है साथ
तुम भी चले चलो यूँही जब तक चली चले
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़

दुनिया ने तजरबात ओ हवादिस की शक्ल में
जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूँ मैं
- साहिर लुधियानवी

दुनिया पसंद आने लगी दिल को अब बहुत
समझो कि अब ये बाग़ भी मुरझाने वाला है
- जमाल एहसानी

दुनिया तो चाहती है यूँही फ़ासले रहें
दुनिया के मश्वरों पे न जा उस गली में चल
- हबीब जालिब

गाँव की आँख से बस्ती की नज़र से देखा
एक ही रंग है दुनिया को जिधर से देखा
- असद बदायुनी

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दुनिया पर शेर

शेर से क्या समझते हैं?

पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं

शैल किसे कहते हैं शैल कितने प्रकार के होते हैं?

पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल कहते हैंशैल विभिन्न रंग, आकार एवं गठन की हो सकती हैं। मुख्य रूप से शैल तीन प्रकार की होती हैं - आग्नेय ( इग्नियस ) शैल, अवसादी (सेडिमेंट्री) शैल एवं कायांतरित ( मेटामोरफ़िक ) शैल

शेर से आप क्या समझते हैं सेल के तीन प्रमुख वर्गों के नाम बताइए?

बनने के आधार पर शैल को तीन प्रमुख वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:.
आग्नेय शैल.
अवसादी शैल.
कायान्तरित शैल.

शैल से आप क्या समझते हैं शैल के तीन प्रमुख वर्गों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए?

शैल का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। शैल कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगों की हो सकती है । जैसे, ग्रेनाइट कठोर तथा शैलखड़ी नरम है । गैब्रो काला तथा क्वार्टज़ाइट दूधिया श्वेत हो सकता है।