आत्मा में परमात्मा निवास करती है वाक्य का शुद्ध रूप है - aatma mein paramaatma nivaas karatee hai vaaky ka shuddh roop hai

अर्थात: उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, तेजस्वी, पापनाशक, परमात्मा को हम अंतःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। ब्रह्म ही सत्य है

> हिन्दू धर्म के ग्रंथ वेद में ईश्वर को 'ब्रह्म' कहा गया है। ब्रह्म को प्रणव, सच्चिदानंद, परब्रह्म, ईश्वर, परमेश्वर और परमात्मा भी कहा जाता है। इसी कारण हिन्दू धर्म को 'ब्रह्मवादी' धर्म भी कहा जाता है। इस ब्रह्म के बारे में उपनिषद (वेदांत) और गीता में सारतत्व समझाया गया है। उपनिषद और गीता के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को 'ब्रह्मसूत्र' का अध्ययन करना चाहिए।

दुनिया के सभी धर्मों से अलग है हिन्दू धर्म में ईश्वर की धारणा, जो कि बिलकुल भी सतही नहीं है। यह ऋषियों का अनुभूत सत्य है। जांचा-परखा मार्ग है। ऋषियों ने ईश्वर की कल्पना नहीं की बल्कि उसका अनुभव किया और जाना। जो जाना वही कहा। आओ जानते हैं कि हिन्दू धर्म ईश्वर के बारे में क्या कहता है?

शब्द शुद्धि के साथ वाक्य शुद्धि का भी भाषा में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। वाक्य में अनावश्यक शब्द प्रयोग से, अनुपयुक्त शब्द के प्रयुक्त होने से, सही क्रम या अन्विति न होने से, लिंग, वचन, कारक का सही प्रयोग नहीं होने से, सही सर्वनाम एवं क्रिया का प्रयोग न होने से वाक्य अशुद्ध हो जाता है। जो अर्थ के साथ भाषा सौन्दर्य को हानि पहुँचाता है।

 

  1. अनावश्यक शब्द के कारण वाक्य अशुद्धि:

समान अर्थ वाले दो शब्दों या विपरीत अर्थ वाले शब्दों के एक साथ प्रयोग होने तथा एक ही शब्द की पुनरावृत्ति पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है। अतः किसी एक अनावश्यक शब्द को हटाकर वाक्य शुद्ध बनाया जा सकता है। इनमें दोनों शब्दों में से किसी एक को हटाना होता है। अतः दोनों रूपों में वाक्य सही हो सकता है। यहाँ एक रूप ही देंगे।

 

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य1. मैं प्रातः काल के समय पढ़ता हूँ।1. मैं प्रातः काल पढ़ता हूँ।2. जज ने उसे मृत्यु दण्ड की सजा दी।2. जज ने उसे मृत्यु दण्ड दिया।3. इसके बाद फिर क्या हुआ?3. इसके बाद क्या हुआ?4. यह कैसे सम्भव हो सकता है?4. यह कैसे संभव है?5. मेरे पास केवल मात्र एक घड़ी है।5. मेरे पास केवल एक घड़ी है।6. तुम वापस लौट जाओ।6. तुम वापस जाओ।7. सारे देश भर में यह बात फैल गई।7. सारे देश में यह बात फैल गई।8. वह सचिवालय कार्यालय में लिपिक है।8. वह सचिवालय में लिपिक है।9. विन्ध्याचल पर्वत हिमालय से प्राचीन है।9. विन्ध्याचल हिमालय से प्राचीन है।10.नौजवान युवक युवतियों को आगे आना चाहिए।10. नौजवानों को आगे आना चाहिए।11. किसी और दूसरे से परामर्श लीजिए।11. किसी और से परामर्श लीजिए।12. सप्रमाण सहित उत्तर दीजिए।12. सप्रमाण उत्तर दीजिए।13. गुलामी की दासता बुरी है।13. गुलामी बुरी है।14. प्रशान्त बहुत सज्जन पुरुष है।14. प्रशान्त बहुत सज्जन है।15. शायद आज वर्षा अवश्य आयेगी।15. शायद आज वर्षा आयेगी।16. शायद वह जरूर उत्तीर्ण हो जायेगा।16. वह जरूर उत्तीर्ण हो जायेगा।17. कृपया शीघ्र उत्तर देने की कृपा करें।17. कृपया शीघ्र उत्तर दें।18. वह गुनगुने गरम पानी से नहाता है।18. वह गुनगुने पानी से नहाता है।19. गरम आग लाओ।19. आग लाओ।20. तुम सबसे सुन्दरतम हो।20. तुम सबसे सुन्दर हो।

 

  1. अनुपयुक्त शब्द के कारण: वाक्य में अनुपयुक्त शब्द प्रयुक्त हो जाने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है अतः अनुपयुक्त शब्द हटाकर उस स्थान पर उपयुक्त शब्द का प्रयोग करना चाहिए।

 

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य1. सीता राम की स्त्री थी।1. सीता राम की पत्नी थी।2. रातभर गधे भौंकते रहे।2. रातभर कुत्ते भौंकते रहे।3. कोहिनूर एक अमूल्य हीरा है।3. कोहिनूर एक बहुमूल्य हीरा है।4. बन्दूक एक शस्त्र है।4. बन्दूक एक अस्त्र है।5. आकाश में तारे चमक रहे हैं।5. आकाश में तारे टिमटिमा रहे हैं।6. आकाश में झण्डा लहरा रहा है।6. आकाश में झण्डा फहरा रहा हैं।7. उसकी भाषा देवनागरी है।7. उसकी लिपि देवनागरी है।8. वह दही जमा रही है।8. वह दूध जमा रही है।9. साहित्य व समाज का घोर संबंध है।9. साहित्य व समाज का घनिष्ठ संबंध है।10. उसके गले में बेड़ियाँ पड़ गई।10. उसके पैरों में बेड़ियाँ पड़ गई।11. हाथी पर काठी बाँध दो।11. हाथी पर हौदा रख दो।12. चिन्ता एक भयंकर व्याधि है।12. चिन्ता एक भयंकर आधि है।13. गगन बहुत ऊँचा है।13. गगन बहुत विशाल है।14. वह पाँव से जूता निकाल रहा है।14. वह पाँव से जूता उतार रहा है।15. कृपया मेरी सौभाग्यवती कन्या कन्या के विवाह में पधारें।15. कृपया मेरी सौभाग्याकांक्षिणी के विवाह में पधारें।16. उसे अपनी योग्यता पर अहंकार है।16. उसे अपनी योग्यता पर गर्व है।17. राष्ट्रपति ने पुरस्कार भेंट किए।17. राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्रदान किए।18. कृष्ण ने कंस की हत्या की।18. कृष्ण ने कंस का वध किया।19. विख्यात आतंकवादी मारा गया।19. कुख्यात आतंकवादी मारा गया।

 

  1. लिंग सम्बन्धी: वाक्य में प्रयुक्त शब्द के अनुसार उचित लिंग का प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

 

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य1. यह एकांकी बहुत अच्छी है।1. यह एकांकी बहुत अच्छा है।2. मेरे मित्र की पत्नी विद्वान है।2. मेरे मित्र की पत्नी विदुषी है।3. मीरां एक प्रसिद्ध कवि थी।3. मीरां एक प्रसिद्ध कवयित्री है।4. बेटी पराये घर का धन होता हैं।4. बेटी पराये घर का धन होती है।5. सत्य बोलना उसकी आदत था।5. सत्य बोलना उसकी आदत थी।6. बुआजी आप क्या कर रहे हैं?6. बुआजी आप क्या कर रही हैं?7. आत्मा अमर होता है।7. आत्मा अमर होती है।8. सेनापति को प्रणाम करनी पड़ती है।8. सेनापति को प्रणाम करना पड़ता है।9. ब्रह्मपुत्र असम में बहता है।9. ब्रह्मपुत्र असम में बहती है।10. वह स्त्री नहीं मूर्तिमन्त करुणा हैं।10. वह स्त्री नहीं मूर्तिमयी करुणा हैं।11. जया एक बुद्धिमान बालिका है।11. जया एक बुद्धिमती बालिका हैं।12. उसका ससुराल जयपुर में है।12. उसकी ससुराल जयपुर में है।13. तूफान मेल तेजी से आ रही है।13. तूफानमेल तेज़ी से आ रहा है।14. गंगा पतितपावन नदी है।14. गंगा पतित पावनी नदी है।15. रामायण हमारी भक्ति ग्रंथ है।15. रामायण हमारा भक्तिग्रंथ है।16. उसके हाथ की वस्तु आम थी।16. उसके हाथ की वस्तु आम था।17. वह अपने धुन में जा रहा है।17. वह अपनी धुन में जा रहा है।

 

  1. वचन सम्बन्धी:

हिन्दी में कुछ शब्द सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं अतः उनका उचित बोध न होने पर तथा कर्ता एवं कर्म के वचन के अनुसार क्रिया प्रयुक्त न होने पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

 

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य1. वह दृश्य देख मेरी आँखों में आँसू आ गया।1. वह दृश्य देख मेरी आँख में आँसू आ गये।2. वृक्षों पर कौवा बोल रहा है।2. वृक्ष पर कौवा बोल रहा है।3. यह मेरा ही हस्ताक्षर है।3. ये मेरे ही हस्ताक्षर हैं।4. आज आपका दर्शन हो गया।4. आज आपके दर्शन हो गये।5. अभी तीन बजा है।5. अभी तीन बजे हैं।6. यह दस रुपया का नोट है।6. यह दस रुपये का नोट है।7. प्रत्येक घोड़े तेज गति वाले नहीं होते।7. प्रत्येक घोड़ा तेज गति वाला नहीं होता।8. हिन्दी और अंग्रेजी मेरी भाषा है।8. हिन्दी और अंग्रेजी मेरी भाषाएँ है।9. प्यास के मारे उसके प्राण निकल गया।9. प्यास के मारे उसका प्राण निकल गये।10. माँ मेरे मामे के घर गयी है।10. माँ मेरे मामा के घर गयी हैं।11. दिल्ली में चार गिरफ्तारी हुईं।11. दिल्ली में चार गिरफ्तारियाँ हुईं।12. विधि का नियम बड़ा कठोर होता है।12. विधि के नियम बड़े कठोर होते हैं।13. नवरस में श्रृंगार का प्रधान स्थान है।13. नवरसों में श्रृंगार का प्रधान स्थान है।14. उसकी भुजाएँ घुटने तक लम्बी हैं14. उसकी भुजाएँ घुटनों तक लम्बी हैं।15. अब आप पढ़ों।15. अब आप पढ़िये।16. आम और कलम शब्द संज्ञा है।16. आम और कलम शब्द संज्ञाएँ हैं।17. शहर प्रायः गन्दा होता है।17. शहर प्रायः गन्दे होते हैं।18. किन्हीं दो पर टिप्पणी लिखों।18. किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखो।19. हिमालय पर्वत का राजा है।19. हिमालय पर्वतों का राजा है।20. मैंने अनेकों कहानियाँ पढ़ीं।20. मैंने अनेक कहानियाँ पढ़ीं।

 

  1. क्रमभंग सम्बन्धी:

वाक्य रचना के आधार पर शब्द के उचित स्थान पर प्रयुक्त न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

 

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य1. अधिकतर हिन्दी के लेखक निर्धन हैं।1. हिन्दी के अधिकतर लेखक निर्धन हैं।2. यहाँ पर शुद्ध गाय का घी मिलता है।2. यहाँ पर गाय का शुद्ध घी मिलता है।3. शीतल गन्ने का रस पीजिए।3. गन्ने का शीतल रस पीजिए।4. हनुमान पक्के राम के भक्त थे।4. हनुमान राम के पक्के भक्त थे।5. एक खाने की थाली लगाओ।5. खाने की एक थाली लगाओ।6. स्वामी दयानन्द का देश आभारी रहेगा।6. देश स्वामी दयानन्द का आभारी रहेगा।7. उपयोजना मंत्री आज आयेंगे।7. योजना उपमंत्री आज आयेंगे।8. कुत्ते को राम डण्डे से मारता है।8. राम डण्डे से कुत्ते को मारता है।9. आपको मैं कुछ नहीं कह सकता।9. मैं आपको कुछ नहीं कह सकता।10. हवा ठण्डी चल रही है।10. ठण्डी हवा चल रही है।11. सीता के गले में एक मोतियों एक हार है।11. सीता के गले में मोतियों का हार है।12. अध्यापक जी भूगोल छात्रों को पढ़ा रहे हैं।12. अध्यापक जी छात्रों को भूगोल पढ़ा रहे हैं।13. वे पुराने कपड़े के व्यापारी हैं।13. वे कपड़े के पुराने व्यापारी हैं।14. कई रेलवे के कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई।14. रेलवे के कई कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई।15. मैंने बहते हुए पत्ते को देखा।15. मैंने पत्ते को बहते हुए देखा।16. वास्तव में तुम चतुर हो।16. तुम वास्तव में चतुर हो।17. बच्चे को धोकर फल खिलाओ।17. फल धोकर बच्चे को खिलाओ।18. वहाँ मुफ्त आँखों का आपरेशन होगा।18. वहाँ आँखों का मुफ्त आपरेशन होगा।19. बैर अपनों से अच्छा नहीं।19. अपनों से बैर अच्छा नहीं।

 

  1. कारक सम्बन्धी: वाक्य में प्रयुक्त कारक के अनुसार उचित विभक्ति न लगने से, अनावश्यक विभक्ति लगने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

    आत्मा में परमात्मा निवास करती है वाक्य का शुद्ध रूप क्या है?

    शुद्ध आत्मा में ही परमात्मा का वास होता है। मनुष्य के अच्छे व बुरे कर्मो का फल इसी जगह पर मिलता है, जो सुख और दुखों के रूप में होता है। ईश्वर के मार्ग दर्शन के लिए मनुष्य को गुरू करना अनिवार्य है। जिसके बिना संसारिक ज्ञान अधूरा रहता है।

    परमात्मा का शुद्ध रूप क्या है?

    शुद्ध अशुद्ध शब्द निम्नलिखित हैं.

    आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर होता है?

    अतः आत्मा और परमात्मा मे कोई अंतर नही होता है । हर अंतर सिर्फ मान लेने से हि उत्पन्न होता है तथा मान लेने पर हि खत्म भी हो जाता है। आत्मा और परमात्मा में स्पष्ट अंतर है। आत्मा जब परम् स्थान को प्राप्त करती है, तब वह परमात्मा बन जाती है।

    आत्मा से परमात्मा का मिलन है यह किसका कथन है?

    ऋषिकेश, जागरण कार्यालय : अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन स्वामी दयानंद सरस्वती ने योग जिज्ञासुओं को संबोधित करते हुए कहा कि योग वास्तव में आत्मा से परमात्मा का जुड़ना है। उन्होंने कहा कि आदर्शो एवं सिद्धांतों को जीवन में धारण करने वाला ही सच्चा धार्मिक है।