कोटा| संतनिरंकारी मंडल के तत्वावधान में मानव कल्याण यात्रा पर आए दिल्ली के केन्द्रीय ज्ञान प्रचारक संत नजीर अहमद ने प्रवचन में कहा कि अहंंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु और प्रेम सबसे बड़ा मित्र है। संत समागम को संभागीय आयुक्त रघुवीर सिंह मीणा, यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता ने संबोधित किया। संयोजक संत मनोहर लाल ने आभार व्यक्त किया। संत गिरधारी लाल ने संचालन किया। यहां महिला-पुरूषों ने भजनों की प्रस्तुति दी। वहीं, निशुल्क चिकित्सा शिविर में लोगों का इलाज किया गया। संत निरंकारी सत्संग भवन में बोलते संभागीय आयुक्त मीणा। Show
आकलनसूचनाओं के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :(अ) (१) अंतर स्पष्ट कीजिए -(२) लिखिए -‘मैं ही मुझको मारता’ से तात्पर्य……… (आ ) सहसंबंध जोड़कर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए -काव्य सौंदर्य२. (अ)
“जिनकी रख्या तूँ करें ते उबरे करतार”, इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए। (आ) ‘ संत दादू के मतानुसार ईश्वर सबमें हैं ‘, इस आशय को व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ दूँढकर उनका भावार्थ स्पष्ट कीजिए। अभिव्यक्ति३. (अ) “अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है’, इस उक्ति पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए। (आ) ‘प्रेम और स्नेह मनुष्य जीवन का आधार है’, इस संदर्भ में अपना मत लिखिए। रसास्वादन४. ईश्वर भक्ति तथा प्रेम के आधार पर साखी के प्रथम छह पदों का रसास्वादन कीजिए। साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान५. जानकारी दीजिए:(अ) निर्गुण शाखा के संत कवि- ६. निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए:(१) बाबु साहब ईश्वर के लिए मुझ पे दया कीजिए। घमंड मनुष्य का शत्रु है इस विषय पर 4 5 वाक्यों में लिखिए?घमंड मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है, क्योंकि घमंड मनुष्य का सर्वनाश करके छोड़ता है। वह मनुष्य के विवेक को हर लेता है। उसकी बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है। घमंड अर्थात अहंकार से ग्रस्त व्यक्ति अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझता और वो खुद को ही सर्वे-सर्वा और सर्वश्रेष्ठ समझता है।
कवि के अनुसार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कौन है?अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है और उसकी मंजिल है दारुण दुख। इसलिए मनुष्य को अहंकार का मार्ग त्यागकर प्रेम और सद्गुण का मार्ग । अपनाना चाहिए।
मनुष्य अहंकारी कब हो जाता है?अहंकार कब और क्यों आता है मनुष्य के अंदर थोडा सा बल, बुद्धि, धन, ऐश्वर्य, और पद मिलने से मानव अहंकारी बन जाता है और हर समय अपना ही गुणगान करता रहता है। उसे अपने से श्रेष्ठ कोई नहीं दिखता। इन्हीं कारणों से उसका पतन होता है। इसलिए कभी अपने बल और धन पर घमंड नहीं करना चाहिए।
अहंकार के बारे में आपके क्या विचार हैं कम से कम तीन वाक्यों में स्पष्ट करिए?जहाँ अहंकार का वास होता है वहां नम्रता, बुद्धि, विवेक, चातुर्य कोई गुण विद्यमान नहीं होगा. घमंड जिस इंसान पर हावी होता है वह सबसे पहला काम भी यही करता है कि अन्य गुणों का प्रवेश न हो.
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