अम्लीय वर्षा क्या होती है समझाइए? - amleey varsha kya hotee hai samajhaie?

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चलिए आज हम अम्ल वर्षा की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

  • अम्ल वर्षा क्या हैं
  • अम्ल वर्षा के कारण
  • अम्ल वर्षा के प्रभाव
  • अम्ल वर्षा से प्रभावित क्षेत्र
  • अम्ल वर्षा रोकने के उपाय

अम्ल वर्षा क्या हैं

अम्लीय वर्षा क्या होती है समझाइए? - amleey varsha kya hotee hai samajhaie?
अम्ल वर्षा

बारिश के पानी में जब अम्ल की मात्रा बढ़ जाती तब उस वर्षा को अम्ल वर्षा कहते हैं।

जब वायुमंडल को प्रदूषित करने वाले गैस जैसे नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड वर्षा जल के साथ प्रतिक्रिया करते हैं तो अम्लीय वर्षा होता हैं।  

अम्लीय वर्षा में सल्फर और नाइट्रोजन के कण होते हैं जो वर्षा के साथ मिल जाते हैं। अम्लीय वर्षा में दो अम्ल नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड मौजुद होते हैं। 

यह दोनों गैसें वातावरण में पानी और हवा में ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड बनाती हैं।

अम्ल वर्षा के कारण

अम्लीय का PH मान 5.6 से कम होता है। कारों और उद्योगों द्वारा छोड़े गए सल्फर और नाइट्रोजन की अत्यधिक मात्रा बारिश के साथ मिल जाती है और इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक अम्लीय वर्षा होती हैं।

यह वायुमण्डल में उपस्थित जलवाष्प से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं। मानव के कारण भी अम्लीय वर्षा होती हैं।

उधोगों में डीजल और कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन का जलना, कचरे तथा कागज का उत्पादन शामिल हैं।

प्राकृतिक कारणों में ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान सल्फर का निकलना या बिजली गिरने के दौरान वातावरण में नाइट्रोजन आयन का निकलना हो सकता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड बनाने के लिए बिजली की उपस्थिति में रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। यह आगे ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके नाइट्रोजन डाइऑक्साइड बनाता है।

इसके अलावा ओजोन लेयर भी कुछ अन्य कार्बनिक अम्ल जैसे फॉर्मिक और एसिटिक एसिड 5-20% अम्लीय वर्षा में योगदान करते हैं।

अम्ल वर्षा के प्रभाव

अम्ल वर्षा के निम्नलिखित प्रभाव होते हैं।

1. अम्लीय वर्षा फसलों को नुकसान पहुँचाते हैं।

2. अम्ल वर्षा से मीठे पानी पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं।

3. अम्लीय वर्षा के कारण समुद्र का PH गिर सकता है। इस घटना को ‘महासागर अम्लीकरण’ के रूप में जाना जाता हैं।

हालांकि अम्लीय वर्षा का महासागरों पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन यह तटीय जल को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं।

4. महासागरों में वातावरण से ज्यादा नाइट्रोजन के मिलने से यह समुद्री पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है जिससे हानिकारक शैवाल उगते हैं।

5. अम्ल वर्षा इमारतों को भी खराब करते है। उदाहरण के लिए अम्ल वर्षा ने ताजमहल के संगमरमर को पीला कर दिया हैं।

6. अम्लीय वर्षा पानी के पाइपों के नुकसान का कारण बनती है जिससे भारी धातुओं जैसे लोहा, सीसा और तांबे का पीने के पानी में रिसाव होता हैं।

7. अम्ल वर्षा मनुष्यों को तुरंत नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। सल्फर डाइऑक्साइड विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता हैं। यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों में सूजन पैदा कर सकता हैं।

8. अम्लीय वर्षा जंगलों के लिए हानिकारक हो सकती है। अम्लीय वर्षा के कारण एल्युमीनियम भी मिट्टी में मिल जाता है, जिससे पेड़ों के लिए पानी लेना मुश्किल हो जाता हैं।

अम्ल वर्षा से प्रभावित क्षेत्र

दुनिया भर में अम्लीय वर्षा से प्रभावित स्थानों में पोलैंड, स्कैंडिनेविया, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा, यूरोप शामिल हैं। अन्य प्रभावित क्षेत्रों में चीन और ताइवान के दक्षिणपूर्वी तट शामिल हैं।

अम्ल वर्षा रोकने के उपाय

आप निम्नलिखित तरीको से अम्ल वर्षा को रोक सकते हैं।

1. एसिड रेन को नियंत्रित करने में मदद के लिए आप जो पहला कदम उठा सकते हैं वह है समस्या और उसके समाधान को समझना।

अब जब आपने इस पर्यावरणीय मुद्दे के बारे में जान लिया है, तो आप दूसरों को इसके बारे में बता सकते हैं।

इस साइट पर आपने जो सीखा उसके बारे में अपने दोस्तो, माता-पिता और शिक्षकों को बताकर आप उन्हें एसिड रेन की समस्या के बारे में बता सकते हैं।

2. ऊर्जा उत्पादन से बड़ी मात्रा में प्रदूषण पैदा होते हैं जो अम्लीय वर्षा का कारण बनते हैं। एक महत्वपूर्ण कदम जो आप उठा सकते हैं वह है ऊर्जा संरक्षण। 

3. जब आप बिजली उपयोग नहीं कर रहे हों तो लाइट, कंप्यूटर, टीवी, वीडियो गेम और अन्य बिजली के डिवाइस को बंद कर दें।

4. अपने माता-पिता को ऐसे डिवाइस खरीदने के लिए कहे जो कम बिजली का उपयोग करते हैं। 

5. ड्राइविंग कार और ट्रक भी बड़ी मात्रा में नाइट्रोजन ऑक्साइड पैदा करते हैं जो एसिड रेन का कारण बनते हैं। कारों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए, आप Public Transport जैसे बस और ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं। 

6. अम्ल वर्षा को कम करने का एक शानदार तरीका जीवाश्म ईंधन का उपयोग किए बिना ऊर्जा का उत्पादन करना है।

इसके बजाय आप सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा अम्लीय वर्षा को कम करने में मदद करते हैं क्योंकि यह बहुत कम प्रदूषण पैदा करते हैं। 

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अम्लीय वर्षा क्या है समझाइये?

अम्लीय वर्षा वह वर्षा होती है जिसमें मुख्य रूप से रासायनिक तत्व एवं प्रदूषण का मिश्रण होता है। यह धरती पर एक हलके अम्लीय सांद्रण के रूप में गिरती है जिससे पेड़-पौधे एवं जलीय प्राणी बुरी तरह प्रभावित होते हैं।

अम्ल वर्षा क्या है इसका दुष्प्रभाव लिखिए?

अम्ल पदार्थो तथा संरचनाओं को दुर्बल बना देते है,जिससे मार्बल लाइमस्टोन सैंडस्टोन आदि से निर्मित बिल्डिंग का डैमेज होने लगता है। अम्लीय बर्षा के कारण मृदा की अम्लीयता बढ़ जाती है जिसका मानव तथा जलीय जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा कृषि उत्पादकता भी कम हो जाती है।

अम्ल वर्षा क्या है Drishti IAS?

(iii) अम्लीय वर्षाः वायुमंडल में सल्फर डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, क्लोरीन व फ्लोरीन गैसों की वृद्धि वर्षा जल में सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का निर्माण कर वर्षा जल को अम्लीय बना देती हैं। ऐसा वर्षा जल धरती पर वनस्पतियों एवं संगमरमर की इमारतों को बुरी तरह प्रभावित करता है।

अम्लीय वर्षा का मुख्य कारण क्या है?

अम्लीय वर्षा सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड के कारण होती है। अम्लीय वर्षा का परिणाम तब होता है जब सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) वायुमंडल में उत्सर्जित होते हैं और पवन और वायु धाराओं द्वारा ले जाया जाता है।