अंतरिक्ष में अब तक कितने लोग जा चुके हैं - antariksh mein ab tak kitane log ja chuke hain

Lunar Eclipse Timing in India, Chandra Grahan July 2020: साल 2020 का लगने वाला तीसरा ग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण होगा जो 05 जुलाई 2020 को लगने जा रहा है. यह उपछाया चंद्रग्रहण सुबह 8:37 से 11:22 तक रहेगा. यह उपछाया चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

दुनियाभर से चांद पर भेजे गए लोग- पृथ्वी के मात्र एक उपग्रह ‘चन्द्रमा’ पर अलग-अलग समय में कई अलग-अलग देशों ने अपने-अपने यान और अंतरिक्ष यात्री भेजे हैं. चन्द्रमा पर भेजे गए यान में अगर देशों की बात की जाय तो भारत से पहले अभी तक कुल 06 देशों ने अपने यान चन्द्रमा पर भेजे हैं. जिनमें में से केवल 03 देश अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसे हैं जिनको यह यान भेजने में सफलता मिली है.

चांद पर उतरने वाले अंतरिक्ष यात्री

मिशन अपोलो-11: चन्द्रमा की सतह पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यात्री अमेरिका का था जिसको अमेरिका ने अपोलो-11 मिशन के तहत 20 जुलाई 1969 को भेजा था. चांद की सतह पर उतरने वाले इस पहले अंतरिक्ष यात्री का नाम नील आर्मस्ट्रांग तथा दूसरे का नाम बज एल्ड्रिन था. ये दोनों अंतरिक्ष यात्री अमेरिका के ही थे.

मिशन अपोलो-12: अमेरिका ने मिशन अपोलो-12 को नवंबर 1969 में चांद पर भेजा था. इस मिशन में पेटे कॉनराड ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने तीसरे व्यक्ति के रूप में चांद पर अपने कदम रखे थे. जबकि इसी मिशन के चालक दल के एलन बीन वह चौथे व्यक्ति थे जिसने चांद पर अपना कदम रखा था.

मिशन अपोलो-14:  अमेरिका ने मिशन-14 को फरवरी 1971 में चांद पर भेजा था. इस मिशन में चांद पर गए एलन शेपर्ड और एडगर मिशेल ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने क्रमशः पांचवें और छठे व्यक्ति के रूप में अपने कदम चांद पर रखे थे.

मिशन अपोलो-15: अमेरिका ने मिशन-15  को अगस्त 1971 में चांद पर भेजा था. इस मिशन में डेविड स्कॉट और जेम्स इरविन चांद पर कदम रखने वालों में क्रमशः सातवें और आठवें व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं.

मिशन अपोलो-16: अमेरिका के मिशन-16 के तहत जॉन यांग और चार्ल्स ड्यूक चांद पर कदम रखने वालों में क्रमशः 9वें और 10वें व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं.

मिशन अपोलो-17: अमेरिका के मिशन-17 के तहत यूजीन सेरनन और हैरिसन श्मिट चांद पर कदम रखने वालों में क्रमशः 11वें और 12वें व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं.

चांद पर उतरने वाला पहला यान- रूस दुनिया का पहला ऐसा देश था जिसने अपने अंतरिक्ष यान को 12 सितम्बर 1959 को  सबसे पहले चांद की सतह पर उतारा था. रूस ने जिस मिशन के तहत अपने अंतरिक्ष यान को चांद की सतह पर उतारा था उसका नाम ‘लुना-2’ था.

  • भारत से अभी तक एक भी अंतरिक्ष यात्री ISS नहीं गया
  • 2021 में तीन भारतीय एस्ट्रोनॉट करेंगे स्पेस की यात्रा

दो साल पहले ह्यूमन स्पेस मिशन की तैयारी करने वाले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अपना पहला एस्ट्रोनॉट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station - ISS) के लिए भेज दिया है. पहली बार किसी इस्लामिक देश से कोई एस्ट्रोनॉट ISS पहुंचा है. अंतरिक्ष विज्ञान के मामले में UAE का कद भारत की तुलना में काफी छोटा है. लेकिन, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने एस्ट्रोनॉट हज्जा-अल-मंसूरी को भेजकर उसने भारत को एक कदम पीछे छोड़ दिया है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) का मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान 2021 में रवाना होगा. हालांकि, इस मिशन का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से कोई लेना-देना नहीं होगा. लेकिन भारतीय एस्ट्रोनॉट्स पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में 7 दिनों तक यात्रा करेंगे. 

अंतरिक्ष में अब तक कितने लोग जा चुके हैं - antariksh mein ab tak kitane log ja chuke hain
नासा ने बताया कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर किस देश के कितने अंतरिक्षयात्री अब तक पहुंचे हैं.

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अब तक दुनिया भर के 239 अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं. दुनियाभर के 19 देशों से गए ये अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से करीब 410 किमी की ऊंचाई पर स्थित स्पेस स्टेशन पर समय बिता चुके हैं. लेकिन भारत से अभी तक इस स्टेशन पर कोई नहीं गया है. अगर आप अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूची देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि वहां सबसे ज्यादा अमेरिकी यात्री गए हैं. इसके बाद रूस, जापान और कनाडा हैं.

आइए जानते हैं किस देश के कितने अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पहुंचे

  • अमेरिकाः 151
  • रूसः 47
  • जापानः 9
  • कनाडाः 8
  • इटलीः 5
  • फ्रांसः 5
  • जर्मनीः 3
  • बेल्जियम, नीदरलैंड्स, स्वीडन, ब्राजील, डेनमार्क, कजाख्सितान, स्पेन, ग्रेट ब्रिटेन, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरातः 1-1.

    239 people from 19 countries have now visited the International Space Station. Welcome aboard @Astro_Jessica ,@Astro_Hazzaa and Oleg Skripochka! https://t.co/a4xtg1CQSW pic.twitter.com/2LSuSLCjnk

    — Intl. Space Station (@Space_Station) September 25, 2019

2021 में भेजा जाएगा गगनयान, तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री करेंगे स्पेस की यात्रा

चंद्रयान-2 मिशन के बाद इसरो (ISRO) और भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) गगनयान (Gaganyaan) मिशन में लग गए हैं. गगनयान भारत का वह महत्वकांक्षी मिशन है, जिसमें तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में 7 दिन की यात्रा के लिए भेजना है. भारतीय वायुसेना ने इसके लिए 10 टेस्ट पायलटों का चयन कर लिया है. भारतीय वायुसेना ने हाल ही में ट्वीट करके कहा था कि अंतरिक्षयात्रियों के चयन का पहला चरण पूरा कर लिया है. सभी चयनित 10 टेस्ट पायलटों के सेहत की इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में जांच की गई है. इसमें ये सभी 10 पायलट सफलतापूर्वक पास हो चुके हैं.

7 दिनों तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किमी ऊपर लगाएंगे चक्कर

वायुसेना ने शुरुआत में कुल 25 पायलटों का चयन किया था. इनमें से पहला चरण सिर्फ 10 पायलट ही पार कर पाए. इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने हाल ही में भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि दिसंबर 2021 में इसरो तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. उससे पहले दो अनमैन्ड मिशन होंगे. ये दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में किए जाएंगे. इन दोनों मिशन में गगनयान को बिना किसी यात्री के अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके बाद दिसंबर 2021 में मानव मिशन भेजा जाएगा. ये मिशन सात दिनों का होगा. एक हफ्ते तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किमी की ऊंचाई पर यात्रा करेंगे.

रूस देगा भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग, मिशन की लागत 10 हजार करोड़

इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक रूस गगनयान में जाने वाले तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देगा. इन पायलटों को ट्रेनिंग के लिए इसी साल नवंबर के बाद रूस भेजा जा सकता है. गौरतब है कि देश के पहले अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा 2 अप्रैल 1984 में रूस के सोयूज टी-11 में बैठकर अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे. राकेश शर्मा भी भारतीय वायुसेना के पायलट थे. 10 हजार करोड़ रुपए के बजट वाले गगनयान मिशन की घोषणा पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.

अभी तक अंतरिक्ष में कितने लोग जा चुके हैं?

20 जुलाई 1969 को चांद पर अपोलो 11 मिशन से गए नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन गए थे। एक अंतरिक्ष यात्री और वैमानिक इंजिनियर नील आर्मस्ट्रांग साल 1971 में नासा (द नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) से रिटायर्ड हुए।

चंद्रमा पर कितने आदमी रह रहे हैं?

वैज्ञानिकों ने चांद पर इंसानों के रहने लायक जगह खोज ली है.

चांद पर अभी तक कौन कौन गया है?

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1- नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) : नील आर्मस्ट्रांग को दुनिया चाँद पर जाने वाले पहले व्यक्ति के रूप में जानते हैं। ... .
2- बज एल्ड्रिन (Buzz Aldrin) : बज एल्ड्रिन चाँद पर नील आर्मस्ट्रांग के साथ गए अपोलो 11 के वो दूसरे मेंबर हैं जिन्होंने चाँद पर कदम रखा।.

इंडिया के कितने लोग चांद पर गए हैं?

चंद्रमा पर अब तक भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं गया है। हालांकि, अब तक भारत के 4 लोग अंतरिक्ष में जा चुके हैं। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे।