मातृभाषा और उसका महत्व पर निबंध - maatrbhaasha aur usaka mahatv par nibandh

Rashtrabhasha hindi ka mahatva essay in hindi

Rashtrabhasha hindi ka mahatva essay in hindi-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Rashtrabhasha hindi ka mahatva essay in hindi आप सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा।

प्रस्तावना– आज हमारे देश में हिंदी भाषा का बहुत ही महत्व है। हमारा देश दुनिया का एक बहुत ही बेहतरीन देश है, हमारे देश के ज्यादातर लोग हिंदी भाषा बोलते हैं.

मातृभाषा और उसका महत्व पर निबंध - maatrbhaasha aur usaka mahatv par nibandh
Rashtrabhasha hindi ka mahatva essay in hindi

हिंदी भाषा आज हमारे देश में एक ऐसी भाषा बन चुकी है कि उसको किसी की भी जरूरत नहीं है मतलब हमारे देश की हिंदी भाषा आज इतनी फेमस हो चुकी है कि उसको लोगों की जरूरत नहीं बल्कि लोगों को हिंदी भाषा की जरूरत है.

आज हम देखें तो हिंदी भाषा इतनी तेजी से चल रही है कि इसके मुकाबले में कोई सी भी भाषा शायद नहीं है। इसके बहुत सारे कारण हैं। हमारी भाषा बहुत ही सरल है इसको सीखने के लिए ज्यादा कुछ सीखने की जरूरत नहीं पड़ती और यह भाषा हर कोई आसानी से सीख जाता है.

Rashtrabhasha hindi ka mahatva essay in hindi

हमारे पूरे देश में वैसे तो बहुत सारी भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन हिंदी भाषा ज्यादातर लोग बोलते हैं क्योंकि हिंदी हमारे देश की एक बहुत ही सरल भाषा है और 14 सितंबर 1949 को इसे राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया गया था.

आज हमारे देश के ज्यादातर लोग हिंदी भाषा को समझते हैं क्योंकि हिंदी हमारे दिल से जुड़ी हुई है,हिंदी इतनी फेमस भाषा हो चुकी है कि लोग उसे भूले नहीं पाते हैं.

आज हमारी हिंदी भाषा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हो चुकी है. पाकिस्तान मॉरिशस,नेपाल जैसे देशों में हिंदी बोलने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है इसके अलावा भी हमारे देश से बहुत से लोग जो हिंदी बोलते हैं और बाहर जाते हैं अमरीका और इंग्लेंड में जाते हैं तो वहां पर भी बहुत सारे लोग हिंदी बोलते है.

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हमारे देश में भले ही अंग्रेजी शासन काल से अंग्रेजी भाषा तेजी से फैल रही है लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग इंग्लिश नहीं बोल पाते क्योंकि इंग्लिश एक कठिन भाषा भी है और इसके एक शब्द को हम पढ़ते हैं तो लिखने में उसकी स्पेलिंग अलग अलग होती है.

आज हम हमारे देश के लोगों की सोच देखें तो अगर किसी को इंग्लिश बोलना नहीं आता है तो उसको लोग कम पढ़ा लिखा समझते हैं और जिसको हिंदी नहीं आती उसके बारे में लोग समझते हैं कि शायद ये इंग्लिश बोलता होगा,उसको लोग पढ़ा-लिखा समझते हैं लेकिन हमारे समाज में इस तरह की मानसिकता कम होती जा रही है और लोग हिंदी की ओर बहुत ज्यादा आकर्षित होते जा रहे हैं.

हिंदी भाषा की प्रसिद्धि- आने वाले समय में हिंदी भाषा बहुत बड़ी भाषा बनेगी क्योंकि इसका जो फेलने का प्रतिशत है 90% से भी ऊपर है. अगर कोई हिंदी बोले तो हमें उस इंसान को कम पढ़ा लिखा ना समझ कर,उसकी अवहेलना नहीं करना चाहिए क्योंकि हिंदी हमारे देश की मातृभाषा है.

अगर आप हिंदी भाषा का अपमान कर रहे हैं भले ही आज सरकारी काम ज्यादातर इंग्लिश में होते हैं लेकिन हिंदी के दिनादिन प्रसिद्ध होने के कारण मुझे लगता है कि आने वाले समय में सभी काम हिंदी में ही होने चाहिए.

हिंदी भाषा आज हमारे देश की शान बन चुकी है,हिंदी भाषा से आज लोग लाखों करोड़ों कमा रहे हैं बहुत से ऐसे हिंदी ब्लॉगर हैं जो अपने ब्लॉग पर हिंदी में जानकारी देकर बहुत सारा पैसा कमाते हैं क्योंकि हिंदी हर इंसान पढ़ना चाहता है,बोलना चाहता है,सुनना चाहता है लोगों को हिंदी से प्यार हो चुका है.

आज हम देखें तो इंटरनेट के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी Google ने भी हिंदी भाषा को पूरी तरह से सपोर्ट करना शुरू कर दिया है.Google ने भी हिंदी भाषा को तेजी से फैलाने के लिए तरह तरह की wiebsite और सॉफ्टवेर बनाए हैं जिनके जरिए आप इंग्लिश में लिखेंगे तो हिंदी में लिखा होगा.

आप जो भी बोलोगे वह हिंदी में लिखा हो जाएगा.आज दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां भी हिंदी के महत्व को समझकर इसका उपयोग कर रही हैं इसी के महत्व को समझते हुए दुनिया की सबसे तेजी से फैलने वाली वेबसाइट फेसबुक ने भी हिंदी को सपोर्ट किया है.

अगर आप कुछ भी इंग्लिश में मैसेज सेंड करते हो तो facebook से अपने आप हिंदी में सेंड हो जाता है यह सब Facebook ने किया क्योंकि सब जानते हैं कि भारत के लोगों को ही नहीं बल्कि दुनिया के बहुत सारे लोगों को हिंदी पसंद है.

हमारे देश की राष्ट्र भाषा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत से लोगों ने प्रयत्न किया क्योंकि वह इसके महत्व को समझते थे.वह समझते थे कि यह हमारे देश की भाषा है इसको आगे बढ़ना चाहिए.

हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सबसे पहले दयानंद सरस्वती ने एक आंदोलन किया था,उसके बाद महात्मा गांधी ने भी हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए आंदोलन किया और हमारे देश की भाषा हिंदी राष्ट्रभाषा बनी.हिंदी भाषा को हमारे देश में तेजी से फैलाने के लिए समय-समय पर बहुत सारे प्रोग्राम आयोजित होना चाहिए.

बहुत सारे लोग हैं जैसे कि हिंदी ब्लॉगर,हिंदी के टीचर और भी ऐसे लोग जिन्होंने हिंदी को समझते हुए उसको आगे बढ़ाने का और लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया हो उन सभी लोगों को सम्मान दिया जाना चाहिए.

कुछ सालों से ऐसा होता भी है कुछ प्रोग्राम होते हैं जिनमें हिंदी भाषा के महत्व को बताया जाता है. हिंदी भाषा को और भी तेजी से बढ़ावा मिलना चाहिए क्योंकि यह हमारे देश की भाषा है.

हिंदी भाषा का नाम हिंदी कैसे रखा गया– कहते हैं इस भाषा का नाम सिंधु नदी के नाम पर रखा गया. सिंधु नदी को कुछ लोग सिन्दू की जगह हिंदू कहने लगे और हिंदू से हिंदी हमारी भाषा बनी.

हमारे देश में हिंदी भाषा के महत्व को समझते हुए बहुत सारी हिंदी एडवर्टाइजमेंट कंपनियां जो हिंदी में अपने एडवर्टाइजमेंट वेबसाइट पर डालती है आई है. यह सब हुआ हिंदी के महत्व को समझते हुए क्योंकि हर इंसान समझता है।

उपसंहार– हिंदी बहुत ही तेजी से फैलती हुई एक बहुत ही अच्छी भाषा है इसे आगे बढ़ाना चाहिए. अगर कोई सिर्फ हिंदी में बात करता है तो उसको बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि हिंदी हमारे देश की भाषा है,यह राष्ट्रीय भाषा है. हिंदी भाषा का हमारेेे जीवन में काफी ज्यादा महत्व है। पूरे भारत देश में यह भाषा काफी प्रसिद्ध है

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मातृभाषा क्या है और इसका महत्व?

वास्तव में मातृभाषा मात्र अभिव्यक्ति या संचार का ही माध्यम नहीं, अपितु हमारी संस्कृति और संस्कारों की संवाहिका भी है। मातृभाषा में ही व्यक्ति ज्ञान को उसके आदर्श रूप में आत्मसात कर पाता है। भाषा से ही सभ्यता एवं संस्कृति पुष्पित-पल्लवित और सुवासित होती हैं।

मातृभाषा पर निबंध कैसे लिखते हैं?

मातृभाषा व्यक्ति की समाजिक भाषाई पहचान को दर्शाता है। अपनी मातृभाषा से जुड़कर ही व्यक्ति अपनी धरोहर से जुड़ता है और उसे आगे बढ़ाने का प्रयास करता है। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न मातृभाषा अनूठी हैं, समस्त स्वरस से पूर्ण हैं। अपनी सभ्यता के लिए यह भाषाएं प्रमुख हैं

मातृभाषा क्या है pdf?

इस स्तर पर मातृभाषा दहींदी का अध्ययन सादहष्त्यक, साींस्कृततक और व्यावहाररक भाषा के रूप में कुछ इस तरह सेहो कक उच्चतर माध्यलमक स्तर पर पहुँचते-पहुँचते यह ववद्याधर्थायों की पहचान, आत्मववश्वास और ववमशा की भाषा बन सके।

हमारी मातृ भाषा क्या है?

भारत के संविधान के भाग 17 के अनुच्‍छेद 343(1) में कहा गया है कि राष्‍ट्र की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागिरी होगी. किसे कहते हैं मातृभाषा? मातृभाषा वह भाषा है जो हम जन्‍म के साथ सीखते हैं. जहां हम पैदा होते है, वहां बोली जाने वाली भाषा खुद ही सीख जाते हैं.