वायु प्रदूषण पर निबंध 20 लाइन - vaayu pradooshan par nibandh 20 lain

वायु प्रदूषण पर निबंध - जीवन की तीन अनिवार्य आवश्यकताएँ हैं - वायु, जल और भोजन। इनके बिना मानव जीवन संभव नहीं हैं। इन तीनों में वायु सबसे अनिवार्य है क्योंकि इसके बिना मानव का दो मिनट भी जीवित रहना मुश्किल होगा। इस तरह हम समझ सकते हैं कि स्वच्छ वायु हमारे लिए कितना जरूरी है। वायु गैसों का मिश्रण है, इस मिश्रण का लगभग 78% प्रतिशत भाग नाइट्रोजन और 21% भाग ऑक्सीजन है। कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन, आर्गन, जल वाष्प की भी वायु में अल्प मात्रा में मौजूद रहती है।
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वायु प्रदूषण पर निबंध 20 लाइन - vaayu pradooshan par nibandh 20 lain

औद्योगीकरण की तेज रफ़्तार ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) को जन्म दिया है। वायु प्रदूषण पर निबंध के जरिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी, वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution in hindi) से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी। साथ ही पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on World Environment Day) लिखने में भी यह लेख उनकी सहायता करेगा।

हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on air pollution) में सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि वायु प्रदूषण क्या है? मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद ऐसे तत्व प्रदूषक कहलाते हैं, जो प्राकृतिक तौर पर वायु में नहीं पाए जाते हैं और वायु में ऐसे प्रदूषकों के मिलने से वायु प्रदूषण होता है। जब वायु में प्रदूषक तत्व उपस्थित होते हैं, तो कहा जाता है कि वायु प्रदूषित है।

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वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण कितने प्रकार का होता है?

वायु प्रदूषण के प्रकार को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है -

  1. प्राथमिक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण- प्राथमिक प्रदूषक वाले प्रदूषण में ज्वालामुखी विस्फोट से राख, लावा धुँआ; वाहनों आदि से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस, कारखानों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड गैस आदि से होने वाला प्रदूषण आता है।

  2. द्वितीयक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण- द्वितीयक प्रदूषक सीधे उत्सर्जित नहीं होते हैं। बल्कि जब प्राथमिक प्रदूषक आपस में क्रिया या प्रतिक्रिया करते हैं तब वे वायु में निर्मित होते हैं। जमीनी स्तर की ओज़ोन द्वितीयक प्रदूषक का प्रमुख उदाहरण है जो धूम-कोहरा (स्मॉग) बनाती है।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण के कारण

वायु प्रदूषण पर निबंध के इस भाग में अब हम वायु प्रदूषण के स्रोतों के बारे में जानेंगे। वायु प्रदूषण के स्रोतों को दो भागों में बाँटा जा सकता है-

विभिन्न प्रकार के ईंधनों के दहन से संबंधित मानवजनित स्रोत (मानव गतिविधि) और प्राकृतिक स्रोत।

वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक मानवीय गतिविधियाँ हैं। विद्युत संयंत्र, कल-कारखाने, लकड़ी, कोयले और उपले या अन्य सामग्रियों के दहन से निकले वाली गैस और वाहनों से निकलने वाला धुँआ आदि इसका एक प्रमुख कारण है।

कभी-कभी वायु प्रदूषण प्राकृतिक कारणों से जैसे कि ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाला धुँआ या धूल होते हैं, तो कई बार वनों में लगने वाली आग से निकलने वाला धुँआ भी होता है।

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वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

वायु प्रदूषण के कारण होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, खाँसी, अस्थमा और श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों का होना शामिल हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण खराब हुई वायु गुणवत्ता के मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन मुख्य रूप से शरीर की श्वसन प्रणाली और हृदय प्रणाली पर अधिक प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषकों के प्रति व्यक्ति विशेष पर पड़ने वाला असर संपर्क में आने वाले प्रदूषक के प्रकार, उस वातावरण में बिताए गए समय, व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आनुवंशिकी पर निर्भर करता है। वायु प्रदूषण के सबसे आम स्रोतों में निलंबित कण, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड आदि आते हैं। घर के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण की स्थिति के कारण होने वाली कुल मौतों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि विकासशील देशों में रहने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर वायु प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2014 में लगाए गए अनुमान के अनुसार हर साल वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की असमय मौत होती है। मार्च 2019 में प्रकाशित अध्ययनों से पता चलता है कि यह संख्या लगभग 88 लाख तक हो सकती है। पर्यावरणीय स्वास्थ्य खतरों के कारण होने वाली मौतों के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा कारण है। वायु प्रदूषण के कारण भारत में मृत्यु दर सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में अस्थमा से अधिक मौतें होती हैं। दिसंबर 2013 में चीन में हर साल वायु प्रदूषण से 500,000 लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था। इस तरह हम देख सकते हैं कि वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति मानव जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारियों को न केवल समझना होगा, बल्कि निभाने की भी जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण कैसे कम किया जा सकता है?

वायु प्रदूषण पर निबंध के इस अहम भाग में हम वायु प्रदूषण की समस्या को खत्म या कम करने के कुछ उपायों के बारे में जानेंगे-

  1. पेड़-पौधे वातावरण की कार्बन डाईऑक्साइड को खींचकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के सबसे अहम उपायों में से एक है बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाना।

  2. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और कड़ाई से इसका पालन किया जाना चाहिए। जंगलों में लगने वाली आग के त्वरित नियंत्रण के उपाय किए जाएँ।

  3. जीवाश्म ईंधन के बजाए वैकल्पिक ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा का प्रयोग किया जाए।

  4. कल-कारखानों में प्रदूषण मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

  5. वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार गतिविधियों को सीमित या बंद किया जाए।

  6. नागरिकों को वायु प्रदूषण के नुकसान, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों और इन्हें रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना।

  7. प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को शहर और रिहायशी इलाकों से दूर रखना।

  8. ऐसी तकनीकों का उपयोग करना जिससे कम से कम धुँआ उत्सर्जित हो।

उम्मीद है कि वायु प्रदूषण पर निबंध (वायु प्रदूषण पर लेख) से वायु प्रदूषण को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली होगी और हम सब वायु प्रदूषण पर निबंध में बताई गई जानकारियों का उपयोग कर वायु प्रदूषण को कम कर बेहतर पर्यावरण के निर्माण की दिशा में अपना छोटा लेकिन बेशकीमती योगदान देंगे।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - कुछ विचार और नारे

प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरल शब्दों में नारे (स्लोगन) तैयार किए जाते हैं जो आसानी से समझ में आ जाते हैं और लंबे समय तक याद भी रहते हैं। प्रदूषण, विशेषकर वायु प्रदूषण के बारे में नीचे हमने कुछ नारे संकलित किए हैं जिनका उपयोग लोगों को जागरूक करने और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किया जा सकता है।

नीचे वायु प्रदूषण पर नारे हिंदी में दिए गए हैं-

1. स्वच्छ वायु के लिए हमें कुछ कर दिखाना होगा; पेड़ों, बाग-बगीचों को हमें कटने से बचाना होगा।

2. तरक्की की क्या हमने गढ़ी कहानी है, वायु प्रदूषण इसकी सबसे बड़ी निशानी है।

3. जागरूक नागरिक बनिए, वायु प्रदूषण फैलाने से बचिए।

4. वायु प्रदूषण को मिलकर हटाएँं, आओ सब मिलकर ढेर सारे पड़े लगाएँ।

5. कुछ पाने की हमने बड़ी कीमत चुकाई, अपनी साँसों को खुद हमने जहरीली हवा पिलाई।

6. जागो तुम, जागेगा भारत, शुद्ध वायु पायेगा भारत।

7. स्वच्छ हवा जो पाना है, सबको पेड़ लगाना है।

8. बच्चों के भविष्य की ओर देखो, वायु प्रदूषण को रोको।

9. सबका एक ही नारा, प्रदूषण मुक्त हो देश हमारा।

11. स्वस्थ और बलशाली लोग भी वायु प्रदूषण से प्रभावित हो सकते हैं।– जेन लैपिंग

12. धरती माता अपने सभी बच्चों के साथ गैस चैंबर की ओर जा रही हैं- स्टीवन मैगी

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - उपसंहार

स्वार्थपरता से ऊपर उठकर दुनिया के सभी देशों को इसमें अपनी भूमिका का सक्रियता से निर्वहन करने की जरूरत है। दुनिया के बड़े और शक्तिशाली देशों सबसे अधिक वायु प्रदूषण किया हैं इसलिए इसकी रोकथाम करने की दिशा में भी सबसे बड़ी जिम्मेदारी इन्हीं की बनती है, क्योंकि न केवल जरूरी संसाधन और विशेषज्ञता के कारण ये ऐसा करने में सक्षम हैं बल्कि इनके ही कर्मों की सजा पूरी दुनिया को भुगतनी पड़ रही है। वायु प्रदूषण दुनिया में तेजी से बढ़ रही एक समस्या है, जिसकी रोकथाम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। छोटे-छोटे व्यक्तिगत प्रयास भी इसमें अहम भूमिका निभाएँगे। हम सभी को पर्यावरण प्रदूषण रोकने और वायु प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका को समझना होगा और उसका ईमानदारी के साथ निर्वहन करना होगा, केवल तभी वायु प्रदूषण की समस्या पर लगाम कसी जा सकेगी।

वायु प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखा जाता है?

विद्युत संयंत्र, कल-कारखाने, लकड़ी, कोयले और उपले या अन्य सामग्रियों के दहन से निकले वाली गैस और वाहनों से निकलने वाला धुँआ आदि इसका एक प्रमुख कारण है। कभी-कभी वायु प्रदूषण प्राकृतिक कारणों से जैसे कि ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाला धुँआ या धूल होते हैं, तो कई बार वनों में लगने वाली आग से निकलने वाला धुँआ भी होता है।

क्या वायु प्रदूषण के 10 कारण होते हैं?

Vayu Pradushan par 10 Vakya – Set 1 1) वातावरण की वायु में घुली हानिकारक गैस और अशुद्ध कण वायु प्रदुषण कहलाती हैं। 2) उद्योग, वाहन व ज्वालामुखी से उत्सर्जित गैस वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। 3) मानवजनित गतिविधियां वायु प्रदूषण के कारण होते हैं। 4) जीवाश्म ईंधन का अधिक दोहन और जंगल की आग भी प्रदूषण का कारण है।

वायु प्रदूषण क्या है निबंध?

जो कि वातावरण में लगभग 24% है। लेकिन धीरे-धीरे पृथ्वी में हो रहे बदलाव के कारण ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही है, इसमें कई प्रकार की विषैली गैसे घुल रही है। साधारण शब्दों में कहें तो स्वच्छ वायु में रसायन, सूक्ष्म पदार्थ, धूल, विषैली गैसें, जैविक पदार्थ, कार्बन डाइऑक्साइड आदि के कारण वायु प्रदूषण होता है।

वायु प्रदूषण कैसे लिखें?

वायु प्रदूषण.
वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।.
वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग होते हैं। ... .
यह वातावरण एक जटिल, गतिशील प्राकृतिक वायु तंत्र है जो पृथ्वी गृह पर जीवन के लिए आवश्यक है।.