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भाषा शिक्षण के सिद्धांत (हिंदी शिक्षण शास्त्र) पर अध्ययन नोटBy Shashi Kant|Updated : June 17th, 2022 सीटीईटी, एचटीईटी, यूपीटीईटी और अन्य एसटीईटी परीक्षाओं के हिंदी भाषा खंड में हिंदी शिक्षाशास्त्र एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें प्रत्येक पेपर में 30 अंकों का भार होता है। दोनों पेपरों के लिए हिंदी सामग्री और हिंदी अध्यापन का परीक्षा पैटर्न प्राथमिक स्तर और उच्च प्राथमिक स्तर पर आधारित होगा। इस विषय में भाषा "शिक्षण के सिद्धांत" एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। तो, सीटीईटी की तैयारी में आपकी मदद करने के लिए भाषा शिक्षण के सिद्धांत अध्ययन नोट्स यहां दिए गए हैं। Read Full Article भौतिक या आध्यात्मिक रूप से, हर कथन एक मूलभूत सच्चाई—एक सिद्धांत—का उदाहरण है और हर कथन नियमों के लिए आधार प्रदान करता है। लेकिन, नियम अल्पकालिक हो सकते हैं और वे सुनिश्चित होते हैं। दूसरी ओर, सिद्धांत व्यापक होते हैं और सर्वदा टिक सकते हैं।उदाहरण के लिए, एक बच्चे को शायद यह नियम दिया जाए, “स्टोव को नहीं छूना।” लेकिन एक वयस्क के लिए इतना कहना ही काफ़ी होगा कि “स्टोव गरम है।” ध्यान दीजिए कि आख़िरी कथन ज़्यादा व्यापक है। क्योंकि यह सच्चा कथन हमारे कार्यों पर असर डालेगा—इस मामले में अगर हम पकाएँ, सेकें, या स्टोव बंद करें—यह एक अर्थ में एक सिद्धांत बन जाता है।उसी प्रकार भाषा शिक्षण के कुछ प्रमुख सिद्धांत होते हैं, जिनसे सही एवं प्रभावी शिक्षण का आधार स्पष्ट होता है। सर्वप्रथम, यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि शिक्षण हेतु तीन तत्वों का होना अत्यावश्यक है - शिक्षक, शिक्षार्थी एवं पाठ्यक्रम(पठन सामग्री)। इन्ही तत्वों पर शिक्षण के सभी सिद्धांत आधारित हैं क्यूंकि शिक्षक शिक्षार्थी को पाठ्यक्रम कैसे, कब और क्यों पढ़ाये, जिससे प्रभावी शिक्षण हो सके, यही सब शिक्षण को सही दिशा प्रदान करते हैं। शिक्षण के कुछ सामान्य सिद्धांत
मनोवैज्ञानिकों ने भाषा शिक्षण हेतु कुछ अन्य महत्वपूर्ण सिद्धांत
एक भाषा शिक्षक के रूप में आपका कर्तव्य होता है कि भाषा की शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, रुचिकर बनाने हेतु तथा शिक्षार्थियों की अधिकाधिक प्रतिभागिता प्राप्त करने हेतु इन सभी सिद्धांतों को बहुत सही से प्रयोग में लाना चाहिए। ये सभी शिक्षण को सही दिशा प्रदान करने के साथ -साथ शिक्षण में आने वाली अपरिचित कठिनाइयों का हल ढूंढ़ने में भी शिक्षक के लिए बहुत सहायक सिद्ध हो सकते हैं। Thanks! Download the BYJU’S Exam Prep App Now. #DreamStriveSucceed CTET & State TET ExamsTETCTETUPTETREETHTETOther TET ExamsTET Exams Mock Test SeriesMeghalaya TETMaharashtra TET Featured ArticlesFollow us for latest updates बच्चे भाषा कैसे सीखते हैं विभिन्न सिद्धान्तों के आधार पर समझाइए?साहचर्य(संगति) का सिद्धांत - बच्चे सर्वप्रथम भाषा अपने परिवार और समाज अर्थात अपनी संगति से सीखते हैं। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि बच्चों को भाषा सीखने के लिए एक समृद्ध भाषिक परिवेश मिले, जिससे अपने हर तरह भाषा का प्रयोग होते देख बच्चा सहज रूप से भाषा को अधिक सीखने लगेगा।
बच्चों की भाषा कैसे सीखते हैं?बच्चे भाषा कैसे सीखते हैं?. भाषा सीखना स्वाभाविक है और बच्चे इसे सीखने की क्षमता के साथ पैदा होते हैं। ... . भाषा सीखने के बुनियादी चरण. तीन बुनियादी चरण हैं जिनमें बच्चे अपनी भाषा कौशल विकसित करते हैं।. स्टेज वन: लर्निंग साउंड्स. जब बच्चे पैदा होते हैं, तो वे दुनिया की सभी भाषाओं में सभी ध्वनियों को बना और सुन सकते हैं।. पियाजे के अनुसार बच्चे भाषा कैसे सीखते हैं?पियाजे के अनुसार भाषा अन्य संज्ञानात्मक तन्त्रों की भाँति परिवेश के साथ अन्तः क्रिया के माध्यम से ही विकसित होती है। दूसरी ओर वाइगोत्स्की के अनुसार, बच्चे की भाषा समाज के साथ सम्पर्क का ही परिणाम है, साथ ही बच्चा अपनी भाषा के विकास के दौरान दो तरह की बोली बोलता है: पहली आत्मकेन्द्रित और दूसरी सामाजिक।
भाषा के मुख्य सिद्धांत कौन कौन से हैं?भाषा के सिद्धांत. अनुकरण का सिद्धांत (Principle of Imitation) ... . क्रियाशीलता का सिद्धांत (Principle of Activity) ... . वास्तविक जीवन से जोड़ने का सिद्धांत ... . अभ्यास का सिद्धांत (Principle of Exercise) ... . बहु माध्यमों का सिद्धांत (Principle of Multimedia) ... . बोलचाल का सिद्धांत (Principle of Conversation). |