भ्रूणपोष का दूसरा नाम क्या है? - bhroonaposh ka doosara naam kya hai?

मटर व मूंगफलीमक्का व अरण्डीअरण्डी व मूंगफलीमक्का व मटर।

Solution : भ्रूणपोष, बीज के भोजन संग्रहण (संचित) ऊतक का प्रतिनिधित्व करता है। यह आवृत्तबीजियों में दोहरे निषेचन के फलस्वरूप उत्पन्न होता है। अधिकांश एकबीजपत्रियों और कुछ द्विबीजपत्रियों में संचित भोजन भ्रूणपोष में रहता है। ये भ्रूणपोषीय या एल्ब्यूमिनस बीज कहलाते हैं, उदाहरण-अनाज, अरण्डी, नारियल, रबर। हालांकि द्विबीजपत्री बीजों (उदाहरण-मटर, चना, सेम, सरसों, मूंगफली) में और कुछ एकबीजपत्री बीजों (उदाहरण-आर्किड्स, सैजीटेरिया) में भ्रूणपोष का बीज विकास के दौरान उपभोग कर लिया जाता है और भोजन बीजपत्रों व दूसरे क्षेत्रों में संचित रहता है। ये अभ्रूणपोषी या एक्सएल्ब्यूमिनस बीज कहे जाते हैं।

Solution : इस प्रकार के भ्रूणपोष में भ्रूणपोष केन्द्रक के विभाजन के द्धारा दो कोशिकाएँ बनाती हैं-उनमें एक बड़ी होती है तथा दूसरी छोटी । बड़ी कोशिका को माइक्रोपाइलर चैम्बर (micropylar chamber) तथा छोटी को चैलेजल चैम्बर (chalazal chamber) कहते हैं । माइक्रोपाइलर चैम्बर। के केन्द्रक में विभाजन के द्धारा मुख्य भ्रूणपोष बनता है। यह एकबीजपत्री पौधों के हेलोबी (Helobiae) समुदाय में पाया जाता है।

भ्रूणपोष को हिंदी में क्या कहते हैं?

कुछ पौधों के बीजों में खाद्य संग्रह के लिए विशेष प्रकार की रचना पाइ जाती है जिन्हें भ्रूणपोष कहते हैं

भ्रूणपोष कितने प्रकार के होते हैं?

Solution : आवृत्तबीजी पौधों में विकास के आधार पर तीन प्रकार का भ्रूणपोष बनता हैं। <br>(i) केन्द्रकीय भ्रूणपोष<br>(ii) कोशिकीय भ्रूणपोष<br>(iii) हेलोबियल भ्रूणपोष। <br>(1) केन्द्रीय भ्रूणपोष निर्माण में प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक का बार-बार समसूत्री विभाजन होता है परन्तु भित्ति का निर्माण नहीं होता है।

भ्रूणपोष कैसे बनता है?

Solution : भ्रूणपोष का निर्माण निषेचन के पश्चात होता है, Endospermic seed-गैहूँ, मक्का आदि में भ्रूणपोष बीजों के अंकुरण के समय तक पाया जाता है। इसमें भोजन, भ्रूणपोष में संचित रहता है, बीजपत्र पतले होते हैं, Non-Endospoermic seed-चना, सेम, मटर में भ्रूणपोष भ्रूण परिवर्धन में पूर्ण रूप से प्रयोग हो जाता है।

भ्रूणपोष का क्या कार्य है?

Solution : भ्रूणपोष विकसित हो रहे भ्रूण को पोषण प्रदान करता है। इसके अंदर बीज निर्माण के समय भोज्य पदार्थों को संगृहीत कर लिया जाता है, यही भोजन भ्रूण को पोषण देता है।