भारत में बाल दिवस कब से शुरू हुआ? - bhaarat mein baal divas kab se shuroo hua?

Children's Day 2022: बच्चें देश का भविष्य हैं. हम सब लोग बचपन से ही हर साल बाल दिवस या Children’s Day को मनाते आ रहे हैं. परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि 14 नवंबर को ही क्यों इसे मनाया जाता है? भारत में बाल दिवस कैसे मनाया जाता है इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर को जानने के लिए आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

भारत में बाल दिवस कब से शुरू हुआ? - bhaarat mein baal divas kab se shuroo hua?

भारत में बाल दिवस कब से शुरू हुआ? - bhaarat mein baal divas kab se shuroo hua?

Children's Day in India

Children's Day 2022: बाल दिवस भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में 14 नवंबर को मनाया जाएगा.

बच्चों के अधिकारों, देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे देश में बाल दिवस को मनाया जाता है.

बच्चे मन के सच्चे होते हैं और प्रत्येक माता पिता के लिए इश्वर का दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार होते हैं. इस दिवस को मनाने के पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का बच्चों के प्रति प्रेम और लगाव था.

सबसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू के बारे में अध्ययन करते हैं

भारत में बाल दिवस कब से शुरू हुआ? - bhaarat mein baal divas kab se shuroo hua?

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था. वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे जिन्होंने सबसे लम्बे काल तक प्रधानमंत्री के रूप में भारत का नेतृत्व किया था. वे शांति और समृद्धता के सबसे बड़े समर्थक थे. उनका जन्म दिवस भारत में एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है. पंडित जवाहर लाल नेहरू को सिर्फ उनके राजनीतिक कैरियर के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के बीच प्रसिद्धि के लिए भी जाना जाता है. वे बच्चो से उतना ही प्यार करते थे जितना कि लाल रंग के गुलाब से.

बाल दिवस 14 नवंबर को भारत में क्यों मनाया जाता है?

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को बच्चे प्यार से चाचा नेहरु कह कर बुलाते थे क्योंकि वे उनका सम्मान और प्यार करते थे. चाचा नेहरु का भी बच्चों के प्रति काफी लगाव था और वो हमेशा उनके बीच में रहना पसंद करते थे. भारत की आजादी के बाद बच्चों और युवाओं के लिए पंडित नेहरु ने काफी अच्छे काम किए.

जब वे प्रधानमंत्री बने तो उनकी पहली प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा ही थी. युवाओं के विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए भारत में उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की और देश को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाई.

भारत में बाल दिवस कब से शुरू हुआ? - bhaarat mein baal divas kab se shuroo hua?

Source: www.samacharnama.com

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार किस आधार पर दिया जाता है?

उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारम्भ कर भारत में उद्योग के एक नए युग की शुरुआत की. इतना ही नहीं नि:शुल्क प्राथमिक शिक्षा, बच्चों को भारत में कुपोषण से बचाने के लिए स्कूलों में दूध सहित मुफ्त भोजन को भी शामिल किया. चाचा नेहरु का कहना था कि बच्चें देश का उज्वल भविष्य हैं. केवल सही शिक्षा, देखभाल और प्रगति के रास्ते पर उनको चलाकर एक नया जीवन दिया जा सकता है. इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु (1964) के बाद उनको सम्मान देने के लिए भारत में उनके जन्मदिन की तिथि यानी 14 नवंबर को Children's Day के रूप में मनाया जाने लगा.

परन्तु क्या आप जानते हैं कि आजादी के बाद और 1964 से पहले तक भारत में Children's Day 20 नवंबर को मनाया जाता था. ऐसा क्यों? आइये जानते हैं.

वर्ष 1925 में Children's Day की नींव रखी गई थी. 1953 में इसको दुनिया भर में मानयता प्राप्त हुई.

20 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने Children's Day मनाने की घोषणा की. इसी के कारण भारत में भी 20 नवंबर को Children's Day मनाया जाने लगा. परन्तु कई देशों में ये अलग-अलग दिन भी मनाया जाता है.

जैसे कि 1950 से बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर कई देशों में Children's day के रूप में मनाया जाता है. जिसे वर्ल्ड चिल्ड्रन डे कहते है.

भारत में आजादी के बाद पहला Children's Day वर्ष 1959 में मनाया गया था.

लेकिन वर्ष 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरु की म्रत्यु होने के बाद 20 नवंबर को बदलकर उनके जन्मदिन यानी 14 नवंबर कर दिया गया. आज भी दुनिया में कई देश बाल दिवस 20 नवंबर को ही मनाते हैं.

यह दिन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने की याद दिलाता है और साथ ही देश के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरु के योगदान, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में उपलब्धि और शांति प्रयासों के लिये उनको सम्मान देने के उद्देश्य से बाल दिवस 14 नवंबर को भारत में मनाया जाता है.

भारत में बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?

इस दिन सम्पूर्ण भारत में ढेर सारे सांस्कृतिक और आनंददायक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. समस्त भारत में सरकारी और गैर सरकारी संगठनों, स्कूलों, निजी निकायों और अन्य संगठनो के द्वारा इस दिवस को मनाया जाता है. विभिन्न संस्थाओ के द्वारा भी अनेक प्रतियोगी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि बच्चे अपने अधिकारों के बारे में जान सकें और अपने जीवन को खुशहाल बना सकें. इस तिथि को टीवी चैनलों द्वारा भी अनेक कार्यक्रमों को समपादित किया जाता है. बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों के साथ होने वाले समाहरोह में भाग लेते हैं, उन्हें उपहार देते हैं, और समारोह का आनंद सब मिलकर उठाते हैं.

अनाथ और गरीब बच्चों के साथ समारोह का आयोजन कैसे होता है?

भारत में बाल दिवस कब से शुरू हुआ? - bhaarat mein baal divas kab se shuroo hua?

Source:www.palpalindia.com.com

कई गैर सरकारी संगठनों के द्वारा गरीब और सुविधाओं से वंचित बच्चों के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दिवस पर बच्चों को ढेर सारे गिफ्ट और चॉकलेट वितरित किये जाते हैं, अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चें विविध किस्मों की पोशाकें और फैंसी ड्रेस पहनकर प्रतियोगिता में भाग लेते हैं. साथ ही इस दिवस को अनेक वाद-विवाद से जुडी प्रतियोगिता का आयोजन और स्वतंत्रता सेनानियों, देश की सेवा करने वाले लोगों से जुड़ी कहानियां सुनाई जाती हैं. इन कार्यक्रमों में गायन, नृत्य और अन्य संगीत कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है जिसमें अनेक संगीत से जुड़े उपकरणों के साथ मनोरंजक जैसे सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम होते हैं. इस तिथि को बच्चों को अनेक उपहार जैसे खिलौने इत्यादि प्रदान किये जाते हैं. साथ ही बच्चों को अनेक मशहूर एवं प्रसिद्ध संगीतकारों के संगीत गायन को सुनाने का अवसर मिलता है. इसके अलावा बच्चे स्वास्थ्य से जुड़े भाषण और स्वयं को देखभाल करने की प्रक्रिया का ज्ञान प्राप्त करते हुए आनंद उठाते हैं.  

बाल दिवस समारोह का क्या उद्देश्य है?

किसी भी देश का भविष्य उनके वर्तमान बच्चों के ऊपर निर्भर करता है. यदि उनका विकास उचित तरीके से नहीं होगा तो उनका विकास संभव नहीं होगा और वे देश के भविष्य में अपना योगदान देने में सहयोग नहीं कर सकेंगे. पूरे समाज को बच्चों के अधिकारों और उनके विचारों पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही समाज में उपस्थित लोग इन बच्चों के लिए गुजरे हुए समय में क्या किये हैं और भविष्य में और क्या कर सकते हैं के बारे में भी विचार करना चाहिए. इस तरह से हम एक विकसित राष्ट्र का सपना देख सकते हैं क्योंकि बच्चे ही देश के भविष्य की दिशा का निर्धारण कर सकते हैं और देश को विकसित करने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं.

तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा कि भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है और दुनिया इसे कब-कब मनाती है. साथ ही किस प्रकार से भारत में इस दिवस को मनाया जाता है इत्यादि.

प्राचीन भारत के 5 वैज्ञानिक

जानें दुनिया के 10 सबसे अधिक बुद्धिमान लोगों के बारे में !

भारत में बाल दिवस की शुरुआत कब हुई?

पहले हमारे देश में भी चिल्ड्रंस डे 20 नवंबर को ही मनाया जाता था लेकिन साल 1964 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद से उनकी बर्थ एनिवर्सिरी को इस दिन के लिए चुना गया और तब से भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस सेलिब्रेट मनाया जाता है.

बाल दिवस 2022 की थीम क्या है?

लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सम्मान में 1964 से संसद में एक प्रस्ताव पास करके 14 नवंबर को बाल दिवस घोषित कर दिया गया। तब ते देश में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस साल के वर्ल्ड चिल्ड्रेंस डे का थीम है- इंक्ल्यूजन, फॉर एव्री चिल्ड्रेन।

बाल दिवस पर किसका जन्म हुआ था?

Children's Day Speech in Hindi : भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर को हर साल देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस 14 नवंबर का दिन देश के बच्चों को समर्पित है।

14 नवंबर क्यों प्रसिद्ध है?

इस प्रकार, भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था. वह बच्चों से बहुत प्यार करते थे. उन्हें गुलाब भी बहुत पसंद थे.