भारत में पहला कारखाना अधिनियम कब पारित किया गया था?
Show Answer (Detailed Solution Below)Option 1 : 1881 Free UPSC Civil Service Prelims General Studies Mock Test 100 Questions 200 Marks 120 Mins सही उत्तर 1881 है। Key Points
Last updated on Sep 21, 2022 The Odisha Public Service Commission (OPSC) has released the OPSC OAS Prelims Exam time table. This is in reference to the 2021 cycle. The candidates must note that the exam will be conducted on 16th October 2022. The Paper 1 (GS) will be conducted from 10 am to 12 noon for 100 questions and Paper 2 (GS) will be conducted from 1:30 pm to 3:30 pm for 80 questions. Those candidates who are preparing for the exam must attempt OPSC OAS Previous Year Papers. 1881 का कारखाना अधिनियमः-
मुख्य प्रावधान-
1891 का कारखान अधिनियम
मुख्य प्रावधान –
1911 का कारखान अधिनियम
मुख्य प्रावधान –
1922 का कारखाना अधिनियम
मुख्य प्रावधान –
1934 का कारखाना अधिनियम
मुख्य प्रावधान –
1946 का संशोधन अधिनियम
मुख्य प्रावधान –
नोटः-स्वतंत्र भारत का पहला विस्तृत कारखाना अधिनियम 1948 ई. में लाया गया। Read More- भारत में पहला चरखे का उपयोग मिलता है भारत में पहला फैक्ट्री अधिनियम क्या प्रतिबन्धित करता है?इस अधिनियम के तहत अंतर्गत 7 वर्ष से कम आयु के किसी बच्चे को कारखाने में काम कराना पूरी तरह प्रतिबंधित था तथा 7 वर्ष से 12 वर्ष के बच्चों के काम करने की अवधि 9 घंटे निर्धारित की गई। इस अधिनियम के तहत प्रतिदिन के कार्य घंटों का निर्धारण निश्चित किया गया और महीने में कम से कम चार छुट्टी का प्रावधान भी लागू किया गया।
पहला फैक्ट्री अधिनियम कब लागू हुआ?सही उत्तर 1881 है। 1875 में, सभी कारखानों की स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक समिति नियुक्त की गई थी। लॉर्ड रिपन के समय में पहला कारखाना अधिनियम 1881 में लागू किया गया था। 7-12 वर्ष की आयु के बच्चों को अधिकतम 9 घंटे/दिन काम करना था।
भारतीय फैक्ट्री अधिनियम के तहत प्रति सप्ताह अधिकतम कितने घंटे कार्य के है?इस एक्ट के मुताबिक कोई व्यक्ति 48 घंटे से अधिक प्रति सप्ताह कार्य नहीं करना चाहिए। तथा 9 घंटे प्रतिदिन से ज्यादा कार्य नही कर सकता।
कारखाना कानून 1819 में क्या था?कॉटन मिल्स और कारखाना अधिनियम 1819 ( 59 जियो। तृतीय c66 ) ने कहा कि 9 के तहत कोई बच्चों नियोजित किया जा रहे थे और उस वर्ष की आयु 9-16 साल के बच्चों को प्रति दिन 12 घंटे के काम तक ही सीमित थे। यह केवल कपास उद्योग पर लागू होता है, लेकिन सभी बच्चों को कवर करता है, चाहे प्रशिक्षु हों या नहीं।
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