भारत में पहला फैक्ट्री अधिनियम क्या प्रतिबंधित करता है? - bhaarat mein pahala phaiktree adhiniyam kya pratibandhit karata hai?

भारत में पहला कारखाना अधिनियम कब पारित किया गया था?

  1. 1881
  2. 1891
  3. 1901
  4. 1911

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 1881

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UPSC Civil Service Prelims General Studies Mock Test

100 Questions 200 Marks 120 Mins

सही उत्तर 1881 है।

भारत में पहला फैक्ट्री अधिनियम क्या प्रतिबंधित करता है? - bhaarat mein pahala phaiktree adhiniyam kya pratibandhit karata hai?
Key Points

  • 1875 में, सभी कारखानों की स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक समिति नियुक्त की गई थी।
  • लॉर्ड रिपन के समय में पहला कारखाना अधिनियम 1881 में लागू किया गया था।
  • इस अधिनियम में शामिल हैं:
    • 7-12 वर्ष की आयु के बच्चों को अधिकतम 9 घंटे/दिन काम करना था।
    • 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रतिबंधित किया गया था।
    • मध्याह्न भोजन का अंतराल, 4 अवकाश/माह, और कारखाने में मशीनरी की बाड़ भी प्रदान की गई।
    • दुर्घटनाओं से बचने के लिए खतरनाक मशीनों को ठीक से घेरा जाना चाहिए।
    • यह अधिनियम केवल यांत्रिक शक्ति का उपयोग करने वाले कारखानें, जो 100 से कम श्रमिकों को रोजगार नहीं देतें है और एक वर्ष की सीमा में 4 महीने से अधिक समय तक काम नहीं करता है, पर लागू होता है।
    • इस अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए, निरीक्षकों की नियुक्ति की जाती है।

Last updated on Sep 21, 2022

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1881 का कारखाना अधिनियमः-
  • गवर्नर जनरल- लॉर्ड रिपन
  • इस अधिनियम का उद्देश्य अल्पायु श्रमिकों को संरक्षण एवं उनके लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की व्यवस्था करना था।

मुख्य प्रावधान-

  1. उन कारखानों पर लागू, जहां श्रमिकों की संख्या कम से कम 100 थी।
  2. 7 वर्ष से कम आयु के बच्चों के काम करने पर निषेध।
  3. 7 से 12 वर्ष के बच्चों के काम करने की अवधि 9 घंटे निर्धारित।
  4. साथ ही प्रतिदिन 1 घंटे का आराम एवं महीने में 4 दिन की छुट्टी।
1891 का कारखान अधिनियम
  • गवर्नर जनरलः लॉर्ड लैन्सडाउन
  • उद्देश्य – वयस्क श्रमिकों के हितार्थ

मुख्य प्रावधान –

  1. उन कारखानों पर लागू, जहां श्रमिकों की संख्या कम से कम 50 थी।
  2. 9 वर्ष से कम आयु के बच्चों के कारखानों में कार्य करने पर पूर्ण निषेध।
  3. 9 से 19 वर्ष के बच्चों के काम करने की अवधि 7 घंटे निर्धारित।
  4. औरतों को रात्रि में 8 बजे से लेकर 5 बजे सुबह तक कार्य करने पर निषेध तथा इनके काम करने की अवधि 11 घंटे प्रतिदिन निश्चित की।
  5. सप्ताह में एक दिन अवकाश की व्यवस्था।
1911 का कारखान अधिनियम
  • गवर्नर जनरलः लॉर्ड हार्डिंग
  • उद्देश्य – वयस्क श्रमिकों के हितार्थ।

मुख्य प्रावधान –

  1. यह अधिनियम 1891 के कारखाना अधि. का ही संशोधित रूप था।
  2. पुरुषों के कार्य करने की अवधि 12 घंटे प्रतिदिन निश्चित।
  3. अल्पायु बच्चों के 7 बजे शाम से लेकर 5 बजे सुबह तक काम करने पर रोक।
1922 का कारखाना अधिनियम
  • गवर्नर जनरलः लॉर्ड रीडिंग
  • उद्देश्य – श्रमिकों के हितार्थ।

मुख्य प्रावधान –

  1. यह अधिनियम उन कारखानों पर लागू, जहां श्रमिकों की संख्या 20 से अधिक हो, या बिजली का प्रयोग होता था।
  2. करखानों में कार्य करने वाले बच्चों की आयु 12 से 15 वर्ष के बीच निश्चित।
  3. साथ ही कार्य करने की अवधि 6 घंटे प्रतिदिन निर्धारित।
  4. यह अधिनियम 1920, 1926, 1931 में आंशिक रूप से संशोधित।
1934 का कारखाना अधिनियम
  • गवर्नर जनरलः लॉर्ड विलिंगटन
  • उद्देश्य – श्रमिकों के हितार्थ।

मुख्य प्रावधान –

  1. प्रथम बार मौसमी कारखाने एवं सदैव कार्यरत कारखाने में अंतर स्थापित किया गया।
  2. वयस्क श्रमिकों के काम के घंटो को 11 घंटे प्रतिदिन निश्चित किया गया।
  3. अल्पायु बच्चों के कार्य के अवधि 5 घंटे प्रतिदिन निश्चित।
  4. नियमित रूप से कार्य करने वाले उद्योगों या कारखानों में वयस्क श्रमिकों के दैनिक कार्य की अवधि 10 घंटे प्रतिदिन निश्चित।
  5. श्रमिकों के आराम एवं चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई।
1946 का संशोधन अधिनियम
  • गवर्नर जनरलः लॉर्ड वेवेल
  • उद्देश्य – वयस्क श्रमिकों के हितार्थ

मुख्य प्रावधान –

  1. श्रमिकों के कार्य करने की अवधि 9 घंटे निर्धारित की।
  2. मौसमी कारखानों में कार्य करने की अवधि 10 घंटे निश्चित।
  3. 200 से अधिक श्रमिकों के कार्य करने वाले कारखानों में कैंटीनों की व्यवस्था।

नोटः-स्वतंत्र भारत का पहला विस्तृत कारखाना अधिनियम 1948 ई. में लाया गया।

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भारत में पहला फैक्ट्री अधिनियम क्या प्रतिबन्धित करता है?

इस अधिनियम के तहत अंतर्गत 7 वर्ष से कम आयु के किसी बच्चे को कारखाने में काम कराना पूरी तरह प्रतिबंधित था तथा 7 वर्ष से 12 वर्ष के बच्चों के काम करने की अवधि 9 घंटे निर्धारित की गई। इस अधिनियम के तहत प्रतिदिन के कार्य घंटों का निर्धारण निश्चित किया गया और महीने में कम से कम चार छुट्टी का प्रावधान भी लागू किया गया।

पहला फैक्ट्री अधिनियम कब लागू हुआ?

सही उत्तर 1881 है। 1875 में, सभी कारखानों की स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक समिति नियुक्त की गई थी। लॉर्ड रिपन के समय में पहला कारखाना अधिनियम 1881 में लागू किया गया था। 7-12 वर्ष की आयु के बच्चों को अधिकतम 9 घंटे/दिन काम करना था।

भारतीय फैक्ट्री अधिनियम के तहत प्रति सप्ताह अधिकतम कितने घंटे कार्य के है?

इस एक्ट के मुताबिक कोई व्यक्ति 48 घंटे से अधिक प्रति सप्ताह कार्य नहीं करना चाहिए। तथा 9 घंटे प्रतिदिन से ज्यादा कार्य नही कर सकता।

कारखाना कानून 1819 में क्या था?

कॉटन मिल्स और कारखाना अधिनियम 1819 ( 59 जियो। तृतीय c66 ) ने कहा कि 9 के तहत कोई बच्चों नियोजित किया जा रहे थे और उस वर्ष की आयु 9-16 साल के बच्चों को प्रति दिन 12 घंटे के काम तक ही सीमित थे। यह केवल कपास उद्योग पर लागू होता है, लेकिन सभी बच्चों को कवर करता है, चाहे प्रशिक्षु हों या नहीं।