बुखार आने के बाद पैरों में दर्द क्यों होता है? - bukhaar aane ke baad pairon mein dard kyon hota hai?

बुखार के मामले में शरीर, जोड़ और मसल का दर्द होना आम है. लेकिन चिकनगुनिया और टायफॉयड की वजह से बुखार के बाद जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द होता है. रिसर्च के मुताबिक चिकनगुनिया से पीड़ित होने के बाद जोड़ में दर्द पर खास ध्यान और देखभाल की जरूरत होती है. उसकी वजह से कमजोरी पर काबू पाने के लिए डॉक्टर कई तरह की दवाइयां देते हैं. लेकिन दर्द हमेशा के लिए खत्म नहीं होता है और चिकनगुनिया के इलाज के बाद भी मरीज कई महीनों तक परेशान रहता है. 

बुखार के बाद बदन दर्द से कैसे राहत पाएं
लंबे समय तक बुखार रहने के कारण शरीर टूट जाता है. उसके चलते शरीर में दर्द के साथ जोड़ के दर्द की शिकायत होती है. अगर आपको भी इस तरह की समस्या है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप उसे घरेलू देसी इलाज से ठीक कर सकते हैं. 

चिकनगुनिया के बाद जोड़ का दर्द- अगर चिकनगुना के कारण आप लंबे समय तक बुखार से पीड़ित हैं, तो ठीक होने के बाद शरीर में पानी की कमी हो सकती है और उसके चलते आप हाइड्रेटेड हो सकते हैं. इसलिए, ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं क्योंकि पानी शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालता है और आपको हाइड्रेटेड भी रखता है. 

सहजन का सूप- लंबे समय तक बुखार से पीड़ित होने के कारण शरीर बहुत कमजोर हो जाता है और पहले की स्थिति में लौटने के लिए मरीज को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है. पीड़ित शख्स को कई प्रकार के सूप और जूस पीने की सलाह दी जाती है ताकि उसकी शक्ति बहाल हो सके. ऐसी परिस्थिति में सहजन का सूप भी काफी मुफीद होता है. आयुर्वेद में सहजन की पत्तियां बेहद मुफीद मानी जाती हैं. पत्तियां शरीर को मजबूत बनाती हैं और दिमाग को तेज रखती हैं. उसके अलावा, सहजन के सूप पीने से मसल को भी मजबूती मिलती है और दर्द की समस्या भी दूर होती है.

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लहसुन का इस्तेमाल- चाहे किसी तरह का दर्द हो, लहसुन की कली सभी प्रकार के दर्द से राहत दिला सकती है, विशेषकर जोड़ के दर्द के इलाज में. कोई दूसरी दवा लहसुन की तुलना नहीं कर सकती. शरीर में दर्द और सूजन को कम करने के लिए आपको दो कच्चा लहसुन भोजन में रोजाना खाना चाहिए. अगर ये भुना हुआ हो, तो और भी फायदेमंद हो सकता है. उसके अलावा, आप लहसुन का पेस्ट बनाकर भी उसको जोड़ों पर लगा सकते हैं. कुछ घंटों बाद आप खुद सहज महसूस करेंगे.

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  • वायरल फीवर, हाथ पैर दर्द और अकड़न के 50 मरीज मिले, 12 के सैंपल इंदौर भेजे

नगर से 8 किमी दूर सेमरला गांव में एक ही मोहल्ले में करीब 50 से अधिक लोग वायरल फीवर, हाथ पैरों की अकड़न व दर्द से पीड़ित मिले हैं। मरीजों में महिला पुरुषों के साथ बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से जांच के लिए 28 मरीजों के सैंपल लिए। इनमें से 12 के सैंपल इंदौर भेजे हैं।

सेमरला गांव में लोगों के बीमार होने की सूचना पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्राम में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया। इसमें गुर्जर मोहल्ले के अधिकांश घर में कोई न कोई सदस्य बुखार, हाथ पैरों में जकड़न जैसे बीमारी से पीड़ित है। टीम ने बीमार लोगों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यह मौसमी बीमारी का प्रकोप हो सकता है। उन्होंने दूषित जल व भोजन से बीमार होने की आशंका से इनकार नहीं किया है। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद विभाग ने मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए इंदौर लैब भेजे हैं। फिलहाल पूरा गांव अगले एक सप्ताह तक स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रहेगा। सीबीएमओ डॉ. विक्रम सिंह सोलंकी ने मंगलवार को गांव में विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया। ग्राम में मुनादी के बाद शिविर में पहुंचे करीब 50 मरीजों की जांच की गई। जिला महामारी नियंत्रक डॉ. रेवाराम कोचले ने बताया 28 मरीज वायरल फीवर व हाथ पैरों में अकड़न से ग्रसित मिले। मौके पर टीम ने मरीजों को दवाइयां वितरित की। बीमारी का पता लगाने के लिए करीब 12 मरीजों का ब्लड सैंपल, लाइजा टेस्ट के लिए इंदौर मेडिकल काॅलेज भेजा गया है। सोमवार को भी 39 मरीजों के ब्लड सैंपल लिए गए थे। जिसमें सभी को मलेरिया निगेटिव पाया गया है। सीबीएमओ डॉ. सोलंकी ने बताया यह बीमारी किस तरह फैली इसका कारण अज्ञात है।

50 कुल मरीज मिलेे गांव में

10 में टाइफाइड के लक्षण मिले

03 लोग उल्टी-दस्त से पीढ़ित

27 को बुखार व हाथ-पैर दर्द

दूषित पानी, भोजन या बुखार पीढ़ित के संपर्क से बीमारी की आशंका
जिला महामारी नियंत्रक रेवाराम कोचले ने बताया मौसम इस बीमारी का कारण हो सकता है। घर या विवाह समारोह में दूषित पेयजल व भोजन या शादी के दौरान वायरल फीवर से पीड़ित बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आने पर यह बीमारी फैली हो। ऐसी संभावना है।

दो घरों की टंकी में मिला लार्वा
जिला मलेरिया अधिकारी अर्चना सोलंकी के मार्गदर्शन में टीम ने पीडितों के घर-घर जाकर पानी की टंकी, मरीजों की जांच की। साथ ही लार्वा सर्वे भी किया। इस दौरान दो घरों की टंकी में मलेरिया का लार्वा मिला। इसे नष्ट किया गया। मरीज प्रकाश पिता बालूजी, बोखार पिता गोपाल के घरों के पानी के सैंपल जांच के लिए है। जिला मलेरिया अधिकारी, डॉ. विक्रम सिंह सोलंकी, डॉ. सैय्यद अंसारी, खंड विस्तार प्रशिक्षक सुनील मुजाल्दे, आशा कार्यकर्ता बसंती वर्मा, आशा सहयोगी उषा राठौर मौजूद थे।

क्लोरीन युक्त पानी पिएं
टीम ने ग्रामीणों को पानी की टंकी को हमेशा ढककर रखने के लिए कहा। जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी रेवाराम कोचले ने ग्रामीणों को बताया घरों में क्लोरीन की गोली को लोटे में घोलकर 20 लीटर पानी में मिलाकर इसका उपयोग पेयजल के रूप में करें। आशा कार्यकर्ता को गांव में क्लोरीन की गोलियों का वितरण कर पानी में डालकर उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। गोली लेने से कोई मना करे और उसका उपयोग नहीं करे तो पंचनामा बनाकर इसकी रिपोर्ट भेजें।

बीमारी की जानकारी के बाद गांव में लगाए शिविर में मरीजों की जांच करते डॉक्टर।

बुखार के बाद पैरों में दर्द क्यों होता है?

लंबे समय तक बुखार रहने के कारण शरीर टूट जाता है. उसके चलते शरीर में दर्द के साथ जोड़ के दर्द की शिकायत होती है. अगर आपको भी इस तरह की समस्या है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप उसे घरेलू देसी इलाज से ठीक कर सकते हैं.

पैरों में दर्द होने का क्या कारण हो सकता है?

पैरों में दर्द कभी भी किसी को भी हो सकता है. थकान, कमजोरी, बहुत अधिक शारीरिक श्रम या किसी बीमारी की वजह से पैर दर्द होना सामान्य है. लेकिन कई लोगों को अक्सर ये परेशानी रहती है. जबकि कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें हमेशा रात में या सोते समय पैर में दर्द होता है जो इतना तेज होता है जिससे उनकी नींद खुल जाती है.

क्या बुखार के कारण मांसपेशियों में दर्द होता है?

बदलते मौसम के कारण इन दिनों वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ने लगा है। बारिश के बाद तेज धूप के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। यह बुखार बच्चे, जवान और बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है।

बुखार के बाद की कमजोरी कैसे दूर करें?

कमजोरी को दूर करने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजेंः.
नारियल पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखने और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं. ... .
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