बेलपत्र पर दीपक कब लगाना चाहिए? - belapatr par deepak kab lagaana chaahie?

नई दिल्ली: दिवाली दीये जलाने और उसे अपने घर पर सजाने का पर्व है. पर यह जानना जरूरी है कि दीये कहां-कहां घर में जरूर लगने चाहिए.

मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए मुख्यद्वार के दोनों तरफ दीपक अवश्य लगाने चाहिए. किसी बिल्व पत्र के पेड़ के नीचे दीपावली की शाम दीपक लगाएं. बिल्व पत्र भगवान शिव का प्रिय वृक्ष है. अत: यहां दीपक लगाने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है. 

इन स्थानों पर दीप बेहद शुभ
1. घर के मंदिर में जहां लक्ष्मी का मुख्य पूजन करें वहां अखंड दीपक जरूर लगाएं. यह दीपक रातभर बुझना नहीं चाहिए.
2.  धन की कामना पूरी हो, इसलिए मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ दीपक अवश्य लगाएं.
3. एक दीपक वहां लगाएं जहां पीने के पानी रखा जाता है.
4. घर के तुलसी चौरे में दीपक लगाएं. यहां दिवाली के अलावा भी हर दिन दीपक लगाना चाहिए.
5. घर के पास स्थित पीपल के पेड़ के नीचे दीपक लगाएं. मगर, ध्यान रखें कि दिया लगाने के बाद उसे पीछे मुड़कर देखना नहीं है. यह दिवाली वाली रात में करना है.
6. घर के आस-पास किसी चौराहे पर दिवाली की रात में दिया जरूर जलाएं. कहते हैं कि इससे पैसों से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.
7. घर के आस-पास स्थित मंदिर में भी एक दिया लगाएं. इससे देवी-देवताओं की कृपा मिलती है और क्लेशों से मुक्ति व मानसिक शांति मिलती है.
8. बेलपत्र के पेड़ के नीचे दिया लगाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. उनकी कृपा से आर्थिक के अलावा व्यक्ति के जीवन में आने वाली अन्य तरह की परेशानियां दूर होती हैं.
10. अपने घर की मुंडेर, दहलीज, खिड़की, बाथरूम, छत पर, दरवाजे, पर दीपक लगाने के साथ ही एक दीपक पड़ोसी के घर में भी शुभ शगुन का रखना चाहिए.

टूटा हुआ दीपक न लगाएं
दीपावली पर लक्ष्मीजी की पूजा में घी का दीपक जलाते समय उसे कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए. दीपक रखने के लिए पहले किसी अन्न जैसे जौ,चावल या गेहूं की ढेरी बना लें उसके ऊपर दीपक रखें. दीपक देवी-देवताओं की प्रतिमा के ठीक सामने लगाना शुभ माना गया है. ध्यान रखें कि यदि मिट्टी का दीप जला रहें हैं तो दीप साफ हो और कहीं से टूटे हुये न हो. पूजा में टूटा हुआ दीपक अशुभ और वर्जित माना गया है.

पितरों से जुड़ा है कारण
दीपक के साथ आकाशदीप, कंडील आदि जलाने की प्रथा के पीछे यह धारणा है कि दीपावली-अमावस्या से पितरों की रात आरंभ होती है. हमारे पितर कहीं मार्ग से भटक न जाएं, इसलिए उनके लिए प्रकाश की व्यवस्था की जाती है. इस प्रथा का बंगाल में विशेष प्रचलन है.

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    शिव पुराण के अनुसार जिस स्थान पर बेलपत्र का पौधा लगाया जाता है वह काशी तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय स्थल हो जाता है।…

    1. घर में बेलपत्र का पौधा लगाने से होता है मां लक्ष्मी का आगमन।
    2. बेलपत्र का पौधा लगाने से घर के सभी सदस्यों को होती है अक्षय फल की प्राप्ति।
    3. कर्ज से मुक्ति के लिए उत्तर पश्चिम दिशा में लगाएं बेल का पौधा।

    बिल्ला क्या काम आता है?

    इसे सुनेंरोकेंपेड़ से टूटने के कई दिनों बाद भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. बेल का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयों को बनाने में तो किया जाता है ही साथ ही ये कई स्वादिष्ट व्यंजनों में भी प्रमुखता से इस्तेमाल होता है. बेल में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

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    बेलपत्र का पेड़ कैसे उगाया जाता है?

    इसे सुनेंरोकेंखाद एवं उर्वरकों को पूरी मात्रा जून-जुलाई में डालनी चाहिए। नये पौधों को स्थापित करने के लिए एक दो वर्ष सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। स्थापित पौधे बिना सिंचाई के भी अच्छी तरह से रह सकते है। गर्मियों में बेल का पौधा अपनी पत्तियाँ गिराकर सुषुप्ता अवस्था में चला जाता है और इस तरह यह सूखे को सहन कर लेता है।

    बेल पत्र कब लगाना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंबेलपत्र का पौधा किस दिन लगाना चाहिए / बेलपत्र का पेड़ कब लगाना चाहिए सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता हैं. और बेलपत्र भगवान शिव का अतिप्रिय माना गया हैं. इसलिए बेलपत्र का पौधा सोमवार के दिन लगाना अतिशुभ माना जाता हैं.

    बेलपत्र का पौधा कैसे लगाया जाता है?

    बेल का पौधा कितने साल में फल देता है?

    इसे सुनेंरोकें1 प्रत्येक साल फल देती है।

    बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंरोज शाम को इसके नीचे शुद्ध घी का दीपक लगाना चाहिए। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन संबंधी समस्याओं का निदान होता है।

    बेलपत्र के पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है?

    इसे सुनेंरोकें1. हिंदू शास्त्रों में पीपल के पेड़ को अत्यन्त शुभ माना जाता है। इसलिए शनिवार के दिन इस पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। साथ ही ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।

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    बेल के पेड़ पर जल चढ़ाने से क्या होता है?

    इसे सुनेंरोकेंबरगद और बेल के वृक्ष में भगवान शिव का वास माना जाता है। बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है यदि श्रद्धा से एक बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित कर दिया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन के कष्टों को दूर करते हैं। बिल्व के वृक्ष के नीचे शिवलिंग रखकर पूजन करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।

    बेल का पेड़ घर में लगाने से क्या होता है?

    इसे सुनेंरोकेंघर परिवार में सुख शांति का वास रहेगा। बेल का पेड़ घर पर लगाने से आपको समस्त तीर्थों के फल प्राप्त होते हैं।

    बेल के पेड़ की देखभाल कैसे करें?

    इसे सुनेंरोकेंबेल के पेड़ों में विशेष छंटाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है परन्तु सूखी, कीड़ों एवं बीमारियों से ग्रसित टहनियों को समय-समय पर निकालते रहना चाहिए। शुरू के वर्षो में नये पौधों के बीच खाली जगह में अंत: फसल लेते समय ऐसी फसलें न लें जिन्हें पानी की अधिक आवश्यकता हो और वह बेल के पौधों को प्रभावित करें।

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    बेल कितने दिन में फल देता है?

    इसे सुनेंरोकेंबेल के बड़े फल अप्रैल-मई बहुतायत में गिरते हैं।

    बेल वृक्ष की पूजा कैसे करें?

    इसे सुनेंरोकेंसुबह महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा में चढ़ाए गए बेलपत्र पर शाम को चंदन से ऊं लिखें। ऐसे कम से कम 3 बेलपत्र लेकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से आपके घर में धन की तंगी दूर हो जाएगी और साथ ही रुके हुए पैसे भी प्राप्‍त होंगे। बेल के पेड़ की पूजा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और धन की प्राप्ति होती है।

    बेलपत्र का पौधा कौन से दिन लगाना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकें3 रविवार और द्वादशी तिथि पर बिल्वपत्र के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजन करने से मनुष्य ब्रम्ह हत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है। इसके प्रभाव से यश और सम्मान मिलता है। 4 बिल्व का वृक्ष निवास स्थान के उत्तर-पश्चिम में हो तो यश बढ़ता है।

    बेलपत्र का वृक्ष कब लगाना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंसोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता हैं. और बेलपत्र भगवान शिव का अतिप्रिय माना गया हैं. इसलिए बेलपत्र का पौधा सोमवार के दिन लगाना अतिशुभ माना जाता हैं.

    बेलपत्र के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए?

    किसी बिल्व पत्र के पेड़ के नीचे दीपावली की शाम दीपक लगाएं. बिल्व पत्र भगवान शिव का प्रिय वृक्ष है. अत: यहां दीपक लगाने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है.

    बेलपत्र पर दिया जलाने से क्या होता है?

    बेल के पेड़ की पूजा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और धन की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन में शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने के साथ ही बेल के वृक्ष को भी जल दें।

    बेल के पेड़ में जल देने से क्या होता है?

    बेल के वृक्ष में सोमवार के दिन जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होंगी

    बेलपत्र के नीचे जल चढ़ाने से क्या होता है?

    भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का महत्व बेल पत्र ठंडक प्रदान करते हैं। यह भी माना जाता है कि सावन पर बेलपत्र से पूजा करने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं।