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शिरीष का परिचय ( Introduction of Shireesh)आपको पता है कि शिरीष (shirisha tree) क्या है और शिरीष का इस्तेमाल किस काम में किया जाता है? शिरीष एक बहुत ही उत्तम औषधि है और शिरीष के फायदे से रोगों का इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में यह बताया गया है कि जोड़ों के दर्द, पेट के कीड़े, वात-पित्त-कफ दोष के इलाज में शिरीष से लाभ (shirisha tree benefits) मिलता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सफेद शिरीष (Shireesh) की छाल से खून के बहने को रोका जा सकता है। शिरीष आंख, कान, सिर दर्द से जुड़े रोगों में भी शिरीष के फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं कि शिरीष से और क्या-क्या लाभ मिलता है। शिरीष क्या है? (What is Lebbeck Tree in Hindi?)शिरीष का पेड़ (shirish tree) मध्यम आकार का घना छायादार पेड़ है। शिरीष के फूल, छाल, बीज, जड़, पत्ते आदि का उपयोग औषधि के लिए किया जाता है। शिरीष का वृक्ष बहुत तेजी से बड़ा होता है। इसके पत्ते पतझड़ में गिर जाते हैं। इसके कुछ पेड़ छोटे, तो कुछ काफी बड़े होते हैं। शिरीष की प्रमुख विशेषता है कि इसकी शाखाएं बहुत ही सहजता से विकसित होती हैं और फल-फूल (shirish ke phool) भी जल्द ही लगाने लगते हैं। शिरीष की कई प्रजातियां पाई जाती है, लेकिन मुख्य रूप से तीन पजातियों का ही इस्तेमाल होता है, जो ये हैंः-
इसके अलावा भी शिरीष (Shireesh) की अन्य प्राजतियां भी होती हैं जिनका प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता हैः- Albizia lebbeck (Linn.) Benth – यह पेड़ 16 से 20 मीटर तक ऊंचा होता है। यह वृक्ष बहुत ही घना होता है। शिरीष के फूल (shirish ke phool) सफेद व पीला रंग के और काफी सुंगधित होता है। इसका फल 10 से 30 सेंटीमीटर लंबा, 2 से 4 या 5 सेंटमीटर तक चौड़ा होता है। यह फल नुकीला और पतला होता है। कच्ची अवस्था में यह फल हरा रंग का और पकने पर भूरा रंग का हो जाता है। यह फल चिकना और चमकीला होता है। Albizia amara (Roxb.) Boivin (श्यामल शिरीष) – श्यामले रंग का शिरीष का पेड़ (shirisha tree) लगभग 15 मीटर ऊंचा होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल पीले-भूरे रंग के होते हैं। ये फल सीधे और चपटे होते हैं। इनमें बीजों की संख्या 6 से 12 तक होती है। Albizia julibrissin Durazz. (शैल शिरीष) – यह पेड़ (siris tree) लगभग 12 मीटर ऊंचा होता है। इसकी पत्तियां थोड़ी छोटी होती हैं। इसके फूल हल्के गुलाबी रंग के होते हैं। इसका फल छोटा और चपटा होता है। चिकित्सा के लिए इसकी छाल का प्रयोग किया जाता है। Albizzia procera (Roxb.) Benth. (श्वेत शिरीष) – शिरीष का यह पेड़ लगभग 30 मीटर तक ऊंचा होता है। इसके पत्ते पिच्छाकार और हरे रंग के होते हैं। शिरीष के फूल (shirish ke phool) सफेद व पीले रंग के होते हैं। इसके फल नारंगी-भूरे रंग के होते हैं। इसमें बीजों की संख्या 10 से 12 के बीच होते हैं। यहां शीरिष से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (shirisha in hindi) में लिखा गया है ताकि आप शीरिष से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं। अन्य भाषाओं में शिरीष के नाम (Name of Lebbeck Tree in Different Languages)शिरीष माइमोसेसी (Mimosaceae) कुल का पौधा है। इसका वानस्पतिक (वैज्ञानिक) नाम ऐल्बिजिया लैबैक (Albizia lebbeck (Linn.) Benth) है। वनस्पति विज्ञान में इसे Syn-Acacia lebbek (Linn.) Willd, Mimosa lebbeck Linn आदि नाम से भी जाना जाता है। आइए हम जानते हैं कि अन्य भाषाओं में इसके क्या-क्या नाम हैं:- Lebbeck Tree in –
शिरीष के फायदे और उपयोग (Benefits and Uses of Lebbeck Tree in Hindi)शिरीष के इस्तेमाल का तरीका, मात्रा की जानकारी यहां दी जा रही हैः- माइग्रेन में शिरीष के फायदे (Uses of Shireesh in Fighting with Migraine in Hindi)माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए शिरीष रामवाण की तरह काम करता है। इस रोग के मरीज शिरीष की जड़ और फल के रस के 1 से 2 बूंद की मात्रा में नाक में डालें। इसेसे दर्द कम होने लगता है। और पढ़े: माइग्रेन में गुलदाउदी का फायदेमंद आंखों की बीमारी में शिरीष के फायदे (Benefits of Shireesh to Cure Eye Disease in Hindi)
कान के दर्द में शिरीष के फायदे (Shireesh Uses in Ear Pain Treatment in Hindi)शिरीष के पत्ते और आम के पत्तों के रस को मिला लें। इसे गुनगुना करके 1 से 2 बूंद कान में डालें। इससे कानों के के दर्द दूर हो जाते हैं। दांतों के रोग में शिरीष से लाभ (Shireesh Benefits to Cure Dental Disease in Hindi)
और पढ़ें: दाँतों के रोग में फायदेमंद हींग खांसी की बीमारी में शिरीष से लाभ (Uses of Shireesh to Get Relief from Cough in Hindi)पीले शिरीष के पत्तों को घी में भून लें। इसे दिन में तीन बार 1-1 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी मिटती है। सांसों के रोग में शिरीष से लाभ (Benefits of Shireesh to Cure Respiratory Problems in Hindi)
और पढ़े: सांसों के रोग में सत्यानाशी के फायदे शिरीष के औषधीय गुण से पेचिश का इलाज (Shireesh Uses to Stop Dysentery in Hindi)शिरीष के बीज के चूर्ण को दिन में तीन बार देने से पेचिश में लाभ होता है। बेहतर परिणा के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें। पेट के रोग में शिरीष के सेवन से लाभ (Shireesh Benefits in Abdominal Bugs Treatment in Hindi)
शिरीष के सेवन से बवासीर का इलाज (Uses of Shireesh in Piles Treatment in Hindi)
शिरीष के औषधीय गुण से सिफलिस का उपचार (Benefits of Shireesh to Treat Syphilis in Hindi)सिफलिस से पीड़ित व्यक्ति को शिरीष के पत्तों की राख में घी या तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें। शिरीष के सेवन से मूत्र रोग (पेशाब में दर्द और जलन) का इलाज (Shireesh Uses to Cure Urinal Disease in Hindi)
और पढ़े: मूत्र की समस्या के घरेलू इलाज शिरीष के औषधीय गुण से अंडकोष के सूजन का इलाज (Shireesh Benefits to Treat Testicle Swelling in Hindi)
चर्म रोग में शिरीष के फायदे ( Shireesh Beneficial in Skin Disease Treatment in Hindi)
और पढ़े – चर्म रोगों में अपामार्ग के फायदे शिरीष के बीज के 2 ग्राम चूर्ण में 4 ग्राम शक्कर मिला लें। इसे रोजाना गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से वीर्य विकार दूर (Shireesh benefits) होता है। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है। शिरीष के गुण से ट्यूमर का इलाज (Shireesh Benefits to Treat Tumor in Hindi)
शिरीष के गुण से अल्सर का इलाज (Benefits of Lebbeck Tree to Cure Ulcer in Hindi)
शिरीष के गुण अपस्मार या मिर्गी रोग के इलाज में फायदेमंद (Shireesh Beneficial to Treat Epileptic in Hindi)अपस्मार (मिर्गी रोग) में शिरस/शिरीष का प्रयोग आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है, क्योंकि मिर्गी के दौरों की प्रवृति को नियंत्रित करने में सहायता करता है। आँख की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद शिरीष (Benefit of Shireesh to Boost Eye Sight in Hindi)शिरस/शिरीष का प्रयोग आँखों संबंधी रोगों को दूर कर आँख की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है। नेत्र संबंधी विकारो में शिरस/शिरीष के बीज के पत्तों का उपयोग किया जाता है। दांत के बीमारियों में शिरीष का इस्तेमाल फायदेमंद (Shireesh Beneficial in Dental Diseases in Hindi)दन्त और मसूड़ों संबंधी रोगों में शिरस/शिरीष का प्रयोग फायदेमंद होता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इसमें कषाय रस होता है जो कि दन्त और मसूड़ों से रक्त आने की समस्या में फायदेमंद होता है। दस्त के इलाज में लाभकारी शिरीष (Shireesh Beneficial to Treat Diarrhoea in Hindi)अतिसार(दस्त) में शिरस/शिरीष के सेवन आपको फायदा पंहुचा सकता है क्योंकि शिरस/शिरीष में आयुर्वेद के अनुसार कषाय रस होता है जो कि अतिसार की प्रवृति को नियंत्रित करने में सहायक होता है। फोड़ा-फूंसी को ठीक करने में लाभकारी शिरीष (Benefits of Shireesh to Treat Boil in Hindi)फोड़ा -फुंसी में शिरस/शिरीष का प्रयोग फ़ायदेमंद होता है, त्वचा के फोड़ा -फुंसी में आराम पाने के लिए शिरस/शिरीष के बीजों का तेल प्रयोग कर सकते है। शिरीष के गुण से कुष्ठ रोग का इलाज (Lebbeck Tree Uses to Treat Leprosy in Hindi)
फफोले की समस्या में शिरीष के फायदे (Uses of Lebbeck Tree to Get Relief from Blister in Hindi)
और पढ़े – फफोले में कुटज के फायदे शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए शिरीष का सेवन ( Shireesh Beneficial to Cure Body Weakness in Hindi)
बेहोशी दूर करने में शिरीष का औषधीय गुण फायदेमंद (Benefits of Shireesh for Unconsciousness in Hindi)शिरीष के बीज और काली मिर्च को समान भाग में लें। इसे बकरी के मूत्र के साथ पीसकर आंखों में लगाने से बेहोशी की स्थिति में लाभ होता है। बेहोशी शीघ्र दूर होती है। मैनिया रोग में शिरीष का औषधीय गुण लाभदायक (Shireesh Benefits in Fighting with Mania in Hindi)
शिरीष के पौधे के उपयोगी भाग (Useful Parts of Lebbeck Tree)शिरीष के पौधे के निम्नलिखित हिस्सों से दवा बनाया जाता हैः-
शिरीष का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Lebbeck Tree?)आप शिरीष का इस्तेमाल इतनी मात्रा में कर सकते हैंः-
यहां शीरिष से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (shirisha in hindi) में लिखा गया है ताकि आप शीरिष से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन औषधि के रूप में शीरिष का प्रयोग करने के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें। शिरीष के नुकसान (Side Effects of Lebbeck Tree in Hindi)बेहद गुणकारी होने के बावजूद शिरीष के पेड़ (shirisha tree) के प्रयोग के कुछ नुकसान भी होता है, जो ये हो सकते हैंः-
शिरीष कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Lebbeck Tree Found and Grown in Hindi?)शिरीष के वृक्ष (shirisha tree) समुद्र तल से 2700 मीटर की ऊंचाई पर पूरे भारत में पाए जाते हैं। इसके जंगली पौधों के अलावा बागानी पौधे भी देश भर में देखने को मिलते हैं। |