आज का प्रश्न तो किसी चालक की धार तक तो धारिता किसी चालक की वैद्युत धारिता उस चालक की की वैद्युत आवेश को संग्रहण करने की छमता मतलब कि कोई चालक कितना आवेश संग्रहित कर सकते खर्चा कर सकता है वह होती है उस चालक की धार तो देख लेते हैं कि किसी चालक की धारिता किसी चालक की के वैद्युत धारिता वैद्युत धारिता विद्युत धारिता और चालक की उस चालक के विद्युत आवेश वैद्युत आवेश संग्रहण करने की क्षमता है विद्युत आवेश संग्रह करने की करने की क्षमता की माप है ठीक है यह तो भी हमारी एक परिभाषा क्या है कि दूसरों से यह है कि जब हम किसी चालक को आदेश देते Show जब किसी चालक को आवाज देते हैं तो आवाज देने पर जैसे भी किसी चालक को आदेश दिया तो आवेश दिनेश तो उसका बैग दिन में होगा तो वैद्युत विभव में दर्द होता है उसका अनुपात बढ़ जाता है ठीक है तू किसी भी चालक को क्यों अवर्स देने पर दूसरा विवाह में वृद्धि होती ना लिख लेते हैं कि किसी चालक को किसी चालक को को क्यों आवेश देने पर क्यों आवेश देने पर उसके विभव में उसके विभव मैग्मा लेते हैं कि भी वृद्धि हेतु उसके विभव में भी वृद्धि हो जाती है वृद्धि हो जाती है हो जाती है तो उसे अधिक अनुपात कम बोलते हैं चालक धर्ता थे कि तू क्या है जैसे मैं अभी इतना तो दिमाग है तो कम पड़ गया क्या त्रिपाठी कचरा यहां पर क्या कहती आगे कौन था क्या है जोशी है वह एक नेता कह सकते हैं कि बराबर होता है विभाग शिमला में होता है आवेश बेटे वैभव जी हो जाएगा क्यों बैठे हुए इस प्रकार हम कह सकते किसी चालक की धारिता होती है शिव रावण क्यों बैठे भी और धारिता का मात्रक होता है नाटक माता गुटर पर एक शर्ट बराबर होता है एक बराबर एक कूलाम प्रति बोर्ड एक कूलाम सतीश विश्वकर्म कह सकते हैं कि एक शर्ट उस चालक की धारिता होगी जिसको एक कूलाम आवेश देने पर उसमें उसके विवाह में 1 वोल्ट की वृद्धि हो जाती है ठीक है आवेश और विभक्ति के अनुपात में बोलते हैं एक को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं करने वाले कारक प्रभावित करने वाले कारक तो पहला कारक होता है चालक का आकार चालक का आकार उद्योग किसी भी चालक का कर आकार बड़ा कर देंगे तो चालक का आकार बड़ा करने से होगा क्या कि जैसे हम उसको आदेश देंगे तो उसका क्या कोविड-19 का कुचालक आकार बढ़ाने से उसका वह घट जाएगा क्या होगा जैसे ही घटेगा सुधार तक मन भर जाएगा तो चालक का आकार बढ़ाने से उसको घर जाता है वह घर जाने से उसके घर तक बढ़ जाता है ठीक है दूसरा का कारक होता है चालक केक हम कैसे किसी चालक के पास में चालकों की वस्तु किसी चालक के पास आने चालक की उपस्थिति उपस्थिति किसी आवेशित चालक के पास कोई अन्य हम कह सकते हैं कि अन्य चालक होता है तू अनुपस्थिति में उसका घर जाता है ध्वनि चालक की उपस्थिति मुस्कान घर जाता हूं वह घटाने के फल स्वरुप क्या होता है उसकी धारिता बढ़ जाते हम कह सकते हैं कि चालक के पास अगर कोई दूसरा अलग रखा हुआ है उसकी उपस्थिति में भगवान करने से उसके घर तक बढ़ जाएगी ठीक है तुम टी-शर्ट देखेंगे तो तीसरा कारक होता है कि चालक के पास कोई माध्यम रखा चालक के आसपास का माध्यम तो चालक के आसपास माध्यम आसपास का माध्यम वायु रखे होने पर उस करता है वह सी है ठीक है वायु की उपस्थिति में लिख लेते हैं वायु की उपस्थिति लोग वायु रखे वायु है साला क्या स्पर्श तो उसकी उपस्थिति में जो भागता है और अम्मा लेते हैं कि चालक के आसपास हम कोई के प्रार्थना का माध्यम रख देते हैं चालक के पास कोई के परावर्तन का माधव रखने पर के परावैद्युतांक का माध्यम रखने पर तो देखी जैसे हम के प्रधान का माध्यम रखते हैं तो तो भागता है वह जाती है कि गुना जो है के गुना बढ़ जाते हैं तो दूध आता है वह कैसे उड़ाते देख कर सकते हैं कि जब चालक के आसपास कोई के प्रधान का माध्यम रखते हैं तो कविता के माध्यम से गुना बढ़ जाती है प्रश्न का उत्तर है किसी चालक भर्ती चालक के आसपास अनुपस्थिति के आसपास कोई माध्यमिक 11 के प्रावधान का माध्यमिक 11th विचारधारा का मन भर जाएगा ठीक है यह प्रश्न का उत्तर है सब्सक्राइब करे youtube चैनल (capacitance of conductor in hindi ) चालक की धारिता : धारिता का शाब्दिक अर्थ है ‘ धारण करने की क्षमता ‘ , अतः चालक की धारिता से अभिप्राय है चालक द्वारा विद्युत आवेश धारण करने की क्षमता। जिस प्रकार एक बर्तन में एक सीमा से अधिक द्रव डालते है तो वह बिखरने लग जाता है ठीक उसी प्रकार जब चालक को सीमा से अधिक आवेश दिया जाता है तो आवेश का वातावरण में विसर्जन होने लगता है। तथा बर्तन में डाला गया द्रव गुरुत्वीय तल को बढ़ाता है उसी प्रकार चालक को दिया गया आवेश चालक के विद्युत तल को बढ़ाता है अर्थात चालक को दिया गया आवेश विद्युत विभव को बढ़ाता है। एक सीमा से अधिक आवेश किसी वस्तु से न तो लिया जा सकता है और न ही दिया जा सकता है तथा किसी वस्तु पर आवेश देने से उसमे पहले से उपस्थित आवेशों के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है जिससे इसकी स्थितिज ऊर्जा (विभव ) में वृद्धि होती है।
जितना अधिक आवेश चालक को दिया जाता है उतना ही अधिक विभव का मान भी बढ़ता जाता है। अतः हम कह सकते है की चालक पर विभव का मान उसको दिए गए आवेश के समानुपाती होता है। q ∝ V q = CV यहाँ C एक समानुपाती नियतांक है , C को ही चालक की विद्युत धारिता कहते है। C (विद्युत धारिता) का मान चालक के आकार , क्षेत्रफल , माध्यम तथा अन्य चालकों की उपस्थिति पर भी निर्भर करता है। C = q/V विद्युत धारिता किसी चालक को दिए गए आवेश व चालक के विभव में हुई वृद्धि के अनुपात को कहते है। V = 1 , C = q अतः किसी चालक की धारिता उस चालक को दिये गए उस आवेश के बराबर होती है जो उस चालक मे वोल्ट विभव परिवर्तन कर दे । C (धारिता) का मात्रक = फैरड (farad) होता है । चूँकि फैरड एक बड़ा मात्रक है अत: सामन्यतया इसको उपयोग में नहीं लेते है , सामन्यतया माइक्रो फैरड , पिको फैरड का इस्तेमाल करते है । 1 माइक्रो फैरड = 10-6 F 1 पिको फैरड = 10-12 F 1 नैनो फैरड = 10-9 F C (धारिता) का विमा सूत्र = [M-1 L-2 T4 A2 ] चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले कारक (factors affecting capacity of a conductor)किसी चालक कि धारिता को कुछ कारण होते है जो प्रभावित करते है वे निम्नलिखित है।
विलगित चालक की धारिता : जब किसी चालक को आवेशित किया जाता है तो इसके विभव में वृद्धि होती है। किसी विलगित चालक (चालक परिमित विमाओं का होना चाहिए ताकि अनंत पर विभव शून्य माना जा सके) के लिए चालक का विभव इसको दिए गए आवेश के समानुपाती होता है। q = चालक पर आवेश V = चालक का विभव q ∝ V q = CV जहाँ C समानुपाती नियतांक है इसे चालक की धारिता कहा जाता है। धारिता की परिभाषा : किसी चालक के विभव में इकाई वोल्ट की वृद्धि करने के लिए आवश्यक आवेश की मात्रा चालक की धारिता कहलाती है। किसी विलगित चालक की धारिता से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु
विलगित चालक की धारिता निम्न कारकों पर निर्भर करती है :-
चालक की धारिता निम्नलिखित पर निर्भर नहीं करती है :-
विलगित चालक की स्थितिज ऊर्जा या स्व ऊर्जा : किसी चालक को आवेशित करने के लिए इसके स्वयं के विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध किया गया कार्य या चालक के विद्युत क्षेत्र में संचित कुल ऊर्जा को चालक की स्थितिज ऊर्जा या स्व ऊर्जा कहते है। विधुत स्थितिज ऊर्जा (स्व-ऊर्जा) :- संधारित्र को आवेशित करने में किया गया कार्य। W = q2/2C W = U = q2/2C = CV2/2 = qV/2 जहाँ q = चालक पर आवेश V = चालक पर विभव C = चालक की धारिता चालक के विद्युत क्षेत्र में संचित ऊर्जा होती है जिसका ऊर्जा घनत्व (एकांक आयतन की ऊर्जा ) :- dU/dV = ε0E2/2 या माध्यम में ऊर्जा घनत्व = dU/dV = ε0εrE2/2 किसी आवेशित चालक में ऊर्जा चालक के बाहर संग्रहित होती है जबकि किसी आवेशित कुचालक (अचालक) पदार्थ में ऊर्जा अचालक के अन्दर और बाहर दोनों ओर संग्रहित होती है। चालक की धारिता को कौन कौन से कारक प्रभावित करते हैं?<br> धारिता को प्रभावित करने वाले कारक एवं उनका वर्णन - किसी चालक की धारिता पर निम्नलिखित कारकों का प्रभाव पडता है। - <br> (i) चालक का आकार - किसी चालक का आकार बढाने पर उसका विभव घटता है फलत धारिता बढती है। <br> (ii) किसी के पास अन्य चालको की उपस्थिति – आवेशित चालक के पास अन्य चालकों की उपस्थिति से उसका विभव घटता है।
चालक की धारिता से आप क्या समझते हैं?किसी चालक को दिए गए आवेश तथा उसके विभव में होने वाली वृद्धि के अनुपात को उस चालक की विद्युत धारिता कहते हैं। जहां C एक नियतांक है। जिसका मान चालक के आकार तथा पास में रखे अन्य चालकों की उपस्थिति पर निर्भर करता है। इस नियतांक को चालक की विद्युत धारिता कहते हैं।
धारिता कारक क्या है?संधारित्र की धारिता को परिभाषित करें :-
किसी ऐसे दो चालकों का युग्म है। जिस पर बराबर तथा विपरीत आवेश होता है संधारित्र की धारिता कहलाती है। संधारित्र की एक प्लेट को दिए गए q आवेश तथा संधारित्र की दोनों प्लेटों के बीच उत्पन्न विभवांतर के अनुपात को उस चालक पर संधारित्र की धारिता कहते हैं।
चालक की धारिता कितनी होती है?अतः स्पष्ट है कि पराविद्युत माध्यम में स्थित गोलीय चालक की धारिता उसकी त्रिज्या के अनुक्रमानुपाती होती है। अतः किसी माध्यम में गोलीय चालक की धारिता C तथा वायु अथवा निर्वात में किसी चालक की धारिता C0 का अनुपात उस माध्यम के पराविद्युतांक के बराबर होता है।
|