चने में कौन सा रोग होता है? - chane mein kaun sa rog hota hai?

लखनऊ। मौसम में बदलाव और बार-बार खेत में एक ही फसल लगाने पर चने की फसल में उकठा रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में किसान सही प्रबंधन अपनाकर इससे छुटकारा पा सकते हैं।पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. इब्ने अली बताते हैं, "इस रोग का प्रभाव खेत मे छोटे छोटे टुकड़ों मे दिखाई देता है। प्रारम्भ मे पौधे की ऊपरी पतियां मुरझा जाती हैं, धीरे-धीरे पूरा पौधा सूखकर मर जाता है। जड़ के पास तने को चीरकर दिखने परवाहक ऊतकों मे कवक जाल धागेनुमा काले रंग की संरचना के रूपमे दिखाई देता है।

चने का पौधा दिखाता किसान। फोटो- व्हाट्सअप

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इसके नियंत्रण के लिए ट्राइकोड्रर्मा पाउडर 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोंपचार करें। साथ ही चार किलोग्राम ट्राइकोड्रर्माको 100 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद मे मिलाकर बुवाई से पहले प्रति हैक्टयर की दर से खेत मे मिलाएं। खड़ी फसल मे रोग के लक्षण दिखाई देने पर कार्बेन्डाजिम 50 डब्लयू.पी.0.2 प्रतिशत घोल का पौधों के जड़ क्षेत्र मे छिड़काव करें।

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चना में कौन कौन से रोग लगते हैं?

चने की फसल में उकठा रोग फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम नामक फफूंद के कारण होता है। यह सामान्यतः मृदा तथा बीज जनित बीमारी है, जिसकी वजह से 10 से 12 प्रतिशत तक पैदावार में कमी आती है। इस रोग का प्रभाव खेत मे छोटे छोटे टुकड़ों मे दिखाई देता है। प्रारम्भ मे पौधे की ऊपरी पतियां मुरझा जाती हैं, धीरे-धीरे पूरा पौधा सूखकर मर जाता है।

चने में कीड़े से कैसे बचाएं?

चनों को कीड़ों से बचाने के लिए आप साबुत लाल मिर्च का इस्तेमाल करें। इसके लिए आप सूखी हुई लाल मिर्च को सीधे ही चनों को स्टोर करने वाले कंटेनर में डाल दें। मिर्च की महक की वजह से कीड़े अनाज से दूर रहते हैं। अगर चने में कीड़े लगने की शुरुआत हो चुकी है तो उन्हें कम से कम एक घंटे के लिए धूप में रखें।

चने में क्या पाया जाता है?

आप चने को चाहे जिस रूप में खाएं लेकिन इसे खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और दूसरे मिनरल्स होते हैं. हालांकि चने का इस्तेमाल हर तरह से फायदेमंद है लेकिन अंकुरित काला चना खाना सबसे अधिक फायदेमंद होता है.

चने की तासीर क्या होती है?

चने की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे सर्दियों में खाना और फायेदेमंद होता है। चने में मौजूद फाइटो इस्ट्रोजन सेक्स पावर बढ़ाता है, ये शरीर में इस्ट्रोजन हार्मोन की तरह काम करता है, जिससे स्टेमिना बढ़ता है। चने को मूड बूस्टर भी कहा जाता है, इसे खाने का एहसास चेहरे पर खुशी ला देता है और मूड अच्छा कर देता है।