मैदानी क्षेत्र को क्या कहते हैं? - maidaanee kshetr ko kya kahate hain?

मैदानी क्षेत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधरातल पर मिलने वाले अपेश्राक्रत समतल निम्न भू-भाग को मैदान कह्ते हैं। इनका ढाल एकदम न्यून होता हैं तथा एसे क्षेत्रों में नदियों का प्रवाह धीमें पड़ जाता हैं।

मैदान की उत्पत्ति कैसे होती है?

इसे सुनेंरोकेंअधिकांश मैदानों का निर्माण नदियों द्वारा लायी मिट्टी से हुआ है। इनके अलावा हिमानी वायु व ज्वालामुखी उद्गारों से निकले पदार्थों के निक्षेप से मैदानों का निर्माण होता है । जैसे उत्तरी अमेरिका का मध्यवर्ती मैदान, प्रेरीज, भारत में उत्तर का मैदान, दक्षिण अमेरिका का पम्पास का मैदान, यूरोप का उत्तरी मैदानी प्रदेश।

मैदान का महत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमैदानों का आर्थिक महत्व समतल होने के कारण सिंचाई के साधनों का पर्याप्त विकास हुआ है। इन दोनों के कारण मैदानों में कृषि सर्वाधिक विकसित है। इसीलिये मैदानों को ‘संसार का अन्न भंडार’ कहा जाता है। उद्योगों का विकास – समतल, उपजाऊ एवं सिंचाई की सुविधाओं के कारण मैदानों में कृषि प्रधान उद्योगों का विकास हुआ है।

मैदान किसे कहते हैं मैदान कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमैदान क्या हैं मैदान ऊँचे-नीचे भी हो सकते हैं. ऊँचाई की दृष्टि से मैदान समुद्र तल से 150 मीटर तक ऊँचे भू-भाग हैं. मैदान का ऊपरी धरातल प्रायः समतल तथा सपाट होता है और ढाल मंद होता है ऊँचाई, स्थिति, आकार और धरातलीय स्वरूप के आधार पर मैदानों को कई भागों में बाँटा जा सकता है.

मैदान कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम लिखो?

इसे सुनेंरोकेंनदी, हिमानी, पवन, आदि तल संतुलन के कारकों द्वारा ढोये पदार्थों के जमाव से बने मैदानों को निक्षेपण द्वारा बने मैदान कहते हैं। निक्षेपण द्वारा बने मैदानों के प्रकार हैं-जलोढ़ मैदान, सरोवरी मैदान, हिमानी कृत मैदान और लोयस मैदान । () उपजाऊ मृदा – मैदानों की मृदा सबसे अधिक उपजाऊ तथा गहरी होती है।

मैदान कितने प्रकार के होते है?

इस आधार पर मैदान दो प्रकार के होते हैं :

  • तटीय मैदान – सागर तटों के निकट के मैदान तटीय मैदान कहलाते हैं, जैसे-फ्लोरिडा का मैदान, भारत का पूर्वी तटीय मैदान।
  • आन्तरिक मैदान – महाद्वीपों के आन्तरिक भाग में पाए जाने वाले मैदान आन्तरिक मैदान कहलाते हैं। जैसे- यूरोप का मैदान।

मैदानी भागों को कितने भागों में बांटा गया है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर के मैदान को तीन भागों में विभाजित किया गया है- 1-सिन्धु का मैदान 2-गंगा का मैदान 3-ब्रहामपुत्र का मैदान Page 4 Created by -Janki Gobari [G.I.C.Patharkhani] उत्तर से दक्षिण दिशा में इस मैदान पर तीन धरातलीय देखने को मिलते हैं- 1–भाभर 2-तराई 3-जलोढ भाभर क्षेत्र- उत्तर भारत के विशाल मैदान की उत्तरी सीमा पर गिरिपाद …

मैदान कितने प्रकार का होता है?

स्थिति के आधार पर मैदानों का वर्गीकरण

  • (1) तटीय मैदान (Coastal Plain ) –
  • (2) आन्तरिक मैदान (Interior Plain) –
  • समतल मैदान-
  • (अ) गिरिपाद जलोढ़ मैदान-
  • (ब) बाढ़ मैदान-
  • (स) डेल्टा का मैदान-
  • (2) झीलकृत मैदान-

नदी अपरदन से बने मैदान क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसागर तटीय क्षेत्र में लगातार नदियों द्वारा लाये गए अवसादों को जमा करने से सागर तटीय मैदान का निर्माण होता है। जैसे- भारत के तटीय मैदान। एक उत्थित पठारी क्षेत्र में लगातार अपरदन के कार्य सक्रिय रहने से यह पठारी क्षेत्र घर्षित होकर मैदान में परिवर्तित हो जाता है। जिसे समप्राय मैदान के नाम से जाना जाता है।

विषयसूची

  • 1 मैदानी क्षेत्र की क्या क्या विशेषता है?
  • 2 मैदान की परिभाषा क्या है?
  • 3 मैदानी क्षेत्र क्या है?
  • 4 मैदान कितने प्रकार के होते हैं?
  • 5 मैदान कितने प्रकार के होते है?
  • 6 मैदान का निर्माण कैसे हुआ?
  • 7 मैदान किसे कहते हैं मैदान कितने प्रकार के होते हैं?
  • 8 मैदान कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम लिखो?

मैदानी क्षेत्र की क्या क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंमैदानों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे समुद्र से ऊँचे या नीचे हो सकते हैं परंतु अपने समीपवर्ती पठार तथा पर्वत से ऊँचे नहीं हो सकते हैं। यह प्रायः एक ही प्रकार की मिट्टी से बने होते हैं जिसमें थोड़ा बहुत स्थानीय अंतर हो सकता है।

मैदान की परिभाषा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएक विस्तृत समतल भू-क्षेत्र जिसकी ऊँचाई सामान्यतः कम होती है। सामान्यतः सागर तल से 150 मीटर तक ऊँचे तथा समतल विस्तीर्ण भूखंड मैदान कहलाते हैं।

मैदान का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंमैदानों का आर्थिक महत्व समतल होने के कारण सिंचाई के साधनों का पर्याप्त विकास हुआ है। इन दोनों के कारण मैदानों में कृषि सर्वाधिक विकसित है। इसीलिये मैदानों को ‘संसार का अन्न भंडार’ कहा जाता है। उद्योगों का विकास – समतल, उपजाऊ एवं सिंचाई की सुविधाओं के कारण मैदानों में कृषि प्रधान उद्योगों का विकास हुआ है।

मैदानी क्षेत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधरातल पर मिलने वाले अपेश्राक्रत समतल निम्न भू-भाग को मैदान कह्ते हैं। इनका ढाल एकदम न्यून होता हैं तथा एसे क्षेत्रों में नदियों का प्रवाह धीमें पड़ जाता हैं।

मैदान कितने प्रकार के होते हैं?

स्थिति के आधार पर मैदानों का वर्गीकरण

  • (1) तटीय मैदान (Coastal Plain ) –
  • (2) आन्तरिक मैदान (Interior Plain) –
  • समतल मैदान-
  • (अ) गिरिपाद जलोढ़ मैदान-
  • (ब) बाढ़ मैदान-
  • (स) डेल्टा का मैदान-
  • (2) झीलकृत मैदान-

मैदान में ही अधिक लोग क्यों बढ़ाते हैं?

इसे सुनेंरोकें(iv) मैदान में ही अधिक लोग क्यों बसते हैं? उत्तर- मैदान में ही भूमि समतल होती है। न कहीं अधिक ऊँची न कहीं अधिक नीची। जिससे लोग यहाँ कृषि-कार्य आसानी से करते हैं।

मैदान कितने प्रकार के होते है?

इस आधार पर मैदान दो प्रकार के होते हैं :

  • तटीय मैदान – सागर तटों के निकट के मैदान तटीय मैदान कहलाते हैं, जैसे-फ्लोरिडा का मैदान, भारत का पूर्वी तटीय मैदान।
  • आन्तरिक मैदान – महाद्वीपों के आन्तरिक भाग में पाए जाने वाले मैदान आन्तरिक मैदान कहलाते हैं। जैसे- यूरोप का मैदान।

मैदान का निर्माण कैसे हुआ?

इसे सुनेंरोकेंमैदान का निर्माण कैसे होता हैं नदियों द्वारा मिट्टी, गाद आदि का निक्षेपण किए जाने से, जो नदियाँ अपने साथ अपने उद्गम स्थान से ही लाती हैं, से मैदान का निर्माण (how plain are formed) होता हैं. नदियाँ लाखों वर्षों से किसी भूभाग में बहती हुई उस भूभाग को समतल करती रहती हैं.

बढ़ के मैदान बहुत उपजा क्यों होते हैं इसके दो करन बतायें?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: वार्षिक बाढ़ों के दौरान बड़ी मात्रा में अवसाद(रेत,मिट्टी के कण,कंकड़ पत्थर आदि) नदी के आस पास के निचले क्षेत्रो में जमा हो जाते हैं । इस प्रकार क्रमशः प्रतिवर्ष बाढ़ के दौरान अवसादों की एक परत जम जाती है। जिससे उपजाऊ मैदान बन जाते हैं।

मैदान किसे कहते हैं मैदान कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमैदान क्या हैं मैदान ऊँचे-नीचे भी हो सकते हैं. ऊँचाई की दृष्टि से मैदान समुद्र तल से 150 मीटर तक ऊँचे भू-भाग हैं. मैदान का ऊपरी धरातल प्रायः समतल तथा सपाट होता है और ढाल मंद होता है ऊँचाई, स्थिति, आकार और धरातलीय स्वरूप के आधार पर मैदानों को कई भागों में बाँटा जा सकता है.

मैदान कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम लिखो?

इसे सुनेंरोकेंनदी, हिमानी, पवन, आदि तल संतुलन के कारकों द्वारा ढोये पदार्थों के जमाव से बने मैदानों को निक्षेपण द्वारा बने मैदान कहते हैं। निक्षेपण द्वारा बने मैदानों के प्रकार हैं-जलोढ़ मैदान, सरोवरी मैदान, हिमानी कृत मैदान और लोयस मैदान । () उपजाऊ मृदा – मैदानों की मृदा सबसे अधिक उपजाऊ तथा गहरी होती है।

नदी अपरदन से बने मैदान क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपेरिस बेसिन एवं अरावली पर्वत का क्षेत्र समप्राय मैदान का अच्छा उदाहरण है। जब हिमनदी अपरदन द्वारा ऊंचे भाग को घिस कर उच्चायुक्त मैदान का निर्माण करती है तो उसे ही अपरदन मैदान कहते हैं। उत्तरी अमेरिका एवं यूरोप तथा एशिया के उत्तरी भागों में अनेक हिम अपरदन मैदान पाए जाते हैं।