चोट लगने पर कौन si क्रीम लगाना चाहिए? - chot lagane par kaun si kreem lagaana chaahie?

चोट लगने पर ज्यादा टाइट पट्टी बांधने से हो सकता है गैंगरिन

चोट लगने पर खून को बहने से रोकने और संक्रमण से बचाने के लिए ड्रेसिंग की जाती है।

जयपुर

Published: September 15, 2018 02:35:40 pm

चोट लगने पर खून को बहने से रोकने और संक्रमण से बचाने के लिए ड्रेसिंग की जाती है। यदि इसमें सावधानी नहीं बरती गई तो दिक्कत बढ़ती है। पट्टी के टाइट बांधने से शरीर के निचले हिस्से की ब्लड सप्लाई रुक जाती है। लंबे समय तक टाइट पट्टी बांधने से गैंगरीन या फुट अल्सर की आशंका हो जाती है वहीं ढीली पट्टी बांधने से खून का रिसाव होता रहता है और संक्रमण की आशंका बनी रहती है। हल्की चोट है तो एक दिन छोडक़र डे्रसिंग कर सकते हैं। घाव को गर्मी के दिनों में पसीना और बरसात में गंदे पानी से बचाना चाहिए। इससे भी संक्रमण की आशंका बढ़ती है।
हाथ साफ कर बांधें
डे्रसिंग करते समय परिजन को भी सावधानी बरतनी होती है। उन्हेें पहले अपने हाथों को एंटीसेप्टिक लोशन से साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद स्टेलाइज दस्ताने (ग्लोब्ज) पहनें। घाव को बिटाडीन या किसी एंटीसेप्टिक लोशन से ठीक से साफ करें। घाव के चारों तरफ की सफाई जरूरी है। अगर घाव के स्थान पर बाल है तो उसको साफ कर दें। फिर चोट वाले स्थान पर कोई एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं। इसके ऊपर गॉज और थोड़ा कॉटन लगाकर पट्टी बांधे। घाव के ऊपर सीधे कॉटन नहीं रखें। कॉटन घाव पर आसानी से चिपक जाता है और दोबारा से क्लीनिंग करते समस्या करेगा। इससे घाव भी बढ़ सकता है। इसमें मरीज को दर्द भी होता और अच्छी क्लीनिंग नहीं हो पाती है। हमेशा स्टेलाइज गॉज और कॉटन का ही प्रयोग करें।
कॅम्प्रेस बैंडेज करें
बैंडेज लगाते समय कहा जाता है कि कॅ प्रेस बैंडेज ही करना चाहिए। इसमें पट्टी को न तो ज्यादा ढीली और न ही ज्यादा टाइट बांधते हैं। यह डे्रसिंग करने वाला ही तय करता है कि बैंडेज न तो ढीला है और न ही ज्यादा टाइट है। घाव ज्यादा या संक्रमण वाला है तो ड्रेसिंग रोजाना करें। ऐसा न करने पर संक्रमण की आशंका अधिक हो जाती है।
राजकुमार राजपाल, नर्स
एसएमएस चिकित्सालय, जयपुर

चोट लगने पर कौन si क्रीम लगाना चाहिए? - chot lagane par kaun si kreem lagaana chaahie?

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रेग्युलर लाइफ में हमारे साथ चोट के निशान, फोड़े-फुंसी का होना लगा रहता है। कहने को तो चोट के निशान, फोड़े-फुंसी छोटे हैं लेकिन, तकलीफ बहुत होती है। शरीर के किसी अंग पर चोट लग जाने, कट जाने, छिल जाने और जल जाने पर हमारी कोशिश यही रहती है कि जल्दी से जल्दी चोट के घाव, फोड़े-फुंसी भर जाए। चोट लग जाने के दौरान या घाव हो जाने के दौरान उसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है, क्योंकि कुछ चोट आपकी मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकती है। बेहतरी इसी में है कि जब भी किसी अंग पर चोट लगे या घाव हो जाए, तत्काल घर पर उसका सही उपचार किया जाए। आप इस चोट के घाव को भरने के लिए नीचे बताए गए घरेलू उपाय आजमा सकते हैं।

चोट के निशान भरने के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?

चोट के निशान या घाव जल्द ठीक न होने पर निम्नलिखित उपाय अपनायें-

सबसे पहले घाव की सफाई

जब भी शरीर के किसी अंग पर चोट लगे। फौरन साफ पानी से उसकी सफाई करें। अगर चोट लगने के बाद लगातार ब्लीडिंग हो रहा है, तो किसी तरह उस पर कॉटन लगाकर उसे रोकने की कोशिश करें। अगर कॉटन और बर्फ लगाने के बाद भी ब्लीडिंग नहीं रुके, तो फौरन नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं।

1. बर्फ

शरीर के किसी अंग पर चोट लग जाते ही फौरन उस पर बर्फ लगा सकते हैं। अगर आप चोट के आसपास की नसों को ठंडा कर देते हैं, तो इससे ब्लड मांसपेशियों में कम फैलता है। बाजार में भी आपको आइसपैक्स आसानी से मिल सकता है, जो स्पेशली चोट के लिए ही होता है। इसके अलावा आप फ्रिज में रखे बर्फ को डायरेक्ट चोट की जगह पर लगा सकते हैं। आप चाहे तो बर्फ को कपड़े में लपेटकर भी इससे सिकाई कर सकते हैं। आपने कभी-कभी ध्यान दिया होगा, खिलाड़ियों के किट बैग में आइसपैक्स होता है। जब भी उन्हें मैच के दौरान चोट लगता है। फौरन वो चोट वाली जगह पर आइसपैक्स लगा लेते हैं।

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2. गर्म सिकाई व पट्टी

चोटिल जगह पर बर्फ की सिकाई करने के 24 घंटे बाद आप उस स्थान पर गर्म सिकाई करें। चोटिल जगहों पर गर्म सिकाई करने से ब्लड सर्क्यूलेशन बढ़ जाता है। यानी चोटिल जगह पर ब्लड स्थिर नहीं हो पाता है, वो तेजी से सर्क्यूलेट होने लगता है। चोट वाले स्थान पर आप 20-20 मिनट के लिए हीटिंग पैड से सिकाई करें। इसके बाद हाथों या टांगों में जहां चोट लगी है, उस स्थान पर इलास्टिक बैंडेज बांध लें। चोट वाले स्थान की मांसपेशियों को दबाने से ब्लड बाहर नहीं निकल पाता है, और आपकी चोट की गंभीरता भी कम हो जाती है।

3. हल्दी

हल्दी चोट के घाव के लिए एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक है। साथ ही हल्दी को चोट पर लगाने से इंफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है। अगर चोट लगने पर बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो तुरंत उस पर हल्दी का पाउडर डाल दें। इससे ब्लीडिंग बंद हो जाएगी। दरअसल यह हर्बल सप्लीमेंट कैसे काम करता है इसके बारे में अभी ज्यादा शोध मौजूद नहीं है। चोट लगने या कहीं पर दर्द होने पर हल्दी वाला दूध पीने की सलाह भी दी जाती है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी डॉक्टर या फिर किसी हर्बलिस्ट से सम्पर्क करें। हालांकि इसमें करक्यूमिन (curcumin) नामक केमिकल पाया जाता है, जोकि सूजन को कम करने का काम करता है। इसलिए हल्दी का इस्तेमाल इन्फ्लेमेशन आदि में किया जाता है।

4. अजमोद

चोट के निशान पर लगाने के लिए अजमोद के पत्तों को हाथों से रगड़ लीजिए। फिर इन पत्तों को चौट पर फैलाकर इलास्टिक बैंड से बांध दीजिए। मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि अजमोद के पत्तों को घाव पर लगाने से दर्द और सूजन नहीं होता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

5. टी बैग

तेजपत्ते या कैमोमाइल (बबूने का फूल) के टी-बैग्स लीजिए। टी बैग्स को गर्म पानी में डुबो लें। फिर इन्हें चोट के निशान पर लगाएं। कैमोमाइल से बहुत हद तक दर्द कम होता है। कई लोग टी बैग्स का उपयोग आंखों की थकान दूर करने के लिए भी करते हैं।

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6. एलोवेरा

एलोवेरा से भी दर्द और सूजन कम होती है। आप एलोवेरा के पत्तों को दबाकर उसमें से जेल निकालिए। इसके जेल को चोट के निशान पर लगाइए। एलोवेरा चोट के निशान को भरने में मदद करता है। इससे सूजन और दर्द नहीं होता है। एलोवेरा को आसानी से घर में उगाया जा सकता है।

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7. लहसुन

लहसुन चोट के निशान के लिए ऐसी दवा है, जो हर किसी के किचन में मौजूद होता है। अगर किसी को लहसुन नहीं भी पसंद, तो आप इसे दवा की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर शरीर के किसी भाग में आपको गहरा चोट लगा है, तो आप दिन में दो लहसुन की कली खाकर चोट भर सकते हैं। लहसुन को बहुत अच्छा एंटीबायोटिक माना जाता है।

8. अनानास

अनानास वैसे तो हर किसी को पसंद होता है। लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगा, कि यह चोट के निशान के लिए कितना फायदेमंद है। अगर आप चोट के दौरान अनानास खाते हैं और जूस पीते हैं, तब आपका जख्म काफी जल्दी भर जाएगा।

9. प्याज

चोट के निशान पर लगाने के लिए कच्चे प्याज को बीच में से काटिए और इसके अंदरूनी हिस्से को घाव पर लगाएं, लेकिन आपकी चोट पर जख्म है तो, आपको प्याज लगाने से बचना चाहिए।

10. शहद

शहद में एंटी बैक्टीरियल होता है। जो चोट के निशान को बैक्टीरिया से बचाने में मदद करता है। यदि घाव हल्का हो तो उसे साफ करने के बाद शहद लगाकर उस पर पट्टी बांध दें। ऐसा करने से घाव जल्दी भर जाता है। शहद से घाव के दौरान सूजन नहीं आती है।

अगर आपकी स्किन सेंसटिव है या आपको किसी प्रकार की स्किन एलर्जी है तो इन उपायों को अपनाने से पहले एक्सपर्ट से कंसल्ट करें।

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चोट के निशान या घाव जल्द ठीक न होने के क्या कारण हैं?

इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे-

  • डेड स्किन होने पर घाव जल्दी ठीक नहीं हो पाते हैं।
  • शरीर पर हुए घाव या चोट की वजह बैक्टीरिया होने लगते हैं। जिस कारण इंफेक्शन (संक्रमण) शुरू होने लग सकता है। ऐसी स्थिति में घाव जल्दी ठीक नहीं हो पाता है।
  • संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन न करने के कारण भी घाव भरने में देरी हो सकती है। इसलिए अगर ज्यादा वक्त लग रहा हो घाव भरने में तो डॉक्टर से अवश्य मिलें।
  • डायबिटीज, एनीमिया और वेस्कुलर डिजीज जैसी बीमारी होने पर घाव जल्दी ठीक नहीं हो पाता है।
  • अगर आपको चोट लगी है और आप सिगरेट पीते हैं, तो यह आपकी परेशानी को और बढ़ा सकता है। ऐसी स्थिति में घाव के जल्द ठीक होने की संभावना कम हो जाती है।

अगर आप चोट के निशान से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें

चोट लगने पर कौन सी क्रीम लगाई जाती है?

अर्निका क्रीम लंबे समय से चोट, उपभेदों, मोच, दर्द से राहत, सूजन और सूजन के लिए उपयोग किया जाता है। चोटों के लिए यह अर्निका लोशन चोट से राहत में मदद करने के लिए आवश्यक अवयवों के साथ पैक किया जाता है।

चोट के लिए सबसे अच्छा ट्यूब कौन सा है?

Arnica और कोलेजन गोल्ड जेल - [7 Oz] एक बहुत ही प्रभावी जेल की ट्यूब. चोट, सूजन, मांसपेशियों की कठोरता, मोच और तनाव के लिए आपकी सबसे अच्छी शर्त.

चोट लगने पर कौन सा मलहम लगाना चाहिए?

शहद और चूना जिस जगह आपको चोट लगी है वहां आप शहद और खाने वाला चूना इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके उपयोग से आपको असहनीय दर्द से छुटकारा मिलेगा. शहद और चूने में चोट के दर्द को खींचने की क्षमता होती है. इसके लिए जिस जगह चोट लगी है वहां थोड़ा शहद और थोड़ा खाने वाला चूना मिलाकर लगाएं.

चोट की सूजन को कैसे कम करें?

चोट की सूजन में शहद का इस्तेमाल करने से चोट वाली जगह पर तुरंत राहत मिलती है। इसके लिए आप सूजन वाली जगह पर शहद में थोड़ा सा चूना मिक्स करके लगाएं। शहद और चूना का मिश्रण चोट खींचने में और सूजन कम करने में मदद करेगा। यदि आपके पास चूना नहीं है तो चोट की सूजन पर शहद का लेप करें