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जन्म के बाद से ही शिशु के विकास का चरण शुरू हो जाता है। वह धीरे-धीरे खुद से क्रॉल करने से लेकर, बैठना, चलना, ताली बजाना और बोलना सीखने लगता है। बच्चे के विकासात्मक का यह तरण हर पेरेंट्स के लिए काफी आनंद भरा भी होता है। यही वजह है कि इस लेख में हम खासतौर पर शिशु के बोलने से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। कितने माह में आपका शिशु बोलना शुरू करता है, इससे जानने के लिए यह लख पढ़ें। आमतौर पर शिशु किस उम्र में बोलना शुरू करते हैं। शिशु किस उम्र में बोलना शुरू करते है? | Bache kab bolna shuru karte haiआमतौर पर बच्चे 4 महीने की उम्र में तुतला कर बोलना शुरू कर देते हैं। आमातौर पर वे अपने आस-पास सुनाई देनी वाली आवाजों की नकल कर सकते हैं और इस दौरान वे इसे अपनी तोतली भाषा में बोलने का प्रयास भी करते हैं (1)। वहीं, विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चे में गर्भ से ही भाषा का संचार होने लगता है, इसलिए मां को गर्भावस्था के दौरान से ही शिशु से बात करनी चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि बच्चे को किसी शब्द को बोलना शुरू करने से पहले उसे कम से कम 100 बार सुनने की जरूरत होती है (2)। जानना चाहते हैं कि बच्चे कब और कैसे बोलते हैं तो आगे पढ़ें। छोटे बच्चे कब और कैसे बोलना सिखते है?आम तौर पर छोटे बच्चे 12 से 18 महीने की उम्र के बीच अपना पहला शब्द बोलना शुरू कर देते हैं (3)। रिसर्च से यह पता चलता है कि बच्चों में जन्म से लेकर 5 वर्ष तक भाषा सीखने का गुण विकसित होता रहता है। यहां हम क्रमानुसार जानेंगे कि किस उम्र में बच्चे क्या बोलते हैं (2)।
छोटे बच्चे को बात करना कैसे सिखाएं, आगे जानते हैं। छोटे बच्चे को बात करना कैसे सिखाएं? | Bache ko bolna kaise sikhayeछोटे बच्चे को बात करना सिखाने के कई तरीके हैं। अगर उन तरीकों का सही से इस्तेमाल किया जाए, तो बच्चा आसानी से साफ-साफ बोलना शुरू कर सकता है। यहां पर हम ऐसे ही कुछ टिप्स दे रहे हैं, तो आपके बच्चे को बोलना सिखाने में मदद करेंगे।
जब शिशु बोलना सीख रहा है, उस समय इन बातों का ख्याल रखना चाहिए। शिशु को बोलना सिखाते वक्त ध्यान रखने योग्य बातेंएक बात का ध्यान रखें कि हर बच्चे का विकासात्मक चरण एक-दूसरे बच्चे के अलग हो सकता है। जहां कुछ बच्चे छोटी उम्र में ही बोलना शुरू कर देते हैं, वहीं कुछ बच्चों को बोलना शुरू करने में थोड़ा समय भी लग सकता है (1)। इसलिए, जरूरी है कि शिशु को बोलना सिखाते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, जैसेः
बच्चा देर से बात करना शुरू करता है तो क्या करें, जानने के लिए आगे पढ़ें। क्या होगा अगर आपका बच्चा बात करना शुरू नहीं कर रहा है?बच्चा अगर देर से बात करना शुरू करता है. तो पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं। कई बार इसे सामान्य भी माना जा सकता है, हालांकि, कुछ स्थितियों में यह गंभीर भी हो सकता है (4)।
बच्चे साफ और पूरा कब बोलने लगते हैं जानने के लिए अंत तक पढ़ें। बच्चे साफ और पूरा कब बोलते है?अमूमन 2 से 4 साल की उम्र के बीच बच्चे अपना शब्दकोष और व्याकरण कौशल का निर्माण करने लगते हैं। हालांकि प्रत्येक बच्चे में विकास का तरीका अलग-अलग हो सकता है। यह आमतौर पर उनको दिए जाने वाले माहौल और अनुभवों के आधार पर काम करता है। माना जाता है कि स्कूली उम्र तक बच्चे भाषा पर महारत हासिल कर लेता है, लेकिन कभी-कभी 8 वर्ष की उम्र तक भी बच्चा अपरिपक्वता दिखा सकता है (5)। बच्चे में हुए हर विकास माता-पिता के लिए रोमांचक होता है। जब बच्चा अपनी तोतली जबान से मां या पापा बोलता है तो इसकी खुशी पैरंट्स के चेहरे पर देखी जा सकती है। बच्चा अगर उम्र के हिसाब से बोलने में असमर्थता दिखा
रहा है तो चिंतिंत होने के बजाए, उसे बोलने की प्रैक्टिस कराएं। अगर ज्यादा परेशानी दिख रही है तो किसी बाल विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। बच्चों से जुड़ीं दूसरे आर्टिकल को पढ़ने के लिए जु़ड़े रेह मॉमजंक्श के वेबसाइट से। References:MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy.
Was this article helpful? The following two tabs change content below. 2 साल का बच्चा बोलता नहीं है क्या करें?अगर आपका बच्चा दो साल से अधिक उम्र का है और वह बिल्कुल भी नहीं बोलता है। न वह किसी की बात समझता है और एक ही काम बार-बार करता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह ऑटिज्म हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि शिशु रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
छोटे बच्चे कितने साल में बोलने लगते हैं?आम तौर पर छोटे बच्चे 12 से 18 महीने की उम्र के बीच अपना पहला शब्द बोलना शुरू कर देते हैं (3)। रिसर्च से यह पता चलता है कि बच्चों में जन्म से लेकर 5 वर्ष तक भाषा सीखने का गुण विकसित होता रहता है।
बच्चा देर से बोले तो क्या करना चाहिए?स्पीच लैंग्वेज थेरेपी की मदद से बच्चों में इस समस्या का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चे को जिस स्वास्थ्य समस्या के कारण बोलने में देरी हो रही है, उसका इलाज करके भी स्पीच डिले को ठीक किया जा सकता है। पैरेंट्स भी बच्चों की बोलने में मदद कर सकते हैं।
जल्दी जल्दी कैसे बोले?बच्चे की आवाज कॉपी करें
जब वह आपको कॉपी करना शुरू करता है, तो आप उसे नए शब्दों को सिखाने के लिए उपयोग कर सकते हैं. यह आपके बच्चे को तेजी से बात करने में मदद करेगा. अगर आपका बच्चा थोड़ी बहुत बात करने लगा है तो उसके लिए उस वाक्य को पूरा करें. वह थोड़ा बोलेगा और आप उसके साथ पूरा बोलेंगे.
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