Show छंद में कितनी मात्राएँ होती हैं?इसके प्रत्येक चरण में 16 व 12 के विराम से 28 मात्रायें होती हैं तथा अंत में लघु गुरु आना अनिवार्य है। हरिगीतिका में 16 और 12 मात्राओं पर यति होती है। प्रत्येक चरण के अन्त में रगण आना आवश्यक है।
दोहा में कुल कितनी मात्राएँ होती हैं?दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके विषम चरणों प्रथम तथा तृतीय में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों द्वितीय तथा चतुर्थ में ११-११ मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्राय: जगण (।
छंद में कितने वर्ण होते हैं?इसके प्रत्येक चरण में 22 से लेकर 26 तक वर्ण होते हैं। वर्णों की संख्या एवं गणों की प्रकृति के आधार पर इस छंद के ग्यारह भेद किये जाते हैं।
छंद कितने प्रकार के होते हैं और उनके नाम?छंद चार प्रकार के होते हैं—मात्रिक, वर्णिक, वर्णिक वृत्त एवं मुक्त। मात्रिक छंद के तीन भेद हैं—सममात्रिक, अर्धमात्रिक एवं विसममात्रिक। प्रमुख मात्रिक छंद, इस प्रकार से हैं—दोहा, सोरठा, रोला, गीतिका, हरिगीतिका, उल्लाला, चौपाई, बरवै, छप्पय, कुंडली, दिगपाल, आल्हा या वीर, सार, तांटक, रूपमाला और त्रिभंगी।
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