एक आँख वाला राक्षस कौन था? - ek aankh vaala raakshas kaun tha?

विराध : विराध दंडकवन का राक्षस था। सीता और लक्ष्मण के साथ राम ने दंडक वन में प्रवेश किया। वहां पर उन्हें ऋषि-मुनियों के अनेक आश्रम दृष्टिगत हुए। राम उन्हीं के आश्रम में रहने लगे। ऋषियों ने उन्हें एक राक्षस के उत्पात की जानकारी दी। राम ने उन्हें निर्भीक किया।

वहां से उन्होंने महावन में प्रवेश किया, जहां नाना प्रकार के हिंसक पशु और नरभक्षक राक्षस निवास करते थे। ये नरभक्षक राक्षस ही तपस्वियों को कष्ट दिया करते थे। कुछ ही दूर जाने के बाद बाघम्बर धारण किए हुए एक पर्वताकार राक्षस दृष्टिगत हुआ। वह राक्षस हाथी के समान चिंघाड़ता हुआ सीता पर झपटा। उसने सीता को उठा लिया और कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया।

उसने राम और लक्ष्मण पर क्रोधित होते हुए कहा- तुम धनुष-बाण लेकर दंडक वन में घुस आए हो। तुम दोनों कौन हो? क्या तुमने मेरा नाम नहीं सुना? मैं प्रतिदिन ऋषियों का मांस खाकर अपनी क्षुधा शांत करने वाला विराध हूं। तुम्हारी मृत्यु ही तुम्हें यहां ले आई है। मैं तुम दोनों का अभी रक्तपान करके इस सुन्दर स्त्री को अपनी पत्नी बनाऊंगा।

विराध ने हंसते हुए कहा- यदि तुम मेरा परिचय जानना ही चाहते हो तो सुनो! मैं जय राक्षस का पुत्र हूं। मेरी माता का नाम शतह्रदा है। मुझे ब्रह्माजी से यह वर प्राप्त है कि किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र न तो मेरी हत्या ही कर सकती है और न ही उनसे मेरे अंग छिन्न-भिन्न हो सकते हैं। यदि तुम इस स्त्री को मेरे पास छोड़कर चले जाओगे तो मैं तुम्हें वचन देता हूं कि मैं तुम्हें नहीं मारूंगा।

राम और लक्ष्मण ने उससे घोर युद्ध किया और उसे हर तरह से घायल कर दिया। फिर उसकी भुजाएं भी काट दीं। तभी राम बोले- लक्ष्मण! वरदान के कारण यह दुष्ट मर नहीं सकता इसलिए यही उचित है कि हमें भूमि में गड्ढा खोदकर इसे बहुत गहराई में गाड़ देना चाहिए।

लक्ष्मण गड्ढा खोदने लगे और राम विराध की गर्दन पर पैर रखकर खड़े हो गए। तब विराध बोला- हे प्रभु! मैं तुम्बुरू नाम का गंधर्व हूं। कुबेर ने मुझे राक्षस होने का शाप दिया था। मैं शाप के कारण राक्षस हो गया था। आज आपकी कृपा से मुझे उस शाप से मुक्ति मिल रही है। राम और लक्ष्मण ने उसे उठाकर गड्ढे में डाल दिया और गड्ढे को पत्थर आदि से पाट दिया।

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मांस पिंड जैसा कौन सा राक्षस था?

कबंध एक विशालकाय, डरावना राक्षस था। उसकी एक आँख थी। गर्दन नहीं थी। उसका शरीर मोटे माँस पिंड जैसा था

राक्षसों के राजा का क्या नाम था?

कुबेर यक्षों का राजा था और रावण राक्षसों का और दोनों विश्रवा के बच्चे थे। कश्यप की तरह विश्रवा भी ब्रह्मा के पुत्र थे। उनकी दो पत्ि‌नयां थीं। एक पत्‌नी से राक्षसों का जन्म हुआ और दूसरी पत्‌नी से यक्षों का।

राक्षसों की माता का नाम क्या है?

दैत्यों की माता दिति , दानवों की माता दनु और‌ राक्षसों की माता सुरसा।

सीता को पकड़ने वाले राक्षस का क्या नाम था?

उत्तर - सीता को पकड़ने वाले राक्षस का नाम विराध था