Show फतेह का जश्न इस जश्न के बाद है कवि ने ऐसा क्यों कहा?उत्तर -: इस कविता में काफ़िले शब्द सैनिकों के समूह के लिए प्रयोग किया गया है ,सैनिक कहते हैं की यदि वे शहीद हो जाएँ तो सैनिकों के अनेक समूह तैयार होने चाहिए ताकि दुश्मन देश में ना घुस सके।
काफ़िले का यहाँ क्या अर्थ है?यहाँ देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के समूह के लिए काफ़िले शब्द का प्रयोग किया गया है।
जान देने की रुत का क्या तात्पर्य है?जान देने की रुत- मातृभूमि के लिए कुरबान होने का अवसर। अपने देश के लिए जान देने की रुत आने पर भूल से भी नहीं चूकना चाहिए। हाथ उठने लगे- जब देश पर आक्रमणकारियों के हाथ उठने लगे तो उसे काट देना चाहिए।
कर चले हम फ़िदा कविता में बाँकपन से क्या अभिनय है जान देने की रुत रोज आती नहीं के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?कवि ने इस कविता में देश के लिए न्योछावर होने वाले अर्थात् देश के मान-सम्मान व रक्षा की खातिर अपने सुखों को त्याग कर, मर मिटने वाले बलिदानियों के काफिले को आगे बढ़ते रहने की बात कही है।
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