गिल्लू का पसंदीदा भोजन क्या था *? - gilloo ka pasandeeda bhojan kya tha *?

गिलो का प्रिय भोजन क्या था?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: गिल्लू का प्रिय भोजन काजू था।

गिल्लू को सबसे ज्यादा क्या पसंद था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तरः गिल्लू को काजू खाना प्रिय था। इसे वह अपने दाँतों से पकड़ कर कुतर-कुतरकर खाता रहता था। जब उसको काजू न मिलता तो वह खाने की अन्य चीजें लेना बन्द कर देता था या उन्हें झूले से नीचे फेंक देता था।

गिल्लू लेखिका को चौंकाने के लिए क्या करता था?

इसे सुनेंरोकेंजब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता। इसके लिए वह लेखिका के पैर तक आकर तेजी से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। गिल्लूह क्रिया तब तक करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती। इस प्रकार गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता।

गिल्लू कहाँ रहता था *?

इसे सुनेंरोकेंसोन जूही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में उस छोटे से जीव को याद आ गई, जिसे वे गिल्लू कहते थे। गिल्लू इसी बेल (लता) की हरियाली में छुपकर बैठ जाता था।

गिल्लू जातिवाचक संज्ञा कैसे बना?

इसे सुनेंरोकेंगिल्लू एक गिलहरी के बच्चे का नाम था जो कि जातिवाचक संज्ञा है परंतु लेखिका ने उसे गिल्लू नाम देकर व्यक्तिवाचक संज्ञा का दर्जा दिया क्योंकि वह लेखिका से बहुत ही प्रेम करता था तथा लेखिका भी उसे बहुत ही प्रेम करती थी लेखिका के घर में बहुत सारे पशु पक्षी थे परंतु गिल्लू एक ऐसा जीव था जिससे लेखिका बहुत ही प्रेम करती थी किसी …

लेखिका को आकर्षित करने का गिल्लू ने क्या उपाय निकाला?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था? उत्तर:- लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। उसका यह दौड़ने का क्रम तब तक चलता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती।

महादेवी के अतिरिक्त गिल्लू को सबसे अधिक और क्या प्रिय था?

इसे सुनेंरोकेंकाजू उसका प्रिय खाद्य था और कई दिन काजू न मिलने पर वह अन्य खाने की चीजें या तो लेना बन्द कर देता था या झूले के नीचे फेंक देता था।

लेखिका ने गिल्लू के रहने का स्थान कहाँ बनाया?

इसे सुनेंरोकेंवह पशु-पक्षियों को किसी बंधन या कैद में नहीं रखना चाहती थी। जब उन्हें महसूस हुआ कि गिल्लू बाहर जाना चाहता है तो उन्होंने उसे बाहर जाने के लिए स्वयं रास्ता दे दिया। व्याख्यात्मक हल: लेखिका को गिल्लू निश्चेष्ट अवस्था में गमले की संधि में मिला था।

गिल्लू को कहाँ दफनाया गया *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – लेखिका ने गिल्लू को उस जूही के पौधे के निचे दफनाया था क्योंकि गिल्लू को वह लता सबसे अधिक प्रिय थी। लेखिका ने ऐसा इसलिए भी किया था क्योंकि लेखिका को उस छोटे से जीव का, किसी बसंत में जुही के पीले रंग के छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास, लेखिका को एक अलग तरह का संतोष देता था।

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One Line Answer

गिल्लू का प्रिय खाद्य क्या था? इसे न पाने पर वह क्या करता था?

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Solution

गिल्लू का प्रिय खाद्य काजू था। इसे वह अपने दाँतों से पकड़कर कुतर-कुतरकर खाता रहता था। गिल्लू को जब काजू नहीं मिलता था तो वह खाने की अन्य चीजें लेना बंद कर देता था या उन्हें झूले से नीचे फेंक देता था।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 B)

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Chapter 1: गिल्लू - अतिरिक्त प्रश्न

Q 5Q 4Q 6

APPEARS IN

NCERT Class 9 Hindi - Sanchayan Part 1

Chapter 1 गिल्लू
अतिरिक्त प्रश्न | Q 5

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गिल्लू भोजन किस प्रकार करता था?


पहले गिल्लू महादेवी की थाली में बैठ जाया करता था बाद में महादेवी ने उसे थाली के पास बैठना सिखाया। अत: अब वह एक-एक चावल बड़ी कुशलता से उठाता था और बड़ी सफाई से खाता था। काजू उसका प्रिय भोजन था।

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सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन कौन से विचार उमड़ने लगे?


सोनजूही की पीली कली मनमोहक होती है। लेखिका के मन मे विचार आया कि वह छोटा जीव इसी कली की सघन छाया मे छिपकर बैठ जाता था। उसका नाम गगिल्लूथा। वह लेखिका के निकट पहुँचते ही कंधे पर कूद जाता था। और उन्हें चौका देता था उस समय लेखिका को केवल कली की खोज रहती थी पर अब वे उस लघुगात, प्राणी को ढूँढ रही थी। इस कली को पुन: खिले हुए देखकर लेखिका अपने उसी पारिवारिक सदस्य की खोज में डूब जाती हैं। जिसका नामकरण संस्कार भी उन्होंने स्वयं ही किया था।

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पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?


कौआ एक विचित्र प्राणी है। कभी इसका आदर किया जाता है तो कभी अनादर। श्राधों में लोग कौए को आदर से बुलाते हैं। पाठ के आधार पर कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि माना जाता है कि जो लोग मर जाते हैं, वे कौए के रूप में अपने प्रियजनों से मिलने आते है। उन्हें खाना खिलाकर ये माना जाता है कि अपने प्रियजनों को खाना खिला दिया। इसके माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है। इसका अनादर इसलिए किया जाता है, क्योंकि कौआ काँव-काँव करके हमारा सिर खा जाता है इसकी कर्कश वाणी किसी को नही भाती तभी यह अनादरित होता है।

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लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?


जब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता। इसके लिए वह लेखिका के पैर तक आकर तेजी से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। गिल्लूह क्रिया तब तक करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती। इस प्रकार गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता। लेखिका के गिल्लू समझदारी और इस प्रकार के कार्य कलापों पर हैरानी होती थी।

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गिलहरी के बायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?


लेखिका ने दो कौओं की चोंच से घायल, गिलहरी के बच्चे को उठा लिया। वह कौओं द्वारा चोच मारे जाने से बिल्कुल निश्चेन्त-सा गमले से चिपटा पड़ा था। लेखिका उसे उठाकर अपने कमरे में ले आईं और रूई से उसका खून पोंछकर उसके घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। लेखिका ने रूई की पतली बत्तीं दूध से भिगोकर बार-बार उसके नन्हें मुँह पर लगाई किन्तु उसका मुँह पूरी तरह खुल नहीं पाता था इसलिए वह पी न सका। तब काफी देर तक लेखिका उसका उपचार करती रही और उसके मुँह में पानी की बूँद टपकाने में सफल हो सकी। लेखिका के इस प्रकार के उपचार के तीन दिन बाद ही गिलहरी का बच्चा पूरी तरह अच्छा और स्वस्थ हो गया।

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गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?


गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि वह उसका पहला बसंत था। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके कुछ-कुछ कहने लगी। गिल्लू जाली के पास बैठकर उन्हें निहारता था। उन्हें मजे से खेलते देख वह उदास था। उसे मुक्त करने का कारण यह भी था कि उस जैसे छोटे जानवर, का कूत्ता और बिल्ली आदि से रक्षा करना भी मुश्किल था। लेखिका ने उसे मुक्त करने के लिए जाली का कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू बाहर आ जा सकता था। बाहर जाकर गिल्लू ने सचमुच मुक्ति की साँस ली।

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गिल्लू का प्रिय भोजन कौन सा था?

काजू उसका प्रिय खाद्य था और कई दिन काजू न मिलने पर वह अन्य खाने की चीजें या तो लेना बन्द कर देता था या झूले के नीचे फेंक देता था

गिल्लू को क्या बहुत पसंद था?

काजू उसे बेहद पसंद था। यदि कई दिन काजू न मिले तो अन्य चीजें भी खाना बन्द कर देता था। या झूले, के नीचे गिरा देता थागिल्लू को काजू बेहद पसंद था

गिल्लू का पसंदीदा भोजन क्या था तथा वह उसे पाने के लिए क्या करता था?

गिल्लू का प्रिय खाद्य काजू था। इसे वह अपने दाँतों से पकड़कर कुतर-कुतरकर खाता रहता थागिल्लू को जब काजू नहीं मिलता था तो वह खाने की अन्य चीजें लेना बंद कर देता था या उन्हें झूले से नीचे फेंक देता था

गिल्लू किसका नाम है?

'गिल्लू गिलहरी का ही संक्षिप्त रूप है। महादेवी ने उसे कोई व्यक्तिवाचक नया नाम देने की बजाय उसके जातिवाचक नाम 'गिलहरी' से पुकारना ही ठीक समझा। इसलिए उससे उसे प्यार से 'गिल्लू कह दिया।