एनबीटी न्यूज, फरीदाबाद : शहर के सामाजिक सगठन कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन में गरीब व असहाय लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। रेडक्रॉस सोसायटी के साथ टाइअप करके एनआईटी नंबर-1 सिद्धपीठ श्री महाकाली मंदिर व जय शंकर जय शिव सेवा मंडल के पदाधिकारी गरीबों को खाना खिला रहे हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन के समय में गरीब व असहाय लोगों की मदद करने से बढ़कर और कोई दूसरा पुण्य का काम नहीं नहीं सकता
है। सिद्धपीठ श्री महाकाली मंदिर कमिटी के प्रधान ने बताया कि नीरज अरोड़ा, चिंतन अरोड़ा, शिवम अहूजा ने गांव फतेहपुर चंदीला, प्रेस कॉलोनी व ओल्ड फरीदाबाद में गरीब व असहाय लोगों को खाना वितरण किए हैं। वहीं, जय शंकर जय शिव सेवा मंडल के प्रधान आलोक कुमार बताया कि रमेश मदान, हेमंत कुमार, राकेश, अशोक व बिरेंद्र चंदा के साथ मिलकर हर दिन अलग-अलग एरिया में गरीब व असहाय लोगों को खाने का पैकेट वितरण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेक्टर-56, दशहरा मैदान, एनआईटी व नेशनल
हाईवे में गरीब व असहाय लोगों के साथ लॉकडाउन में अपने घरों को पैदल जाने वाले लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें गरीबों का खाना बाटी चोखा बना शाही भोजनकभी अभावग्रस्त पूर्वी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य बिहार के कुछ जिलों के गरीबों का मुख्य भोजन रहा बाटी-चोखा अब बदलते जमाने में शाही लोगों का पसन्दीदा भोजन बनता जा रहा है। प्रदेश के अभावग्रस्त... देवरिया: कभी अभावग्रस्त पूर्वी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य बिहार के कुछ जिलों के गरीबों का मुख्य भोजन रहा बाटी-चोखा अब बदलते जमाने में शाही लोगों का पसन्दीदा भोजन बनता जा रहा है। प्रदेश के अभावग्रस्त देवरिया, गोरखपुर, बलिया, मऊ, गाजीपुर,आजमगढ़, बस्ती, कुशीनगर आदि जिलों समेत बिहार के जिले सीवान, छपरा, गोपालगंज, पश्चिम चम्पारण आदि जिलों में बाटी चोखा गरीब लोगों का मुख्य भोजन हुआ करता था। बदलते जमाने में गरीबों का यह भोजन बड़े-बड़े लोगों का शाही भोजन बन गया है। अब तो बाटी चोखा शादी ब्याह और पाटिर्यों के साथ बड़े लोगों का शौकिया भोजन बनता जा रहा है। इसे पहले गरीबों का मुख्य भोजन कहा जाता था। गांव के गरीब लोग कण्डे को जलाकर उस पर बाटी चोखा बनाते थे। बलिया निवासी अनूप ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चन्द्रशेखर बाटी चोखा के शौकीन थे। उन्होंने गरीबों के इस भोजन को पूर्वी उत्तर प्रदेश से ले जाकर देश की
राजधानी दिल्ली तक बड़े-बड़े लोगों को इसका स्वाद चखाया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस भोजन को चन्द्रशेखर ने दिल्ली में भी पहचान दिलवाई। आज के समय में बाटी चोखा कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, पटना के साथ मुम्बई और गुजरात के अहमदाबाद में भी दुकानों पर आसानी से मिल जाया करता है। यह भोजन स्वास्थ्य के द्दष्टिकोण से भी हितकर माना जाता है। देवरिया शहर में बाटी चोखा की 25 से अधिक दुकाने खुली हैं, जहां लोग शौकिया तौर पर भोजन करते दिखाई पड़ते हैं। बाटी चोखा के दुकानदार रामलाल ने बताया हमारे दुकान पर गरीब से लेकर बड़े लोग बाटी चोखा खाने आते हैं। दिन में ऐसे लोग आते हैं जो कम पैसे में अपनी भूख शांत करते हैं, लेकिन रात के समय गरीब लोगों के साथ बड़े-बड़े शौकिया लोग आते हैं जो अपने दोस्तों के साथ आकर भोजन करते हैं।
BTC$ 16513.53 Thu, Nov 24, 2022 02.36 PM UTC ETH$ 1192.89 Thu, Nov 24, 2022 02.36 PM UTC USDT$ 1 Thu, Nov 24, 2022 02.36 PM UTC BNB$ 297.06 Thu, Nov 24, 2022 02.36 PM UTC usd-coin$ 1 Thu, Nov 24, 2022 02.36 PM UTC XRP$ 0.38 Thu, Nov 24, 2022 02.36 PM UTC terra-luna$ 2.51 Tue, Oct 18, 2022 03.06 PM UTC solana$ 14.23 Thu, Nov 24, 2022 02.36 PM UTC Trending TopicsEngland win by 5 wickets RR 6.85 Most Read Storiesगरीबों का मुख्य भोजन क्या था?बदलते जमाने में गरीबों का यह भोजन बड़े-बड़े लोगों का शाही भोजन बन गया है। अब तो बाटी चोखा शादी ब्याह और पाटिर्यों के साथ बड़े लोगों का शौकिया भोजन बनता जा रहा है। इसे पहले गरीबों का मुख्य भोजन कहा जाता था।
गरीब की पहचान कैसे करें?परिभाषा- जीवन की मूलभूत जरूरतों (रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा) के लिए जिन लोगों को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ती है, गरीब की श्रेणी में आते हैं। जीवन की यह स्थिति गरीबी कहलाती है।
गरीब लोग गरीब क्यों होते हैं?आय के साधनविहीन व्यक्ति ही गरीबी के शिकार होते हैं। आय के साधनों का बढना देश की अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है। यदि यह बढती है तो इसे पूरा करने के लिए श्रमशक्ति की आवश्यकता होती है। श्रमशक्ति का दूसरा अर्थ ही लोगों को रोजगार मिलना अर्थात लोगों को आय के साधन उपलब्ध कराना होता है।
गरीब आदमी क्या है?सबसे गरीब जो महेनत खुब करता है ओर व्यसन मुकत है और घर चलाने मे पैसो की तंगी रहती है और बचत भी नही कर सकता लेकीन समाज मान सम्मान है पर चाहते भी समाज मे हेल्प नही कर सकता है उसे ही गरीब बोला जायेगा।
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