ग्रहण में मंत्र सिद्ध कैसे करें - grahan mein mantr siddh kaise karen

ग्रहण में मंत्र सिद्ध कैसे करें - grahan mein mantr siddh kaise karen

चंद्र ग्रहण के दौरान जपें ये मंत्र - फोटो : अमर उजाला

Chandra Grahan 2022 Mantra : आज यानी 8 नवंबर 2022 को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ये चंद्र ग्रहण साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है। इसके पहले मई में साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण लगा था। चंद्र ग्रहण की घटना का ज्योतिषशास्त्र में खास महत्व होता है। 8 नवंबर को ग्रहण की शुरुआत करीब 4 बजकर 23 मिनट से होगी, जो कि करीब 6 बजकर 19 मिनट रहेगी। वहीं चंद्र के ग्रहण के नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल में किसी भी प्रकार के पूजा पाठ, देव दर्शन या स्पर्श पर रोक होती है। ज्योतिष मान्यता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं। ऐसे में इसके अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए। ये रहे वो मंत्र - 

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ग्रहण काल में करें इन मंत्रों का जाप

 ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:
इस मंत्र के जाप से धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:
ये बगुलामुखी का मंत्र है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।

ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम:
इस मंत्र के जाप से वाक सिद्धि प्राप्त होती है।

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ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नौकरी और व्यापार में वृद्धि के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें।

इसके साथ ही मानसिक शांति के लिए नीचे दिए मंत्रों का जाप करें। 
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः.
ॐ सों सोमाय नमः.
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:.
ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:.
ॐ ऐं क्लीं सौमाय नामाय नम:.

चंद्र ग्रहण के जिस समय को तमाम चीजों के लिए अशुभ माना गया है, उसमें मंत्र जप का आखिर क्या महत्व है? चंद्र ग्रहण में मंत्र जपने की विधि और लाभ जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

ग्रहण में मंत्र सिद्ध कैसे करें - grahan mein mantr siddh kaise karen

Chandra Grahan Mantra Jap Remedies

Lunar Eclipse 2022: महज 15 दिनों के भीतर एक बार फिर ग्रहण पड़ने जा रहा है. यह साल का आखिरी ग्रहण है, जिसे ज्योतिषी देश-दुनिया और आम आदमी के लिए अशुभ बता रहे है. हिंदू धर्म में भी ग्रहण को एक अशुभ घटना ही माना गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ग्रहण से लगने वाले दोष से कैसे बचा जाए. खास तौर पर तब जब ग्रहण काल के समय देवी-देवताओं की विधि-विधान से पूजा-पाठ पर रोक लग जाती हो. सनातन परंपरा के अनुसार ग्रहण के समय भले ही पूजा-पाठ नहीं किया जाता हो लेकिन मंत्र पर कोई मनाही नहीं है. बल्कि चंद्र ग्रहण का समय तो किसी भी मंत्र को सिद्ध करने और उसके शुभ फल पाने के लिए बहुत उत्तम माना गया है. आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान किस मंत्र को जपने से आपकी कौन से पूरी होगी मनोकामना.

शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला मंत्र

यदि आपको हर समय ज्ञात और अज्ञात शत्रुओं का भय बना रहता है और आप उन पर विजय पाना चाहते हैं तो आज चंद्र ग्रहण के दौरान मां बगुलामुखी के मंत्र ‘ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:’ का अधिक से अधिक जप करें.

आरोग्य की प्राप्ति का मंत्र

यदि आप किसी रोग के चलते शारीरिक कष्ट झेल रहे हैं और तमाम तरह के इलाज के बाद भी आपको उससे मुक्ति नहीं मिल पाई हो तो आप आज चंद्र ग्रहण के समय सभी विपदाओं से बाहर निकालने और आरोग्य और सौभाग्य प्रदान करने वाले महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ का जप करें.

धन-धान्य के लिए जपें ये मंत्र

यदि आप इन दिनों पैसों की किल्लत से जूझ रहे हैं और आप अपनी आर्थिक दिक्कत को दूर करना चाहते हैं तो आज चंद्र ग्रहण के समय ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा’ मंत्र का अधिक से अधिक जप करें. मान्यता है कि इस मंत्र को जपने से व्यक्ति पर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है.

रोजी रोजगार दिलाने वाला मंत्र

यदि आपको रोजी-रोजगार की तलाश है, या फिर आप अपने करिअर कारोबार में तरक्की करना चाहते हैं तो आज चंद्रग्रहण के समय ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:’ मंत्र का जप करें.

किस माला से जपें मंंत्र

हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार किसी भी देवी-देवता का मंत्र उससे संबंधित माला से ही जपना चाहिए. जैसे भगवान शिव के लिए रुद्राक्ष की माला से तो भगवान श्री विष्णु के मंत्र को तुलसी या फिर पीले चंदन की माला से तो वहीं माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कमलगट्टे् की माला से मंत्र का जप करना चाहिए. मंत्र जप का पुण्य फल पाने के लिए हमेशा अपनी ही माला का प्रयोग करें. कभी भूलकर भी अपने गले में पहनी हुई माला का मंत्र जप के लिए प्रयोग न करें. इसी प्रकार ग्रहों की शुभता को पाने के लिए भी उनसे संबंधित माला का ही प्रयोग करें. जैसे मंगल ग्रह की शुभता को पाने के लिए मूंगे की माला और चंद्रमा की शुभता पाने के लिए मोती की माला से उसके मंत्र का जप करें.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं,इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

ग्रहण काल में कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

सूर्य ग्रहण पर इस मंत्र का करें जाप- ॐ घृणि: सूर्यादित्योम, ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री, ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:, ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: इस मंत्र का जाप करने से आपके जीवन खुशहालमय हो जाएगा.

चंद्र ग्रहण में कौन सी साधना करनी चाहिए?

ग्रहण काल में किसी भी एक मंत्र को, जिसकी सिद्धि करना हो या किसी विशेष प्रयोजन हेतु सिद्धि करना हो, जप सकते हैं। ग्रहण काल में मंत्र जपने के लिए माला की आवश्यकता नहीं होती बल्कि समय का ही महत्व होता है। ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।

मंत्र सिद्ध होने की क्या पहचान है?

साधक सदैव अपने इष्ट -देव की उपस्थिति अनुभव करे और उनके दिव्य-गुणों से अपने को भरा समझे तो मंत्र-सिद्ध हुआ जाने। शुद्धता, पवित्रता और चेतना का उर्ध्गमन का अनुभव करे, तो मंत्र-सिद्ध हुआ जानें मंत्र सिद्धि के पश्चात साधक की शुभ और सात्विक इच्छाए पूरी होने लगती हैं।

कोई भी मंत्र कितने दिन में सिद्ध होता है?

जिस मंत्र की साधना करनी हो पहले विधिपूर्वक जितना हर रोज जप सकें उतना प्रतिदिन जप कर सवा लाख बार जप पूरा कर मंत्र साधना करें। फिर जिस कार्य को करना चाहते हैं 108 बार या 21 बार जैसा मंत्र में लिखा हो- उतनी बार जप करने से कार्य सिद्ध होता है।