हम टीएलसी कैसे बढ़ा सकते हैं? - ham teeelasee kaise badha sakate hain?

TLC test in Hindi : हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमारे शरीर में कहीं ऐसी कोशिका होती जिनका काफी बड़ा योगदान है

सबसे बड़ा योगदान हमारे शरीर के अंदर मौजूद कई ऐसे तत्व और कोशिकाएं मौजूद होती है जो हमारे शरीर को स्वस्थ और रक्त के लिए बेहद फायदेमंद होती है

लेकिन आज हम आपको हमारे शरीर में मौजूद एक कोशिकाओं के टेस्ट के बारे में बताएगें जिसे जिसे हम TLC (Total Leucocyte Count) कहते हैं

आपने कई बार TLC की कमी होने के बारे में सुना होगा TLC की मात्रा में कमी होने के कारण क्या होता है,

और उसको सामान्य रखने के कौन से उपाय है, पूरी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में बताने की कोशिश करेंगे और TLC को बनाए रखने के लिए किन भोजन का सेवन करना चाहिए। जैसे महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा करेंगे

आपको बता दें हमारे शरीर में दो तरह की कोशिकाएं मौजूद होती है एक जिसे लाल रक्त कोशिकाएं कहते हैं जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन बनाए रखने में काफी फायदेमंद है लाल रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करती है

दूसरी कोशिका को श्वेत रक्त कोशिकाओं (white blood cells) के नाम से जाना जाता है

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आपको बता दें हमारे शरीर के लिए श्वेत रक्त कोशिकाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है और यह हमारे शरीर को सुरक्षित रखने के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है

क्योंकि यह हमारे शरीर को दूषित तत्व और कीटाणुओं से सुरक्षित रखने का कार्य करती है

हम टीएलसी कैसे बढ़ा सकते हैं? - ham teeelasee kaise badha sakate hain?
TLC (blood) Test kya hota hai kaise karate hai in Hindi

हम आपको बताते हैं TLC की कमी होने की समस्या कब होती है, जैसा कि हमने बताया श्वेत रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी और महत्वपूर्ण मानी जाती है

इसीलिए जब भी श्वेत रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती है तब TLC की मात्रा में कमी हो जाती है।

और जब बढ़ जाती तो हमारे शरीर को सुरक्षित माना जाता है इसका मतलब यह है कि श्वेत रक्त कोशिका हमारे शरीर में घुसे हुए कीटाणुओं को नष्ट करने का कार्य कर रही है

इस वजह से हमारे शरीर में TLC बढ़ जाती है जब भी आपको TLC जैसी समस्या हो, तो आप TLC टेस्ट करवा सकते हैं।  और TLC test in Hindi में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते।

  • TLC टेस्ट क्या है – टीएलसी (TLC) क्या होता है | TLC test in Hindi
    • TLC Test कैसे किया जाता है
    • टीएलसी टेस्ट क्यों करना जरूरी है
    • TLC के बढ़ने का कारण क्या है
    • TLC को संतुलित रखने के उपाय
    • TLC कम होने पर नुकसान
    • टीएलसी कम होने पर क्या खाना चाहिए
    • FAQs –  TLC test in Hindi (टीएलसी परीक्षण क्या होता है)
      • Disclaimer
      • Conclusion

आप सब जानते हैं मेडिकल टेस्ट में श्वेत रक्त के कई प्रकार के टेस्ट होते हैं

उनमें से TLC एक तरह का रक्त टेस्ट है । इस टेस्ट में ये पता लगाया जाता है, कि श्वेत रक्त कोशिकाओं (white blood cells count) की संख्या कितनी है।

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जब किसी को गंभीर बीमारी होती है तब रक्त जांच करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है साथ ही आपने देखा होगा TLC टेस्ट भी कई बार किए जाते हैं।

TLC उन लोगों का किया जाता है जिनके शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं की जांच करने की आवश्यकता होती है।

TLC टेस्ट में हमारे शरीर में में मौजूद रक्त कोशिकाओं की मात्रा की बारीकी से जांच की जाती है और रक्त कोशिकाओं की संख्या की जांच करने के लिए TLC टेस्ट करना काफी महत्वपूर्ण है

आपको बता दें हमारे शरीर में श्वेत रक्त कोशिका TLC 4000  से 11000 per/100ml तक  मौजूद होती है।

TLC Test कैसे किया जाता है

TLC एक तरह का ब्लड टेस्ट है और किसी भी बीमारी का पता लगाने के लिए बेहद जरूरी टेस्ट में से एक माना जाता है

ब्लड टेस्ट आमतौर पर हमारे शरीर में मौजूद कीटाणु या गंभीर बीमारी का पता लगाने के लिए हमारे शरीर में से ब्लड लेकर खास तरह का टेस्ट किया जाता है और यह टेस्ट बड़ी laboratory से लेकर स्थानीय हॉस्पिटल में किया जाता है।

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TLC test  करने के लिए आपके शरीर से ब्लड सैंपल लिया जाता है

और उसको laboratory के लिए भेजा जाता है रक्त कोशिकाओं की संख्या की बारीकी से जांच होती है

इसके अलावा रक्त कोशिकाओं की संख्या ज्यादा है, या कम, उसका पता लगाया जाता है.


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इसे हम एक तरह का TLC टेस्ट कहते हैं और यह आमतौर पर हर लेबोरेटरी में किया जाता है TLC टेस्ट की तब जरूरत पड़ती है जब हमारे शरीर में श्वेत रक्त की कमी होती है या ब्लड संबंधित समस्याओं होती है और इस मामले में TLC करना बेहद जरूरी माना जाता है।

नीचे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है हमने बताया है कि TLC टेस्ट कब करवाया जाता है और कैसी बीमारी होने पर TLC टेस्ट करना बेहद जरूरी होता है हमने कुछ बीमारियों के लिस्ट हमने नीचे दी है।


  • ब्लड कैंसर
  • तेज बुखार या ठंड लगना जैसी बीमारी
  • इंफेक्शन जैसी बीमारी होने पर
  • एलर्जी जैसी समस्या या बीमारी होना
  • लगातार सिर दर्द की समस्या होना शरीर में थकान और कमजोरी जैसी समस्या
  • विटामिन की कमी और दिल और लीवर की बीमारी जैसी स्थिति में TLC टेस्ट करवाना बेहद जरूरी होता है

इसके अलावा जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं और गंभीर बीमारी या गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं| ऐसी स्थिति में डॉक्टर TLC टेस्ट करवाने का सुझाव देते हैं

TLC टेस्ट इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि TLC टेस्ट में आपके ब्लड और शरीर में मौजूद कोशिकाओं की बारीकी से जांच करके गंभीर लक्षण और बीमारी का पता लगाने में मदद मिलती है।

और जब श्वेत रक्त की कमी होने पर TLC टेस्ट नहीं करवाया जाता, तो यह हमारे शरीर के लिए काफी गंभीर माना जाता है,

और जभी किसी भी मरीज को लगातार थकान कमजोरी जैसे, लक्षण देखने को मिलते हैं, तो तुरंत डॉक्टर उसका TLC टेस्ट करवाते हैं।

क्योंकि ऐसी स्थिति में, हमारे शरीर में मौजूद, श्वेत रक्त मैं कीटाणु हमले करते हैं, या हमारे श्वेत रक्त में दूषित तत्व प्रवेश होने पर हम गंभीर बीमारी का शिकार होते हैं।

टीएलसी टेस्ट क्यों करना जरूरी है

जैसा कि हमने बताया यह सी टेस्ट करने का सुझाव डॉक्टर तब देते हैं जब आपके शरीर में श्वेत रक्त की संख्या में कमी होती है या आप को गंभीर बीमारी हो यह गंभीर लक्षण होने पर टीएलसी करवाने का डॉक्टर कहते।

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चलिए आपको बताते आखिर कर टीएलसी टेस्ट कब करना बहुत जरूरी है और कब किया जाता है इसके अलावा डॉक्टर आपको कब TLC टेस्ट करने का सुझाव देते।


आज के समय में हर कोई गलत खानपान की वजह से बीमारी का शिकार बनते हैं जब भी हम गलत खान पान खाते हैं उस वजह से हमारे शरीर में कीटाणुऔर  कहीं दूषित तत्व प्रवेश कर जाते हैं,

उस वजह से हमें गंभीर बीमारी जैसे मलेरिया, टाइफाइड, ब्लड कैंसर और डायबिटीज जैसी कहीं गंभीर समस्या होती है।

ऐसी स्थिति में डॉक्टर सबसे पहले टीएलसी टेस्ट करवाने का सुझाव देते हैं और इन बीमारियों में टीएलसी टेस्ट होना बेहद जरूरी होता है ।

क्योंकि इनसे यह पता चलता है कि

आपके शरीर में, कैसे कीटाणु मौजूद है। या बीमारी कितनी गंभीर है, और डॉक्टर आपके टीएलसी रिपोर्ट के मुताबिक, इलाज करते हैं । और टीएलसी रिपोर्ट के आधार पर किया गया इलाज काफी सफल माना जाता है।


रक्त से जुड़ी किसी भी साधारण और गंभीर बीमारी के लिए टीएलसी रिपोर्ट की जाती है इसके अलावा श्वेत रक्त की कमी होने पर अक्सर मरीज को कमजोरी और थकान जैसी समस्या होती है

ऐसी स्थिति में डॉक्टर टीएलसी रिपोर्ट करवाने का सुझाव देते हैं।

और रक्त कोशिकाओं की संख्या की जांच करने के लिए, TLC रिपोर्ट काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा, अगर आपको ब्लड, से जुड़ी किसी भी बीमारी है, जैसे ब्लड कैंसर, औऱ डायबिटीज बीमारी के लिए TLC रिपोर्ट आमतौर पर सामान्य माना जात है ।


पूरी दुनिया में लगभग सैकड़ों लोग एलर्जी जैसी समस्या से पीड़ित है एलर्जी किसी भी चीज को लेकर हो सकती है,

जैसे खाने की एलर्जी हो सकती है, किसी केमिकल या किसी पदार्थों की एलर्जी हो सकती है, ऐसी स्थिति में अक्सर TLC रिपोर्ट किया जाता है

और बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए, सटीक कारण की जांच की जाती है। आपको हमने पहले भी बताया, टीएलसी रिपोर्ट ऐसा टेस्ट है, जिसके द्वारा शरीर में होने वाली किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए जांच की जाती हैं।


हमारे शरीर के किसी भी अंग की बीमारी होने पर, लगातार इलाज करने के बावजूद, अगर ठीक नहीं होती।

ऐसी स्थिति में TLC करवाया जाता है, या इसलिए जरूरी है।

क्योंकि टीएलसी रिपोर्ट से यह पता लगाया जाता है। कि इसका इलाज कैसे हो सकता है? साथ ही इसका कारण क्या है? ऐसे कई चीजों का पता लगाया जाता है।

इसके, अलावा अगर आपको, कई दिनों से बीमारी है। और लगातार दवाओं का सेवन करने के बावजूद, ठीक नहीं होती । और समस्या बढ़ती जाती है, ऐसे में टीएलसी रिपोर्ट बीमारी को ठीक करने के लिए एक महत्वपूर्ण ज़रिया माना जाता है।

TLC के बढ़ने का कारण क्या है

किसी भी बीमारी बिना कारण नहीं होती ऐसे ही  टीएलसी बढ़ने के कहीं कारण होते हैं।

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आपको बता दें टीएलसी बढ़ने पर सीधा असर श्वेत रक्त कोशिकाओं पर पड़ता है, और श्वेत रक्त कोशिका नष्ट होने पर ज्यादातर टीएलसी बढ़ने की समस्या देखने को मिलती है।

सबसे ज्यादा किसी भी, श्वेत रक्त कोशिकाओं की समस्या होने पर, टीएलसी का रिपोर्ट करवाना बेहद जरूरी होता है। ताकि, टीएलसी बढ़ने के करण की जांच हो सके।

वैसे हमने टीएलसी बढ़ने के कुछ कारण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है

  • जब भी हमारे शरीर में किसी भी कीटाणु का प्रवेश होता है ऐसे में श्वेत रक्त कोशिकाओं पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ता है उसके कारण कहीं बाहर कई सारी बीमारी का कारण बनता है ऐसे में टीएलसी टेस्ट करवाया जाता है

  • हमारे शरीर में इसीलिए अंग पर यही हिस्सों पर गहरी चोट लगती है ऐसी स्थिति में टीएलसी टेस्ट करवाया जाता है।

  • कहीं लोग कई तरह की जल्दबाजी में दवाओं का सेवन करते हैं वह भी बिना डॉक्टर को दिखाएं मेडिकल स्टोर से पेन किलर जैसी दवाओं का सेवन कर लेते हैं इस वजह से टीएलसी बढ़ जाती है।

  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर वीएलसी बढ़ जाने की समस्या देखने को मिलते हैं और गर्भावस्था में टीएलसी बढ़ने आम बात है लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए टीएलसी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और अपने डॉक्टर से तुरंत इसका इलाज करना चाहिए.

ऊपर बताए गए कारणों की वजह से TLC बढ़ जाती हैं

इसके अलावा कहीं लोग लगातार सुबह और शाम योगा करते हैं, और व्यायाम करते हैं, ऐसे लोगों को भी TLC बढ़ जाने की संभावना अधिक होती है।

इसके अलावा, जो लोग, ज्यादा मेहनत वाला काम करते हैं। ऐसी स्थिति में भी TLC बढ़ जाती है।

साफ तौर पर, अगर आपको कहे, तो TLC बढ़ने की समस्या हमारे शरीर में ज्यादा होती है, कभी कबार यह खतरनाक मानी जाती है।

जब हम, किसी गंभीर बीमारी का शिकार होते है। ऐसी स्थिति में, TLC टेस्ट करवाना चाहिए।

और आपके डॉक्टर भी ऐसी स्थिति में, टीएलसी टेस्ट करवाने का सुझाव देते है।

वैसे हमने TLC test in Hindi मैं आपको महत्वपूर्ण जानकारी आर्टिकल के शुरुआत में, बताइए है । जो आपके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी।

TLC को संतुलित रखने के उपाय

अगर आपको लगता है आपको रक्त से जुड़ी समस्या है ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह जरूर देनी चाहिए वह सकता है

आपको टीएलसी की कमी हो और इसको नजरअंदाज करना नुकसानदायक माना जाता है

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लेकिन TLC को संतुलित रखने के कहीं आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय होते हैं जिनका इस्तेमाल कर या नुस्खे आजमा कर आप आसानी से TLC को संतुलित रख सकते हैं।

हमने कुछ टिप्स दिए हैं, जिसको आप फॉलो करके TLC को संतुलित कर सकते हैं।

कुछ लोग बाहर का खाना बहुत ज्यादा खाते है। इसलिए कहीं बार टीएलसी की कमी जैसी समस्या होती है। जो कि बाहर का खाना खाने से, हमारे शरीर में दूषित कीटाणु जमा होते है,

और टीएलसी कम होने का कारण बनते है, टीएलसी को संतुलित रखने के लिए, आपको विटामिन वाले भोजन करने चाहिए, साथ ही, नीली सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

बाहर के खाना खाने से परहेज कीजिए। इसके अलावा, आप प्रोटीन युक्त और पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी और फलों का सेवन कर सकते हैं । प्रोटीन से भरपूर और विटामिन वाले फल और शब्ज़िया आपको टीएलसी को संतुलित रखने में काफी मदद करेंगे।


आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर कोई पूरी नींद नहीं करता इसके खाना नहीं खाता अगर आप अपने जीवन से लिखो बदल कर समय पर खाना पीना चाहिए और पूरी नींद करने से टीएलसी जैसी समस्या को आप संतुलित रख पाएंगे

इसके अलावा, आपको समय पर उठना और समय पर सोना चाहिए। ऐसा करने पर, हमारे शरीर में एनर्जी बनी रहती है। जिसके कारण हमारा शरीर स्वस्थ और कीटाणुओं से मुक्त रहता है।


अगर आपको काम करते वक्त या हमारे रोजाना एक्टिविटी के दौरान आपको किसी प्रकार की, गंभीर चोट लगती है। तो इसका इलाज तुरंत करना चाहिए।

कई लोग ऐसे होते हैं, जिनको टीएलसी की समस्या होने पर उनकी हालत गंभीर हो जाती है। ऐसी स्थिति में, आपको कभी भी, किसी भी, प्रकार की चोट लगे, या साधारण बीमारी हो। आपको तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।


TLC कम होने पर नुकसान

अभी आप पीएलसी रिपोर्ट करवाते हैं उस दौरान आपको पता चलता है कि आपके शरीर में TLC की कमी है

इसका कारण है की आपके शरीर में मौजूद श्वेत रक्त कोशिकाओं संख्या में कमी हुई है किसी भी दूषित कीटाणु ने आपकी श्वेत रक्त कोशिकाओं में प्रवेश किया ऐसी स्थिति में TLC में कम होना आम बात है।

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जब भी आपके शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं में कमी देखने को मिले। और अपने संतुलन से बाहर हो, ऐसी स्थिति में, TLC कमी देखने को मिलती है

अब आपको पूरे विस्तार से बताते हैं, कि टीएलसी कम होने के नुकसान क्या है? बहुत से लोग हैं, जिनको पता नहीं होता, कि टीएलसी कम होने के कारण क्या नुकसान हो सकता है? हमने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी है। जिनके द्वारा TLC कम होने के नुकसान के बारे में आप जान पाएंगे।


  • अलसी की कमी होने के कारण हमारे शरीर में कीटाणु या जीवाणु संक्रमण या हमारे श्वेत रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करता है ऐसी स्थिति में हमारा शरीर टीएलसी की कमी के कारण उस संक्रमण जीवाणु के सामने लड़ने में विफल होता है इस वजह से हमारे शरीर में कई तरह की गंभीर बीमारी हो होने की संभावना बढ़ जाती है और ऐसे में आपको थकान कमजोरी के अलावा अन्य गंभीर लक्षण भी देखने को मिलते हैं

  • जैसा कि, हमने बताया आगे बताया, कि हमारे शरीर के किसी भी अंग में, चोट लगती है। ऐसी स्थिति में, टीएलसी की कमी होने पर, हमारी चोट, या जख्मों को ठीक होने में काफी समय लगता है। और दवाओं का असर ज्यादा देखने को नही मिलता।

  • टीएलसी की कमी होने पर हमारे शरीर में कई तरह की गंभीर बीमारी होती है उनमें से मुख्य लक्षण जो है, कमजोरी होना, थकान महसूस होना, तेज बुखार, सिरदर्द ऐसे कई बीमारी का कारण, टीएलसी के कमी होने पर होती है।

टीएलसी कम होने पर क्या खाना चाहिए

टीएलसी कम होने की समस्या से पीड़ित है और आप इसका इलाज ढूंढ रहे हैं तो कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जो टीएलसी कम होने की समस्याओं के लिए काफी कारगर साबित हुए हैं.

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आपको बता दें कई ऐसे फल है जिनका सेवन कर, आप टीएलसी कम होने की स्थिति में आप इसका सेवन कर सकते हैं

वैसे हमने कुछ फुल की जानकारी दी है जिनका सेवन टीएलसी को संतुलन कर सकते हैं

हमने नीचे तीन ऐसे फल के बारे में बताया जिनका सेवन करके टीएलसी संबंधित समस्या को ठीक कर सकते है और अन्य बीमारी होने से बच सकते हैं। वैसे यह तीन फल टीएलसी की कमी होने पर, इसका सेवन करना काफी लाभदायक माना जाता है

  • गाजर (Carrot)

गाजर हमारे घर में आसानी से उपलब्ध हो जाता है लेकिन इनके फायदों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं आपको बता दें गाजर एक ऐसा फल है जो आपको गंभीर बीमारी में इसका सेवन करने से आपके शरीर को काफी हद तक स्वस्थ रख सकता है

ऐसे में अगर आपको टीएलसी जैसी समस्या है ऐसी स्थिति में गाजर का सेवन कर सकते हैं और टीएलसी को संतुलित रख सकते हैं।

इसको आप रोजाना दिन में दो बार खाना चाहिए इसके अलावा आप इसका सलाद बनाकर खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं, कई लोग गाजर की सब्जियां बनाकर खाते हैं।

अगर, आप गाजर का रोजाना दिन में एक बार भी सेवन करते हैं। तो आपको टीएलसी जैसी बीमारी कभी नहीं होती।


  • बादम, और संतरा (Almonds and Oranges)

बादाम और संतरा बाजार में आपको आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे।आपको बता दें, बादाम और संतरा में, ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। हमारे शरीर में मौजूद इनफेक्टेड कीटाणु से लड़ने में मदद करते हैं।

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संतरा का सेवन करना, आपके स्वास्थ्य के लिए, काफी फायदेमंद है।  साथ ही, आपके शरीर में मौजूद दूषित तत्व, और कीटाणुओं को नष्ट करके हमारे शरीर में, एनर्जी बनाए रखने में, काफी मदद करते हैं।

अगर आप टीएलसी कम होने की समस्या से पीड़ित है, या आपको रक्त से संबंधित समस्या है, तो आप बादाम और संतरा का सेवन करके ऐसी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

आप बादाम को रोजाना कई तरीकों से सेवन कर सकते हैं। संतरा का जूस बनाकर दिन में, दो से, तीन बार इसका सेवन कर सकते हैं। यह उपाय काफी कारगर माना जाता है। टीएलसी में और अन्य गंभीर बीमारी के लिए भी काफी कारगर उपाय है।


  • टमाटर (Tomato)

टमाटर हमारे घर में रोज खानों में इस्तेमाल होने वाले मुख्य जरूरत वाली चीजों में से है लेकिन आपको बता दें टमाटर का सेवन करने से टीएलसी की, कमी होने की समस्या से, निजात पा सकते हैं।

आप दिन में, दो से तीन बार टमाटर का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, टमाटर का जूस बनाकर दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।

ऐसा करने पर टीएलसी को संतुलित रख सकते हैं। और किसी अन्य बीमारी होने से भी बच सकते हैं।

आपको बता दें, टमाटर में ऐसे कारगर विटामिन होते हैं, जो किसी भी जीवाणु और कीटाणुओं को हमारे रक्त कोशिकाओं में, प्रवेशने रोकते हैं

टमाटर का सेवन टीएलसी की समस्या होने पर, काफी फायदेमंद और कारगर माना जाता है । आप सब्जियों में टमाटर का इस्तेमाल करने के साथ-साथ आपको, रोजाना टमाटर के जूस का सेवन भी करना चाहिए। जो काफी लाभदायक माना जाता है।

FAQs –  TLC test in Hindi (टीएलसी परीक्षण क्या होता है)

सवाल : टीएलसी का मतलब क्या है?

TLC एक प्रकार से खून की जाँच है। जिसके जरिए हमारे शरीर में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओ की गिनती की जाती है

सवाल : TLC फुलफॉर्म क्या होता है

टीएलसी का full form Total Leucocyte Count होता है

सवाल : मनुष्य के शरीर में टीएलसी कितनी होनी चाहिए

टीएलसी की सामान्य सीमा 4,000 से 11,000 कोशिकाओं प्रति घन मिलीमीटर रक्त के बीच होती है।

सवाल : टीएलसी (TLC)में क्या खाना चाहिए

चिकित्सक टीएलसी डाइट में आप सेब, केला, बेरीज़ आद‍ि का सेवन करना चाह‍िए। फलों में फाइबर की अच्‍छी मात्रा होती है। टीएलसी डाइट के मुताब‍िक आपको अपनी डाइट में फलों को जोड़ना चाह‍िए

सवाल : बच्चों में और वयस्क में टीएलसी कितनी होनी चाहिए

वयस्क 4500-10500/mm3.
बच्चे (12-18 वर्ष) 4500-13000/mm3.
बच्चे  (6-12 वर्ष) 4500-14500/mm3.
बच्चे (1-6 वर्ष) 5000-17000/mm3.
बच्चे (1 से वर्ष से कम) 6000-17500.
4 हफ्तों तक 6000-18000.
2 हफ्तों तक 6000-21000.
नवजात शिशु 10000-26000/mm3.

Disclaimer

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न विशेषज्ञों के अध्ययन और राय के साथ-साथ आम आदमी के स्वास्थ्य पर आधारित है। इस जानकारी को देने का उद्देश्य विषय से परिचित होना है। पाठकों को अपने स्वास्थ्य के आधार पर कोई भी निर्णय लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

Conclusion

इस लेख में आपने TLC test in Hindi के बारे में जाना आशा करते है | आप टोटल ल्यूकोसाइट्स काउंट (टीएलसी) क्या है जैसे महत्वपूर्ण विषय की पूरी जानकारी जान चुके होंगे।

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और इस विषय संबंधित कोई भी सवाल आप के मन में होगा तो निचे कमेंट में बताये हम आप के कमेंट का जरूर जवाब देंगे | शुरू से अंत तक इस Article को Read करने के लिए आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया…

टीएलसी कैसे बढ़ जाती है?

जवाब : शरीर में कहीं इंफेक्शन है। इस कारण टीएलसी बढ़ी हुई है। प्रॉपर जांच के बाद उपयुक्त एंटीबायोटिक से इसे ठीक किया जा सकता है।

टीएलसी कम होने पर क्या करे?

ब्रोकली एक ऐसी सब्जी है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें विटामिन-ए, सी, ई और कई एंटी-ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि हर किसी को अपने आहार में ब्रोकली को शामिल करना चाहिए। इससे प्रतिरक्षा तंत्र तो बेहतर बनता ही है, साथ ही यह सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में भी मदद करता है।

मनुष्य के शरीर में टीएलसी कितनी होनी चाहिए?

एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में एक माइक्रोलीटर खून में 4,500 से 11,000 वाइट ब्लड सेल्स होती हैं। आइए, आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताते हैं जिनसे इन सेल्स को बढ़ाया जा सकता है।

डीएलसी बढ़ने से क्या होता है?

यदि जिला स्तरीय समिति दर (DLC रेट) बाजार मूल्य से बहुत अधिक है, तो निवेशक उस कीमत से अधिक पैसा चुकाते हैं, जिस पर वो सहमत है। उच्च DLC रेट पर प्रॉपर्टी को बेचना कठिन हो जाता है, और इसलिए, इसमें निरंतर बदलाव करके लगभग बाजार दर जितना रखने से बाजार सुचारू रूप से चल सकता है।