हनुमान जी का चोला कैसे बनाया जाता है? - hanumaan jee ka chola kaise banaaya jaata hai?

भगवान शिव के एकादश रुद्रावतारों में से एक हैं हनुमानजी। आपका जन्म वैशाख पूर्णिमा को हुआ माना जाता है। इसी दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। शिवार्चन के जैसी सरल साधना विधि है। आवश्यकता के अनुसार मंत्र इत्यादि में परिवर्तन किया जाता है। पूर्णत: सात्विक रहते हुए हनुमानजी का पूजन-भजन करना चाहिए अन्यथा देव कोप भोगना पड़ सकता है।



साधारणतया हनुमान प्रतिमा को चोला चढ़ाते हैं। हनुमानजी की कृपा प्राप्त करने के लिए मंगलवार को तथा शनि महाराज की साढ़े साती, अढैया, दशा, अंतरदशा में कष्ट कम करने के लिए शनिवार को चोला चढ़ाया जाता है। मान्यता इन्हीं दिनों की है, लेकिन दूसरे दिनों में रवि, सोम, बुध, गुरु, शुक्र को चढ़ाने का निषेध नहीं है। चोले में चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाकर प्रतिमा पर लेपन कर अच्‍छी तरह मलकर, रगड़कर चांदी या सोने का वर्क चढ़ाते हैं। 

नई दिल्‍ली: रामभक्‍त हनुमान के भक्‍त देश के हर कोने में मिलेंगे. मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) के लिए लोग व्रत रखते हैं, उनकी पूजा करते हैं. कई लोग उन्‍हें श्रृंगार भी चढ़ाते हैं. इसके अलावा ज्‍योतिष के मुताबिक मंगल (Mangal) ग्रह को मजबूत करने के लिए भी हनुमान जी की पूजा-आराधना या उनसे संबंधित उपाय करने की सलाह दी जाती है. इन उपायों में हनुमान जी को श्रृंगार चढ़ाना भी शामिल है, लेकिन इसमें की गई गलती फायदे की जगह नुकसान करा सकती है. 

चोला चढ़ाने से होगा बहुत लाभ 

जिन लोगों की राशि में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो या शनि ग्रह के कारण कष्‍ट हो रहा हो उन्‍हें हनुमान जी शनिवार के दिन चोला चढ़ाने (Chola Chadana) की सलाह दी जाती है. वहीं मंगल ग्रह कमजोर होने पर मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने से लाभ होता है. इस चोला चढ़ाने में उपयोग होने वाले सभी सामान को ही अमूमन हनुमान जी का श्रृंगार कहा जाता है. 

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ऐसे चढ़ाएं चोला 

मंदिर में हनुमान जी के सामने घी का दिया जलाकर उनका गंगा जल से अभिषेक करें. फिर साफ कपड़े से प्रतिमा को पोंछ लें. इसके बाद सिंदूर में घी या चमेली का तेल मिलाकर उन्‍हें इसका लेप करें. इसे ही चोला चढ़ाना कहते हैं. भगवान को सबसे पहले बाएं पैर में चोला चढ़ाएं, इसके बाद बाकी जगह लगाएं. कई लोग चोला चढ़ाने के बाद हनुमान जी को सोने या चांदी का वर्क चढ़ाने की सलाह देते हैं, लेकिन कभी भी हनुमान जी के श्रृंगार में चांदी के वर्क का उपयोग न करें क्‍योंकि यह सात्विक नहीं होता है. इससे जातक मुश्किल में आ सकता है. 

चोला चढ़ाने के बाद हनुमान जी को साफ वस्‍त्र और जनेऊ पहनाएं. उन्‍हें रेशम का एक लाल धागा अर्पित करके इसे अपने गले में धारण करने से भी बहुत लाभ होगा. आखिर में भगवान को भोग लगाकर आरती करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

हिंदी न्यूज़ धर्मBada Mangal 2021 : हनुमान जी को घर में कैसे चढ़ाएं चोला? जानें विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट

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हनुमान जी का चोला कैसे बनाया जाता है? - hanumaan jee ka chola kaise banaaya jaata hai?

Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 01 Jun 2021 03:56 PM

आज ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार और ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार का विशेष महत्व होता है। इस दिन को बड़ा मंगल भी कहा जाता है। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से हनुमान जी की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। हनुमान जी को चोला चढ़ाने से आरोग्य का वरदान मिलता है। इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर में रहना ही सुरक्षित है। आप घर में ही हनुमान जी को चोला चढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं सामग्री की पूरी लिस्ट और विधि...

चोला चढ़ाने के लिए सामग्री

  • सिंदूर
  • घी या चमेली का तेल
  • चांदी या सोने का वर्क
  • वस्त्र
  • जनेऊ

चोला चढ़ाने की विधि...

  • सबसे पहले मंदिर में घी की ज्योत प्रज्वलित करें।
  • हनुमान जी का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • अभिषेक करने के बाद एक साफ वस्त्र से हनुमान जी की प्रतिमा को पोछें।
  • सिंदूर और घी या चमेली के तेल को मिला लें।
  • अब हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। 
  • सबसे पहले हनुमान जी के बाएं पांव में चोला चढ़ाएं। 
  • हनुमान जी को चोला चढ़ाने के बाद चांदी या सोने का वर्क भी चढ़ा दें।
  • हनुमान जी को जनेऊ पहनाएं। 
  • जनेऊ पहनाने के बाद हनुमान जी को साफ वस्त्र पहनाएं। 
  • चोला चढ़ाने के बाद हनुमान जी को भोग लगाएं। 
  • हनुमान जी की आरती भी अवश्य करें। 
  • हनुमान चालीसा का एक से अधिक बार पाठ करें।

हनुमान जी का चोला कैसे बनाया जाता है? - hanumaan jee ka chola kaise banaaya jaata hai?

हनुमान जी के चोले में क्या क्या सामग्री होती है?

चोला चढ़ाने की विधि....
सबसे पहले मंदिर में घी की ज्योत प्रज्वलित करें।.
हनुमान जी का गंगा जल से अभिषेक करें।.
अभिषेक करने के बाद एक साफ वस्त्र से हनुमान जी की प्रतिमा को पोछें।.
सिंदूर और घी या चमेली के तेल को मिला लें।.
अब हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।.
सबसे पहले हनुमान जी के बाएं पांव में चोला चढ़ाएं।.

हनुमान जी को चोला कैसे बनाएं?

मंदिर में हनुमान जी के सामने घी का दिया जलाकर उनका गंगा जल से अभिषेक करें. फिर साफ कपड़े से प्रतिमा को पोंछ लें. इसके बाद सिंदूर में घी या चमेली का तेल मिलाकर उन्‍हें इसका लेप करें. इसे ही चोला चढ़ाना कहते हैं.

हनुमान जी को चोला चढ़ाने का सही समय क्या है?

मान्यता है कि हनुमान जी को सिंदूर का चोला तब चढ़ाया जाता है, जब हनुमानजी की कृपा प्राप्त करनी हो या फिर कोई मन्नत की गई हो. ऐसे में मंगलवार के दिन चोला चढ़ाया जाता है. वहीं अगर शनि देव की साढ़े साती, अढैया, दशा, अंतरदशा में कष्ट कम करने हों तो शनिवार के दिन चोला चढ़ाया जाता है.

हनुमान जी को चोला चढ़ाने से क्या होता है?

यह मंगल का उपाय भी है। इससे मंगल दोष मिटता है। यदि आप कुछ भी चढ़ाने की क्षमता नहीं रखते या किसी और कारण से चढ़ा नहीं पाते हैं तो सिर्फ गुड़ और चना ही चढ़ाकर हनुमानजी को प्रसन्न कर सकते हैं। हर मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं।