काल विभाजन के आरंभिक प्रयास :
मिश्रबंधुओं का काल विभाजन :मिश्रबंधुओं द्वारा अपनी रचना 'मिश्रबंधु-विनोद' (1913 में तीन भाग तथा 1929 में चौथा भाग) में हिंदी साहित्य के इतिहास को निम्नलिखित 5 भागों और उप-भागों में बांटा गया है: -
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का काल विभाजन:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्बारा 1929 में 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' नामक ग्रंथ में किए गए काल विभाजन को ही अब तक सर्वाधिक प्रमाणिक और तार्किक माना जाता रहा है। यह इतिहाल ग्रंथ मूलत: नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर' की भूमिका के रूप में लिखा गया था। उन्होने सम्पूर्ण हिंदी साहित्य को निम्नलिखित चार भागों में विभाजित किया है: -
डॉ. राम कुमार वर्मा का काल विभाजन :सन् 1938 में प्रकाशित 'हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास' में डॉ. राम कुमार वर्मा ने हिंदी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन निम्नानुसार किया है: -
डॉ. गणपति चन्द्र गुप्त का काल विभाजन:सन् 1938 में प्रकाशित 'हिन्दी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास' (दो भाग) में डॉ. गणपति चन्द्र गुप्त ने शुक्ल जी की मान्यताओं का सतर्क खंडन करते हुए हिंदी साहित्य के इतिहास को प्रमुख रूप से निम्नलिखित भागों में विभाजित किया है :-
'एफ. ई . के' द्वारा किया गया काल विभाजन :वृत्त संग्रहों को आधार मानकर कई अन्य विद्वानों ने भी काल विभाजन का प्रयास किया है। यहां 'एफ. ई . के' द्वारा किया गया काल विभाजन उल्लेखनीय है।
विभिन्न विद्वानों के विविध मत :भक्तिकाल और आधुनिक काल के संबंध में विद्बानों में अधिक मतभेद नहीं हैं। केवल वीरगाथा काल और रीतिकाल के नामकरण को लेकर ही कुछ आलोचकों को आपत्ति है। इन कालों के नामकरण के संबंध में कुछ प्रमुख विद्वानों के मत निम्नलिखित हैं।
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हिंदी साहित्य के इतिहास को कितने काल में बांटा गया है?इसमें हिंदी साहित्य की विकास-यात्रा के चार काल खण्डों आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिककाल की सामान्य प्रवृत्तियों, कवियों एवं विशिष्टताओं का परिचय प्रस्तुत किया गया है।
हिंदी साहित्य के इतिहास को कितने भागों में विभाजित किया गया?1 काल विभाजन की समस्याः हिंदी साहित्य को आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल तथा आधुनिक काल में विभाजित किया गया है। आचार्य शुक्ल ने अपने हिन्दी साहित्य का इतिहास में इसी विभाजन को अपनाया है ।
हिंदी साहित्य के इतिहास को कितने भागों में विभाजित किया गया है प्रत्येक के नाम लिखकर एक एक रचना लिखो?डा रामचन्द्र शुक्ला ने हिन्दी साहित्य के इतिहास को चार भागों में बाँटा है। (१)आदिकाल या वीरगाथा काल इसकाल की मुख्य रचना पृथ्वीराज रासो,परमार रासो हैं। (२) भक्तिकाल इसकाल के मुख्य कवि सूरदास,तुलसीदास , कबीर दास,मलिक मुहम्मद जायसी हैं।
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