हरिहर काका को मंहत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे? - harihar kaaka ko manhat aur apane bhaee ek hee shrenee ke kyon lagane lage?

विषयसूची

  • 1 हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगे?
  • 2 ठाकुर जी की मनौती के प्रति लोगों के विश्वास का परिणाम क्या हुआ Class 10?
  • 3 हरिहर काका के परिवार के पास कुल कितने बीघे खेत हैं हरिहर काका * क 20 बीघा ख 15 बीघा ग 40 बीघा घ 60 बीघा?
  • 4 हरिहर काका को लेकर गाँव दो वर्गों में बँट गया था इन दोनों वर्गों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?

हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगे?

इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे? उत्तर:- हरिहर काका नि:संतान थे और उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ जमीन थी। मंहत और भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ पंद्रह बीघे जमीन को अपने कब्जे में करना था।

हरिहर काका के हिस्से में कितने बीघे खेत थे?

इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका एक निःसंतान व्यक्ति थे। उनके पास पंद्रह बीघे जमीन थी। हरिहर काका के भाइयों ने पहले तो उनकी खूब देखभाल की परंतु धीरे-धीरे उनकी पत्नियों ने काका के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।

हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?

इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले लोग महंत के आदमी थे। वे रात के समय हथियारों से लैस होकर आते हैं और हरिहर काका को ठाकुरबारी उठा कर ले जाते हैं। उसने हरिहर काका को कई बार ज़मीन जायदाद ठाकुर बाड़ी के नाम कर देने को कहा परन्तु वो नही मान रहे थे।

ठाकुर जी की मनौती के प्रति लोगों के विश्वास का परिणाम क्या हुआ Class 10?

इसे सुनेंरोकेंअधिकांश लोगों को विश्वास है कि उन्हें अच्छी फसल होती है, तो ठाकुरजी की कृपा से। मुक़दमे में उनकी जीत हुई तो ठाकुरजी के चलते। लड़की की शादी इसलिए जल्दी तय हो गई, क्योंकि ठाकुरजी को मनौती मनाई गई थी। लोगों के इस विश्वास का ही यह परिणाम है कि गाँव की अन्य चीज़ों की तुलना में ठाकुरबारी का विकास हज़ार गुना अधिक हुआ है।

हरिहर काका का अपने परिवार से मोहभंग क्यों हुआ क्या उनका मोहभंग उचित था?

इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका का अपने भाइयों के परिवार से मोहभंग होना बिल्कुल उचित था, क्योंकि उन्हें अपने भाइयों के परिवार से जिस तरह की अपेक्षा थी वह अपेक्षा पूरी नहीं हुई। उम्र के उस पड़ाव पर उन्हें भी किसी के सहारे की जरूरत थी, लेकिन उनके भाइयों के परिवार वालों ने उनकी अनदेखी कर उन्हें बेसहारा छोड़ दिया था।

हरिहर काका कहानी के अनुसार काका के भाई कब व क्यों लालची व बेईमान बन गए उन्होंने लालच में क्या क्या कुकर्म किए?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : जब काका को असलियत पता चली और उन्हें समझ में आ गया कि सब लोग उनकी ज़मीन जायदाद के पीछे हैं तो उन्हें वे सभी लोग याद आ गए जिन्होंने परिवार वालो के मोह माया में आकर अपनी ज़मीन उनके नाम कर दी और मृत्यु तक तिलतिल करके मरते रहे, दाने-दाने को मोहताज़ हो गए।

हरिहर काका के परिवार के पास कुल कितने बीघे खेत हैं हरिहर काका * क 20 बीघा ख 15 बीघा ग 40 बीघा घ 60 बीघा?

इसे सुनेंरोकेंपरिवार के पास 60 बीघा जमीन थी। उस हिसाब से हरिहर काका के हिस्से में 15 बीघा जमीन आती थी। वैसे तो उनके भाइयों ने अपनी पत्नियों से कह रखा था कि ये हरिहर काका की खूब सेवा करें-पर वे इस बात का पालन नहीं करती थी।

हरिहर काका के पास कितनी जमीन थी 1 Point 5 बीघा 10 बीघा 15 बीघा 20 बीघा?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (b) हरिहर काका की पन्द्रह बीघा उपजाऊ जमीन।

जमीन जायदाद होते हुए भी हरिहर काका मजबूरी और उपेक्षा का जीवन जीने को बाध्य थे क्यों?

इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले लोग ठाकुरबारी के साधु-संत और महंत के पक्ष के लोग थे। हरिहर काका अपनी जमीन ठाकुरबारी के नाम लिखने को तैयार न थे। वे अपने भाइयों के घेरे में रह रहे थे तब काका से बलपूर्वक जमीन-जायदाद की वसीयत करने का एकमात्र यही उपाय नजर आया। ठाकुरबारी में महंत के लोगों ने काका के साथ बुरा बरताव किया।

हरिहर काका को लेकर गाँव दो वर्गों में बँट गया था इन दोनों वर्गों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?

इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे? हरिहर काका के मामले में गाँव के लोग दो पक्षों में बँट गए थे कुछ लोग मंहत की तरफ़ थे जो चाहते थे कि काका अपनी ज़मीन धर्म के नाम पर ठाकुरबारी को दे दें ताकि उन्हें सुख आराम मिले, मृत्यु के बाद मोक्ष, यश मिले।

हरिहर काका ने अपनी संपत्ति से संबंधित क्या निर्णय लिया और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर :हरिहर काका के लिए जमीन का जंजाल बन गयी थी, क्योंकि सब उनकी जमीन के पीछे पड़े थे | हरिहर काका की अपनी कोई संतान नहीं थी| काका को जब उनकी सच्चाई पता चली कि सब लोग उनकी जायदाद के पीछे पड़े हैं तो उन्हें उन सब लोगों की याद आई जिन्होंने अपने परिवार के मोह में आकर अपनी जमीन उनके नाम कर दी थी और अपने अंतिम दिन तक कष्ट …

II हरिहर काका की अपने परिवार के सदस्यों से मोहभंग की शुरुआत किस प्रकार हुई क्या यह मोहभंग उचित था?

इसे सुनेंरोकेंभाई लोग खेत पर चले गए होते और घर की औरतें हरिहर काका का हाल तक नहीं पूछती थीं। हरिहर काका दालान के कमरे में अकेले पड़े रहते और उन्हें स्वयं उठकर अपनी जरूरतों को पूरा करना पड़ता था। ऐसे समय में हरिहर काका को अपनी पत्नी की याद आती थी। धीरे-धीरे हरिहर काका का अपने भाइयों के परिवार से मोहभंग होने लगा।

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Question 1:

कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

Answer:

कथावाचक जब छोटा था तब से ही हरिहर काका उसे बहुत प्यार करते थे। जब वह बड़े हो गए तो वह हरिहर काका के मित्र बन गए। गाँव में इतनी गहरी दोस्ती और किसी से नहीं हुई। हरिहर काका उनसे खुल कर बातें करते थे। यही कारण है कि कथावाचक को उनके एक-एक पल की खबर थी। शायद अपना मित्र बनाने के लिए काका ने स्वयं ही उसे प्यार से बड़ा किया और इतंजार किया।

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Question 2:

हरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

Answer:

हरिहर काका को अपने भाइयों और महंत में कोई अतंर नहीं लगा। दोनों एक ही श्रेणी के लगे। उनके भाइयों की पत्नियों ने कुछ दिन तक तो हरिहर काका का ध्यान रखा फिर बचीकुची रोटियाँ दी, नाश्ता नहीं देते थे। बिमारी में कोई पूछने वाला भी न था। जितना भी उन्हें रखा जा रहा था, उनकी ज़मीन के लिए था। इसी तरह मंहत ने एक दिन तो बड़े प्यार से खातिर की फिर ज़मीन अपने ठाकुर बाड़ी के नाम करने के लिए कहने लगे। काका के मना करने पर उन्हें अनेकों यातनाएँ दी। अपहरण करवाया, मुँह में कपड़ा ठूँस कर एक कोठरी में बंद कर दिया, जबरदस्ती अँगूठे का निशान लिया गया तथा उन्हें मारा पीटा गया। इस तरह दोनों ही केवल ज़मीन जायदाद के लिए हरिहर काका से व्यवहार रखते थे। अत: उन्हें दोनों एक ही श्रेणी के लगे।

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Question 3:

ठाकुर बाड़ी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?

Answer:

कहा जाता है गाँव के लोग भोले होते हैं। असल में गाँव के लोग अंधविश्वासी धर्मभीरू होते हैं। मंदिर जैसे स्थान को पवित्र, निश्कलंक, ज्ञान का प्रतीक मानते हैं। पुजारी, पुरोहित मंहत जैसे जितने भी धर्म के ठेकेदार हैं उनपर अगाध श्रद्धा रखते हैं। वे चाहे कितने भी पतित, स्वार्थी और नीच हों पर उनका विरोध करते वे डरते हैं। इसी कारण ठाकुर बाड़ी के प्रति गाँव वालों की अपार श्रद्धा थी। उनका हर सुख-दुख उससे जुड़ा था।

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Question 4:

अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Answer:

हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम कराने के लिए डराते थे तो उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालो की याद आती है। काका ने उन्हें दुखी होते देखा है। इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए चाहे भाई दिखावा करे वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। एक बार मंहत के उकसाने पर भाइयों के प्रति धोखा नहीं करना चाहते थे परन्तु जब भाइयों ने भी धोखा दिया तो उन्हें समझ में आ गया उनके प्रति उन्हें कोई प्यार नहीं है। जो प्यार दिखाते हैं वह केवल ज़ायदाद के लिए है।

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Question 5:

हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे। उन्होंने उनके साथ कैसा व्यवहार किया?

Answer:

मंहत ने हरिहर काका को बहुत प्रलोभन दिए जिससे वह अपनी ज़मीन जायदाद ठाकुर बाड़ी के नाम कर दे परन्तु काका इस बात के लिए तैयार नहीं थे। वे सोच रहे थे कि क्या भगवान के लिए अपने भाइयों से धोखा करूँ? यह उन्हें सही भी नहीं लग रहा था। मंहत को यह बात पता लगी तो उसने छल और बल से रात के समय अकेले दालान में सोते हुए हरिहर काका को उठवा लिया। मंहत ने अपने चेले साधुसंतो के साथ मिलकर उनके हाथ पैर बांध दिए, मुहँ में कपड़ा ठूँस दिया और जबरदस्ती अँगूठे के निशान लिए, उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। जब पुलिस आई तो स्वयं गुप्त दरवाज़े से भाग गए।

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Question 6:

हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?

Answer:

कहानी के आधार पर गाँव के लोगों को बिना बताए पता चल गया कि हरिहर काका को उनके भाई नहीं पूछते। इसलिए सुख आराम का प्रलोभन देकर मंहत उन्हें अपने साथ ले गया। भाई मन्नत करके काका को वापिस ले आते हैं। इस तरह गाँव के लोग दो पक्षों में बँट गए कुछ लोग मंहत की तरफ़ थे जो चाहते थे कि काका अपनी ज़मीन धर्म के नाम पर ठाकुर बाड़ी को दे दें ताकि उन्हें सुख आराम मिले, मृत्यु के बाद मोक्ष, यश मिले। मंहत ज्ञानी है वह सब कुछ जानता है। लेकिन दूसरे पक्ष के लोग कहते कि ज़मीन परिवार वालो को दी जाए। उनका कहना था इससे उनके परिवार का पेट भरेगा। मंदिर को ज़मीन देना अन्याय होगा। इस तरह दोनों पक्ष अपने-अपने हिसाब से सोच रहे थे परन्तु हरिहर काका के बारे में कोई नहीं सोच रहा था। इन बातों का एक कारण यह भी था कि काका विधुर थे और उनके कोई संतान भी नहीं थी। पंद्रह बीघे ज़मीन के लिए इनका लालच स्वाभविक था।

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Question 7:

कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, "अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।"

Answer:

जब काका को असलियत पता चली और उन्हें समझ में आ गया कि सब लोग उनकी ज़मीन जायदाद के पीछे हैं तो उन्हें वे सभी लोग याद आ गए जिन्होंने परिवार वालो के मोह माया में आकर अपनी ज़मीन उनके नाम कर दी और मृत्यु तक तिलतिल करके मरते रहे, दाने-दाने को मोहताज़ हो गए। इसलिए उन्होंने सोचा कि इस तरह रहने से तो एक बार मरना अच्छा है। जीते जी ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। ये लोग मुझे एक बार में ही मार दे। अत: लेखक ने कहा कि अज्ञान की स्थिति में मनुष्य मृत्यु से डरता है परन्तु ज्ञान होने पर मृत्यु वरण को तैयार रहता है।

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Question 8:

समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

Answer:

आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं, अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से मिलते हैं। अमीर रिश्तेदारों का सम्मान करते हैं, उनसे मिलने को आतुर रहते हैं जबकि गरीब रिश्तेदारों से कतराते हैं। केवल स्वार्थ सिद्धि की अहमियत रह गई है। आए दिन हम अखबारों में समाचार पढ़ते हैं कि ज़मीन जाय़दाद, पैसे जेवर के लिए लोग घिनौने से घिनौना कार्य कर जाते हैं (हत्या अपहरण आदि)। इसी प्रकार इस कहानी में भी पुलिस न पहुँचती तो परिवार वाले मंहत जी (काका की) हत्या ही कर देते। उन्हें यह अफसोस रहा कि वे काका को मार नहीं पाए।

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Question 9:

यदि आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?

Answer:

यदि हमारे आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो हम उसकी पूरी तरह मदद करने की कोशिश करेंगे। उनसे मिलकर उनके दुख का कारण पता करेंगे, उन्हें अहसास दिलाएँगे कि वे अकेले नहीं हैं। सबसे पहले तो यह विश्वास कराएँगे कि सभी व्यक्ति लालची नहीं होते हैं। इस तरह मौन रह कर दूसरों को मौका न दें बल्कि उल्लास से शेष जीवन बिताएँ। रिश्तेदारों से मिलकर उनके संबंध सुधारने का प्रयत्न करेंगे।

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Question 10:

हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।

Answer:

यदि काका के गाँव में मीडिया पहुँच जाती तो सबकी पोल खुल जाती, मंहत व भाइयों का पर्दाफाश हो जाता। अपहरण और जबरन अँगूठा लगवाने के अपराध में उन्हें जेल हो जाती।

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हरिहर काका को महंत और अपने भाई ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

काका के मना करने पर उन्हें अनेकों यातनाएँ दी। अपहरण करवाया, मुँह में कपड़ा ठूँस कर एक कोठरी में बंद कर दिया, जबरदस्ती अँगूठे का निशान लिया गया तथा उन्हें मारा पीटा गया। इस तरह दोनों ही केवल ज़मीन जायदाद के लिए हरिहर काका से व्यवहार रखते थे। अत: उन्हें दोनों एक ही श्रेणी के लगे

हरिहर काका के विरोध में महंत और पुजारी ही नहीं उनके भाई भी थे इसका कारण क्या था?

Solution : हरिहर काका के विरोध में उनके भाइयों के साथ ठाकुरबाड़ी का महंत और पुजारी भी था। इन लोगों के विरोध का सबसे बड़ा कारण उनकी जायदाद थी। उनके सब भाई चाहते थे हरिहर काका समस्त जायदाद उनके नाम लिख दें और महंत चाहते थे कि हरिहर काका समस्त जायदाद मठ के नाम कर दें। हरिहर काका की जमीन का लालच सभी को था

हररहर काका और कथावाचक के बीच क्या सम्बन्ध है और आसके क्या कारर् है?

कथा वाचक की गाँव में इतनी गहरी दोस्ती और किसी से नहीं हुई। हरिहर काका उनसे खुल कर बातें करते थे। यही कारण है कि कथा वाचक को उनके एक-एक पल की खबर थी। शायद अपना मित्र बनाने के लिए काका ने स्वयं ही उसे प्यार से बड़ा किया और इतंजार किया।

हरिहर काका का अपने परिवार से मोह भंग क्यों हुआ क्या उनका यह मोहभंग उचित था?

भाई खेतों पर गए रहते और औरतें हाल पूछने भी नहीं आतीं। दालान के कमरे में अकेले पड़े हरिहर काका को स्वयं उठकर अपनी ज़रूरतों की पूर्ति करनी पड़ती। ऐसे वक्त अपनी पत्नियों को याद कर-करके हरिहर काका की आँखें भर आतीं। भाइयों के परिवार के प्रति मोहभंग की शुरुआत इन्हीं क्षणों में हुई थी।