करनाल, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, जींद और भिवानी जिले को 2018 में एनसीआर में शामिल किया गया था। इससे हरियाणा का एनसीआर क्षेत्र बढ़कर 25327 वर्ग किलोमीटर हो गया था। इससे पहले प्रदेश के नौ जिले ही एनसीआर में शामिल थे। Show
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल। - फोटो : @mlkhattar विस्तारहरियाणा के पांच जिले और दो जिलों की तीन तहसीलें एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) से बाहर होंगी। प्रदेश सरकार ने एनसीआर का दायरा घटाने के लिए नया प्रस्ताव बनाकर भेजा है। संशोधित प्रस्ताव पर एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मंजूरी मिलते ही हरियाणा में एनसीआर का दायरा 1148 वर्ग किलोमीटर और कम हो जाएगा। मुख्य समन्वयक योजनाकार एनसीआर की ओर से बीती 24 मई को भेजे ताजा प्रस्ताव में करनाल, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, जींद और भिवानी के अलावा रोहतक जिले की महम, पानीपत जिले की मतलौडा व पानीपत तहसील क्षेत्र को एनसीआर से बाहर रखने का निवेदन किया है। जल्दी हरियाणा के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति मिल सकती है, चूंकि पिछली बैठक में एनसीआर का दायरा दिल्ली के राजघाट से सौ किलोमीटर तक करने पर सहमति बनी थी। प्रस्ताव अनुसार हरियाणा के एनसीआर में आने वाले नौ जिलों का क्षेत्रफल 12280.68 वर्ग किलोमीटर होगा। फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, नूंह, पलवल, रेवाड़ी और सोनीपत जिले का सौ फीसदी क्षेत्र एनसीआर में रहेगा। पानीपत का 52.92 और रोहतक का 68.46 प्रतिशत हिस्सा ही आने वाले दिनों में एनसीआर में होगा। Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar) चाहते हैं कि दिल्ली से हरियाणा ( Haryana) का एक तिहाई हिस्सा अलग हो जाए. इसे लेकर मनोहर लाल खट्टर ने एनसीआर (NCR) योजना बोर्ड को पत्र भी भेजा है. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इसकी वजह बताते हुए लिखा है कि एनसीआर (NCR) का हिस्सा होने से हरियाणा को लाभ से ज्यादा नुकसान हो रहा है. खबर है कि एनसीआर योजना बोर्ड ने खट्टर सरकार की दलीलों पर विचार करते हुए उनकी मांगें मान ली हैं. हरियाणा के हिस्से को एनसीआर से अलग करने के लिए खट्टर ने ये कहा गौरतलब है कि हरियाणा के हिस्से को एनसीआर से अलग करने के मुद्दे पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि दिल्ली पर शहरीकरण का बोझ कम करने के लिए एनसीआर का विस्तार किया गया था. इसलिए दिल्ली के आसपास के इलाकों की तरह दिल्ली को भी विकसित करने के लिए यह फैसला लिया गया. समय बीतने के साथ-साथ एनसीआर क्षेत्र बढ़ता गया और विकास के साथ-साथ इसके कई दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैंय एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) प्रतिबंध लगाता है, तो यह लगभग 57% हरियाणा को प्रभावित करता है. चाहे वह प्रदूषण या निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाना हो या उस पर अंकुश लगाना हो. हरियाणा के कुछ हिस्सों को एनसीआर से बाहर करने से कई इलाकों की बड़ी आबादी इस तरह के प्रतिबंधों से मुक्त हो जाएगी. हरियाणा के ये 14 जिले एनसीआर क्षेत्र में आते हैं
खट्टर की बात मानी जाती है तो कई जिलों के कुछ हिस्से ही एनसीआर में आएंगे बहरहाल यदि केंद्र सरकार हरियाणा सरकार की मांगे स्वीकार कर लेती है तो हरियाणा के कई जिलों के कुछ हिस्से ही एनसीआर के तहत आएंगे. हालांकि वर्तमान में पूरा करनाल जिला एनसीआर के अंतर्गत आता है. लेकिन अगर हरियाणा का एनसीआर वाला हिस्सा काट दिया जाएगा तो बाकी करनाल जिला एनसीआर से आजाद हो जाएगा, एनसीआर के तहत सिर्फ घरौंदा तहसील ही रहेगी. ये भी पढ़ें IMD Rain Alert: दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, एमपी सहित इन राज्यों में होगी भारी बारिश, अलर्ट जारी Punjab Election: कांग्रेस पार्टी को नतीजे से पहले सता रहा है इस बात का डर, बनाया जा रहा खास प्लान
Edited by अनिल कुमार| टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 5 Jul 2022, 1:19 pm राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर का एरिया अब पहले की तुलना में कम होने जा रहा है। हरियाणा सरकार ने एनसीआर से प्रदेश के पांच जिलों को बाहर करने का फैसला किया है। खट्टर सरकार की तरफ से इस आशय का प्रस्ताव एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के समक्ष रखा गया है।हाइलाइट्स
पिछली सरकारों के विपरीत है कदम हालांकि, पिछली सरकार के विपरीत इस सरकार में यह कदम उठाया गया है। पिछली सरकार में एनसीआर में जिलों को शामिल कराने पर जोर होता था। आंकड़े दर्शाते हैं कि रिजनल प्लान 2021 में एनसीआर में हरियाणा का एरिया 13,413 वर्ग किलोमीटर था। पांच जिले शामिल करने की वजह से यह क्षेत्र बढ़कर 25,327 वर्ग किलोमीटर हो गया था। इस दौरान महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी-दादरी, करनाल और जींद को शामिल किया गया था। इसी तरह, यूपी के मुजफ्फरनगर और शामली के साथ ही राजस्थान के भरतपुर को भी एनसीआर में शामिल किया गया था। Delhi-NCR का घटेगा दायरा, ड्राफ्ट रीजनल प्लान 2041 को सरकार की मंजूरी Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादहरियाणा में एनसीआर में कौन कौन से जिले हैं?हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुल 22 जिलों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल किया जा चुका है। झज्जर, पलवल, सोनीपत, गुड़गांव, पानीपत, रोहतक, मेवात, रेवाड़ी, भिवानी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, करनाल और जींद। राज्य का 57% क्षेत्र एनसीआर में।
एनसीआर में कुल कितने जिले हैं?एनसीआर में हरियाणा राज्य के कुल 14 जिले आते हैं, जिनका क्षेत्रफल 25,327 वर्ग किलोमीटर है. इन जिलों की लिस्ट नीचे दी गई है. एनसीआर में उत्तर प्रदेश राज्य के कुल 8 जिले आते हैं, जिनका क्षेत्रफल 14,826 वर्ग किलोमीटर है. इन जिलों के लिस्ट के नाम नीचे दिए गए हैं.
हरियाणा में कितने एनसीआर?हरियाणा के ये 14 जिले एनसीआर क्षेत्र में आते हैं
इनमें जींद, महेंद्रगढ़, करनाल, भिवानी, चरखी दादरी, पलवल, झज्जर, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, नूंह, गुड़गांव और फरीदाबाद शामिल हैं. वहीं दिल्ली का सिर्फ 2.69 फीसदी हिस्सा एनसीआर क्षेत्र में आता है जबकि, हरियाणा का 45.98 फीसदी हिस्सा आता है.
एनसीआर में कौन कौन से शहर है?उत्तर प्रदेश से एनसीआर में शामिल :
गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), बागपत, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर तथा शामली आदि।
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