सफलता और असफलता के लिए जिम्मेदार कारक - saphalata aur asaphalata ke lie jimmedaar kaarak

विफलता लक्ष्य की प्राप्ति न होने की स्थिति है। असफलता राज्य या वांछनीय या इच्छित उद्देश्य को पूरा करने की स्थिति नहीं है, और इसे सफलता के विपरीत माना जा सकता है। उत्पाद की विफलता उत्पाद की फ्रैक्चर को बेचने में असफलता से होती है, सबसे खराब मामलों में व्यक्तिगत चोट, फॉरेंसिक इंजीनियरिंग प्रान्त। असफलता के मानदंड भारी उपयोग के संदर्भ पर निर्भर हैं, और किसी विशेष पर्यवेक्षक या विश्वास प्रणाली के सापेक्ष हो सकते हैं। किसी एक को विफलता माना जाने वाला एक स्थान दूसरे की सफलता, विशेष रूप से प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धा या शून्य-योग गेम के मामलों में माना जा सकता है इसी तरह, किसी स्थिति में सफलता या असफलता की डिग्री अलग-अलग पर्यवेक्षक या प्रतिभागियों द्वारा अलग-अलग देखे जा सकते हैं, ऐसी स्थिति जिसे एक विफलता मानता है, दूसरा एक सफल, एक योग्यता या तटस्थ स्थिति का विचार करता है। यह पता लगाना भी मुश्किल या असंभव हो सकता है कि क्या स्थिति उन मापदंडों की अस्पष्ट या बीमार परिभाषा के कारण विफलता या सफलता के लिए मानदंडों को पूरा करती है या नहीं। किसी स्थिति की सफलता या विफलता का न्याय करने के लिए उपयोगी और प्रभावी मानदंड, या सिद्धांतों का पता लगाना, एक महत्वपूर्ण कार्य हो सकता है। मूल्यांकनकर्ताओं के दृष्टिकोण से असफलता को अलग-अलग माना जा सकता है एक व्यक्ति जो केवल किसी गतिविधि के अंतिम परिणाम में दिलचस्पी लेता है, यह मूल निष्कर्ष विफल होने पर विचार करेगा, यदि मुख्य मुद्दे का समाधान नहीं किया गया है या मुख्य आवश्यकता पूरी नहीं हुई है। एक असफलता एक प्रक्रिया विफलता भी हो सकती है, हालांकि गतिविधि सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है, अगर कोई व्यक्ति अपेक्षाकृत मानक या बेंचमार्क से कम माना जाता है तो एक व्यक्ति अभी भी असंतुष्ट महसूस कर सकता है। १)पूर्वानुमान करने में विफलता २)समझने में विफलता ३)एक कार्य करने में विफलता हारने वाला व्यक्ति ऐसे व्यक्ति के लिए अपमानजनक शब्द है जो (पर्यवेक्षक के मानकों के अनुसार) आम तौर पर असफल या अवांछनीय है।[1] एक वाणिज्यिक विफलता एक उत्पाद है जो सफलता की अपेक्षाओं तक नहीं पहुंचता है। नीचे सूचीबद्ध अधिकांश मदों में उच्च उम्मीदें, महत्वपूर्ण वित्तीय निवेश, और / या व्यापक प्रचार था, लेकिन सफलता से बहुत कम गिर गया "सफलता" और "बैठक की उम्मीदों" की व्यक्तिपरक प्रकृति के कारण, "प्रमुख फ्लॉप" का गठन करने वाले के बारे में असहमति हो सकती है।

सफल लोगों का प्रतिशत काफी कम होता है। हालांकि आपको शायद ही पता हो कि अधिकांश लोग इसलिए असफल नहीं होते कि उनमें योग्‍यता नहीं होती, बल्कि कुछ सामान्‍य बातों का ख्‍याल नहीं रखने के कारण असफल होते हैं। ऐसे लोग हीनता के शिकार होते हैं, जिससे वे सफलता की दौड़ से खुद ही बाहर होते चले जाते हैं। आज हम आपको उन 8 आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से हम असफल हो जाते हैं। यहां हम उन आदतों से उबरने के उपाय भी बता रहे हैं-

असफलता को नहीं स्‍वीकारना 

असफलता को स्‍वीकारना सफलता की तरफ कदम बढ़ाने की पहली शर्त है। कोई शक नहीं कि असफल होने से अक्‍सर आप टूट जाते हैं, भले ही वह अधिक या फिर कम समय के लिए हो। अक्‍सर लोग आपको यह कहते मिलेंगे कि असफलता से ध्‍यान हटा लो सफलता मिल सकती है, लेकिन सच्‍चाई यह है कि असफलता से ध्‍यान हटाने से उसके असर से आप दूर नहीं हो सकते। इसके अलावा, दूसरों पर असफलता का ठीकरा फोड़ने से भी आप उससे बेअसर नहीं हो सकते। इसलिए सबसे जरूरी है कि उसे स्‍वीकार करें। इससे आपके व्‍यक्तित्‍व और समझ का दायरा बढ़ता है और सफलता की राह आसान होती है। असफलता को स्‍वीकार नहीं करने से आप निराशावादी, मूडी, क्रोधी और दुखी बनते चले जाते हैं। इससे सफलता और दूर हो जाती है।

एक असफलता का मतलब असफल हो जाना नहीं होता

इस बात को हमेशा याद रखें कि असफलताओं का मतलब असफल हो जाना नहीं होता। दुनिया में जितने भी लोग काफी सफल हुए हैं, उन्‍हें अनगिनत असफलताएं झेलनी पड़ी हैं। आप आज असफल हो गए हैं, इसका यह मतलब नहीं है कि आप कल भी असफल ही होंगे। अगर आप खुद को लगातार अपडेट करते रहते हैं तो तय है कि कल आप सफल होंगे।

 

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रचनात्‍मक बनकर परिस्थितियों से नहीं सीखना 

लचीलापन हमेशा आपको रचनात्‍मक बनाता है। इससे आप परिस्थितियों से सीखना जान जाते हैं। रचनात्‍मक आदमी ही असफलता से सीख और फीडबैक भी ले पाते हैं। ऐसे लोग यह समझने में सक्षम होते हैं कि उन्‍होंने कहां गलती की है, क्‍या सीख लेनी है और अगला कदम कब और कहां लिया जाना चाहिए। ऐसे लोग ही हठ, नकारात्‍मकता और निराशावाद से भी निकल पाते हैं। माइकल जॉर्डन की बात यहां काफी प्रासंगिक है। उन्‍होंने एक बार कहा था कि मैं इसलिए सफल रहा हूं, क्‍योंकि मैं अपने करियर में 9000 से अधिक शॉट्स मिस किए, मैं लगभग 300 गेम्‍स में हारा और विनिंग शॉट यानी अंतिम शॉट मारने में मैं 26 बार असफल रहा, जबकि मुझपर विश्‍वास जताया गया था।

अपनी असफलता को दबाना या छुपाना

असफलता से पैदा होने वाली निगेटिव भावनाओं और विचारों को दबाना या झुठलाना नहीं चाहिए। हार का एक बड़ा कारण यह है कि लोग इसे दूसरों से शेयर नहीं करते हैं। अपनी असफलता को अपने करीबियों और समझदार लोगों से जरूर शेयर करें, ताकि उनसे आपको कुछ इनपुट मिल सके।

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प्रेरणा और सपोर्ट नहीं लेना

अपने खास लोगों से बातचीत हमेशा मददगार होती है। इसके अलावा आप जिस क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, उस क्षेत्र में सफल लोगों से जरूर बातचीत करें। उनसे यह जानने की कोशिश करें कि उन्‍होंने बाधाओं और असफलता का सामना किस तरह किया। इसके अलावा प्रेरणास्‍पद पुस्‍तकें, ऑडियो आदि की मदद जरूर लें।असफलता के बाद भी रुकें नहीं

यह समझना बेहद जरूरी है कि असफलता महज एक पड़ाव है। यहां रुकना नहीं, बल्कि इसे स्‍वीकारते हुए आगे बढ़ना चाहिए। असफलता का विश्‍लेषण जरूरी है, लेकिन इस पर मंथन करते हुए इससे चिपके रहना आत्‍मधाती है।

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किसी भी प्‍लान पर तुरंत काम शुरू नहीं करना 

अक्‍सर हम प्‍लान तो बनाते हैं, लेकिन इस पर अमल नहीं करते हैं। यही कारण है कि अधिकांश लोग सफलता की दिशा में ठोस कदम रख भी नहीं पाते हैं। वे सोचते हैं कि प्‍लान जब परफेक्‍ट हो जाएगा, तब इस पर अमल करेंगे, जो कभी हो ही नहीं सकता। हां, अपने प्‍लान को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटें और फिर प्रा‍थमिकता के आधार पर उसका क्रियान्‍वयन करें। इससे आपका काम आसान हो जाएगा।

अपने आत्‍मसम्‍मान का स्‍तर नहीं बढ़ाना 

याद रखें कि बाधाओं से उबरने में आत्‍मसम्‍मान का सबसे बड़ा हाथ होता है। इससे आप जिम्‍मेदारी स्‍वीकार करने से भी नहीं हिचकते हैं, क्‍योंकि आपका आत्‍मबल मजबूत रहता है। इस बात को भी हमेशा याद रखें कि किसी भी तरह की असफलता के लिए आप 100 फीसदी जिम्‍मेदार नहीं होते हैं।

सफलता के लिए जिम्मेदार कारक कौन से हैं?

जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त करनी है तो व्यक्ति को ज्ञान को प्राप्त करने के लिए गंभीर होना पड़ेगा. ज्ञान ही व्यक्ति को सफल बनाने के लिए करता है. ज्ञान से लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होती है. इसलिए ज्ञान को प्राप्त करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए.

असफलता को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

असफलता के कारण.
खतरे उठाने से बचना.
लगातार कोशिश की कमी.
इच्छा फौरन पूरी करने की चाह.
प्राथमिकताएं तय न करना.
शॉर्टकट की तलाश.
स्वार्थ और लालच.
दृढ़ विश्वास की कमी.
कुदरत के नियमों को ना समझना.

सफलता क्या है सफलता के लिए जिम्मेदार कारकों को प्राप्त करने में बाधाओं की व्याख्या करें?

जो व्यक्ति समय के मुताबिक अपने कार्यों को करता है, उसे सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ता है, वहीं जो लोग समय के मुताबिक नहीं चलते हैं और आज के कार्य को कल पर टालते रहते हैं उन्हें आगे चलक कर दुख और कष्ट उठाने पडते हैं. गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को आलस का त्याग करना चाहिए.

सफलता एवं असफलता क्या है उदाहरण सहित समझाइए?

मेरी तो परिभाषा है कि आप जब तक जिस कार्य में सफल नहीं हुए, वही असफलता है। केवल एक या दो पराजय को, अंतिम पराजय मान लेने की गलती न करें। असफलता आपको अपनी कमियों से ऊपर उठा कर, दोबारा कोशिश करने का अवसर देती है। आप कह सकते हैं कि आप छ: बार असफल रहे, किंतु स्वयं को कभी भी आत्म-परामर्श न दें कि आप एक असफल व्यक्ति हैं।