यूनिट क्या है ( Unit in Hindi ) – इस पोस्ट में हम आपको बताये है की मात्रक के बारे में बोले तो Unit क्या है ( Unit In Hindi ) यदि आप भी जानना चाहते है यूनिट से जुडी सम्पूर्ण जानकारी तो यह पोस्ट आप पूरा पढ़ें Show
इकाई क्या है | Unit in Hindiकिसी भी भौतिक राशि को मापने या तौलने के लिए निर्धारित की गयी स्टैण्डर्ड वैल्यू को उस भौतिक राशि का मात्रक या यूनिट कहा जाता है | उदाहरण – मीटर , लीटर , किलोग्राम आदि | यूनिट कितने प्रकार की होती हैमात्रकों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है –
1. मुलभुत मात्रक – जिन मात्रकों का उपयोग मूल राशियों के लिए किया जाता है उन्हें मुलभुत मात्रक अथवा मुलभुत इकाई कहा जाता है | मूल राशियाँ जैसे – लम्बाई , द्रव्यमान , समय आदि | 2. व्युत्पन्न मात्रक – यदि कोई मात्रक दो या दो से अधिक मूल मात्रक से मिलकर बना होता है , तो ऐसे मात्रक को मूल मात्रक कहा जाता है | जैसे – आयतन का मात्रक घन सेंटीमीटर होता है तथा क्षेत्रफल का मात्रक वर्ग सेंटीमीटर होता है | यदि इन मात्रको को ध्यान से देखे तो इनमे दो मूल मात्रको को आपस में मिलकर एक मात्रक बनाया गया है जैसे घन और सेंटीमीटर , वर्ग और सेंटीमीटर आदि | यह भी पढ़ें –
मात्रक की पद्धतिमात्रक की मुख्य रूप से चार पद्धति होती है
सभी प्रकार की पद्धति में मूल राशियों के मात्रक को अलग अलग तरह की छोटी व बड़ी मान में मापा जाता है जैसे – 1. M.K.S. पद्धति के मात्रक – इस पद्धति में मात्रक को निम्न तरीके से लिखा जाता है |
2. C.G.S. पद्धति के मात्रक – इस पद्धति में मात्रक को निम्न तरीके से लिखा जाता है |
3. F.P.S पद्धति के मात्रक – इस पद्धति में मात्रक को निम्न तरीके से लिखा जाता है |
4.S.I. पद्धति के मात्रक – इसे अंतर्राष्ट्रीय पद्धति भी कहा जाता है इस पद्धति में 7 मात्रक होते है जो निम्न लिखित प्रकार के होते है –
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इस पोस्ट में हम आपको बताये इकाई क्या है | Unit in Hindi यदि यह पोस्ट आपको पसंद आती है तो कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले | इसे सुनेंरोकेंमात्रक दो प्रकार के होते हैं- अत: इन्हें ‘मूल मात्रक’ (Fundamental unit) कहते हैं। 2. व्युत्पन्न मात्रक (Derived unit): वे मात्रक जो दो या दो से अधिक मूल मात्रकों से प्राप्त होते हैं या मूल मात्रकों की सहायता से निर्मित किये जाते हैं, ‘व्युत्पन्न मात्रक’ कहलाते हैं। 1 यूनिट ऊर्जा में कितना जूल होता है?इसे सुनेंरोकें1 वाट : 1 जूल प्रति सेकंड की ऊर्जा खपत दर को 1 वाट कहा जाता है। उन्स का मतलब क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंNan Meaning in Hindi – नन का मतलब हिंदी में नन पु – अव्य० [संस्कृत ननु] देशज शब्द देखें ‘ननु’ । उदाहरण – नन चलै चित्त ज्यौं ज्यों अचल, करत क्रिया त्यों त्यों अमित । पढ़ना: R15 बाइक कितना सीसी का है? शक्ति की एस आई यूनिट क्या है? इसे सुनेंरोकेंशक्ति की एस आई इकाई वाट (W) है जो ‘१ जूल प्रति सेकेन्ड’ के बराबर होती है। त्वरण की इकाई में समय की इकाई दो बार क्यों लिखी जाती है?इसे सुनेंरोकेंत्वरण को समय के संबंध में वेग में परिवर्तन की दर के रूप में परिभाषित किया गया है। इसलिए इसे ∆v/ ΔTके रूप में लिखा जा सकता है। वेग की इकाई मीटर (m) प्रति सेकंड (s) है और समय के लिए सेकंड (s) है। इसलिए इसे m/s2 के रूप में लिखा जा सकता है। त्वरण का मात्रक सूत्र क्या है?इसे सुनेंरोकेंइसकी दिशा वही होती है जो वस्तु के वेग परिवर्तन की होती है। तोरण का S.I. पद्धति में मात्रक मीटर/सेकंड2 तथा C.G.S. पद्धति में मात्रक सेमी/सेकंड2 होता है एवं त्वरण का विमीय सूत्र [M0LT-2] होता है। मूल राशि कितनी होती हैं? इसे सुनेंरोकेंपद्धति : यह पद्धति 1960 में अन्तर्राष्ट्रीय माप , तौल समिति द्वारा लागू की गयी। यह MKS पद्धति का परिवर्तित रूप है जिसमे सात मूल मात्रक तथा दो पूरक होते है। पढ़ना: सेटिंग रीसेट कैसे करें? मूल रसिया कितनी होती है? इसे सुनेंरोकेंमूल राशियां:- भोतिक विज्ञान में सात मूल राशियां है तथा दो पूरक राशियां है । मूल राशियां हम उन्हे कहतें है जो कि स्वतंत्र है ,इन्हे व्यक्त करने के लिये हमें दूसरी राशियों की आवश्यकता नहीं होती है । त्वरण किसे कहते हैं यह कितने प्रकार का होता है?इसे सुनेंरोकेंत्वरण धनात्मक, शून्य अथवा ऋणात्मक हो सकता है। धनात्मक त्वरण का तात्पर्य है कि वेग समय के साथ बढ़ रहा है। शून्य त्वरण का तात्पर्य हे कि वेग नियत हैं जबकि ऋणात्मक त्वरण का तात्पर्य है कि वेग समय के साथ कम हो रहा है। ऋणात्मक त्वरण को मंदन (Deceleration) कहते हैं। इकाई क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं?अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली ने सात SI सात मूल इकाइयां बतायीं हैं: ये भौतिक इकाइयाँ हैं, जिनको प्रचालित परिभाषाओं द्वारा परिभाषित किया गया है। अन्य सभी भौतिक इकाइयाँ इन मूल इकाइयों द्वारा व्युत्पन्न की जा सकती हैं। इनको व्युत्पन्न इकाइयाँ कहा जायेगा। उनका व्युत्पन्नन आयामी विश्लेषण द्वारा होता है।
इकाई से हम क्या समझते हैं?मापन के सन्दर्भ में मात्रक या इकाई (unit) किसी भौतिक राशि की एक निश्चित मात्रा को कहते हैं जो परिपाटी या/और नियम द्वारा पारिभाषिक एवं स्वीकृत की गई हो तथा जो उस भौतिक राशि के मापन के लिए मानक के रूप में प्रयुक्त होती हो। उस भौतिक राशि की कोई भी अन्य मात्रा इस 'इकाई' के एक गुणक के रूप में व्यक्त की जाती है।
सेल कितने प्रकार के होते हैं?प्रोकैरियोटिक कोशिका तथा 2. यूकैरियोटिक कोशिका।
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