सब्सक्राइब करे youtube चैनल Show written constitution meaning in hindi लिखित संविधान किसे कहते हैं | लिखित संविधान की अवधारणा की परिभाषा क्या है गुण दोष ? एक लिखित संविधान की उपादेयता संविधान एक निरपेक्ष कानून के रूप में इसका संविदात्मक स्वभाव
संविधान का अभिदर्शन संविधान और न्याय संविधान की प्रस्तावना: इसका उद्देश्य ‘‘हम भारत के लोग, एतत् द्वारा भारतीय
अभिवृष्टि साम्राज्यवाद-विरोधी विरासत सामाजिक न्याय के लिए आंदोलन राष्ट्रवादी कार्यक्रम राष्ट्रवादी कार्यक्रम के सारतत्त्व के रूप में अधिकार समाजवाद का प्रभाव गरीबी, राहत और योजना वामपंथी गुटों की भूमिका जाति-उत्पीड़न का विरोध संक्षिप्त में, भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय तक, न्याय के साथ विकास के सिद्धांतों की रूपरेखा सुस्पष्ट हो चुकी थी। बोध प्रश्न 1 बोध प्रश्न 1 उत्तर सैद्धांतिक
सीमाएँ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का वर्ग-चरित्र राजनीति पर दवाब कांग्रेस में सर्वसम्मति संसदीय परम्परा संघवाद कल्याणवाद सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम का प्रकटन रणनीति विशिष्ट उद्देश्य संविधान के उद्देश्यों पर कांग्रेसी संकल्प इस संकल्प के अनुसार, काँग्रेस एक ऐसे स्वतंत्र संप्रभु गणतंत्र का समर्थन करती थी जिसमें सभी शक्तियाँ और प्राधिकार जनता से ही व्युत्पन्न हों। इसके अलावा, वह एक ऐसा संविधान चाहती थी जिसमें सामाजिक उद्देश्य भारत के सभी लोगों के लिए स्वतंत्रता, प्रगति और समान अवसर के बलवर्धन हेतु को अर्पित हों। इससे यह प्राचीन देश विश्व में अपना न्यायोचित और सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकेगा और अपना संपूर्ण योगदान विश्व-शांति के प्रोत्साहन और मानवजाति की प्रगति और कल्याण हेतु कर सकेगा। संविधान सभा के “उद्देश्य संकल्प‘‘ 1) न्याय, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, अपने क्रियान्वित किए जाने के लिए लगभग तीन वर्षों के भीतर संविधान सभा ने एक ऐसा संविधान निश्चित किया जिसमें सामाजिक रूपांतरण के इन उद्देश्यों को इनमें प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया गया था – प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, राज्य-नीति के निदेशक सिद्धांत तथा लोगों के पिछड़े व अलाभान्वित वर्गों के लिए अनेक विशेष प्रावधान । यह प्रक्रिया संविधान के बनने पर रुकी नहीं। संशोधन किए गए हैं और इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाये जाने की प्रत्याशा की जाती है। बोध प्रश्न 2 बोध प्रश्नों के उत्तर बोध प्रश्न 2 संरचनात्मक सीमाएँ एक समाजवादी राज्य की स्थापना न तो संविधान सभा की शक्तियों में था, न ही उसकी यह मंशा थी। यह तर्क दिया गया कि एक संविधान कोई आर्थिक तंत्र नहीं रखता है। लेकिन यह एक निश्चित सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था के निर्माण की अनुमति दे सकता है। वस्तुतः, नेतृत्व द्वारा यह अनुभव किया गया कि संविधान के सामाजिक उद्देश्यों की 6. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ.
भीमराव सारांश कुछ उपयोगी पुस्तकें सामाजिक रूपांतरण का अवलोकन उद्देश्य प्रस्तावना लिखित संविधान से क्या समझते है?लिखित संविधान किसे कहते है (What Is Written Constitution)
– लिखित संविधान एक औपचारिक दस्तावेज है, जो संवैधानिक समझौते की प्रकृति, राजनीतिक व्यवस्था को नियंत्रित करने वाले नियमों और नागरिकों एवं सरकारों के अधिकारों को एक संहिताबद्ध रूप में परिभाषित करता है। जिसका अधिकांश भाग लिखित होता है।
संविधान लिखित क्यों है?इसमें सरकार के संगठन के सिद्धान्त, कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका आदि की रचना व कार्य, नागरिकों के साथ उनके सम्बन्ध, नागरिकों के अधिकार तथा कर्त्तव्य आदि के विषय में स्पष्ट रूप से लिख दिया गया है। इसलिए हमारा संविधान लिखित है।
लिखित संविधान कौन है?भारत का संविधान एक लिखित संविधान है। दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जिनके पास अपना लिखित संविधान नहीं है। उनका शासन किसी और आधार पर चलता है।
लिखित और अलिखित संविधान से आप क्या समझते हैं?संविधान एक प्रकार का हैं : लिखित, लिखित संविधान अधिकतर एक लेख्य (भारतीय संविधान) या कुछ संकलित लेख्य (स्वीडिश संविधान) होते हैं। किंतु जिस रूप में संविधान क्रियान्वित होता है उसकी व्याख्या न कहीं पूर्णतया लिखित होती है, न पूर्णतया अलिखित। इंग्लैंड का संविधान अलिखित माना जाता है किंतु वहाँ भी 1701 ई.
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