जालपा के पति का नाम क्या था - jaalapa ke pati ka naam kya tha

विषयसूची

  • 1 जालपा के पति का नाम क्या है?
  • 2 जालपा की सहेली का क्या नाम है?
  • 3 गोदान के लिए धनिया क्या लाती है?
  • 4 गबन उपन्यास की शैली कौन सी है?
  • 5 गबन का प्रकाशन कब हुआ?
  • 6 प्रेमचंद की पहली रचना कब प्रकाशित हुई?
  • 7 ग़बन किसकी रचना है?
  • 8 जालपा के गहने कौन चुराता है?
  • 9 उपन्यास विद्या से आप क्या समझते हैं किन्हीं एक उपन्यास कार का नाम लिखिए?
  • 10 उपन्यास विद्या से आप क्या समझते हैं किन्हीं एक उपन्यासकार का नाम लिखिए?

जालपा के पति का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रतिघात के कारण यहाँ कथानक में कौतूहल उत्पन्न होता है। इस उपन्यास की कथा मुख्य पात्र जालपा तथा उसके पति रमानाथ के इर्द गिर्द ही घूमती है।

जालपा की सहेली का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंतुमसे बताऊंगा कभी, जालपा के सिवा और किसी को यह न सूझती। ज़ोहरा बोली,’यह सब मैंने दूसरे दिन जान लिया। अब मैं तुम्हारे रगरग से वाकिफ हो गई। जालपा मेरी सहेली है।

प्रेमचंद ने गल्पें लिखना कब शुरू किया था?

इसे सुनेंरोकें’प्रेमचंद’ नाम से उनकी पहली कहानी बड़े घर की बेटी ज़माना पत्रिका के दिसम्बर १९१० के अंक में प्रकाशित हुई। १९१५ ई. में उस समय की प्रसिद्ध हिंदी मासिक पत्रिका सरस्वती के दिसम्बर अंक में पहली बार उनकी कहानी सौत नाम से प्रकाशित हुई। १९१८ ई.

गबन उपन्यास की जालपा किसकी बेटी है?

इसे सुनेंरोकेंप्रयाग के छोटे से गाँव के जमींदार के मुख़्तार महाशय दीनदयाल और मानकी की इकलौती पुत्री जालपा को बचपन से ही आभूषणों, विशेषत: चन्द्रहार की लालसा लग गयी थी।

गोदान के लिए धनिया क्या लाती है?

इसे सुनेंरोकेंरसहीन जीवन में उनके सपने को साकार होने का मौका नहीं मिलता । गोदान में प्रेमचन्द ने गाँव की दरिद्रता, भुखमरी, धर्मांधता सरल विश्वास आदि का बारीकी से चित्रण किया है । मिलने बेलारी से सेमरी जाता है । उसे लगता है कि रायसाहब से मिलते रहने से कुछ सामाजिक मर्यादा बढ़ जाती है ।

गबन उपन्यास की शैली कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंउनकी अपनी भाषा ऐसी ही थी, जो देश के बड़े भू-भाग की जनता आसानी से समझ सकती थी। वस्तुतः सरल, सजीव, मुहावरेदार गद्य शैली के जनक प्रेमचंद का स्थान हिंदी साहित्य में लोकप्रिय उपन्यासकार के रूप में सर्वोच्चय है।

उपन्यास में देशकाल से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंदेशकाल वातावरण उपन्यास की कथावस्तु जिस परिवेश में घटित होती है, उसका संबंध किसी न किसी स्थान से होता है। कथा किसी समय विशेष या युग विशेष की देन होती है। कथा का विकास भी स्थान और समय के अनुरूप होता है।

उपन्यास में कुल कितने तत्व होते हैं?

इसे सुनेंरोकें४४ Page 8 उपन्यास के तत्त्व : अधिक्तर विद्वानों ने उपन्यास के प्रमुख छः तत्त्व माने हैं । (१) कथानक / कथावस्तु (२) पात्र / चरित्र-चित्रण (३) कथोप कथन / संवाद (४) देशकाल / वातावरण (५) भाषा-शैली (६) उद्देश्य ।

गबन का प्रकाशन कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंइसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका ‘चाँद’ में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ।

प्रेमचंद की पहली रचना कब प्रकाशित हुई?

इसे सुनेंरोकें16 अप्रैल, 1931 को प्रेमचंद ने अपनी एक और महान रचना, ‘कर्मभूमि’ की शुरुआत की। यह अगस्त, 1932 में प्रकाशित हुई।

गवन की प्रमुख समस्या क्या है?

इसे सुनेंरोकें’ गबन ‘ के पूर्वार्ध की कथावस्तु में अनमेल विवाह , आभूषण लालसा , आदि और उत्तरार्ध में वेश्या समस्या , विधवा समस्या , सयुंक्त परिवार की समस्या , उधार की समस्या , रिस्वत की समस्या, पुलिस के वंचनापूर्ण हथकण्डों की समस्या, और सेवा भावना आदि का वर्णन किया है ।

इसे सुनेंरोकेंइस उपन्यास की कथा मुख्य पात्र जालपा तथा उसके पति रमानाथ के इर्द गिर्द ही घूमती है।

मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय कैसे लिखें?

इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था जो लमही में डाकमुंशी थे। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। प्रेमचंद (प्रेमचन्द) की आरम्भिक शिक्षा फ़ारसी में हुई।

ग़बन किसकी रचना है?

प्रेमचंदग़बन / लेखक

जालपा के गहने कौन चुराता है?

इसे सुनेंरोकेंसंवाद सहयोगी, सिहुंता : जिला चंबा के भटियात विधानसभा क्षेत्र के तहत सिहुंता के मोतला में मंगलवार रात चोरों ने जालपा मंदिर में सोने के आभूषण व दान के पैसों पर हाथ साफ कर लिया। मंदिर में जालपा माता की मूर्ति में सुसज्जित किए गहनों को चोर चुरा ले गए ले गए। इसके अलावा चोरों ने मंदिर में रखे दानपात्र को भी खाली कर दिया।

गबन किसकी उपन्यास है?

इसे सुनेंरोकेंमित्र गबन मुंशी प्रेमचंद्र द्वारा रचित उपन्यास है। निर्मला(उपन्यास) के बाद गबन प्रेमचंद्र का दूसरा यथार्थवादी उपन्यास है । गबन का मुख्य विषय है महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव । गबन, मुंशी प्रेमचंद की रचना है।

सोलह छत वाला घर किसकी रचना है कमलेश्वर?

इसे सुनेंरोकेंकमलेश्वर हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार रहे है, जो बीसवीं शताब्दी के सशक्त लेखकों में माने जाते थे। उन्होंने अनेक कहानियां, उपन्यास, फिल्म पटकथा, स्तंभ लेखन की रचना की। एक पत्रकार भी थे। सोलह छतों वाला घर उनके द्वारा लिखित एक कहानी है।

उपन्यास विद्या से आप क्या समझते हैं किन्हीं एक उपन्यास कार का नाम लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दी उपन्यास का विकास क्रम इस दृष्टिकोण से हिन्दी का प्रथम उपन्यास “परिक्षा गुरू” 1882 माना जाता हैं। भारतेंदु युग मे सामाजिक, ऐतिहासिक, तिलिस्मी, ऐय्यारी, जासूसी तथा रोमानी उपन्यासों की रचना परंपरा का सूत्रपात हुआ। इस युग की प्रमुख अनूदित कृति है बंकिमचन्द्र की “दुर्गेशनंन्दिनी”।

उपन्यास विद्या से आप क्या समझते हैं किन्हीं एक उपन्यासकार का नाम लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दी का प्रथम उपन्यास इसके लेखक लाला श्रीनिवास दास हैं। ‘देवरा नी जेठानी की कहानी’ (लेखक – पंडित गौरीदत्त ; सन् १८७०)। श्रद्धाराम फिल्लौरी की भाग्यवती को भी हिन्दी के प्रथम उपन्यास होने का श्रेय दिया जाता है।

जिंदा मुर्दे किसका कहानी संग्रह है?

इसे सुनेंरोकेंशिवपूजन सहाय अपने समय के लेखकों में बहुत लोकप्रिय और सम्मानित व्यक्ति थे।

राजा निरबंसिया किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंकमलेश्वर ने तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं हैं जिसमें से अधिकतर ‘समग्र कहानियाँ’ में संग्रहित हैं। प्रारम्भिक दौर के कहानी संग्रहों में ‘राजा निरबंसिया’ (1957 ई.) और ‘कस्बे का आदमी’ (1957 ई.) आते हैं।

जालपा के पति का नाम क्या है?

इस उपन्यास की कथा मुख्य पात्र जालपा तथा उसके पति रमानाथ के इर्द गिर्द ही घूमती है ।

जलापा के पति का क्या नाम था?

वह स्वप्न देखती थी कि विवाह के समय उसके लिए चन्द्रहार ज़रूर चढ़ेगा। Explanation: प्रयाग के छोटे से गाँव के जमींदार के मुख़्तार महाशय दीनदयाल और मानकी की इकलौती पुत्री जालपा को बचपन से ही आभूषणों, विशेषत: चन्द्रहार की लालसा लग गयी थी। वह स्वप्न देखती थी कि विवाह के समय उसके लिए चन्द्रहार ज़रूर चढ़ेगा।

रमानाथ की पत्नी का क्या नाम है?

रमानाथ सदैव अपनी संतोषी प्रवृत्ति के कारण ही अनेक संकटों में पड़ता है। उसकी सबसे बड़ी कमजोरी ही यह है कि वह अपने मन की बात निकट से निकट व्यक्ति को भी नहीं बताता । यथा घर के आर्थिक हालात वह संकोचवश अपनी पत्नी जालपा से भी नहीं कहता इसी का परिणाम है कि वह गबन जैसी घटना को अंजाम दे बैठता है।

जालपा कौन थी?

प्रेमचन्द ने जालपा को जितना ही आभूषण की प्रेमिका चिन्नित किया है, उतना ही उससे निस्पृह भी । वह यदि यह प्रण करती है कि जब तक चन्द्रहार नहीं आ जायेगा कोई दूसरा गहना न पहनूंगी तो इसलिए कि रमानाथ ने अपनी वास्तविक स्थिति को छिपाकर झूठी शान बघारी और धनपति होने का बोध कराया ।