व्यावसायिक गतिविधियों की संचाति करने हेतु जिस धन की आवश्यकता होती है, उसे व्यावसायिक वित्त कहते हैं।व्यक्ति जीविकापोर्जन के लिए कोई न कोई कार्य करता हैं कोई वस्तुओं का लेनदेन करता है तो कोई अपनी कला के माध्यम से धन अर्जन करता है जैसे, डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, आदि व्यवसाय या पेशे में सफलता प्राप्त करने के लिए सामग्री, उपकरण एवं अन्य व्यावसायिक सामग्री की आवश्यकता होती है इन समाग्रियों को क्रय करने के लिए धन की आवश्यकता होती है अब प्रश्न यह उठता हैं कि धन की व्यवस्था कहा से करें व्यावसायिक इकाई पर्याप्त धनराशि के बिना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकता धन के महत्व की व्याख्या करने के पूर्व यह आवश्यक है कि धन की आवश्यकता है कि धन की आवश्यकता क्यों पडती है इस कारण को जानना। Show
इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु धन की आवश्यकता होती है-
व्यावसायिक वित्त का महत्व वित्त व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण अंग है इसे व्यवसाय की जीवन-रेखा भी कह सकते है वित्त का महत्व निम्नलिखित कारणों से बढ़ गया है- 1. बड़े़ पैमाने के क्रियाओं की आवश्यकता- आजकल समय प्रतियोगिता का समय है आज समस्त विश्व एक बड़ा बाजार बन गया है आरै इस बाजार में बने रहने के लिए बडे़ पैमाने पर व्यापार करना पडत़ ा है इसके लिए एक बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है। 2. आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग- आपका वही व्यापार या उत्पाद की वस्तुएँ एवं सेवाएँ बाजार मे उपलब्ध रहती है जो नई तकनीकी को प्रयाग करके बाजार में आया है नई तकनीकी की वस्तुए बाजार में उपलब्ध करने के लिए नई तकनीक की मशीन एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारी की आवश्यकता होती है और इसके लिए बड़ी मात्रा में धन व्यय करना पड़ता है। 3. विक्रय संवर्धन- प्रतिस्पर्धा के भाग में उत्पादक अपनी वस्तुओं को बाजार में विक्रय करने के लिए एक बड़ी मात्रा में विज्ञापन, व्यक्तिगत बिक्री एवं कमीशन एजेण्ट की नियुक्ति करता है जिसके लिए विशाल धनराशि की आवश्यकता पड़ती है। व्यावसायिक वित्त के प्रकारव्यावसायिक अपने वित्त की आवश्यकता को तीन भागों में बाटता है-
1. अल्पकालीन वित्त- दिन प्रतिदिन के दैनिक व्ययो का भुगतान करने हेतु जैस, मजदूरी, ढुलाई, डाकतार अखबार का वित्त आदि संक्षेप में हम कह सकते है कि अल्पकालीन वित्त एक वर्ष के अन्तराल वाली प्रवृति होती है। 2. मध्यकालीन वित्त- यह वित्त उन उद्देश्यों को पूरा करता है जो कम से कम एक वर्ष एवं अधिक से अधिक 5 वर्षों के लिए विनियोग होता है। 3. दीर्घकालीन वित्त- पांच वर्ष से अधिक अवधि की धनराशि की आवश्यकता पडने पर इसे दीर्घकालीन वित्त कहते हैं इसको व्यवसाय की स्थाई सम्पत्ति के लिए व्यय किया जाता है जैसे- मशीनरी, फर्नीचर, प्लांट, भूमि व भवन इत्यादि क्रय करना है। व्यावसायिक वित्त के स्रोत1. अल्पकालीन वित्त के स्रोत1. व्यापारिक वित्त- वितरको द्वारा विनिर्माताओं एवं व्यापारियों को कच्चामाल मशीन के पूर्जे आदि उधार विक्रय मे दी जाने वाली सुविधाएं ही व्यापारिक साख होती है यह आपूर्तिकर्ता द्धारा धन प्रदान करने के समान ही है। 2. बैक साख- व्यापारिक बैक भी अल्पकालीन ऋण व्यापारिक वर्गो को प्रदान करती है बैक साख निम्न प्रकार का है।
3. अढ़ती कार्य- इस कार्य मे व्यवसाय अपने देनदार से राशि वसूलने का कार्य बैंक को दे देती है और देनदार से वसूलने वाली राशि को बैंक से व्यापारी अग्रिम के रूप में प्राप्त कर सकता है। 4. ग्राहकों से अग्रिम- जब व्यवसायी अपने ग्राहक से किसी उत्पाद की पूर्ति हेतु अग्रिम की रूप में कोई राशि प्राप्त करता हैं तो वह ग्राहक से अग्रिम होता है ग्राहक से अग्रिम रूप में प्राप्त की गई राशि उत्पाद के मूल्य का एक भाग होता है। 2. दीर्घकालीन वित्त के स्रोत1. अंशो का निर्गमन- अंश किसी कंपनी की वह इकाई हैं जिसमें उसकी पूंजी विभाजित होती है अंशों का निर्गमन कम्पनी द्धारा किया जाता है और यह दो प्रकार का होता हैं-
व्यावसायिक वित्त से क्या आशय?किसी भी व्यवसाय को चलाने के लिए हमें धन अर्थात वित्त की आवश्यकता होती है। यदि धन का उपयोग व्यवसाय को आगे बढ़ाने तथा व्यावसायिक तरीकों में किया जाता है तो इसे व्यावसायिक वित्त कहा जाता है।
व्यवसाय वित्त किसे कहते हैं व्यवसाय को कोषों की आवश्यकता क्यों होती?व्यापार कहते है। फुटकर व्यापार कहते है । 3. पूंजी माल का क्रय या थोक व्यापारी सीधे उत्पादन से माल खरीदता है ।
व्यावसायिक वित्त कितने प्रकार के होते हैं?व्यावसायिक वित्त के प्रकार. अल्पकालीन वित्त. मध्यकालीन वित्त. दीर्घकालीन वित्त. व्यावसायिक वित्त के विभिन्न स्रोत क्या है?इसीलिए उन विभिन्न स्त्रोतों का जिनसे पूँजी जुटाई जा सकती है, मूल्यांकन आवश्यक है। समता अंश पूँजी संचित आय • • • ● · • वित्तीय संस्थाएँ बैंकों से ऋण पूर्वाधिकार अंश सार्वजनिक जमा ऋण पत्र व्यापारिक पत्र व्यापार साख फ़ैक्टरिंग पट्टाधिवक्ता 194 व्यवसाय अध्ययन Page 5 व्यावसायिक वित्त के स्त्रोत ऋण लेकर जुटाया जा सकता है।
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