प्रवर्तक – इस सिद्धांत के प्रतिपादक जीन पियाजे ,स्विट्जरलैंड के निवासी थे। जीन पियाजे एक मनोवैज्ञानिक और आनुवंशिक एपिस्टेमोलॉजिस्ट थे। वह सबसे अधिक संज्ञानात्मक विकास के अपने सिद्धांत के लिए प्रसिद्ध है जो इस बात पर ध्यान देता है कि बचपन के दौरान बच्चे बौद्धिक रूप से कैसे विकसित होते हैं। Show
पियाजे के सिद्धांत से पहले, बच्चों को अक्सर केवल मिनी-वयस्कों के रूप में सोचा जाता था। इसके बजाय, पियाजे ने सुझाव दिया कि जिस तरह से बच्चे सोचते हैं, वह उस तरह से अलग है, जिस तरह से वयस्क सोचते हैं। उनके सिद्धांत का मनोविज्ञान के भीतर एक विशिष्ट उपक्षेत्र के रूप में विकासात्मक मनोविज्ञान के उद्भव पर जबरदस्त प्रभाव था और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया। उन्हें रचनावादी सिद्धांत के एक अग्रणी के रूप में भी श्रेय दिया जाता है, जो बताता है कि लोग अपने विचारों और अपने अनुभवों के बीच की बातचीत के आधार पर सक्रिय रूप से दुनिया के अपने ज्ञान का निर्माण करते हैं। 2002 के एक सर्वेक्षण में पियाजे को बीसवीं शताब्दी के दूसरे सबसे प्रभावशाली मनोवैज्ञानिक के रूप में स्थान दिया गया था। Jean Piaget cognitive development theory facts:
1.संवेदी पेशीय अवस्था/ इंद्रिय जनित अवस्था – 0 से 2 वर्ष
2 . पूर्व सक्रियात्मक अवस्था : 2 से 7 वर्ष
3 . स्थूल / मूर्त संक्रिया त्मक अवस्था: 7 से 12 वर्ष
4 औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था : 12 वर्ष के बाद
जीन पियाजे का शिक्षा में योगदान:
1 शिक्षक को बालक की समस्या का निदान करना चाहिए। 2 बालकों के अधिगम के लिए उचित वातावरण तैयार करना चाहिए।
जीन पियाजे की संज्ञानात्मक सिद्धांत से संबंधित अति महत्वपूर्ण प्रश्नप्रश्न. पियाजे के सिद्धांत को और किस नाम से भी जाना जाता है? उत्तर:– विकास अवस्था सिद्धांत प्रश्न. पियाजे के अनुसार व्यक्ति के किस विकास में उसके जीवन के किस भाग का विशेष योगदान होता है? उत्तर:– बचपन प्रश्न. पियाजे के संज्ञानात्मक विकास की प्रक्रिया में मुख्यतः किन दो बातों को महत्व पूर्ण नाम माना है? उत्तर:- संगठन व अनुकूलन प्रश्न.तार्किक चिंतन की क्षमता का विकास किस अवस्था में होता है? उत्तर: – औपचारिक या अमूर्त संक्रिया तमक अवस्था प्रश्न.व्यक्ति व वातावरण के संबंध को कौन सा वाह्य रूप में प्रभावित करता है? उत्तर:– अनुकूलन प्रश्न.इस नियम के अनुसार बालक किसके साथ अनुकूलन करने के लिए अनेक नियमों को सीख लेता है? उत्तर:– पर्यावरण के साथ प्रश्न. समस्या समाधान की क्षमता का विकास किस अवस्था में होता है? उत्तर:– अमूर्त/ औपचारिक संघ क्रियात्मक अवस्था प्रश्न. जीन पियाजे का जन्म कब हुआ? उत्तर:– 9 अगस्त 1896 प्रश्न. बुद्धि में विभिन्न ने प्रक्रिया है जैसे प्रत्यक्षीकरण, स्मृति, चिन्ह एवं तर्क सभी संगठित होकर कार्य करती है, इसका तात्पर्य किससे है? उत्तर:– संगठन से प्रश्न.पियाजे का सिद्धांत किस पद्धति से सीखने पर बल देता है? उत्तर:– खोज पद्धति से प्रश्न. पियाजे के अनुसार 10 वर्ष या उससे बड़े उम्र के बच्चे किस प्रकार की नैतिकता प्रदर्शित करते हैं? उत्तर:- स्वतंत्रता आधारित नैतिकता प्रश्न.जीन पियाजे की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण क्या था? उत्तर:– बाल विकास पर किए गए कार्य प्रश्न.पूर्व संक्रिया अवस्था में प्रकट होने वाले लक्षण को कितने प्रकार में विभाजित किया गया है? उत्तर: दो – 1. पूर्व प्रत्यात्मक काल- 2 से 4 वर्ष 2. अंतःप्रत्यात्मक काल – 4 से 7 वर्ष प्रश्न. संवेदी पेशीय अवस्था को कितने भागों में बांटा गया है? उत्तर: – संवेदी पेशीय अवस्था को 6 भागों में बांटा गया है। 1 सह क्रिया अवस्था 2 प्रमुख वित्तीय अनुप्रिया ओं की अवस्था 3 गौर्ण वृत्तीय अनु क्रियाओं की अवस्था 4 गौर्ण सिकमेटा की समन्वय की अवस्था 5 तृतीय वृत्तीय अनु क्रियाओं की अवस्था 6 मानसिक सहयोग द्वारा नए साधनों की खोज की अवस्था प्रश्न.जीन पियाजे ने किस उम्र के बच्चों का अवलोकन और साक्षात्कार किया था? उत्तर: – 4 से 12 वर्ष प्रश्न. संज्ञानात्मक विकास की कितनी अवस्थाएं होती हैं? उत्तर: – 4 प्रश्न. बाहरी सत्ता के आधार पर नैतिक चिंतन करने वाले बच्चे किस धारणा में विश्वास करते हैं? उत्तर: – तुरंत न्याय प्रश्न. संगठन, व्यक्ति एवं वातावरण के संबंध को किस प्रकार से प्रभावित करता है? उत्तर:– आंतरिक रुप से प्रश्न. जीन पियाजे कौन थे? उत्तर: – स्विजरलैंड की एक मनोवैज्ञानिक चिकित्सक प्रश्न. पियाजे का संज्ञानात्मक सिद्धांत किससे संबंधित है? उत्तर:– मानव बुद्धि की प्रकृति एवं उसके विकास से प्रश्न. यह सिद्धांत किस की प्रकृति के बारे में बतलाता है? उत्तर: – ज्ञान की – कैसे प्राप्त व उपयोग होता है प्रश्न. जीन पियाजे ने कौन सा सिद्धांत दिया था? उत्तर:– संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत प्रश्न.संज्ञानात्मक विकास की कौन-कौन सी अवस्थाएं होती है? उत्तर: (a) संवेदी पेशीय अवस्था(Sensor motor) – 0 से 2 (b) पूर्व क्रियात्मक अवस्था(Pre-operation) – 2 से 7 (c) अमूर्त संक्रियाएंत्मक(Cocrete operation) – 7 से 11 (d) मूर्त संक्रियाआत्मक (Formal operation ) – 11 से 18 प्रश्न.विकासात्मक सिद्धांत क्या है? उत्तर: – पियाजे का संज्ञानात्मक सिद्धांत दोस्तों, इस पोस्ट में हमने child development and Pedagogy (बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) के अंतर्गत जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत (Theory of cognitive development of jean piaget) प्रस्तुत की हैं, ये सभी MP संविदा शाला शिक्षक CTET, UPTET, HTET , RTET जैसी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसमें हमने उन प्रश्नों को भी सम्मिलित किया है जो कि पिछले एग्जाम्स में पूछे गए हैं । आप हमारे फेसबुक पेज को लाइक जरूर कीजिए, इसी तरह के महत्वपूर्ण वन लाइनर्स और स्टडी मैटेरियल एवं सरकारी नौकरी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट exambaaz.com को बुकमार्क अवश्य कर लीजिए इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!!
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[To Get latest Study Notes for TET Exam & NEWS UPDATE Join Us on Telegram- Link Given Below] For Latest Update Please join Our Social media Handle जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के अंतिम अवस्था कौन सी है?अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था पियाजे के विकास के सिद्धांत की अंतिम अवस्था है।
जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास की कितनी अवस्थाएं हैं?पियाजे के संज्ञानात्मक विकास को चार अवस्थाओं में बांटा गया हैं। इंद्रिय जनित गामक अवस्था । पूर्व संक्रियात्मक अवस्था । मूर्त संक्रियात्मक अवस्था ।
जीन पियाजे की चार अवस्थाएं कौन कौन सी है?जीन पियाजे (Jean Piaget) के संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त. संवेदी - पेशीय ( Sensorimotor stage). प्राक्संक्रियात्मक अवस्था ( Preoperrational stage). ठोस संक्रिया की अवस्था ( Concrete operational stage). औपचारिक संक्रिया की अवस्था ( Formal operational stage). संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाएं क्या है?के अनुसार संज्ञानात्मक विकास चार भिन्न और सार्वभौमिक अवस्थाओं की श्रृंखला या क्रम में होता है। जिनमें विचारों का अमूर्त स्तर बढता जाता है । ये अवस्थायें सदैव एक ही क्रम में होती हैं । तथा प्रत्येक अवस्था पिछली अवस्था में सीखी वस्तुओं पर आधारित होती है।
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