These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10 वाख. Show प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 8. (ख) आपसी भेदभाव को मिटाने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि उन बातों की चर्चा न करें जिससे यह भेदभाव बढे। कई बार इतिहास ही हमारे घावों को हरा कर देता है। ऐसे इतिहास को न ही पढ़ाया जाए तो अच्छा है। । दूसरे, अलग-अलग जातियों के लोग अपने नामों के पीछे जाति का नाम न लगाएँ। एक-दूसरे के नामों को, उनकी भाषा को, उनके महापुरुषों को, उनके उत्सवों को, उनके रहन-सहन और खान-पान को अपनाएँ। अपने घर भोजन पर दूसरों को भी निमंत्रित करें। सबसे बड़ा उपाय यह है कि रोटी-बेटी का रिश्ता बनाएँ। इन उपायों से आपसी भेदभाव दूर हो सकता है। Hope given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 10 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. Glide to success with Doorsteptutor material for CBSE/Class-9 : get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CBSE/Class-9. Download Article (Size: 144K)Previousप्रश्न 5 बंद दव्ार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया है? उत्तर कवयित्री के अनुसार प्रभु को अपने अन्त: करण में खोजना चाहिए। जिस दिन मनुष्य के हृदय में प्रभु भक्ति जागृत हो गई तो उस दिन अज्ञानता के सारे अंधकार स्वयं ही समाप्त हो जाएँगे। जो दिमाग इन सांसारिक भोगों को भोगने का आदी हो गया है और इसी कारण उसने प्रभु से स्वयं को विमुख कर लिया है, प्रभु को अपने हृदय में पाकर स्वत: ही ये साँकल (जंजीरे) खुल जाएँगी और प्रभु के लिए दव्ार के सारे रास्ते मिल जाएँगे। इसलिए सच्चे मन से प्रभु की साधना करो अपने अन्त: करण व बाह्य इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर हृदय में प्रभु का जाप करो, सुख व दुख को समान भाव से भोगों। यही उपाय कवयित्री ने सुझाए हैं। प्रश्न 6 ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं, लेकिन उससे भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती यह भाव किन पंक्तियों में व्यक्त हुआ है? उत्तर यह भाव निम्न पंक्तियों में से लिया गया हैं- आई सीधी राह से, गई न सीधी राह। सुषम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह! जेब टटोली, कौड़ी न पाई। माझी को दूँ, क्या उतराई? लेखिका के अनुसार ईश्वर को पाने के लिए लोग हठ साधना करते हैं पर परिणाम कुछ नहीं निकलता। इसके विपरीत होता यह है कि हम अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर देते हैं और अपने लक्ष्य को भूला देते हैं। जब स्वयं को देखते हैं तो हम पिछड़ जाते हैं। हम तो ईश्वर को सहज भक्ति दव्ारा भी प्राप्त कर सकते हैं। उसके लिए कठिन भक्ति की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रश्न 7 ‘ज्ञानी’ से कवयित्री का क्या अभिप्राय है? उत्तर यहाँ कवयित्री ने ज्ञानी से अभिप्राय उस ज्ञान को लिया है जो आत्मा व परमात्मा के संबंध को जान सके ना कि उस ज्ञान से जो हम शिक्षा दव्ारा अर्जित करते हैं। कवयित्री के अनुसार भगवान कण-कण में व्याप्त हैं पर हम उसको धर्मों में विभाजित कर मंदिरों व मस्जिदों में ढूँढते हैं। जो अपने अन्त: करण में बसे ईश्वर के स्वरूप को जान सके वही ज्ञानी कहलाता है और वहीं उस परमात्मा को प्राप्त करता है। अभिप्राय यह है कि प्रभु को अपने ही मन में अर्थात् हृदय में खोजना चाहिए और जो लोग उसे खोज लेते हैं वही सच्चा ज्ञानी होता हैं। ज्ञानी से कवयित्री का क्या अभिप्राय है class 9?यहाँ कवयित्री ने ज्ञानी से अभिप्राय उस ज्ञान को लिया है जो आत्मा व परमात्मा के सम्बन्ध को जान सके ना कि उस ज्ञान से जो हम शिक्षा द्वारा अर्जित करते हैं। कवयित्री के अनुसार भगवान कण-कण में व्याप्त हैं पर हम उसको धर्मों में विभाजित कर मंदिरों व मस्जिदों में ढूँढते हैं।
ज्ञानी से कवयित्री का क्या अभिप्राय है वर्णन कीजिए?Answer: ज्ञानी से कवयित्री का अभिप्राय है जिसने आत्मा और परमात्मा के सम्बन्ध को जान लिया हो। कवयित्री के अनुसार ईश्वर का निवास तो हर एक कण-कण में है परन्तु मनुष्य इसे धर्म में विभाजित कर मंदिर और मस्जिद में खोजता फिरता है। वास्तव में ज्ञानी तो वह है जो अपने अंतकरण में ईश्वर को पा लेता है।
ज्ञानी से कवयित्री का क्या अभिप्राय है कवयित्री का घर जाने की चाह से क्या तात्पर्य है?उत्तर : कवयित्री को घर जाने की चाह इसलिए है क्योंकि वे ईश्वर से मिलना चाहती हैं, किंतु हठयोग करने के कारण उन्हें ईश्वर के दर्शन नहीं हुए । अतः वे शीघ्रातिशीघ्र ईश्वर से मिलने के लिए अपने घर अर्थात् आत्मा के घर (परमात्मा के लोक ) को जाना चाहती है।
से कवयित्री का क्या आशय है?"कवयित्री" का क्या मतलब होता है? जब स्त्री कविता लिखती है तो वह स्त्री कवयित्री कहलाती है।
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