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एक आयरनओर, बॉक्साइट और पत्थर खदान पर ऑब्जेक्शन पांच कोल ब्लॉक को एनओसी देने की चल रही है प्रक्रिया पाकुड़ में सबसे अधिक 13 पत्थर खदानों को मिला एनओसी Ranchi: झारखंड के 23 कोयला और पत्थर खदानों को एनओसी मिल गई है. जिन कंपनियों को ये खदानें आवंटित की गई थीं, उन्होंने अपना बकाया चुका दिया है. इसमें 21 पत्थर की खदान और दो कोयला की खदानें शामिल हैं. सबसे अधिक पाकुड़ में 13 पत्थर की खदानों को एनओसी मिला है. वहीं चतरा में परमानंद प्रसाद और गोड्डा में बालाजी सेल्स को कोयला खदान के लिये एनओसी दे दिया गया है. पांच कोल ब्लॉक को एनओसी देने की चल रही है प्रक्रियाझारखंड के पांच कोल ब्लॉक को एनओसी देने की प्रक्रिया चल रही है. इसमें दुमका में मां लक्ष्मी कोल ट्रेडर्स की दो कोयला खदानें शामिल हैं. इसके अलावा रामगढ़-कुजू एरिया, अशोका ब्लॉक चतरा और वनांचल इंटरप्राइसेज बोकारो के कोल ब्लॉक को एनओसी देने की प्रक्रिया चल रही है. इसे भी पढ़ेंः हज़ारीबाग लोकसभा सीटः भाजपा, कांग्रेस और भाकपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला वहीं पत्थर खदानों में त्रिदेव इंजीकोन प्राइवेट लिमिटेड, सुधीर कुमार सिंह को सिमरिया में आवंटित पत्थर खदान और धनबाद में मो मोहसिन अंसारी को आवंटित पत्थर खदान को एनओसी देने की प्रक्रिया चल रही है. तीन खदानों पर आपत्ति, दे दिया गलत आवेदनखान विभाग ने तीन खदानों पर आपत्ति जताई है. इसमें श्याम सेल एंड पावर लिमिटेड को चाईबासा में आवंटित आयरन ओर की खदान पर आपत्ति जताई गई है. कहा गया है कि एनओसी के लिये बकाया से संबंधित पूरा ब्योरा नहीं सौंपा गया है. पाकुड़ में साहिल को आवंटित बॉक्साइड की खदान पर भी आपत्ति जताई गई है. इसमें कहा गया है जिस व्यक्ति को खदान आवंटित की गई है, उसने गलत आवेदन दे दिया है. वहीं धनबाद में राणा उदय प्रताप सिंह को आवंटित पत्थर खदान के एनओसी पर भी आपत्ति जताई गई है. इसे भी पढ़ेंःमुस्लिम महिलाओं को भी मस्जिद में मिले प्रवेश, दंपती ने सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका किन खदानों को मिला है क्लीयरेंस
इन खदानों को एनओसी देने की चल रही प्रक्रिया
इन खदानों पर आपत्ति
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झारखंड में सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र कौन सा है?Solution : झारखंड के झारिया कोलफील्ड में भारत में सबसे बड़ा कोयला भंडार है जो कि 19.4 अरब टन कुकिंग कोलार अनुमानित हैं। कोयला क्षेत्र दामोदर नदी घाटी में है और लगभग 280 वर्ग किमी क्षेत्र है और कोक के लिए उपयुक्त बिटुमिनस कोयले का उत्पादन करता है। भारत के कोयले के अधिकांश झारिया से आता है।
झारखंड में कितना कोयला पाया जाता है?जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में सबसे अधिक 86216.82 मिलियन टन कोयले का रिजर्व भंडार है. अनुमान है कि 2030 तक देश में सालाना 1192 से 1325 मिलियन टन कोयले की डिमांड होगी.
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